सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद ध्वनि प्रदूषण बेरोक-टोक जारीमाननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद ध्वनि प्रदूषण फारबिसगंज शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोक-टोक जारी है। माननीय न्यायालय ने रात दस बजे से सुबह 6 बजे तक के समय को साइलेंस जोन घोषित किया है लेकिन कहीं पर भी इस आदेश का पालन नहीं हो रहा। शादियों व त्योहारों के मौसम में डीजे व लाउड स्पीकरों की आवाज ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। गांव व शहरों में शादी के एक दिन पहले से ही डीजे शुरू हो जाता है, जो रात-दिन चलता रहता है। जहां इसकी आवाजें आसपास करीब 2-3 किलोमीटर तक सुनाई देती हैं, वहीं इन पर बज रहे अश्लील किस्म के गाने लोगों को मानसिक तौर पर यातना पहुंचाते हैं। धार्मिक समागम के दौरान गलियों में बजने वाले लाउड स्पीकरों से बच्चों की पढ़ाई, बुजुर्ग, बीमार या किसी हृदय रोगी को परेशानी झेलनी पड़ती है। हैरानी की बात यह है कि ध्वनि प्रदूषण के बारे में कानून लागू हुए 6 साल हो चुके हैं लेकिन फारबिसगंज में अब तक केवल दो से 3 मामले ही दर्ज हुए हैं। दहेज प्रथा की तरह अश्लील भोजपुरी गीत भी सामाजिक बुराईदेर रात सड़क पर बजता डीजे और डीजे की धुन पर थिरकते लोग। डीजे पर रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पुलिस-प्रशासन को कराना चाहिए पालन : प्रभातबिहार में डीजे में बजने वाले अश्लील गाने पर रोक लगाने की मांग समाजिक संगठन पीपुल्स पावर के प्रमंडलीय प्रभारी प्रभात यादव ने शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार को ट्वीट कर कहा कि नीतीश जी बाल विवाह, दहेज़ प्रथा एक सामाजिक बुराई है, उसी तरह अश्लील भोजपुरी गाना भी सामाजिक बुराई है। अश्लील गाना पर रोक लगाई जाए। प्रभात ने कहा कि यह मामला गंभीर है। इसे रोकने के लिए माननीय अदालत के आदेश का पालन होना चाहिए व पुलिस को करवाना चाहिए। भाजयुमो नेता रविंद्र यादव का कहना है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा जनहित में जारी आदेश को लागू करना चाहिए ताकि आम लोगों को असुविधा न हो। कहा डीजे ध्वनि प्रदूषण का सबसे बड़ा साधन है। कोर्ट के आदेश का कराएंगे पालन मामला उनके ध्यान में है। शीघ्र ही डीजे यूनियन वाले के साथ बैठक कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन सख्ती से कराएंगे। शिव शरण साह, थानाध्यक्ष |