मिथुन राशि के इष्ट देवता कौन है - mithun raashi ke isht devata kaun hai

मिथुन राशि राशियों में ३ नंबर की राशि Mithun Rashi होती है। काल पुरुष की कुंडली में तीसरा भाव मिथुन राशि का होता है। मिथुन राशि के जातको का दिमाग किसी एक कार्य पर स्थिर नहीं रहता कुछ न कुछ नया सीखना और करना चाहता है। इन्हे अपने जीवन में आजादी पसंद होती है और ये किसी बंधन में बंधना पसंद नहीं करते अक्सर अपना रोजगार खुद करते है जैसे व्यापार। यह अपने जीवन में अलग अलग चीजों का अनुभव लेना चाहते है। और अक्सर किसी एक कार्य से संतुष्ट नहीं होते है।

मिथुन राशि वालो को अलग -अलग चीजे पसंद होती है। इनके बोलने का तरीका काफी बेहतर होता है कह सकते है की इनके पास अच्छा कम्युनिकेशन स्किल होता है ।इसी कारण यह समाज से जुड़े हो सकते है या सामाजिक कार्य करता हो सकते है। लेकिन यह किसी कार्य पर अक्सर अधूरी इनफार्मेशन ले लेते है और उस पर कार्य करने लगते है और फिर उस कार्य को ठीक से कर नहीं पाते और ऐसे में फिर दूसरा कार्य स्टार्ट कर देते है । इन्हे भावनात्मक चीजों से जुड़ना पसंद नहीं है तथा किसी प्रकार की जिम्मेदारी से बचते है उसे नहीं लेना चाहते।

काल पुरुष की कुंडली में 3rd हाउस Mithun Rashi को दर्शाता है। मिथुन राशि का जातक हमेशा नए काम के लिए प्रोत्साहित होता रहता है ।

मिथुन राशि के इष्ट देवता कौन है - mithun raashi ke isht devata kaun hai
मिथुन राशि के इष्ट देवता कौन है - mithun raashi ke isht devata kaun hai

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1 मिथुन राशि के जातक का स्वाभाव

2 मिथुन राशि के जातक की शारीरिक संरचना

3 मिथुन राशि का चिन्ह

4 मिथुन राशि का स्‍वामी

5 मिथुन राशि तत्व

6 मिथुन राशि के इष्ट देवता

7 मिथुन राशि का रंग

8 मिथुन राशि का व्यवसाय

9 मिथुन राशि के संभावित रोग

10 मिथुन राशि में उच्च ,नीच और मूल ग्रह

11 Mithun Rashi के लिए मंत्र

12 Mithun Rashi के लिए धातु

13 Mithun Rashi के लिए रत्न

14 Mithun Rashi के लिए रुद्राक्ष

15 Mithun Rashi नाम अक्षर

16 FAQ:

16.1 क्या मिथुन राशि का रत्न कोई भी पहन सकता है ?

16.2 क्या मिथुन राशि का रुद्राक्ष कोई भी पहन सकता है ?

मिथुन राशि के जातक का स्वाभाव

मिथुन राशि के जातक धोखाधड़ी के कारण हानि उठाते है।इन्हे ईश्वर की और से सहायता उपलब्ध होती है, जरूरत के मुताबिक स्वयं को ढ़ाल लेते हैं, परिवर्तनशील मिज़ाज, धैर्यहीन, बेचैन, मानसिक कार्यों में प्रवीण, संकल्पशक्ति कमजोर निर्णयक्षमता तीव्र और एकाग्रता उत्तम होती है, यंत्र विज्ञान में प्रवीण होते हैं, प्रत्येक विषय की जानकारी रखते हैं वार्तलाप में उत्कृष्ट रहते हैं, कवि, वक्ता लेखक, संगीतज्ञ आदि होते हैं।

दो व्यवसाय भी हो सकते हैं। दो कार्य साथ-साथ सफलतापूर्ण संपन्न कर सकते हैं नौकरी में किस्मत साथ नहीं देती हे। समाज में सम्मान होता है। महिलाओं द्वारा कार्य में बाधा या हानि होती है। इन्हे विपरीत लिंग के व्यक्तियों के साथ सावधानी बरतनी चाहिए। धर्म और अध्यात्म में रूचि होती है। महिलाएं इनकी कमजोरी होती है। उनका स्नेह पाने में प्रवीण होते हैं।

सामाजिक उत्सवों आदि में भाग लेने के लिए तत्पर रहते हे। विवाह में उत्साह और रूचि रहती है।इनकी जिज्ञासु प्रवृत्ति और चतुराई इन्हें सामाजिक समारोहों और पार्टी के आकर्षण का केंद्र बना देती हैं। ये न केवल अच्छे बातचीत करने वाले होते हैं, बल्कि अच्छे सुनने वाले भी होते हैं। मिथुन राशि के जातक बातचीत के दौरान अक्सर लोगों को नई जानकारी से अवगत कराते हैं। इसके लिए ये हमेशा खुद को नई जानकारियों से अपडेट रखते हैं।

मिथुन राशि के जातक की शारीरिक संरचना

लंबा, सुडौल शरीर, पतले और लंबे हाथ मध्यम रंग, ठोढ़ी के पास गढ्ढ़ा, सक्रिय स्पष्ट वचन तीखी-सक्रिय काली आंखें, लंबी नाक चेहरे पर मस्सा।

मिथुन राशि का चिन्ह

मिथुन राशि का चिन्ह जुड़वाँ व्यक्ति होता है यानि दो लोगो का युग्म होता है । कह सकते है की एक द्वी स्वाभाव व्यक्ति होता है।लेकिन इसमें एक ऐसी महिला की बात है जिसके हाथ में वीणा है और ऐसा पुरुष जिसके हाथ में गदा। इसका विवरण जयपुर में जंतर-मंतर में स्थित है।

मिथुन राशि के इष्ट देवता कौन है - mithun raashi ke isht devata kaun hai
मिथुन राशि के इष्ट देवता कौन है - mithun raashi ke isht devata kaun hai
मिथुन राशि प्रतिक,जंतर-मंतर,जयपुर|Source:Wikimedia

मिथुन राशि का स्‍वामी

मिथुन राशि के स्वामी बुध देवता होते है। बुध एक युवा और जोशीला ग्रह है।

मिथुन राशि तत्व

Mithun Rashi एक वायु तत्व राशि है। वायु तत्व होने के कारण ही मिथुन राशि के जातको के स्वाभाव और कार्यशैली में हवा की तरह परिवर्तन होता रहता है।

मिथुन राशि के इष्ट देवता

वैसे तो बुध देवता इस राशि के स्वामी होते है लेकिन अगर इष्ट की बात की जाये तो प्रथम पूज्य श्री गणेश जी और भगवन विष्णु Mithun Rashi के इष्ट देवता होते है।

मिथुन राशि का रंग

मिथुन राशि बुध से प्रभवित राशि है जिसका रंग हरा होता है।

मिथुन राशि का व्यवसाय

Mithun Rashi के जातको का कम्युनिकेशन अच्छा होता है जिससे इनके लिए मीडिया क्षेत्र ,एंकरिंग ,मॅट्रिमोनी ,डीलरशिप ,नेटवर्क मार्केटिंग आदि में अच्छा भविष्य होता है। इसके अलावा इन्हे डिज़ाइनर का कार्य चाहे वो फैशन हो या घर तथा किसी प्रोडक्ट का डिज़ाइन हो।कलाकार, लेखक और पत्रकार भी इस राशि के लोग बनते है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा स्कूल-कॉलेज में प्राचार्य के पद भी इन राशि के जातको में देखे गए है। तथा होटल मेनेजमेंट ,बैंकिंग सेक्टर में भी बुध की स्थिति अच्छी होने पर जाते है।

मिथुन राशि के संभावित रोग

इसके अलावा दिमागी रोग ,नसों से सम्बंधित रोग आदि भी होने की संभाव

मिथुन राशि में उच्च ,नीच और मूल ग्रह

मिथुन राशि राहु की उच्च राशि है। वही केतु मिथुन राशि में नीच का हो जाता है। तथा मिथुन बुध की मूल राशि है।

Mithun Rashi के लिए मंत्र

|| ॐ क्लीं कृष्णाय नमः ||

इस मंत्र का प्रति दिन १ माला जाप करना चाहिए। इसके अलावा श्री गणेश जी का मंत्र ॐ गं गणपति नमः तथा बुध देवता का मंत्र ॐ बुं बुधाय नमः का भी जाप किया जा सकता है।

Mithun Rashi के लिए धातु

मिथुन राशि वालों के लिए शुभ धातु कांसा है। इस धातु का संबंध बुध ग्रह से होता है।

Mithun Rashi के लिए रत्न

मिथुन राशि के लिए पन्ना मूल रत्न मन गया है। लेकिन यह कुंडली में लग्न और कारक ग्रहो और सम्पूर्ण कुंडली को जानकर ही पहनने के योग्य होता है।

मिथुन राशि वालों को कौन से देवता की पूजा करनी चाहिए?

मिथुन राशि के जातकों के स्वामी बुध ग्रह को माना गया है इसीलिए मिथुन राशि के लोगों को बुधवार के दिन भगवान गणेश या फिर माता दुर्गा की पूजा करना सर्वोत्तम माना गया है ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कहा गया है.

मिथुन राशि के इष्ट देव कौन से हैं?

मिथुन राशि के व्यक्ति माता लक्ष्मी को अपना इष्टदेव मान सकते हैं

मिथुन राशि के शत्रु कौन है?

मिथुन राशि वाले का कन्या एवं मीन के साथ विरोध रहता है। कर्क, वृश्चिक तथा मकर राशियों के साथ वह उदासीन होते हैं।

मिथुन राशि का शुभ रंग कौन सा है?

मिथुन राशि के सहज और भावुक गुण और सफेद रंग एक साथ खूबसूरती से मेल खाते हैं। मिथुन राशि को हमेशा पवित्रता के साथ जोड़ा जाता है इसलिए सफ़ेद रंग इस राशि के लिए शुभ माना जाता है।