आज के समय में हम सभी स्वस्थ रहना चाहते हैं। लेकिन व्यस्त जीवनशैली, अव्यवस्थित खानपान, शारीरिक श्रम का अभाव जैसे विभिन्न कारणों से हम बीमार पड़ते रहते हैं। कोई न कोई रोग हमारे जीवन को प्रभावित कर ही देता है और हम परेशान होते रहते हैं। इसके अलावा कुछ रोग ऐसे होते हैं जो हमारे शरीर की ग्रंथियों से जुड़े होते हैं। इन्हीं में से एक है थायरॉइड रोग, जो कि हमारी थायरॉइड ग्रंथि से जुड़ा होता है। इसी से जुड़े रोग को थायरॉइड रोग कहा जाता है। आइए, इस आर्टिकल में हम Thyroid रोग, थायरॉइड होने के कारण, इसके उपचार , लक्षण और बचाय के उपायों में जानते हैं। Show
थायरॉइड क्या है?थायरॉइड गले में पाई जाने वाली तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है। ये सांस की नली की ऊपर होती है। यह मानव शरीर में पाई जाने वाली सबसे बड़ी अतस्रावी ग्रंथियों में से एक होती है। इसी थायरॉइड ग्रंथि में गड़बड़ी आने से ही Thyroid से संबंधित रोग होते हैं। Thyroid ग्लैंड थ्योरिकसिन नाम का हार्मोन बनाती है। ये हार्मोन हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और बॉडी में सेल्स को नियंत्रित करने का काम करता है। थायरॉइड हार्मोन हमारे शरीर की सभी प्रक्रियाओं की गति को नियंत्रित करता है। शरीर की चयापचय क्रिया में भी Thyroid ग्रंथि खास योगदान होता है। थायरॉइड हार्मोन क्या काम करता है?थायरॉइड हार्मोन के कार्य निम्नलिखित हैं
थायरॉइड रोग के कितने प्रकार होते है?थायरॉइड ग्रंथि से जुड़े विकार दो प्रकार के होते हैं।
थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियताजब Thyroid ग्रंथि की अतिसक्रियता हो जाती है तो T3 and T4 हार्मोन का आवश्यकता से अधिक उत्पादन होने लगता है। जब इन हार्मोन्स का उत्पादन अधिक मात्रा में होने लगता है तो फलस्वरूप शरीर भी ऊर्जा का उपयोग अधिक मात्रा में करने लगता है। इसे ही हाइपरथायरायडिज्म कहा जाता है। यह समस्या पुरुषों की तुलना महिलाओं में यह अधिक देखी जाती है। थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता के लक्षण क्या है?Thyroid ग्रंथि की अतिसक्रियता के कारण शरीर में मेटाबोलिज्म बढ़ जाता है। जिसके निम्नलिखित लक्षण देखने को मिलते हैं।
थायरॉइड ग्रंथि की अल्पसक्रियताथायराइड की अल्प सक्रियता के कारण हाइपोथायरायडिज्म हो जाता है। जिसके लक्षण निम्नलिखित है।
थायरॉइड रोग क्यों होता है?थायरॉइड रोग होने के निम्नलिखित कारण है।
उपरोक्त के अलावा थायराॅइड इन कारणों से भी हो सकता है।
थायराॅइड से बचाव के उपाय क्या है?आप निम्नलिखित उपायों को अपनाकर थायराॅइड से बच सकते हैं।
थायराॅइड में क्या नहीं खाना चाहिए?
थायरॉइड का इलाज क्या है?थायरॉइड से सम्बन्धित बीमारी मुख्य रूप से अस्वस्थ खान-पान और तनावपूर्ण जीवन से होती होती है। आयुर्वेदकी मानें तो वात, पित्त और कफ के कारण Thyroid संबंधित रोग होता है। जब शरीर में वात और कफ से जुड़ा दोष हो जाता है, तब थायरॉइड होता है। ऐसे में एलोपैथिक चिकित्सा में Thyroid के लिये स्टीरॉइड्स का सेवन कराया जाता है, जोकि हानिकारक होता है। ऐसे में Thyroid को जड़ से खत्म करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार सबसे अच्छा माना गया है। साथ ही जीवन शैली में बदलाव कर भी थायराॅइड से बचा जा सकता है। थायराइड क्या खाने से बढ़ता है?Food to reduce the risk of Thyroid Disease: आजकल बिगड़ी जीवनशैली और खानपान पर ध्यान न देने की वजह से ज्यादातर लोग थायराइड की समस्या से परेशान रहने लगे हैं। ... . थायराइड में क्या नहीं खाना चाहिए- ... . ब्रोकली-फूलगोभी जैसी सब्जियां- ... . कैफीन युक्त पेय- ... . मीठा- ... . ग्लूटेन फूड- ... . प्रोसेस्ड फूड्स-. थायराइड की बीमारी कैसे हो जाती है?थायराइड का कार्य हार्मोन को स्रावित करना है जो बॉडी फंक्शन को बदलता और मैनेज करता है। थायरोक्सिन (T4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) थायराइड हार्मोन हैं। जब हार्मोन के स्तर में अचानक से उतार-चढ़ाव होता है, तो कई लक्षण दिख सकते हैं, जो महिलाओं में काफी ज्यादा दिखते हैं।
थायराइड होने के प्रमुख कारण क्या है?इनफर्टिलिटी- जिन महिलाओं में पहले से इनफर्टिलिटी की समस्या होती है उन्हें थायराइड की बीमारी हो सकती है. अंडरएक्टिव या ओवरएक्टिव थायराइड फर्टिलिटी के प्रोसेस को महिलाओं के शरीर में प्रभावित कर सकता है. थायराइड के कारण ओवरीज में सिस्ट बन सकती है जिसके कारण फर्टिलिटी की प्रक्रिया फेल हो जाती है.
थायराइड रोग किसकी कमी से होता है?आयोडीन की अधिकता या कमी : थायराइड हार्मोन के उत्पादन के लिए आयोडी की जरूरत होती है, लेकिन आयोडीन की अधिकता या इसकी कमी थायराइड रोग पैदा करती है।
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