दांत पीसने का कारण क्या है? - daant peesane ka kaaran kya hai?

नींद में दांत पीसने को मेडिकल भाषा में ब्रक्सिज्म (bruxism) कहा जाता है। आमतौर पर लोग गहरी नींद में सोते समय ऐसा करते हैं। इस आदत से दांतों को नुकसान हो सकता है। ओरल रिहैब्लिटेशन में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक सोने के दौरान किशोर अगर दांत पीसता है, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि उसे स्कूल में डराया जा रहा है। यह रिसर्च ब्रिटेन में दांतों के स्वास्थ्य के लिए काम करने वाली एक संस्था की है। इसमें पाया गया है कि जिन किशोरों को डराया धमकाया जाता है, उन्हें नींद में दांत पीसने की समस्या हो सकती है। नींद में दांत पीसने से सिरदर्द, दांत गिरना और मुंह में कई तरह के दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

ताकि न बिगड़े बात
गंभीर रूप से दांत पीसने से दांत फ्रैक्चर हो सकता है, दांत टूट सकते हैं या दांत ढीले भी पड़ सकते हैं। यह आपके जबड़ों को प्रभावित कर सकता है। इसलिए अगर आपको पता चले कि आप अक्सर अपने दांत पीसते हैं, तो आपको तुरंत दंत रोग विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए। कुछ लोगों में ऐंटि-डिप्रेसेंट लेने के बाद अक्सर ब्रक्सिजम की शुरुआत हो सकती है।

इन 4 घरेलू उपायों से पाएं चमकते सफेद दांत

ये उपाय हैं कारगर
कैफीन से बचें
सोडा, कॉफी और एनर्जी ड्रिंक्स लेना बंद करें और बहुत ज्यादा चॉकलेट न खाएं। कैफीन उत्तेजक पदार्थ दिमाग, जबड़े की मांसपेशियों को, खासतौर से रात में विश्राम नहीं करने देगा।

पेंसिल-पेन न चबाएं
अगर आप तनाव होने पर पेंसिल या पेन चबाते हैं, तो इस आदत को छोड़ दें। यह आदत छुड़ाने के लिए चूइंग गम या मिंट ले सकते हैं। कैल्शियम और मैग्नीशियम की मात्रा खाने में बढ़ाएं।

तनाव न लें
तनाव, दांत पीसने का एक बहुत बड़ा कारण है। ऐसे में तनाव कम करने के लिए स्ट्रेस काउंसिलिंग में शामिल हो सकते हैं।

ब्रक्सिजम के लक्षण
- एक धीमा, लगातार बना रहने वाला सिरदर्द, जबड़े में पीड़ा होना
- जैसे ही आप नींद से जागते हैं, दांत पीसने की आवाज सुनाई देना
- गर्मी, ठंडक या ब्रश करने पर दांतों में झनझनाहट, मसूड़ों की सूजन
- मेडिटेशन और समय पर सोने से भी इस समस्या से निजात मिल जाती है।
- ऐल्कॉहॉल के इस्तेमाल से समस्या बढ़ सकती है। लिहाजा शराब का सेवन कम करें।

दांत में दर्द? अपनाएं ये अचूक घरेलू नुस्खे


बच्‍चों के दांत पीसने का सटीक कारण अब तक पता नहीं चल पाया है। इसमें कई कारण अहम भूमिका निभा सकते हैं। कई बार किसी गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या जैसे कि स्‍लीप एप्निया की वजह से बच्‍चे दांत पीसते हैं।

इस कंडीशन में बच्‍चों को सांस लेने में दिक्‍कत हो सकती है जिसकी वजह से मुंह की मांसपेशियां ऑक्‍सीजन लेने के लिए कंट्रोल लेना शुरू कर देती हैं। इससे बच्‍चे दांत पीसने लगते हैं।

पेरेंट्स क्‍या करें

दांत पीसने का कारण क्या है? - daant peesane ka kaaran kya hai?

लंबे समय तक दांतों को पीसने की आदत की वजह से दांत खराब हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में आपको डेंटिस्‍ट को दिखाना होगा। बच्‍चे की इस आदक का कारण शारीरिक हो या मानसिक, दोनों ही स्थितियों में गर्म पानी से नहाने से बच्‍चे की इस आदत को कंट्रोल किया जा सकता है।

आप बच्‍चे को कुछ देर तक म्‍यूजिक सुनाएं या रात को सोने से पहले किताब पढ़कर सुनाएं। इससे बड़े बच्‍चों में स्‍ट्रेस को कम करने में मदद मिल सकती है।

​प्रोफेशनल हेल्‍प लें

दांत पीसने का कारण क्या है? - daant peesane ka kaaran kya hai?

अगर बच्‍चे को इस आदत की वजह से सोने में भी दिक्‍कत हो रही है तो बिना कोई देरी करे प्रोफेशनल की मदद लें। चेकअप के बाद डेंटिस्‍ट बताएंगे कि बच्‍चे को किस तरह की ट्रीटमेंट की जरूरत है। डेंटिस्‍ट बच्‍चे को माउथगार्ड या कोई अन्‍य ट्रीटमेंट दे सकते हैं जिससे बच्‍चे काे इस प्रॉब्‍लम से छुटकारा मिल सके।

पेरेंट्स यह समझने की कोशिश करें कि अगर प्रॉब्‍लम बड़ी है तो डॉक्‍टर को दिखाना ही होगा लेकिन छोटी परेशानी है तो आप कुछ तरीकों से खुद इसे कंट्रोल करने की कोशिश कर सकते हैं।

Bruxism: नींद में दांत पीसने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. एक बड़ा कारण ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया (Obstructive Sleep Apnea) है.

कई लोगों को नींद में दांत पीसने या किटकिटाने की आदत होती है! दरअसल ये कोई आदत नहीं, बल्कि बीमारी है. नींद में दांत पीसने की इस बीमारी को मेडिकल की भाषा में ब्रुक्सिज्म (Bruxism) कहा जाता है. इस वजह से लोगों की नींद प्रभावित होती है. आपस में घिसने के कारण दांतों (Tooth) को नुकसान होता है. सांस लेने में भी बाधा पहुंचती है. गौर करने वाली बात ये भी है कि बहुत सारे लोगों में यह बीमारी अपने आप ही ठीक हो जाती है. लेकिन अगर अपने आप ठीक न हो तो इसका इलाज करना बहुत जरूरी हो जाता है. इसके लिए किसी अच्छे डेंटिस्ट (Dentist) या ईएनटी विशेषज्ञ से मिलने की सलाह दी जाती है.

घर-परिवार में बच्चों में अगर दांत पीसने या किटकिटाने की समस्या हो तो इसे पेट के कीड़ों से जोड़कर देखा जाता है. कहा जाता है कि बच्चे के पेट में कीड़े होंगे, इसलिए बच्चा दांत पीस रहा है. जबकि एक्सपर्ट्स बताते हैं कि दांत पीसने का पेट में कीड़े होने से कनेक्शन को लेकर कोई साइंटिफिक प्रूफ नहीं मिला है. बहरहाल आइए जानते हैं इस समस्या के बारे में विस्तार से.

क्या है यह बीमारी?

एक रिपोर्ट के मुताबिक, दांत पीसना एक बीमारी है, जिसमें मुंह में दोनों जबड़ों के दांत आपस में पिसते हैं या रगड़ खाते हैं. इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति जब नींद में होता है तो उसे इस बात का एहसास नहीं हो पाता है कि वह दांत पीस रहा है. पीड़ित व्यक्ति को दूसरे लोगों से इस बात का पता चलता है. क्विंट की रिपोर्ट के मुताबिक, मैक्स मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, नोएडा में ऑर्थोडोंटिक्स और डेंटोफेशियल ऑर्थोपेडिक्स के निदेशक डॉ चारु नैथानी का कहना है कि ज्यादातर मामलों में ज्यादातर मामलों में यह बीमारी अपने आप ठीक हो जाती है. अगर ऐसा न हो तो डेंटिस्ट या ईएनटी एक्सपर्ट से संपर्क करना चाहिए.

नींद में आवाज करते हैं दांत, गले में खराश

ब्रुक्सिज्म यानी दांत पीसने से मुंह की मांसपेशियों में दर्द होता है. इसके लक्षणों की बात करें तो नींद में दांतो से आवाज आती है. सुबह उठने पर सिर में हल्का दर्द रहता है. गले में खराश, जबड़े में अकड़न, दांतों में सेंसेटिविटी, टेंशन, डिप्रेशन, अनिद्रा वगैरह इसके इन्य लक्षणों में शामिल हैं.

क्यों दांत पीसते हैं लोग, क्या हो सकते हैं कारण?

दांत पीसने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. एक बड़ा कारण ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया (Obstructive Sleep Apnea) है. इसके अलावा मुंह बंद करने पर दांतों का आपस में ठीक से नहीं बैठना, स्ट्रेस, थकान, गुस्सा आदि भी इसकी वजहें हो सकती हैं. वहीं ज्यादा शराब पीने, ज्यादा धूम्रपान और चाय/कॉफी ज्यादा पीने के कारण भी यह समस्या हो सकती है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि स्लीप एप्निया प्रमुख कारण होता है. सोते समय खर्राटे लेने या सांस में रुकावट होने के कारण भी व्यक्ति नींद में दांत पीसता है.

अच्छी नींद लेना और आदतों में सुधार जरूरी

ब्रुक्सिज्म से बचने के लिए डॉक्टर्स जो उपाय सुझाते हैं, उनमें सबसे अहम है अच्छी नींद लेना. 7 से 8 घंटे की नींद लेना बेहद जरूरी है, ताकि हमारे जबड़े की मांसपेशियों को आराम मिल सके. सोते समय टीवी, मोबाइल वगैरह के इस्तेमाल से बचना चाहिए. चिंता, तनाव और अवसाद से भी बचना जरूरी है. अगर इनकी चपेट में हैं तो इलाज करवाएं. चाय-कॉफी, सिगरेट, शराब वगैरह से दूरी बनाए रखनी चाहिए. डेंटिस्ट की सलाह पर माउथ गार्ड भी लगा सकते हैं. आखिरी जरूरी बात कि समस्या के बारे में मालूम होते ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

दांत पीसने पर क्या करना चाहिए?

कैल्शियम और मैग्नीशियम की मात्रा खाने में बढ़ाएं। तनाव, दांत पीसने का एक बहुत बड़ा कारण है। ऐसे में तनाव कम करने के लिए स्ट्रेस काउंसिलिंग में शामिल हो सकते हैं। - मेडिटेशन और समय पर सोने से भी इस समस्या से निजात मिल जाती है।

दांत पीसने की इच्छा क्यों होती है?

दांत पीसने के क्या कारण हैं? वैसे तो तनाव और चिंता के कारण लोग अपने दांत पीसते हैं और यह अक्सर नींद के दौरान होता है। अन्य कारणों में असामान्य तरह से काटने या दांत टूटने या दांत न होना है। यह स्लीप एपनिया जैसे नींद की परेशानी के कारण भी हो सकता है।

दांत पीसने से क्या होता है?

दांत पीसने से दांत की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. इससे दांतों में झनझनाहट, दांतों का घीसना, दांत टूटना और चेहरे और जबड़ों में दर्द जैसी शिकायत हो सकती है. डॉक्टर नीगेल कार्टर बताते हैं कि दांत पीसना चबाने से 40 गुना अधिक ताकत वाली प्रक्रिया होती है.

रात में दांत कट कटाने से क्या होता है?

अगर आपका बच्चा रात को सोते हुए दांत पीसता है तो उसको पेट में कीड़े नहीं हैं। बल्कि यह बच्चे में तनाव का बड़ा कारण है। जी हां.. रात को सोते समय बच्चा अगर दांत पीसता है तो उसे पेट में कीड़े नहीं बल्कि तनाव है।