प्रेगनेंसी में पेरासिटामोल खाने से क्या होता है? - preganensee mein peraasitaamol khaane se kya hota hai?

प्रेगनेंसी में कोई भी दवा लेने के पहले डॉक्टर से सलाह ले लेना चाहिए। लेकिन गर्भावस्था के दौरान बुखार या दर्दनिवारक के रूप में पैरासिटामोल लेना आम बात है और इसको सुरक्षित भी माना जाता है, लेकिन हाल में हुए एक शोध में पता चला है कि गर्भावस्था में पैरासिटामोल लेने का भ्रूण की यौनइच्छा पर असर पड़ता है और उसका आचरण भी आक्रामक बना देता है।

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डेनमार्क के कोपेनहेगेन विश्वविद्यालय के एक नए शोध में पैरासिटामोल के इस्तेमाल से पहले कई बार सोचने की सलाह दी गई है। इस शोध का प्रकाशन पत्रिका 'रिप्रोडक्शन' में किया गया है। इसमें जानवर पर किए गए शोध में लोकप्रिय दर्दनिवारक पैरासिटामोल के इस्तेमाल को पुरुष व्यवहार के विकास के लिए नुकसानदेह पाया गया है। शोधकर्ताओं ने कहा है कि चूहे को दी गई खुराक एक गर्भवती महिला को दी जाने वाली खुराक के लगभग बराबर रही। हालांकि, शोधकर्ताओं का कहना है कि यह प्रयोग सिर्फ चूहों तक सीमित रहा, इसलिए इसे सीधे तौर पर मानव पर लागू नहीं किया जा सकता।

शोध के दौरान कोपेनहेगन विश्वविद्यालय से जुड़े रहे डेविड मोबजर्ग क्रिटेनसेन ने कहा कि शोधकर्ताओं द्वारा पैरासिटामोल के हानिकारक प्रभाव की निश्चितता की वजह से इसका परीक्षण मानव पर किया जाना अनुचित होगा। फ्रांस में एन्वायरमेंट एट ट्रॉवेल (आईआरएसईटी) व अब इंस्टीट्यूट डि रिचेर्चे इन सेंटे से जुड़े मोबजर्ग क्रिटेनसेन ने कहा, "एक परीक्षण में पैरासिटामोल दिए गए चूहे हमारे द्वारा नियंत्रित किए गए चूहों की तरह संभोग करने में साधारण तौर पर अक्षम रहे। भ्रूण के विकास के दौरान इनमें पुरुष प्रणाली का विकास सही ढंग से नहीं हुआ और यह उनके बाद के वयस्क जीवन काल में भी देखा जा सकता है। यह चिंताजनक है।"

मोजबर्ग क्रिस्टेनसेन ने कहा कि पहले के शोध में देखा गया है कि पैरासिटामोल के इस्तेमाल से नर भ्रूणों में टेस्टोस्टोरोन सेक्स हार्मोन का विकास बाधित होता है। इससे शिशुओं में अंडकोष की विकृति का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन भ्रूण अवस्था में टेस्टोस्टोरोन का कम स्तर प्रौढ़ पुरुषों के व्यवहार के लिए भी महत्वपूर्ण है। टेस्टोस्टोरोन एक प्राथमिक पुरुष सेक्स हार्मोन है जो पुरुष के शरीर व दिमाग के पुरुष प्रणाली को विकसित करने में सहायक होता है।

हालांकि paracetamol उन दवाओं में से एक है, जिन्हें अब तक सुरक्षित माना जाता रहा है। लेकिन एक नई रिसर्च इसे भी खतरनाक बताती है।

Pregnancy में मां को अपने साथ-साथ अपने बच्‍चे की सेहत का भी ध्‍यान रखना होता है। इसलिए उसे अच्‍छी डाइट लेनी चाहिए। क्‍योंकि जो वह खाती है उसका असर उसके साथ-साथ बच्‍चे पर भी पड़ता है। Pregnancy में डॉक्‍टर दवाओं से दूर रहने की सलाह देते हैं। ऐसा इसलिए क्‍योंकि pregnancy में दवाओं को सेवन गर्भ में पल रहे बच्‍चे के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए अगर आपको कोई दवा लेनी भी होती है तो डॉक्‍टर की सलाह के बिना आप इसे नहीं ले सकती हैं। हालांकि paracetamol उन दवाओं में से एक है, जिन्हें अब तक सुरक्षित माना जाता रहा है। लेकिन एक नई रिसर्च इसे भी खतरनाक बताती है। अगर विश्‍वास नहीं हो रहा तो आइए हमारे साथ आप भी जानें कैसे। 

बच्‍ची की हेल्‍थ पर असर

एक नई रिसर्च के अनुसार जो ladies pregnancy के दौरान paracetamol खाती हैं, उनकी बेटियों की fertility को नुकसान पहुंच सकता है। यानी अगर गर्भ में लड़की हैं तो उसकी fertility पर असर पड़ता है। Paracetamol का इस्तेमाल fever और pain से राहत के लिए व्यापक रूप से किया जाता है। University of Edinburgh, Scotland के वैज्ञानिकों ने एक सप्ताह तक प्रयोगशाला में human ovary को paracetamol के संपर्क में रखकर यह पाया कि करीब 40 फीसदी egg cells dead हो गईं।

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प्रेगनेंसी में पेरासिटामोल खाने से क्या होता है? - preganensee mein peraasitaamol khaane se kya hota hai?

हालांकि, ये कुछ संभावित कॉम्प्लिकेशन हैं जो गर्भावस्था के दौरान पेरासिटामोल के सेवन से जुड़े हो सकते हैं, फिर भी इस बात को पूरी तरह से साबित नहीं किया जा सका है कि दवा का कोई साइड इफेक्ट्स होता है या नहीं। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान पेरासिटामोल या किसी अन्य दवा का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है।

पेरासिटामोल की जगह ये घरेलू उपचार आजमाएं

भले ही इस बात का कोई ठोस सबूत न हो कि पेरासिटामोल से बच्चे को नुकसान पहुँचता है या नहीं, फिर भी बेहतर यही है कि दर्द और बुखार से राहत प्रदान करने के लिए आप नेचुरल घरेलू उपचारों की मदद लें। यह न केवल आपको पूरी तरह से ठीक करने में आपकी मदद करता है, बल्कि पेरासिटामोल का सेवन करने वाले किसी भी जोखिम को कम करता है।

गर्भावस्था के दौरान बुखार के लिए घरेलू उपचार 

  • अपने शरीर के तापमान को कम करने के लिए गुनगुने पानी से स्नान करें (यह केवल तभी करें जब आपको बुखार के साथ सर्दी और खांसी न हो)।
  • एक वॉशक्लॉथ को ठंडे पानी से गीला करें और इसे अपने माथे पर रखें। शरीर के तापमान को कम करने के लिए इस प्रक्रिया को दोहराएं।
  • गर्म सूप का सेवन करें और ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। आप अपने आहार में जूस भी शामिल कर सकती हैं।
  • शरीर को अनावश्यक तनाव देने से बचें और अच्छी तरह से आराम करें। गर्भावस्था के दौरान आप काफी थकावट महसूस करती हैं। इसलिए शरीर को पर्याप्त आराम देना से आपको अपने शरीर में ताकत महसूस होगी, जो बहुत महत्वपूर्ण है।
  • प्रीनेटल विटामिन लेने से आपकी इम्युनिटी में सुधार होगा जिससे आपको हेल्दी रखने में मदद करेगा।
  • अत्यधिक कपड़ों को पहनने से बचें। शरीर में अच्छी तरह से ब्लड सर्कुलेशन हो सके इसके लिए आपको हल्के कपड़े पहनने चाहिए।

गर्भावस्था के दौरान दर्द से निपटने के घरेलू उपाय

  • बॉडी मसाज कराने से शरीर को दर्द से राहत मिलती है और दर्द दूर करने का एक अच्छा तरीका भी है, खासकर जब आपको पीठ और कूल्हे में दर्द हो रहा हो।
  • अपनी मांसपेशियों को मजबूत करने और अपनी स्टैमिना बढ़ाने के लिए प्रीनेटल योगा करें (ध्यान रहे किसी पेशेवर की निगरानी में योगा करें)।
  • एक्यूपंक्चर दर्द को कम करने में भी मदद करता है।
  • साइनस के कारण होने वाले सिरदर्द को कम करने के लिए धीरे-धीरे अपने माथे की मालिश करें या गर्म सिकाई करें।
  • नेचुरल ऑयल या मसाज जेल से का उपयोग करने से भी शरीर के दर्द से राहत मिलती है, इसे आपको जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
  • मैडिटेशन करने से तनाव के कारण होने वाली चिड़चिड़ाहट और दर्द को कम करने में मदद मिलती है।
  • अपनी गर्दन के क्षेत्र में ठंडा सिकाई करने से स्ट्रेस और  सिरदर्द से राहत मिलती है।

प्रेगनेंसी में पेरासिटामोल खाने से क्या होता है? - preganensee mein peraasitaamol khaane se kya hota hai?

गर्भावस्था के दौरान बुखार और शरीर में दर्द के लिए दवा केवल तभी करे जब आपको किसी भी चीज से राहत न मिल रही हो। पेरासिटामोल केवल तभी लिया जाना चाहिए जब बुखार या दर्द असहनीय हो जाए या उपरोक्त घरेलू उपचार कोई मदद न कर पा रहे हों।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

नीचे गर्भावस्था के दौरान पेरासिटामोल का सेवन करने से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं।

1. क्या पेरासिटामोल लेने से बच्चे पर ज्यादा निगरानी रखने की जरूरत है?

गर्भ में बढ़ते हुए बच्चे पर पेरासिटामोल का कोई साइड इफेक्ट्स ज्ञात नहीं है, इसलिए दवा लेने के बाद बच्चे पर ज्यादा निगरानी रखने की जरूरत नहीं होती है।

ज्यादातर महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान टेस्ट और स्कैन कराती हैं ताकि उन्हें यह पता चल सके कि बच्चे का विकास ठीक से हो रहा है या नहीं, साथ ही बच्चे में किसी प्रकार का कोई बर्थ डिफेक्ट तो नहीं है। इन टेस्ट और स्कैन की मदद से किसी भी समस्या या डिसऑर्डर का पता लगाया जा सकता है।

2. अगर पिता ने पेरासिटामोल ली हो, तो क्या इससे बच्चे को कोई खतरा होता है?

अगर गर्भधारण करने से पहले या उसके आसपास पिता ने किसी भी समय पेरासिटामोल लिया हो तो इससे बच्चे को कोई खतरा नहीं होता है। इन दोनों चीजों के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है।

गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को अधिक देखभाल की जरूरत होती है। क्योंकि गर्भ में पल रहे बच्चे का सीधा संबंध अपनी माँ से होता है, इसलिए माँ से जुड़ी हर चीज बच्चे को भी उतना ही प्रभावित करती है। आप जो भी खाती हैं उसका सीधा असर बच्चे के विकास पर पड़ता है। इसलिए, अपने डॉक्टर से चर्चा करने के बाद और बच्चे पर पेरासिटामोल का सेवन करने के संभावित साइड इफेक्ट्स को समझने के बाद ही आपको दवा लेनी चाहिए। हर गर्भावस्था अलग होती है, इसलिए जरूरी नहीं कि जो एक के लिए अच्छा हो वो और गर्भवती महिलाओं के लिए भी वैसे ही काम करे।

क्या मैं गर्भावस्था में पेरासिटामोल ले सकती हूं?

अगर आपको प्रेग्‍नेंसी के दौरान हल्‍का दर्द या बुखार होता है तो आप पैरासिटामोल ले सकती हैं। दर्द से राहत और बुखार को कम करने के लिए गर्भावस्‍था के लगभग सभी चरणों में इस दवा का इस्‍तेमाल किया जाता है।

क्या गर्भावस्था के पहले तिमाही के दौरान पेरासिटामोल लेना सुरक्षित है?

एक रिसर्च में दावा किया गया है कि प्रेग्नेंसी में पैरासिटामोल का इस्तेमाल बच्चे के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. नेचर जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक प्रेग्नेंट महिलाओं को पैरासिटामोल नहीं लेनी चाहिए. प्रेग्नेंसी में पैरासिटामोल लेने से पेट में भ्रूण के विकास में खलल पैदा हो सकता है.

प्रेगनेंसी में हाजमोला खाने से क्या होता है?

क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट ऐसा इसकी गंध के कारण होता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को इससे दूर रहना चाहिए।

प्रेगनेंसी में अगर बुखार आए तो क्या करें?

अगर आपको खांसी या सर्दी की वजह से बुखार आया होगा तो भाप लेने से काफी आराम मिलेगा. इसके लिए आप स्टीमर का उपयोग कर सकते हैं. आप चाहें तो एक बर्तन में पानी गर्म करें और भाप लें. 4- ठंडी पट्टी रखें- प्रेग्नेंसी में बुखार से राहत पाने के लिए गर्भवती महिलाएं माथे पर ठंडी पट्टी भी रख सकती हैं.