देश प्रेम के लिए क्या आवश्यक है? - desh prem ke lie kya aavashyak hai?

आज आप पढ़ने वाले हैं देश प्रेम पर आधारित एक बेहतरीन कहानी। यह कहानी देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत है। यह कहानी लिखने का एकमात्र मकसद हमारा यह है कि बच्चों में देशभक्ति की भावना संचित हो और वह आगे जाकर भारत देश को आगे बढ़ाने के लिए अपना संपूर्ण योगदान दे सकें। अगर देशभक्ति की भावना हो तो छोटा से छोटा व्यक्ति देश की प्रगति में योगदान दे सकता है।

Table of Contents

  • देश प्रेम की कहानी
    • उस महिला के  पास अन्य कोई साधन या घर नहीं था।
    • नैतिक शिक्षा –
    • सेना की बहादुरी
      • यह भी पढ़ें
    • निष्कर्ष

देश प्रेम की कहानी

एक समय की बात है , देश की सीमा के किनारे बसे एक गांव पर कुछ आतंकवादियों ने कब्जा कर लिया और वहां लूट-पाट मचा दी। सैनिकों को सूचना मिली तो वह तुरंत ही उनसे निपटने कर लिए चल पड़े।

बरसात का मौसम था घनघोर वर्षा हो रही थी, इसके कारण छोटे-छोटे ताल-तलैया भी खूब विशालकाय नजर आ रहे थे। छोटी सी नदी भी उफान मारती हुई बह रही थी जिसके कारण नदी पर बने पुल टूट गए थे। सैनिकों को वह नदी पार करनी थी मगर पार कैसे करते? सैनिकों ने सोचा कई प्रकार की युक्तियां लगाई किंतु वह पार पाने  में असमर्थ रहे।

सैनिकों ने  देखा कि पास में एक झोपड़ी है उस से सहायता मांगी जाए, सैनिक उस  झोपड़ी में गए। उस  झोपड़ी में एक महिला की थी जो दिनभर कार्य करती थी और अपनी झोपड़ी में रहती थी।

उस महिला के  पास अन्य कोई साधन या घर नहीं था।

सैनिकों ने जब बात बताई कि आतंकवादी गांव पर कब्जा कर चुके हैं और हमें फौरन वहां पहुंचना है, इसके लिए यह नदी पार करने के लिए  कुछ लकड़ियों की हमें आवश्यकता होगी जिसके कारण हम नदी को पार कर पाएंगे।

महिला ने पहले कुछ सोचा फिर कहा कि मेरी झोपड़ी मैं दोबारा बना लूंगी आपको जितने भी लकड़ी मेरी झोपड़ी से चाहिए निकाल लीजिये। महिला की इस भक्ति से सैनिक गदगद हो गए और यथा शीघ्र ही नदी पर एक पुल का निर्माण किया गया, जिससे सभी सैनिक नदी के पार उतर गए।  महिला के इस देश भक्ति की सराहना जितनी करें उतनी ही कम है।

सैनिक जल्दी ही उस गांव पर पहुंच गए जहां आतंकवादियों ने कब्जा किया हुआ था। सैनिकों ने काफी देर की मशक्कत के बाद आतंकवादियों को मार गिराया और कुछ भाग गए जिससे अपने देश में आए हुए संकट को उन्होंने बहादुरी से टाल दिया और दुश्मनों को सबक सिखाया।

नैतिक शिक्षा –

  • देश प्रेम और देश भक्ति से बड़ा कोई धर्म नहीं है।
  • देश है तो हम है, ऐसा मानकर देश की सेवा करनी चाहिए।
  • अगर व्यक्ति को देश भक्ति का मौका मिले तो उसे जरूर अपना देश प्रेम दिखाना चाहिए |
  • यही सर्वथा उचित है और धर्म भी यही है |

सेना की बहादुरी

सावन का खूबसूरत महीना उमस और तपन से राहत देने के लिए आ गया था। पूरा देश सावन में रिमझिम फुहारों का आनंद ले रहा था, वहीं सेना को अपनी राष्ट्र सेवा में तत्परता से तैनात होना था। अचानक झमाझम बारिश आ गई, सभी साथी बारिश से बचने और अपने हथियारों को छुपाने का प्रयत्न कर रहे थे ताकि उनके हथियार बारिश में भीगना जाए।

तभी सेना के एक जवान को नजदीक में कुटिया नजर आई जो खेतों के बीच में टूटी-फूटी अवस्था में थी। सोचा शायद वहां आश्रय मिल जाए इस विचार से अपने हथियारों के साथ वहां पहुंच गए।

झोपड़ी में पहुंचने के बाद एक कादरी मिला जो किसी कार्य में व्यस्त था। कादरी ने सैनिकों को बैठने के लिए कहा और भीतर छोटे से कोने में रखे मटके से पानी लाने गया। सैनिकों को कुछ अटपटा लगा दूर से देखने पर यह झोपड़ी विरान और टूटी फूटी लग रही थी। यहां व्यक्ति का होना आश्चर्य की बात थी। सभी सैनिक कुछ गड़बड़ हो सकता है यह जानकर सतर्क हो गए।

कादरी ने सभी सैनिकों को पानी पिलाया और उन्हें अपने हथियार ढकने के लिए एक त्रिपाल दिया।

कादरी के चेहरे पर शिकन थी और शायद थोड़ा घबराया हुआ था। वह जाकर एक कोने में नमाज की मुद्रा में आसन जमा लिया। एक सैनिक खड़ा होकर बाहर की बारिश पर नजर जमाने लगा, तभी उसके जूतों के चोट से जमीन में खोल होने का आभास हुआ। नीचे झुक कर जायजा लिया तो वहां से एक सुरंग होने का पता चला।

सभी सैनिकों ने अपने हथियार संभाल लिया और कादरी को हिरासत में ले लिया।

पूरी सतर्कता के साथ जब सुरंग का मुआयना किया गया तो वहां कुछ और आतंकवादी निकले, जो किसी बड़ी साजिश की फिराक में थे। यह सुरंग भीतर ही भीतर कहीं और कुटिया से जुड़े हुए थे जो गुप्त आतंकी गतिविधियों के लिए प्रयोग किए जाते थे। सेना की इस बहादुरी से आतंकवादियों का एक पूरा गिरोह पकड़ा गया जिसके तार विदेशी संगठनों से भी जुड़े हुए थे। सेना की बहादुरी से देश में होने वाला कोई बड़ा खतरा टल गया।

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निष्कर्ष

देशभक्ति सर्वोपरि होती है, उपरोक्त कहानी को पढ़कर हमने देशभक्ति के मर्म को जाना। किसी भी व्यक्ति के लिए पहले राष्ट्र होना चाहिए उसके बाद कुछ और। राष्ट्र है तभी कुछ और संभव है, चाहे वह घर परिवार हो या कुछ अन्य। जिस व्यक्ति में राष्ट्रभक्ति की भावना नहीं होती, वह व्यक्ति कभी घर परिवार या समाज की सेवा नहीं कर सकता। वह स्वार्थी प्रवृत्ति का होता है।

आशा है उपरोक्त लेख आपको पसंद आया हो, अपने सुझाव विचार कमेंट बॉक्स में लिखें जिससे हम लेख को और सुधार सकें।

देश प्रेम के लिए क्या आवश्यक?

देशभक्ति की भावना लोगों को एक दूसरे के करीब लाती है। हमें देश के साथ-साथ वहां रहने वाले लोगों के विकास के लिए भी बढ़ावा देना चाहिए। किसी भी व्यक्ति का देश के प्रति अमुल्य प्रेम और भक्ति, देशभक्ति कि भावना को परिभाषित करती है। जो लोग सच्चे देशभक्त होते हैं, वे अपने देश के प्रति और उसके निर्माण के लिए कुछ भी कर सकते हैं।

देश प्रेम के लिए पहली आवश्यकता क्या है?

(ज) देश-प्रेम के लिए पहली आवश्यकता है देश को पूरी तरह जानना।

हमें अपने देश से प्रेम क्यों है?

हम सभी को अपनी मातृभूमि पसंद है और भारत मेरी मातृभूमि है, इसलिए मेरे दिल मे इसके लिए एक विशेष स्थान है। भारत एक बहु-सांस्कृतिक परिवार है, जहां आप विभिन्न प्रकार के लोगों, संस्कृतियों, परंपराओं, धर्मो के साथ-साथ कई भाषाओं को एक साथ पा सकते है। हम सभी एक साथ मिलजुल कर रहते है और एक दूसरे को प्यार करते है।

देश प्रेम का अर्थ क्या है?

Desh Prem meaning in hindi देश के प्रति होने वाला अनुराग या लगाव; राष्ट्रीयता; देशभक्ति; वतनपरस्ती; स्वदेशप्रेम 2. देश की उन्नति के लिए कार्य करने की भावना। [सं-पु.] - वह जो देश से प्रेम करता हो; राष्ट्रभक्त; देशानुरागी; जो देश के लिए बलिदान करने को तत्पर रहता हो।