इसे सुनेंरोकेंवह शब्द जो लिंग, वचन, कारक आदि से विकृत हो जाते हैं विकारी शब्द होते हैं। जैसे- मैं→ मुझ→ मुझे→ मेरा, अच्छा→ अच्छे आदि। Show
विकारी और अविकारी शब्द में क्या अंतर है?इसे सुनेंरोकेंविकारी शब्द : जिन शब्दों का रूप-परिवर्तन होता रहता है वे विकारी शब्द कहलाते हैं। अविकारी शब्द : जिन शब्दों के रूप में कभी कोई परिवर्तन नहीं होता है वे अविकारी शब्द कहलाते हैं। जैसे-यहाँ, किन्तु, नित्य और, हे अरे आदि। इनमें क्रिया-विशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक और विस्मयादिबोधक आदि हैं। विकारी और अविकारी शब्दों के कितनें भेद हैं? इसे सुनेंरोकेंजिन शब्दों का रूप-परिवर्तन होता रहता है वे विकारी शब्द कहलाते हैं। जैसे-कुत्ता, कुत्ते, कुत्तों, मैं मुझे,हमें अच्छा, अच्छे खाता है, खाती है, खाते हैं। इनमें संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया विकारी शब्द हैं। इसे सुनेंरोकेंजिन शब्दों का रूप-परिवर्तन होता रहता है वे विकारी शब्द कहलाते हैं। जैसे-कुत्ता, कुत्ते, कुत्तों, मैं मुझे,हमें अच्छा, अच्छे खाता है, खाती है, खाते हैं। इनमें संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया विकारी शब्द हैं। *’ परिवारवाला में वाला से पहले आने वाले शब्द का भेद क्या है?*?इसे सुनेंरोकें’परिवारवाला’ में ‘वाला’ शब्द से पहले आने वाला शब्द एक संज्ञा शब्द है। समूहवाचक संज्ञा शब्द किसी किसी किसी समूह, समुदाय, झुण्ड आदि का बोध कराते हैं। परिवार एक समूह का बोध करा रहा है, इसलिये ये एक ‘समूहवाचक संज्ञा’ शब्द होगा। पढ़ना: समुद्री पारितंत्र क्या है? विकारी और अविकारी शब्द कौन से होते हैं? इसे सुनेंरोकेंविकारी शब्द, लिंग, वचन, पुरुष, कारक, काल आदि से रूपांतरित होते रहते हैं। इसके अंतर्गत संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया आते हैं। अविकारी शब्द कभी और किसी परिस्थिति में अपने रूप को नहीं बदलते हैं। इसके अंतर्गत क्रियाविशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक, विस्मयादिबोधक, उपसर्ग, निपात आदि आते हैं। अविकारी शब्द कितने होते है? इसे सुनेंरोकेंअविकारी शब्द चार प्रकार के होते हैं ,जो कि इस प्रकार है ::: अविकारी शब्द चार प्रकार के होते हैं ,जो कि इस प्रकार है…. क्रिया विशेषण : क्रिया विशेषण वे अविकारी शब्द होते हैं जो वाक्य में प्रयुक्त होने वाली किसी क्रिया की विशेषता बताते है। मिठाईवाला वाला से पहले आने वाले शब्द क्या है?इसे सुनेंरोकेंउत्तर: क) मिठाईवाला—- वाला से पहले आने वाला शब्द(मिठाई) संज्ञा है। *’ सब्जीवाला में वाला से पहले आने वाले शब्द का भेद क्या है?इसे सुनेंरोकें’सब्जीवाला’ में ‘वाला’ शब्द से पहले आने वाला शब्द एक संज्ञा शब्द है। द्रव्यवाचक संज्ञा शब्द किसी किसी पदार्थ, धातु अथवा द्रव्य को प्रदर्शित करते हैं। पढ़ना: साँप किसका प्रतीक है? इन शब्दों में विकारी शब्द कौन सा है लड़का तेज कहां और? इसे सुनेंरोकेंवह शब्द जो लिंग, वचन, कारक आदि से विकृत हो जाते हैं विकारी शब्द होते हैं। जैसे- मैं→ मुझ→ मुझे→ मेरा, अच्छा→ अच्छे आदि। व्याकरण से आप क्या समझते हैं? इसे सुनेंरोकेंव्याकरण वह विद्या है जिसके द्वारा किसी भाषा को शुद्ध बोला, पढ़ा और शुद्ध लिखा जाता है। किसी भी भाषा के लिखने, पढ़ने और बोलने के निश्चित नियम होते हैं। भाषा की शुद्धता व सुंदरता को बनाए रखने के लिए इन नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। विकारी शब्द किसे कहते हैं – अविकारी शब्द किसे कहते हैं –उदाहरण सहित– किसी भी भाषा को सही और शुध्द रूप से लिखने और पढ़ने के लिए व्याकरण सहायक होती हैं. हिंदी भाषा में भी हिंदी व्याकरण का बहुत महत्वपूर्ण हैं. हिंदी व्याकरण में हिंदी भाषा के सम्बन्धित नियम हैं. जिनका अनुसरण कर के आप शुद्ध हिंदी लिख सकते हैं. हिंदी भाषा की मूल इकाई वर्ण हैं. वर्ण दो प्रकार के होते हैं. स्वर और व्यंजन. वर्ण के बाद दूसरी इकाई शब्द हैं. शब्द वर्णों का समूह होता हैं. तथा प्रत्येक शब्द का सार्थक अर्थ निकलता हैं. जैसे ‘गायक’ शब्द तीन वर्ण गा+य+क से मिल कर बना हैं. गायक शब्द पुर्लिंग हैं. जो व्यक्ति गाना गाता हैं. उसे गायक कहा जाता हैं. जब किसी भी शब्द को वाक्य में प्रयोग करते हैं. तो शब्द को रूप मिल जाता हैं. जैसे वाक्य : ‘लड़का भाग रहा हैं.’ यहा ‘लड़का’ शब्द को वाक्य में उपयोग करने पर ‘लड़का’ शब्द कर्ता बन गया हैं. इस प्रकार शब्द को पद मिल जाता हैं. इसे पद विचार कहते हैं. हिंदी व्याकरण के अनुसार शब्दों को दो भागों में विभाजित किया गया हैं. यह दो भाग निम्न अनुसार हैं:
अनुक्रम
विकारी शब्द किसे कहते हैं?विकारी शब्द वह शब्द होते हैं. जिन्हें किसी वाक्य में प्रयोग करने पर इनके रूप बदल जाते हैं. जैसे कुत्ता, कुत्ते, कुत्तो, मै, मुझे, हमे, इत्यादि. शब्दों का रूप वाक्य में प्रयोग करने के पश्चात् वाक्य के काल, लिंग, वचन,कारक इत्यदि के अनुसार बदलते हैं. उदाहरण: वाक्य 1: ‘राजस्थान एक अच्छा राज्य हैं.’ और : वाक्य 2: ‘यहा सब अच्छे लोग रहते हैं.’ यहा इस दोनों वाक्यों में ‘अच्छा’ शब्द के दो अलग रूप ‘अच्छा’ और ‘अच्छे’ हैं. विकारी शब्दों को संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, और क्रिया चार भागों में बाटा गया हैं. व्याकरण के कितने अंग / भेद / प्रकार होते हैं?- vyakaran ke kitne ang hote hain अविकारी शब्द किसे कहते हैं?अविकारी शब्द वह शब्द होते हैं. जिनका रूप किसी भी वाक्य में प्रयोग करने पर नहीं बदलता हैं. यह ऐसे शब्द होते हैं. जिनका रूप काल, लिंग, वचन और कारक के आधार पर नहीं बदलता हैं. अविकारी शब्द के उदाहरण किन्तु, यहा, नित्य इत्यादि हैं. अविकारी शब्दों को क्रियाविशेषण, सम्बोधन, समुच्चयबोधक, और विस्मयादिबोधक चार भांगो में बाटा गया हैं. hindi bhasha ki lipi kya hai – हिंदी भाषा की लिपि क्या हैं? निष्कर्षइस आर्टिकल में आपने विकारी / अविकारी शब्द और उसके उदाहरण को समझा हैं. शब्द दो प्रकार के होते हैं. विकारी शब्द का रूप वाक्य में प्रयोग करने पर परिवर्तित हो जाता हैं. वही दूसरी ओर अविकारी शब्द का रूप परिवर्तित नहीं होता हैं. कौन कौन से विकारी शब्द होते हैं?वह शब्द जो लिंग, वचन, कारक आदि से विकृत हो जाते हैं विकारी शब्द होते हैं। जैसे- मैं→ मुझ→ मुझे→ मेरा, अच्छा→ अच्छे आदि।
विकारी शब्द कितने प्रकार के होते हैं?(अ) विकारी शब्द के चार प्रकार होते हैं- संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया।
विकारी शब्द कैसे पहचाने?जिन शब्दों का रूप लिंग, वचन और कारक के कारण परिवर्तित हो जाता है। विकारी अर्थात जिनमें विकार आ जाए, जो बदल जाए। विकारी शब्द वे शब्द होते हैं जो बाहरी प्रभाव से बदल जाते हैं जैसे- बूढ़ा से बुढ़ापा, बुढि़या आदि शब्द बन सकते हैं अर्थात इनमें विकार आ सकता है।
विकारी अविकारी शब्द कौन से होते हैं?अविकारी शब्द – Avikari Shabd
जिन शब्दों में वाक्यों में प्रयुक्त करने के पश्चात भी उनके रूप इत्यादि में कोई बदलाव नहीं होता है, वह अविकारी शब्द कहलाते हैं। यह व्याकरण के ऐसे शब्द होते हैं। जिनका अन्य वाक्यों में प्रयोग करने के उपरांत इनके काल, लिंग और वचन में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
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