टाइफाइड होने पर क्या खाएं क्या ना खाएं? - taiphaid hone par kya khaen kya na khaen?

टाइफाइड होने पर क्या खाएं क्या ना खाएं? - taiphaid hone par kya khaen kya na khaen?
टाइफाइड 

टायफाइड एक प्रकार का बुखार है, जो दूषित पानी से नहाने या दूषित पानी का प्रयोग भोजन करने से होता है। यह सेलमोनेला टायफाई बैक्टीरिया द्वारा फैलता है। यह बैक्टीरिया खाने या पानी के जरिए मनुष्य द्वारा ही एक जगह से दूसरी जगह पर अन्य लोगों तक पहुंचता है। वैसे कई बार मौसम में बदलाव भी इस बुखार का कारण बनता है। इतना ही नहीं, अगर घर में किसी एक सदस्य को टायफायड होता है तो अन्य सदस्यों को भी इसके होने का खतरा होता है। इसलिए बेहद सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।

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पहचाने लक्षण

  1. टायफाइड होने पर मरीज को काफी तेज बुखार होता है जो 103 से 104 डिग्री तक हो सकता है। 
  2. आमतौर पर ये बुखार एक से दो हफ्तों तक चलता है। 
  3. मरीज को तेज बुखार के अलावा चेस्ट मे कंजेशन, पेट दर्द, भूख न लगना, सिर में और शरीर के अन्य भागों में दर्द, सुस्ती होती है। 
  4. बुखार के साथ−साथ अगर किसी व्यक्ति को ऐसे लक्षण नजर आएं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। 
  5. टायफाइड से पीडि़त मरीज को ठीक होने में 4 से 6 हफ्ते भी लग जातें हैं।

टाइफाइड के मरीज न खाएं ये फूड्स 

  • टाइफाइड को जल्द ही ठीक करना चाहते हैं तो फलों में केला, चीकू, पपीता, सेब, मौसमी, संतरे का सेवन करें।
  • खाने में दाल, खिचड़ी, हरी सब्जियां पालक, पत्तागोभी, फूलगोभी, गाजर और पपीता खाएं।
  • इस बीमारी में दही खाना बेहद फायदेमंद है। खांसी, जुकाम और जोड़ों के दर्द वाले लोग दही का सेवन नहीं करें।
  • टाइफाइड की वजह से बुखार रहता है तो लिक्विड चीज़ों का सेवन करें। लिक्विड चीज़ों में फलों का जूस बेस्ट है। 
  • टाइफाइट की वजह से होने वाली कमजोरी को दूर करने के लिए किशमिश, मुनक्का, मूंग की पतली दाल, पतला दलिया, मक्खन, दूध, और दही का इस्तेमाल करें।

टाइफाइट में इन फूड्स से करें परहेज

  • कैफीन युक्त चीजों का सेवन न करें ये पेट में गैस पैदा कर सकती हैं।
  • रिफाइंड और प्रोसेस फूड से परहेज करें।
  • घी, तेल, बेसन, मक्का, शक्करकंद, कटहल, भूरे चावल से परहेज करें।
  • लाल मिर्च, मिर्च का सॉस, सिरका, गर्म मसाला, खटाई से परहेज करें।
  • अंडे या गर्म चीजें बढ़ा सकती हैं परेशानी।
  • मीट, सॉस, अचार और मसालेदार चीजें भी डाइट से निकालें।

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Disclaimer: यह जानकारी आयुर्वेदिक नुस्खों के आधार पर लिखी गई है। इंडिया टीवी इनके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें।

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टाइफाइड की बीमारी को आमतौर पर मोतीझरा और मियादी बुखार (आंत्र ज्वर) के नाम से भी जाना जाता है. यह रोग दुनिया भर में बैक्टीरिया के कारण होता है. यह रोग दूषित भोजन या पानी के उपयोग से होता है, जिसमे साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया होता है या बैक्‍टीरिया से ग्रस्‍त व्‍यक्ति के नजदीकी संपर्क से भी होता है. औद्योगिक देशों में टाइफाइड ज्वर ज्यादा नहीं देखा जाता है, लेकिन यह उभरती हुई औद्योगिक देशों में सामान्य रूप से देखा जा सकता है, विशेष रूप से बच्चों के लिए यह एक गंभीर स्वास्थ्य जोखिम बना हुआ है.

आइए इस लेख के माध्यम से हम टाइफाइड में क्या नहीं खाना चाहिए इस बारे में जानकारी प्राप्त करें ताकि इस विषय में अपनी जानकारी बढ़ा सकें.

कैसी होता है टाइफाइड? - Typhoid Kaise Hota Hai

टाइफाइड साल्मोनेला टाइफीमुरियम संक्रमित व्यक्ति के मल के साथ सीधे संपर्क से लोगों के बीच फैलता है. कोई भी जानवर इस बीमारी का वाहक नहीं होता है, इसलिए टायफाइड हमेशा व्यक्ति से व्यक्ति में फैलता है. अगर टाइफाइड का इलाज नहीं किया जाता है, तो इस बीमारी से लगभग 4 में से 1 मामले में परिनाम मृत्यु पर समाप्त होती है. फिर भी अगर सही समय पर इलाज किया जाता है, तो मृत्यु दर 4 प्रतिशत से कम है. एक बार बैक्टीरिया मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है, तो यह एसटीफी बैक्टीरिया होस्ट की आंत में 1-3 सप्ताह तक रहता है. इसके बाद यह धीरे-धीरे संक्रमित रोगी के रक्त प्रवाह में अपना रास्ता बना देता है. इसके बाद यह मेजबान के अन्य टिश्यू और अंगों में फैलता है. रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली शायद एसटीफी बैक्टीरिया से लड़ सकती है, क्योंकि यह रोगी की कोशिकाओं के भीतर रहती है, मेजबान की प्रतिरक्षा प्रणाली से दूर हो जाती है.

आहार से सम्बंधित परहेज - Typhoid Mein Kya Khana Chahiye Aur Kya Nhi

  1. फाइबर से प्रचुर पदार्थ, जैसे- साबुत अनाज और उससे बने उत्पाद, साबुत दाल का सेवन करने से बचें.
  2. केला और पपीता के अलावा सभी कच्ची सब्जियां और फल का सेवन करने से करें.
  3. इसके अलावा आपको तले हुए भोजन से भी परहेज करना चाहिए, जैसे- समोसे, पकोडे, लड्डू और हलवा आदि.
  4. चटकदार और मसाले से परिपूर्ण भोजन जैसे- अचार, चटनी और गेहन स्वाद वाली सब्जियों जैसे गोभी, शलगम, शिमला मिर्च, मूली, प्याज और लहसुन का सेवन ना करें.
  5. तीव्र गंध वाली चीजों से परहेज
    टाइफ़ाइड से पीड़ित व्यक्ति को तीव्र गंध युक्त खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए. जाहिर है हमारे यहाँ कई ऐसी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है जिनमें तीव्र गंध मौजूद रहती है जैसे कि प्याज़, लहसुन.
  6. मसालों से परहेज
    यदि आप टाइफ़ाइड के शिकार हो गये हैं तो दवा के साथ-साथ कुछ परहेज करेंगे तो शीघ्र लाभ होगा. इस दौरान आप सभी मसाले जैसे कि, मिर्च, मिर्च का सॉस, सिरका आदि से जितनी ज्यादा दुरी बनायेंगे उतना ही फायदे में रहेंगे.
  7. गैस बनाने वाले आहार
    कई ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जिनके खाने मात्र से ही गैस बनने लगती है. लेकिन टाइफ़ाइड के दौरान आपको इस तरह की चीजों से दूर ही रहना चाहिए. जैसे कटहल, डूरियन (कटहल का अन्य प्रकार), अन्नानास.
  8. उच्च रेशे युक्त आहार
    सब्जियाँ जिनमें उच्च मात्रा में रेशा/अघुलनशील रेशा हो जैसे: केल, पपीता, शक्करकंद, साबुत अनाज (भूरे चावल, मसले चावल, मक्का,).
  9. चिकनाई युक्त खाद्य पदार्थ
    टाइफ़ाइड के दौरान आपको चुकने युक्त खाद्य पदार्थों से भी दूर रहना चाहिए. मक्खन, घी, पेस्ट्री, तले हुए आहार, मिठाईयाँ, गाढ़ी मलाई डाले सूप्स सभी को बिलकुल नहीं खाना चाहिए.

टाइफाइड में ध्यान रखने योग्य कुछ और बातें - Typhoid Mein Dhyan Dene Yogya Baate

  1. एक बार में कम भोजन खाएं
    टाइफाइड बुखार में आप भरपूर आराम करें, बहुत सारे तरल पदार्थ लें और नियमित भोजन खाएं. आप रोजाना तीन बड़े भोजन के बजाय, दिन में अधिक बार थोड़ा थोड़ा खायें. अगर आप ऐसा करेंगे तो आप हल्का महसूस करेंगे और आपका शरीर बेहतर महसूस करेगा.
  2. काम पर ना जायें
    आमतौर पर टाइफाइड बुखार के अधिकांश मरीज़ काम या स्कूल में वापस आ सकते हैं जैसे ही वे बेहतर महसूस करना शुरू करते हैं. लेकिन यह बात उनको लागू नहीं होती जो भोजन और कमजोर लोगों के साथ काम करते हैं, जैसे कि पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे, बुजुर्ग और कमज़ोर स्वास्थ्य वाले लोग. इन मामलों में, 48 घंटे के अंतराल पर लिए गये तीन मल के नमूनों पर परीक्षण जब दिखा दे कि बैक्टीरिया अब मौजूद नहीं है, तब ही आपको काम पर वापस जाना चाहिए.
  3. स्वच्छता बनाए रखें
    एक टाइफाइड बुखार के रोगी को अच्छी व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए, जैसे नियमित रूप से साबुन और गर्म पानी से अपने हाथों को धोना, ताकि दूसरों को संक्रमण होने के जोखिम को कम किया जा सके.

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टाइफाइड में क्या परहेज करना चाहिए?

टाइफाइट में इन फूड्स से करें परहेज.
कैफीन युक्त चीजों का सेवन न करें ये पेट में गैस पैदा कर सकती हैं।.
रिफाइंड और प्रोसेस फूड से परहेज करें।.
घी, तेल, बेसन, मक्का, शक्करकंद, कटहल, भूरे चावल से परहेज करें।.
लाल मिर्च, मिर्च का सॉस, सिरका, गर्म मसाला, खटाई से परहेज करें।.
अंडे या गर्म चीजें बढ़ा सकती हैं परेशानी।.

टाइफाइड में कौन से फल खाने चाहिए?

मूंग और मसूर की दाल ज्यादा खाएं। घी और गूड़ से बना सूजी का हलवा भी खा सकते हैं। टाइफाइड के दौरान कच्ची सब्जियां खाने से परहेज करें, इसका सूप बनाकर पीएं। आप टमाटर, चुकंदर, पालक, पंपकिन या गाजर का सूप भी सकते हैं।

टाइफाइड को जड़ से खत्म करने के लिए क्या करें?

लहसुन टाइफाइड बुखार से राहत पाने के लिए लहसुन का सेवन करना बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। ... .
लौंग टाइफाइड बुखार से राहत पाने के लिए लौंग का सेवन करना बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। ... .
तुलसी टाइफाइड बुखार से राहत पाने के लिए तुलसी का सेवन करना बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। ... .

टाइफाइड कितने दिनों में ठीक हो जाता है?

टाइफाइड की बीमारी शरीर में 7 से 14 दिनों के बीच रहती है लेकिन 3 दिन या 30 दिन तक की हो सकती है। अगर इलाज नहीं किया जाता है, तो बीमारी 3 से 4 सप्ताह तक चल सकती है।