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एक परमाणु प्रलय अक्सर विश्व युद्ध III के साथ जुड़ा होता है। विश्व युद्ध III या तृतीय विश्व युद्ध, द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) का काल्पनिक उत्तरवर्ती है, जिसका स्वरुप लगभग परमाणविक एवं विनाशकारी है। इस युद्ध की पूर्वानुमात परिकल्पना सैन्य एवं नागरिक अधिकारियों द्वारा की गयी है तथा कई देशों की कल्पित कथाओं में इसकी चर्चा की गयी है। ये अवधारणाएँ विशुद्ध पारंपरिक परिदृश्यों से लेकर परमाणविक शस्त्रों के सीमित उपयोग या सम्पूर्ण ग्रह के विनाश तक विस्तारित हैं। हथियारों की दौड़ के विकास के साथ, सोवियत संघ के पतन और शीत युद्ध की समाप्ति के साथ, संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ के बीच एक सर्वनाश से सम्बंधित अंतर्भासी युद्ध ऊपर से देखने में तो विश्वसनीय माना जाता रहा, हालांकि इसकी संभावना नहीं के बराबर थी। जब से ट्रूमैन का सिद्धांत सन् 1947 में कारगर हो गया, डूम्सडे क्लॉक ऐतिहासिक विश्व युद्ध 3 की प्रतीक बन गयी। सबसे बड़ी धमकियां[संपादित करें]1956 के स्वेज संकट के दौरान, सोवियत प्रधानमंत्री निकोलाई बुल्गानिन ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री एंथोनी ईडन को चेतावनी देते हुए एक सन्देश भेजा कि "अगर यह युद्ध नहीं रोका गया तो यह तीसरे विश्व युद्ध के खतरे की ओर मुड़ जाएगा."[1] 1962 में क्यूबा के मिसाइल संकट को आमतौर पर एक ऐसा ऐतिहासिक बिंदु माना जाता है, जिसपर विश्व युद्ध III का जोखिम सबसे करीब सोचा गया था[कृपया उद्धरण जोड़ें], लेकिन कुछ ऐसी भी अन्य घटनाएं थीं जिन्हें इतिहासकारों ने विश्वयुद्ध III के करीबी संकेत के रूप में सूचीबद्ध किया है। 26 सितम्बर 1983 के दिन कोरियाई एयर लाइन्स की उड़ान 007, के उतार दिए जाने के सिर्फ 25 दिन बाद ही स्तानिस्लाव पेत्रोव के आदेश के अनुसार एक सोवियत प्रारंभिक चेतावनी स्टेशन ने पांच अन्तर्निमित अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का गलत तरीके से पता लगाया। पेत्रोव ने स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए झूठी चेतावनी का सही मूल्यांकन किया और इसलिए वरिष्ठ अधिकारियों को अपनी खोज की रिपोर्ट नहीं भेजी। पेत्रोव की इस कार्रवाई ने विश्व युद्ध III की संभावना को लगभग टाल दिया, चूंकि उस वक़्त सोवियत नीति अंतर्निर्मित बैलिस्टिक मिसाइलों का पता लगते ही तत्काल नाभिकीय प्रतिक्रिया थी।[2] 2 नवम्बर 1983 से आरम्भ हुए एक दस दिवसीय नाटो कमान पोस्ट के युद्धाभ्यास एबल आर्चर 83 के दौरान, सोवियत सेना ने अपने परमाणविक बलों को तैयार कर दिया और हवाई इकाइयों को पूर्वी जर्मनी तथा पोलैंड में तैनात कर सतर्क रहने को कहा। कई इतिहासकारों का मानना है कि यह अभ्यास ही विश्वयुद्ध III शुरू होने का एक करीबी आह्वान था।[3] पर 12 से 26 जून 1999 के मध्य, कोसोवो के प्रिस्टीना हवाई अड्डे पर रूसी और नाटो बलों गतिरोध कायम कर दिया था। प्रतिक्रिया में, नाटो कमांडर वेस्ली क्लार्क ने मांग की कि ब्रिटिश जनरल सर माइक जैक्सन अपने पैराट्रूपर्स के साथ हवाई अड्डे पर तूफानी हमला बोल दें। ऐसी सूचना है कि जैक्सन ने जवाब दिया, "मैं आप के लिए तीसरा विश्व युद्ध शुरू करने नहीं जा रहा हूं"।[4] CIA के मौलिक कार्यकारी प्रधान, माइल्स कोपलैंड, ने दावा किया है कि भविष्य में, तृतीय विश्व युद्ध तभी शुरू होगा जब "सोवियत रूस संयुक्त राज्य अमेरिका और इजरायल को मुस्लिम/अरब दुनिया के साथ एक आत्म-संहारक युद्ध छेड़ने के लिए बेवकूफ बनाकर धोखा देगा[5]. "विश्व युद्ध" का निर्धारण करने में कठिनाई[संपादित करें]केवल एक ही सघर्ष - द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजी शब्दावली "विश्व युद्ध" का व्यापक प्रयोग देखने में आया। जर्मन जीवविज्ञानी तथा दार्शनिक अर्नस्ट हेक्केल ने प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत के तुरंत बाद यह लिखा:
प्रथम विश्व युद्ध (फर्स्ट वर्ल्ड वार) शब्द का यह पहला ज्ञात उदाहरण है जिसका प्रयोग पहले 1913 में दिनांकित किया गया था। युद्ध के अंत के आस-पास इस शब्द का फिर से प्रयोग होने लगा. अंग्रेजी पत्रकार चार्ल्स ए रेपिंगटन (1858-1925) ने लिखा है
1920 के दशक का महान युद्ध (द ग्रेट वार) के रूप में ज्ञात, इसके "महान युद्ध" के संदिग्ध सम्मान के लिए नेपोलियन के युद्धों की उपेक्षा की गयी, हालांकि शीत युद्ध की ही तरह यह गठबंधन के संग्रह का संघर्ष था, न कि केवल एकल सतत संघर्ष जैसा कि द्वितीय विश्व युद्ध के रूप में था। एक बड़े संघर्ष को विवादास्पद रूप से विश्व युद्ध III के रूप में मान्यता प्राप्त करने से पहले वर्षों लग जाएंगे. पहले दो विश्व युद्धों से पहले और बाद में गंभीर युद्धों, यहां तक कि वे भी जो उनसे काफी निकटता से जुड़े थे, उन्हें भी अब बड़े संघर्ष के रूप में नहीं आंका जाता है। इनमे सन् 1912-1913 के बीच हुए [[बाल्कन युद्ध और 1919 से 1921 के मध्य पोलिश सोवियत युद्ध, मंचूरिया और बाद में चीन पर जापानी आक्रमण, स्पेन का गृह युद्ध, इथोपिया अल्बानिया पर इतालवी हमले और 1938 में ऑस्ट्रिया (अन्स्च्लस) के जर्मन कब्जे के बाद चेकोस्लोवाकिया|बाल्कन युद्ध[[और 1919 से 1921 के मध्य पोलिश सोवियत युद्ध, मंचूरिया और बाद में चीन पर जापानी आक्रमण, स्पेन का गृह युद्ध, इथोपिया अल्बानिया पर इतालवी हमले और 1938 में ऑस्ट्रिया (अन्स्च्लस) के जर्मन कब्जे के बाद चेकोस्लोवाकिया]]]]पर कब्ज़ा शामिल हैं। इसलिए जहां एक विशेष घटना भविष्य में विश्व युद्ध III की शुरूआत के लिए, केवल एक विशेष घटना की पूर्व प्रतिक्रिया के अनुसार ही निर्धारित की जा सकती है। कुछ विश्लेषकों[7] और इतिहासकारों ने[8] सुझाव दिया है कि शीत युद्ध (कोल्ड वार) को विश्व युद्ध III के रूप में पहचाना जा सकता है क्योंकि यह संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिनिधि लड़ाकों की, बाद में नाटो और सोवियत संघ एवं वारसा संधि के देशों के द्वारा विश्व स्तर पर लड़ा गया था।[9] सन् 2006 के एक साक्षात्कार में अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश ने आतंकवाद पर चल रहे युद्ध को "विश्व युद्ध III" के रूप में साम्य दिखाना चाहा है।[10] लोकप्रिय संस्कृति[संपादित करें]लोकप्रिय संस्कृति में भी विश्व युद्ध III एक आम विषय-वस्तु है। एक विशाल सर्वनाश से सम्बंधित अंतर्भासी और बाद में उत्तर-अंतर्भासी विज्ञान कल्पित कथा साहित्य मौजूद हैं। विश्व युद्ध III के निर्विवाद तत्वों के निष्पादन तथा युद्ध के बाद के परिणाम का विस्तृत वर्णन करते हुए विश्व युद्ध III पर आधारित कई उल्लेखनीय फिल्में बनी हैं और यह विभिन्न कॉमिक्स, वीडियो गेम, गाने, रेडियो- कार्यक्रम, अखबारों, वेबसाइटों और बिलबोर्ड्स के विषय बन गए हैं। उद्धरण[संपादित करें]इन्हें भी देखें[संपादित करें]
शीत युद्ध
सन्दर्भ[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
साँचा:Doomsday तृतीय विश्व युद्ध में कितने देशों ने भाग लिया?इस युद्ध में 37 देशों ने भाग लिया था।
तृतीय विश्व युद्ध में कौन कौन से देश शामिल थे?इस युद्ध में जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देश शामिल थे. - 4 साल तक चली जंग के बाद 11 नवंबर 1918 को जर्मनी के सरेंडर के साथ ही पहला विश्व युद्ध खत्म हो गया.
द्वितीय विश्व युद्ध में कितने देशों ने हिस्सा लिया था?द्वितीय विश्वयुद्ध १९३९ से १९४५ तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशों की थल-जल-वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं।
द्वितीय विश्व युद्ध में कौन से देश आते हैं?दुनिया के दो गुटों में लड़ा गया युद्ध
एक ओर थे धुरी राष्ट्र-जिसमें जर्मनी, इटली, जापान, ऑस्ट्रिया शामिल थे। तो वहीं दूसरी ओर थे मित्र राष्ट्र जिनमें ब्रिटेन, फ्रांस, सोवियत संघ, अमेरिका शामिल रहा।
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