Rajasthan Board RBSE Class 10 Hindi व्याकरण वाच्यक्रिया के उस रूपान्तरण को वाच्य कहा जाता है जिसके द्वारा यह पता चलता है कि वाक्य में कर्ता, कर्म अथवा भाव में से किसकी प्रधानता है अर्थात् किस के अनुसार क्रिया के पुरुष, वचन तथा लिंग निर्धारित हुए हैं। वाच्य के प्रकार-वाच्य के प्रकार अथवा भेद तीन होते हैं- Show (1) कर्तृवाच्य, कर्तृवाच्य उपर्युक्त वाक्यों में कर्ता के लिंग, वचन, तथा पुरुष का क्रियाओं पर प्रभाव पड़ा है। कर्तृवाच्य में क्रिया कर्ता के अधीन होती है, उसका स्वरूप कर्ता से भिन्न नहीं हो सकता, जैसे (क) लड़के खेला। कर्तृवाच्य के अन्य उदाहरण कर्मवाच्य कर्मवाच्य में क्रिया कर्म के अनुसार रूप बदलती है। क्रिया के
लिंग, वचन और पुरुष कर्म के अनुरूप होते हैं। जैसे उपर्युक्त वाक्यों में क्रिया के लिंग और वचन कर्म के अनुसार हैं। कर्मवाच्य में क्रिया कर्म के अधीन रहती है, वह कर्म से भिन्न रूप ग्रहण नहीं कर सकती, जैसे कर्मवाच्य के अन्य उदाहरण – (क) इंग्लैण्ड ने पाँच मेच खेले । विशेष – भाववाच्य कुछ उदाहरण विशेष- (i) भाववाच्य के प्रयोग के विविध प्रकार (1)
अशक्ति या लाचारी का भाव व्यक्त करने के लिए जिसमें ‘नहीं’ का प्रयोग आवश्यक है। ऐसा प्रयोग नकारात्मक (नहीं युक्त) वाक्यों में ही होता है, जैसे(क) बच्चे से हँसा नहीं जाता। (2) इसी प्रकार नहीं बनता’ का भी प्रयोग होता है, जैसे (3) सहायक क्रिया जाना’ का प्रयोग (4) बाध्यता का कर्तव्य बोध के लिए प्रयोग वाच्य परिवर्तन कुछ
विद्वानों का मत रहा है कि हिन्दी में वाच्य परिवर्तन प्रायः नहीं होता। पं. किशोरीदास बाजपेयी भी ऐसा ही मानते हैं। आज हिन्दी में वाच्य-परिवर्तन का जो रूप है वह अँग्रेजी के अनुकरण पर है। कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य में परिवर्तन ‘एक्टिव वाइस’ को ‘पैसिव वाइस’ में बदलने के आधार पर प्रचलित है। कर्तृवाच्य को कर्मवाच्य में परिवर्तित करना-निम्नलिखित वाक्यों को ध्यान से देखिए उपर्युक्त वाक्यों में (क) वाक्य कर्तृवाच्य में है तथा (ख) वाक्य कर्मवाच्य है। अतः कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य बनाते समय (1) कर्तृवाच्य के कर्ता और कर्म की विभक्तियाँ बदली जाती हैं। कर्ता के साथ ‘से’, के द्वारा या द्वारा लगाया जाता है। उदाहरण – कर्तृवाच्य को भाववाच्य में परिवर्तन करना निम्नलिखित वाक्यों को ध्यान से देखिए उपर्युक्त वाक्यों में (क) वाक्य कर्तवाच्य हैं तथा (ख) वाक्य उनके भाववाच्य में परिवर्तित रूप हैं। उदाहरण- कर्मवाच्य तथा भाववाच्य से कर्तृवाच्य में परिवर्तन कर्मवाच्य और भाववाच्य से कर्तृवाच्य में परिवर्तन की विधियाँ पूर्वोक्त रीतियों के विपरीत होती हैं। नीचे दिए गए वाक्यों को ध्यान से देखिए उपर्युक्त वाक्य (के) और (ख) क्रमशः कर्मवाच्य और भाववाच्य के हैं। उनके सामने लिखे वाक्य कर्तृवाच्य में है। उदाहरण – उदाहरण – RBSE Class 10 Hindi व्याकरण वाच्य परीक्षोपयोगी प्रश्नोत्तरप्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. भाववाच्य में बदलिए
उत्तर:
कर्मवाच्य में बदलिए
उत्तर:
कर्तृवाच्य में बदलिए
उत्तर:
RBSE Class 10 Hindi व्याकरण वाच्य अभ्यास प्रश्ननिर्देशानुसार वाच्य परिवर्तन करें प्रश्न 2. चार कर्तृवाचक वाक्य लिखिए। RBSE Solutions for Class 10 Hindiतुम शोर क्यों मचाते हो ?' वाक्य में वाच्य है?बच्चों के द्वारा शोर मचाया जाएगा। कर्म वाच्य का कर्तृवाच्य रूप होगा।
वाच्य को कैसे पहचाने?वाच्य (Voice) की परिभाषा
क्रिया के उस परिवर्तन को वाच्य कहते हैं, जिसके द्वारा इस बात का बोध होता है कि वाक्य के अन्तर्गत कर्ता, कर्म या भाव में से किसकी प्रधानता है। दूसरे शब्दों में- क्रिया के जिस रूपान्तर से यह ज्ञात हो कि वाक्य में प्रयुक्त क्रिया का प्रधान विषय कर्ता, कर्म अथवा भाव है, उसे वाच्य कहते हैं।
कर्म वाच्य उदाहरण क्या है?कर्म वाच्य उदाहरण क्या है? सरल शब्दों में – क्रिया के जिस रूप में कर्म प्रधान हो, उसे कर्मवाच्य कहते हैं या जहाँ क्रिया का संबंध सीधा कर्म से हो तथा क्रिया का लिंग तथा वचन कर्म के अनुसार हो, उसे कर्मवाच्य कहते हैं। मीरा ने दूध पीया। मीरा ने पत्र लिखा।
कर्तृवाच्य को कर्मवाच्य में कैसे बदलें?कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य में वाच्य परिवर्तन
कर्तृवाच्य के कर्ता के साथ यदि कोई विभक्ति लगी हो, तो उसे हटाकर 'के' अथवा 'के द्वारा' परसर्ग का प्रयोग किया जाता है। कर्म के साथ कोई परसर्ग हो तो उसे हटा दिया जाता है। कर्तृवाच्य की मुख्य क्रिया को सामान्य भूतकाल में परिवर्तित किया जाता है।
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