टाइफाइड की सबसे अच्छी दवा कौन सी है? - taiphaid kee sabase achchhee dava kaun see hai?

टाइफाइड बुखार (Typhoid fever) एक बीमारी है, जिससे कोई भी प्रभावित हो सकता है। यह बीमारी साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया (salmonella typhi bacteria) के कारण होती है। यह जीवाणु संक्रमण तेज बुखार और जठरांत्र संबंधी समस्याओं का कारण बनता है। आमतौर पर लोगों को टाइफाइड दूषित पानी या भोजन के सेवन से होता है।

अगर बात करें टाइफाइड फीवर के लक्षणों (typhoid fever symptoms) की तो इनमें शरीर में दर्द से लेकर भूख न लगना तक हो सकते हैं। कुछ लोगों को बुखार के साथ त्वचा पर लाल चकत्ते या गुलाबी धब्बे भी हो सकते हैं। टाइफाइड फीवर के कारण कई हैं लेकिन साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखना इसका सबसे प्रमुख कारण है।

इसमें मरीज का बुखार 104 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंच सकता है और दवाओं से बुखार कम नहीं होने पर अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है। टाइफाइड का टीका किसी व्यक्ति को कुछ वर्षों के लिए बैक्टीरिया से संक्रमित होने से बचाने में मदद कर सकता है। इस बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए कई दवाएं उपलब्ध हैं लेकिन आप कुछ घरेलू उपचारों के जरिए भी इससे राहत पा सकते हैं।

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टाइफाइड बुखार कैसे ठीक करें-तरल पदार्थों का सेवन करें

टाइफाइड की सबसे अच्छी दवा कौन सी है? - taiphaid kee sabase achchhee dava kaun see hai?

टाइफाइड जैसे रोग अक्सर डिहाइड्रेशन का कारण बनते हैं। यही वजह है कि रोगियों को हमेशा खूब सारे तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए। आप पानी, ताजे फलों का रस, हर्बल चाय आदि ले सकते हैं। टाइफाइड से दस्त हो सकते हैं, इसलिए ताजे रस का सेवन शरीर से विषाक्त पदार्थों और अन्य अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करेगा।

टाइफाइड बुखार का घरेलू उपचार- लहसुन

टाइफाइड की सबसे अच्छी दवा कौन सी है? - taiphaid kee sabase achchhee dava kaun see hai?

रिसर्च गेट पर प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, लहसुन के स्वास्थ्य के लिए अनगिनत फायदे हैं। यह टाइफाइड बुखार को ठीक करने में बेहद मददगार हो सकता है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट होते हैं और खून को साफ करने का काम करता है। यह गुर्दे को शरीर में जमा गंदगी को बाहर निकालने में मदद करता है। आप इसका इस्तेमाल सब्जी के रूप में कच्चा भी कर सकते हैं। यह टाइफाइड बुखार से पीड़ित व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

टाइफाइड बुखार की दवा- तुलसी

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साल 2021 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, तुलसी एक ऐसी जड़ी-बूटी है जो सूजन और जोड़ों के दर्द को कम करती है। यह टाइफाइड बुखार के लिए सबसे बढ़िया घरेलू उपचार है। इसका कई आयुर्वेदिक दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है। यह मलेरिया सहित कई बीमारियों को ठीक कर सकती है। टाइफाइड से पीड़ित व्यक्ति इसकी चाय या पानी में उबाल कर या शहद के साथ सेवन कर सकते हैं। जल्दी राहत के लिए इसे अदरक के रस या काली मिर्च के साथ भी डाला जा सकता है। तुलसी के जीवाणुरोधी गुण टाइफाइड पैदा करने वाले बैक्टीरिया को दूर करने में मदद करते हैं।

टाइफाइड बुखार का आयुर्वेदिक इलाज सेब का सिरका

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सेब के सिरके में अम्लीय गुण होते हैं और यह टाइफाइड बुखार के लिए एक अच्छा घरेलू उपचार है। टाइफाइड से पीड़ित व्यक्ति के शरीर से गर्मी निकालने पर यह तेज बुखार को कम करता है। इसमें खनिज होते हैं जो बीमार व्यक्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और दस्त के कारण खोये हुए पोषक तत्वों की भरपाई करता है।

टाइफाइड बुखार का इलाज-कोल्ड कॉम्प्रेस

टाइफाइड की सबसे अच्छी दवा कौन सी है? - taiphaid kee sabase achchhee dava kaun see hai?

टाइफाइड से पीड़ित व्यक्ति को तेज बुखार होता है जो कई दिनों तक रहता है। यही वजह है कि शरीर के सामान्य तापमान को बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए आप कोल्ड कंप्रेस की मदद ले सकते हैं। आप एक कपड़े को ठंडे पानी में गीला करके इसे रोगी के माथे, बगल, पैर और हाथों पर लगा सकते हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया में इस्तेमाल किया गया पानी ज्यादा ठंडा नहीं होना चाहिए और अच्छे परिणाम के लिए समय-समय पर कपड़े को बदलते रहना चाहिए।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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टाइफाइड (typhoid) साल्मोनेला बैक्टीरिया से फैलने वाली एक बहुत ही खतरनाक बिमारी है। टाइफाइड पाचन-तंत्र और ब्लडस्ट्रीम में बैक्टीरिया के इंफेक्शन की वजह से होता है। गंदे पानी, संक्रमित जूस या पेय के साथ साल्मोनेला बैक्टीरिया शरीर के अन्दर प्रवेश कर जाता है। बैक्टीरिया के शरीर में घुसने के बाद टाइफाइड के लक्षण महसूस होने लगते हैं। रोगी को टाइफाइड में कमजोरी महसूस होने लगती है। क्या आप जानते हैं कि टाइफाइड किस-किस कारण से हो सकता है। टाइफाइड होने पर कौन-कौन से लक्षण महसूस होते हैं, टाइफाइड में क्या परहेज करना जरूरी होता है, और टाइफाइड के उपचार (typhoid ka ilaj) के लिए क्या-क्या करना है।

टाइफाइड की सबसे अच्छी दवा कौन सी है? - taiphaid kee sabase achchhee dava kaun see hai?

सच यह है कि टाइफाइड का बैक्टीरिया पानी या सूखे मल में हफ्तों तक जिंदा रहता है। इस तरह से दूषित पानी या खाद्य पदार्थों के जरिए शरीर में पहुँचकर संक्रमण का कारण बनता है। जब कोई व्यक्ति किसी संक्रमित व्यक्ति का जूठा खाद्य-पदार्थ खाता या पीता है तो इससे दूसरे व्यक्ति को टाइफाइड रोग होने की संभावना बन जाती है। आइए जानते हैं कि जब आपको टाइफाइड के लक्षण महसूस हों या टाइफाइड में कमजोरी होने लगे तो आपको टाइफाइड के उपचार के लिए क्या घरेलू उपाय (typhoid bukhar ki dawa) करना है। 

Contents

  • 1 टाइफाइड क्या है? (What is Typhoid in Hindi)
  • 2 टाइफाइड होने के कारण (Typhoid Causes in Hindi)
  • 3 टायफाइड के लक्षण (Typhoid Symptoms in Hindi)
  • 4 टाइफाइड से बचाव के उपाय (How to prevent Typhoid)
  • 5 टाइफाइड के उपचार के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies for Typhoid Fever in Hindi)
    • 5.1 टाइफाइड के लक्षणों से आराम के लिए फलों के रस का सेवन (Fruit Juice: Home Remedies for Typhoid Fever Treatment in Hindi)
    • 5.2 टाइफाइड के लक्षणों से राहत के लिए तुलसी का इस्तेमाल (Tulsi: Home Remedies for Typhoid Fever Treatment in Hindi)
    • 5.3 टाइफाइड के लक्षणों से राहत के लिए सेब के रस का सेवन (Apple Juice: Home Remedies for Typhoid Fever Treatment in Hindi)
    • 5.4 टाइफाइड का इलाज लहसुन से (Garlic: Home Remedies to Get Relief from Typhoid Fever in Hindi)
    • 5.5 टाइफाइड का इलाज लौंग से (Colve: Home Remedies to Get Relief from Typhoid Fever in Hindi)
    • 5.6 टाइफाइड का इलाज ठंडे पानी की पट्टी से (Cold Compress: Home Remedy to Get Relief from Typhoid Fever in Hindi)
    • 5.7 टाइफाइड के उपचार के लिए शहद का सेवन (Honey: Home Remedy to Treat Typhoid Fever in Hindi)
  • 6 डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए? (When to Contact a Doctor?)

टाइफाइड क्या है? (What is Typhoid in Hindi)

आमतौर पर प्रदूषित पानी पीना  व संक्रमित और बासी भोजन का सेवन करना टाइफाइड होने की मुख्य वजह है। वात, पित्त, कफ तीनों दोषों के प्रकोप से टाइफाइड होता है। टाइफाइड एक संक्रामक रोग है। इसी कारण घर में किसी एक सदस्य को टाइफाइड होने पर घर के अन्य सदस्यों से भी इसके होने से खतरा होता है। मौसम में बदलाव और कुछ गलत आदतों के कारण इस बुखार के वायरस बहुत परेशान करते हैं। टाइफाइड तेज बुखार से जुड़ा रोग है जो सेलमोनेला टाइफाई बैक्टीरिया द्वारा फैलता है। यह बैक्टीरिया खाने या पानी से मनुष्य द्वारा एक जगह से दूसरी जगह अन्य लोगों तक पहुँचाता है।

नहाने से मनुष्य का शरीर दृढ़ और मजबूत हो जाता है। उसे ताजगी की अनुभूति होती है। त्वचा फ्रेश एवं खूबसूरत दिखती है। टाइफाइड में कमजोरी होने पर जब आपको थकान या आलस्य महसूस हो तो भी हिम्मत करके गरम पानी से स्नान करें। यदि रोगी स्वयं उठकर स्नान न कर पाए तो उसके शरीर में स्पौंजिंग करनी चाहिए। नहाने और स्पौंजिंग के लिए हमेशा गर्म पानी का उपयोग करें। पसीना आने से बुखार कम हो जाता है।

टाइफाइड होने के कारण (Typhoid Causes in Hindi)

टाइफाइड बुखार साल्मोनेला टाईफी बैक्टीरिया से संक्रमित भोजन या पानी के सेवन से होता है, या इस बैक्टीरिया से ग्रस्त व्यक्ति के निकटतम सम्पर्क से टाइफाइड की संभावना किसी संक्रमित व्यक्ति के जूठे खाद्य पदार्थ के खाने-पीने से भी होता है। वहीं दूषित खाद्य पदार्थ से भी ये संक्रमण हो जाता है। पाचन तंत्र में पहुँचकर इन बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है। शरीर के अन्दर यह बैक्टीरिया एक अंग से दूसरे अंग में पहुँचते हैं।

टायफाइड के लक्षण (Typhoid Symptoms in Hindi)

टायफायड के ये लक्षण हो सकते हैंः-

  • बुखार टाइफाईड का प्रमुख लक्षण है।
  • -जैसे-जैसे संक्रमण बढ़ता जाता है वैसे-वैसे ही भूख कम हो जाती है।
  • -टाइफाइड से ग्रसित व्यक्ति को सिर दर्द होता है।
  • -टाइफाइड के लक्षण के रूप में शरीर में दर्द होता है।
  • -ठण्ड की अनुभूति होना।
  • -सुस्ती एवं आलस्य का अनुभव होना।
  • -टाइफाइड में कमजोरी का अनुभव होना।
  • -टाइफाइड के लक्षण के रूप में दस्त होने लगता है।
  • -आमतौर पर टाइफाइड से ग्रसित व्यक्ति को 102-104 डिग्री से ऊपर बुखार रहता है।
  • -बड़े बच्चों में कब्ज तथा बच्चों में दस्त भी हो सकता है।

और पढ़ें : बुखार से आराम पाने के लिए अपनाएं ये घरेलू उपचार 

टाइफाइड की सबसे अच्छी दवा कौन सी है? - taiphaid kee sabase achchhee dava kaun see hai?

टाइफाइड से बचाव के उपाय (How to prevent Typhoid)

आमतौर पर भोजन और जीवनशैली के असर के कारण भी टाइफाइड होता है। इसके लिए आहार और जीवनशैली में थोड़ा बदलाव (typhoid remedies) लाने की जरूरत होती है। जैसे-

आहार में बदलाव 

  • -टाइफाइड में प्याज, लहसुन आदि तीव्र गंधि खाद्य पदार्थों से परहेज करें।
  • -टाइफाइड में सभी मसाले जैसे कि मिर्च, सॉस, सिरका आदि से परहेज करें।
  • -टाइफाइड में गैस बनाने वाले आहार जैसे- अनानास, कटहल आदि से परहेज करें।
  • -टाइफाइड के लक्षण महसूस होने पर उच्च रेशेदार युक्त आहार, सब्जियाँ जिनमें उच्च मात्रा में रेशा, अघुलनशील रेशा हो जैसे-केला, पपीता, शक्करकन्द, साबुत अनाज से परहेज (typhoid remedies)  करें।
  • -टाइफाइड के लक्षण महसूस होने पर मक्खन, घी, पेस्ट्री, तले हुए आहार, मिठाईयाँ से परहेज करें।
  • -टाइफाइड में बाजार की बनी हुई चीजों से परहेज करें।
  • टाइफाइड में भारी भोजन करने से परहेज करें।
  • -टाइफाइड में मांसाहारी भोजन से परहेज करें।
  • -पेट भरकर कुछ भी न खायें।
  • -ऐसा भोजन न करे जो देर से पचता हो।
  • -चाय, कॉफी, दारु-शराब, सिगरेट के सेवन का टाइफाइड में परहेज करें।

जीवनशैली में बदलाव : 

  • उचित स्वच्छता बनाये रखें।
  • -अपने हाथों को गर्म साबुन युक्त पानी से धोएं।
  • -साफ उबला पानी पीएं, या केवल बोतल बंद पानी पिएं।
  • -कच्चा आहार न लें।
  • -उचित तरीके से पका भोजन गरमा-गरम ही खा लें।
  • -बाहरी दुकानों से पेय पदार्थ और खाद्य पदार्थ न लें।
  • -संक्रमित व्यक्तियें को घरेलू कार्यों से दूर रखें।
  • -संक्रमण को रोकने के लिए संक्रमित व्यक्ति के व्यक्तिगत उपयोग की वस्तुओं को स्वच्छ (typhoid remedies) रखें।
  • -पानी को स्वच्छ करना, कूड़े-कचरे का निपटान सही तरीके से करना और प्रदूषण मुक्त भोजन स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
  • -संक्रमित व्यक्तियों को अपने बर्तन और भोजन किसी से भी न बांटे।
  • -संक्रमित व्यक्तियों को भोजन भी नहीं पकाना चाहिए।
  • -कच्चे फल और सब्जियाँ खाने से बचें।
  • -ज्यादातर गर्म खाद्य-पदार्थों का सेवन करें।
  • -संग्रहित खाद्य-पदार्थों से बचें।
  • -घर की चीजों को नियमित रूप से साफ करें।
  • -टाइफाइड के लिए दो वैक्सीन उपलब्ध हैं- इंजेक्शन लगवा लें।

टाइफाइड के उपचार के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies for Typhoid Fever in Hindi)

टाइफाइड से राहत (typhoid ka ilaj) पाने के लिए लोग पहले घरेलू नुस्खे आजमाये जाते हैं। जानते हैं कि ऐसे कौन-कौन-से घरेलू उपाय हैं जो टाइफाइड के  उपचार में मदद करते हैंः-

टाइफाइड के लक्षणों से आराम के लिए फलों के रस का सेवन (Fruit Juice: Home Remedies for Typhoid Fever Treatment in Hindi)

टाइफाइड जैसे रोग अक्सर डिहाइड्रेशन का कारण बनते हैं, इसलिए रोगी को कुछ-कुछ समय बाद तरल पदार्थ जैसे पानी, ताजे फल के रस, हर्बल चाय आदि का सेवन करें। उबला और उचित तरीके से उबला हुआ पानी पीएं। केवल उबला आहार लें और बाहरी खाने से परहेज करें। यह टाइफाइड में कमजोरी की स्थिति में आपकी मदद करता है और बीमारी से राहत (typhoid ka ilaj) दिलाता है।

टाइफाइड की सबसे अच्छी दवा कौन सी है? - taiphaid kee sabase achchhee dava kaun see hai?

टाइफाइड के लक्षणों से राहत के लिए तुलसी का इस्तेमाल (Tulsi: Home Remedies for Typhoid Fever Treatment in Hindi)

तुलसी और सूरजमुखी के पत्तों का रस निकालकर पीने से टाइफाइड का उपचार होता है। बेहतर उपाय के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।

और पढ़ें : तुलसी के फायदे, नुकसान और सेवन का तरीका   

टाइफाइड के लक्षणों से राहत के लिए सेब के रस का सेवन (Apple Juice: Home Remedies for Typhoid Fever Treatment in Hindi)

सेब का जूस भी टाइफाइड के उपचार के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। सेब का जूस निकालें। इसमें अदरक का रस मिलाकर पिएं। इस तरह के बुखार में राहत (typhoid bukhar ki dawa) मिलती है।

और पढ़ें : सेब के फायदे और औषधीय गुण 

टाइफाइड का इलाज लहसुन से (Garlic: Home Remedies to Get Relief from Typhoid Fever in Hindi)

लहसुन की तासीर गर्म होती है और यह प्राकृतिक एंटीबायोटिक है। घी में 5 से 7 लहसुन की कलियां पीसकर तलें और सेंधा नमक मिलाकर खाएं।

टाइफाइड की सबसे अच्छी दवा कौन सी है? - taiphaid kee sabase achchhee dava kaun see hai?

और पढ़ें : लहसुन के फायदे, नुकसान और उपयोग विधि 

टाइफाइड का इलाज लौंग से (Colve: Home Remedies to Get Relief from Typhoid Fever in Hindi)

आप टाइफाइड के उपचार के लिए लौंग का इस्तेमाल करें। लौंग में टाइफाइड ठीक करने के गुण होते हैं। आठ कप पानी में 5 से 7 लौंग डालकर उबाल लें। जब पानी आधा रह जाए इसे छान लें। इस पानी को पूरा दिन पिएं। इस उपचार को एक हफ्ते लगातार करें। इससे टाइफाडइ में हुई कमजोरी दूर होती है।

और पढ़ें : कई बीमारियों में फायदेमंद हैं लौंग 

टाइफाइड का इलाज ठंडे पानी की पट्टी से (Cold Compress: Home Remedy to Get Relief from Typhoid Fever in Hindi)

टाइफाइड में पीड़ित को हाई फीवर रहता है, यह कई दिनों तक बना रहता है, ऐसे में यह जरूरी है कि हम रोगी के शरीर का तापमान सामान्य बनाए रखें, इसलिए ठण्डे पानी की मदद ले सकते हैं। रोगी के माथे, पैर और हाथों पर ठण्डे पानी की पट्टियां रखनी चाहिए। इससे मदद (typhoid ka ilaj) मिलती है।

टाइफाइड के उपचार के लिए शहद का सेवन (Honey: Home Remedy to Treat Typhoid Fever in Hindi)

गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पीना टाइफाइड में अत्यन्त हितकारी होता है। यह टाइफाइड के उपचार के लिए उपयोग में लाया जाने वाला बहुत फायदेमंद उपाय है।

टाइफाइड की सबसे अच्छी दवा कौन सी है? - taiphaid kee sabase achchhee dava kaun see hai?

और पढ़ें : शहद के फायदे और सेवन का तरीका 

डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए? (When to Contact a Doctor?)

टाइफाइड एक संक्रामक रोग है। यदि आपको तेज बुखार पेट में दर्द, कमजोरी और टाइफाइड के लक्षण (typhoid bukhar ke lakshan) महसूस हो तो जल्द से जल्द डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए। डॉक्टर के पास जाने में विलम्ब न करें अन्यथा यह एक गम्भीर रोग में परिवर्तित हो सकता है। देरी के कारण आंतों में सूजन की समस्या हो सकती है। समय पर चिकित्सा न करने पर गंभीर नुकसान भी हो सकता है। डॉक्टर ने आपको जितने समय तक दवा के उपयोग की सलाह दी है। आपको उसका पालन करना है।

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टाइफाइड के लिए सबसे अच्छी गोली कौन सी है?

टाइफाइड के लिए क्लोरैम्फेनिकॉल दवा (chloramphenicol) काफी ज्यादा पसंद की जाती थी।

टाइफाइड में जल्दी ठीक होने के लिए क्या खाएं?

कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ : बॉडी को हल्दी और एनर्जेटिक बनाने के लिए कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खाद्य पदार्थ ज़रूरी हैं, क्योंकि टाइफाइड बुखार के दौरान बॉडी का एनर्जी लेवल खत्म हो जाता है, इसीलिए खाने में दलिया, फ्रूट कस्टर्ड, बॉयल्ड एग, शहद और उबले हुए चावल जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए.

टाइफाइड किसकी कमी से होता है?

टाइफाइड एक गंभीर बीमारी है, यह साल्मोनेला एन्टेरिका सेरोटाइप टाइफी बैक्टीरिया से होता है! यह साल्मोनेला पैराटाइफी बैक्टीरियम से भी फैलता है! यह बैक्टीरिया पानी और खाने के जरिए लोगों के अन्दर जाता है और इसके द्वारा बहुत से लोगों में यह फ़ैल जाता है!

टाइफाइड में कौन सा सिरप पीना चाहिए?

लेक्सिम सिरप एक एंटीबायोटिक दवा है.. यह आमतौर पर बच्चों को कान, आंख, नाक, गले, फेफड़े, त्वचा, गैस्ट्रोइन्टेस्टिनल ट्रैक्ट और यूरिनरी ट्रैक्ट को टार्गेट करने वाले बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण की विस्तृत रेंज का इलाज करने के लिए दिया जाता है..