इसे सुनेंरोकेंतब भागीरथ ने शंकर भगवान की आराधना की. शिव उनकी पूजा से प्रसन्न हुए. तब भागीरथ ने उन्हें गंगा के संबंध में सारी बातें बतायीं. इसके बाद भगवान शिव ने गंगा को अपनी जटा में धारण कर लिया और उसकी केवल एक धारा को पृथ्वी पर भेज दिया. गंगा शिव की जटा में कैसे समाई? इसे सुनेंरोकेंभागीरथ ने अपना सब मनोरथ उनसे कह दिया। गंगा जैसे ही स्वर्ग से पृथ्वी
पर उतरने लगीं गंगा का गर्व दूर करने के लिए शिव ने उन्हें जटाओं में कैद कर लिया। वह छटपटाने लगी और शिव से माफी मांगी। तब शिव ने उसे जटा से एक छोटे से पोखर में छोड़ दिया, जहां से गंगा सात धाराओं में प्रवाहित हुईं। भोलेनाथ के सिर में क्या थी? इसे सुनेंरोकेंभोलेशंकर को हम गले में सर्प, जटाओं में गंगा और सिर पर चंद्रमा धारण किये हुए देखते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भगवान शिव के सिर पर चंद्रमा क्यों विराजमान रहता है। आइये जानते हैं इसके पीछे क्या है मान्यता।
मान्यता है कि भगवान शिव ने इस ब्रह्मांण और सृष्टि की रक्षा के लिए समुद्र मंथन से निकले विष को पी लिया था। इसे सुनेंरोकेंफिर भी गंगा ने भगवान शिव की घोर तपस्या की। इनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने इन्हें अपने साथ रखने का वरदान दे दिया। इसी वरदान के कारण जब गंगा धरती पर अपने पूरे वेग के साथ उतरी तो जल प्रलय से धरती को बचाने के लिए भगवान शिव ने उन्हें अपनी जटाओं में लपेट लेते हैं, इसतरह गंगा को भगवान शिव का साथ मिल जाता है। शिव जी के माथे पर चंद्रमा क्यों है? इसे सुनेंरोकेंलेकिन जब भगवान शंकर विष के तीव्र प्रभाव को सहन नहीं कर पाये तब देवताओं ने सिर पर चंद्रमा को धारण करने का निवेदन किया. देवताओं की आग्रह को स्वीकार करते हुए जब शंकर भगवान ने चंद्रमा को धारण किया. तब विष के प्रभाव की तीव्रता धीरे –धीरे कम होने लगी. तभी से चंद्रमा शिव के सिर पर विराजमान है. महाकाल की पत्नी कौन है? इसे सुनेंरोकेंभगवान शिव की पत्नी जगदंबा पार्वती हैं। शिवपुराण के अनुसार, ये पर्वतराज हिमालय व मैना की पुत्री हैं। पार्वती को ही शक्ति माना गया है। शरीर में शक्ति ना हो तो शरीर बेकार है, शक्ति तेज का पुंज है। शंकर भगवान के सिर पर चंद्रमा क्यों है?गंगा मैया के पति का नाम क्या था? इसे सुनेंरोकें’ जब महाराज प्रतीप को पुत्र की प्राप्ति हुई तो उन्होंने उसका नाम शांतनु रखा और इसी शांतनु से गंगा का विवाह हुआ। गंगा से उन्हें 8 पुत्र मिले जिसमें से 7 को गंगा नदी में बहा दिया गया और 8वें पुत्र को पाला-पोसा। उनके 8वें पुत्र का नाम देवव्रत था। हाइलाइट्सधरती पर अवतरित होने से पहले देव लोक में थीं मां गंगाभागीरथ के कठोर तप के कारण मां गंगा धरती पर हुईं अवतरितShiva Aur Ganga Ki Katha: पवित्र माह सावन शिवजी को प्रिय होता है, इसलिए इस माह पूजा-पाठ और व्रत आदि का महत्व अधिक बढ़ जाता है. महादेव का रूप अन्य देवताओं की अपेक्षा अलग है. वे मस्तक पर चंद्रमा, गले में सर्प, हाथों में त्रिशूल और जटा में गंगा को धारण किए हैं. भगवान शिव ने शरीर पर जिन चीजों को धारण किया है, उन सबका विशेष महत्व है. भगवान शिव अपनी जटा में गंगा धारण किए होते हैं. क्या आप जानते हैं कि आखिर क्यों भगवान शिव ने मां गंगा को अपनी जटा में धारण किया और कैसे मां गंगा शिवजी की जटा में पहुंचीं? सावन के इस पवित्र माह में दिल्ली के आचार्य गुरमीत सिंह जी से जानते हैं शिवजी की जटाओं में कैसे और क्यों समाई थीं मां गंगा? पौराणिक कथा के अनुसार, धरती पर अतरित होने से पहले मां गंगा देवलोक में थीं. यही कारण है कि उन्हें देव नदी भी कहा जाता है. कहा जाता है कि मां गंगा को धरती पर लाने का कार्य भागीरथ ने किया है और भागीरथ की कठोर तप के कारण ही मां गंगा धरती पर अवतरित हुईं. भागीरथ ने अपनी तपस्या से मां गंगा को किया प्रसन्न इसके बावजूद भागीरथ की समस्या का हल नहीं हो सका क्योंकि समस्या यह थी कि मां गंगा का देवलोक से सीधे धरती आना संभव नहीं था. मां गंगा ने भागीरथ से कहा कि वह देवलोक से सीधे धरती पर नहीं आ सकतीं क्योंकि धरती उनका तेज वेग सहन नहीं कर पाएगी और रसातल में चली जाएगी. ये भी पढ़ें:सावन में शिवजी को चढ़ाएं अरहर और तिल समेत ये 5 अनाज, जानें ‘शिवा मुट्ठी’ का महत्व इस तरह शिवजी की जटा में समाईं मां गंगा ये भी पढ़ें: आर्थिक तंगी दूर करने के लिए सावन के महीने में खरीदें ये 4 सामान, बनी रहेगी भोलेनाथ की कृपा शिवजी की जटा में आते ही गंगा का वेग हो गया कम ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Ganga, Lord Shiva, Sawan FIRST PUBLISHED : July 27, 2022, 06:30 IST शिव जी को गंगा जल चढ़ाने से क्या होता है?शिवलिंग पर गंगा जल चढ़ाने से मनुष्य को भौतिक सुखों के साथ-साथ मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।
शिव जी और गंगा का क्या संबंध है?स्कंद पुराण जैसे हिंदू ग्रंथों के अनुसार, देवी गंगा कार्तिकेय (मुरुगन) की सौतेली माता हैं; कार्तिकेय वास्तव में शिव और पार्वती का एक पुत्र है।
शिवजी के सिर पर गंगा क्यों है?महादेव ने गंगा इसलिए की थी धारण
यह सुनकर भागीरथ ने भोलेनाथ की आराधना की। शिव उनकी पूजा से प्रसन्न हुए और वरदान मांगने को कहा। तब भागीरथ ने उनसे अपने मनोरथ कहा। इसके बाद जैसे ही गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई तो भोलेनाथ ने उनका अभिमान चूर करने के लिए उन्हें अपनी जटाओं में कैद कर लिया।
शंकर जी की जटा में गंगा कैसे आई?देव लोक से शिवजी की जटाओं में पहुंची गंगा
जब भोलेनाथ में भागीरथ से वरदान मांगने के लिए कहा तो भागीरथ ने उन्हें सारी बातें बताई। भगवान भोलेनाथ ने गंगा के वेग से पृथ्वी को बचाने के लिए अपनी जटाएं खोल दी और इस तरह से मां गंगा देवलोक से शिवजी की जटा में समा गईं और शिव जी ने मां गंगा को अपनी जटाओं में धारण कर लिया।
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