धारा 155 का विवरणभारतीय दंड संहिता की धारा 155 के अनुसार, जब कभी किसी ऐसे व्यक्ति के फायदे के लिए या उसकी ओर से उपद्रव किया जाए, जो किसी भूमि, जिसके विषय में ऐसा उपद्रव हो, का स्वामी या अधिवासी हो या जो ऐसी भूमि में या उपद्रव को पैदा करने वाले किसी विवादग्रस्त विषय में कोई हित रखने का दावा करता हो या उससे कोई फायदा स्वीकार या प्राप्त करने वाला व्यक्ति, या उसका अभिकर्ता या प्रबंधक इस बात का विश्वास करने का कारण रखते हुए कि ऐसा उपद्रव किया जाना संभाव्य है या जिस ग़ैरक़ानूनी जनसमूह द्वारा ऐसा उपद्रव किया जाए, उस जनसमूह का होना सम्भाव्य है, अपनी क्षमता और शक्ति अनुसार सब क़ानूनी साधनों का उपयोग कर उस ग़ैरक़ानूनी जनसमूह को बिखरने या उपद्रव को दबाने का निवारण नहीं करता या करते तो उसे / उन्हें आर्थिक दंड से दंडित किया जाएगा। Show लागू अपराध यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है। स्टोरी हाइलाइट्स
Indian Penal Code: भारतीय दंड संहिता में जुर्म और सजा (Crime and punishment) के साथ-साथ बल्वा, दंगा और उपद्रव (Riot) के मामलों को लेकर भी कई प्रकार के कानूनी प्रावधान (Provision) दर्ज किए गए हैं. जिनका प्रयोग ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों पर होता है. ऐसे ही आईपीसी की धारा 155 में उस व्यक्ति के दायित्व के बारे में प्रावधान किया गया है, जिसके फायदे के लिए बल्वा किया जाता है. चलिए जान लेते हैं कि आईपीसी की धारा 155 इस बारे में क्या कहती है? आईपीसी की धारा 155 (Indian Penal Code Section 155) इसे भी पढ़ें--- IPC Section 154: जिस स्थान पर जमा हो गैरकानूनी भीड़, उसी से जुड़ी है आईपीसी की ये धारा क्या होती है आईपीसी (IPC) अंग्रेजों ने लागू की थी IPC ये भी पढ़ेंः
भारतीय दंड संहिता की धारा 155 के अनुसार, जब कभी किसी ऐसे व्यक्ति के फायदे के लिए या उसकी ओर से उपद्रव किया जाए, जो किसी भूमि, जिसके विषय में ऐसा उपद्रव हो, का स्वामी या अधिवासी हो या जो ऐसी भूमि में या उपद्रव को पैदा करने वाले किसी विवादग्रस्त विषय में कोई हित रखने का दावा करता हो या उससे कोई फायदा स्वीकार या प्राप्त करने वाला व्यक्ति, या उसका अभिकर्ता या प्रबंधक इस बात का विश्वास करने का कारण रखते हुए कि ऐसा उपद्रव किया जाना संभाव्य है या जिस ग़ैरक़ानूनी जनसमूह द्वारा ऐसा उपद्रव किया जाए, उस जनसमूह का होना सम्भाव्य है, अपनी क्षमता और शक्ति अनुसार सब क़ानूनी साधनों का उपयोग कर उस ग़ैरक़ानूनी जनसमूह को बिखरने या उपद्रव को दबाने का निवारण नहीं करता या करते तो उसे / उन्हें आर्थिक दंड से दंडित किया जाएगा। लागू अपराध यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
धारा 155 में कौन सी सजा होती है?IPC की धारा 155 के अनुसार, जब कभी किसी ऐसे व्यक्ति के फायदे (Benefits of person) के लिए या उसकी ओर से बल्वा किया जाए, जो किसी भूमि का, जिसके विषय में ऐसा बल्वा हो, स्वामी या अधिभोगी (Owner or occupier) हो या जो ऐसी भूमि में या बल्वे को पैदा करने वाले किसी विवादग्रस्त विषय (Controversial subject) में कोई हित रखने का ...
धारा 155 2 क्या है?सीआरपीसी की धारा 155 (CrPC Section 155)
(2) कोई पुलिस अधिकारी (Police officer) किसी असंज्ञेय मामले (Non- cognizable cases) का अन्वेषण (inquiry) ऐसे मजिस्ट्रेट के आदेश (Magistrate's order) के बिना नहीं करेगा जिसे ऐसे मामले का विचारण (Trial) करने की या मामले को विचारणार्थ सुपुर्द करने की शक्ति (Power to deliver) है.
धारा 154 का मतलब क्या है?IPC की धारा 154 के अनुसार, जब कभी कोई ग़ैरक़ानूनी जनसमूह या उपद्रव हो, और जिस भूमि पर ऐसा ग़ैरक़ानूनी जनसमूह या उपद्रव हो, उसका स्वामी या अधिवासी और ऐसी भूमि में हित रखने वाला या हित रखने का दावा करने वाला व्यक्ति, या उसका अभिकर्ता या प्रबंधक यदि यह जानते हुए कि ऐसा अपराध किया जा रहा है या किया जा चुका है या इस बात का ...
धारा 156 में क्या होता है?भारतीय दंड संहिता 1860 के अध्याय 8 की धारा 156 (Section 156) के अनुसार, जब कभी किसी ऐसे व्यक्ति के फायदे के लिए या उसकी ओर से उपद्रव (Riot) किया जाए, जो किसी भूमि (Land), जिसके विषय में ऐसा उपद्रव हो, का स्वामी या अधिवासी (Owner or occupant) हो या जो ऐसी भूमि में या उपद्रव को पैदा करने वाले किसी विवादग्रस्त विषय ( ...
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