शुगर लेवल कम होने से क्या होता है? - shugar leval kam hone se kya hota hai?

डीएनए हिंदी: डायबिटीज (Diabetes) के मरीज ब्‍लड शुगर (Blood sugar level) को कंट्रोल में रखने के लिए दवा भी लेते हैं और खानपान में परहेज भी करते हैं, इससे कई बार शरीर में अचानक से शुगर की मात्रा बेहद कम (Blood Sugar Low) हो जाती है. शुगर के अचानक से कम होने को हाइपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia) कहा जाता है. हाइपोग्लाइसीमिया कभी-कभी  जानलेवा भी हो सकता है. ऐसे में जरूरी है कि अगर आपके घर में कोई डायबिटीज का मरीज है तो उसे इससे बचने के तुरंत पता हो. 

ब्लड शुगर (Blood sugar) लेवल अचानक से लो हो जाने पर कई बार मरीज कोमा में भी चला जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है कि हाइपोग्लाइसीमिया यानि शुगर लो होने के लक्षण शरीर में नजर नहीं आते. बस इसे पहचानने की जरूरत होती है. तो चलिए आज आपको बताएं कि अगर शुगर की मात्रा शरीर में कम होती है तो उसके क्‍या लक्षण होते हैं और ऐसी स्थिति से निपटने के लिए क्‍या किया जा सकता है.  साथ ही यह भी जानें कि ब्‍लड में शुगर कम होना कब खतरनाक होता है.

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Low Blood Sugar कब है खतरनाक? 

ब्लड शुगर लेवल जब 70 mg/dL से नीचे हो जाए तो यह खतरनाक माना जाता है. अगर शुगर का ये लेवल 40 से 30 तक आ जाए तो मरीज कोमा में जा सकता है या उसकी जान भी जा सकती है.

ब्लड शुगर लो होने लक्षण  

  • स्किन का अचानक से पीला होना
  • चक्‍कर आना या बेहोशी सा महसूस होना
  • भूख बहुत कम या ज्‍यादा लगना
  • शरीर पसीने में डूब जाना  
  • धुंधला दिखाई देने लगता या धड़कन का अचानक बढ़ जाना
  • अचानक से ठंड लगने लगना

अगर आपको इनमें से कोई दो या तीन लक्षण नजर आएं तो आपको अपने शुगर की तुरंत जांच करवानी चाहिए.

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ब्‍लड शुगर लो होने पर तुंरत क्‍या करें

  • ब्‍लड शुगर लो होने पर सबसे पहले आप बैठ जाएं और सिर को ऊंंचा रखें.
  • तुरंंत कोई टॉफी लें या चीनी का घोल पीएं. 
  • ग्‍लूकोज हो तो उसे एक चम्‍मच खा लें.
  • डॉक्‍टर से संपर्क करें और ब्‍लड शुगर को कुछ भी खाने के बाद तुंरत फिर से चेक करें.  
  • घबराएं नहीं और बिस्‍तर पर लेटने का प्रयास करें, ताकि चक्‍कर या बेहोशी में गिरने आद‍ि से चोट लगने से बचा जा सके. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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भारत में सात करोड़ से ज्यादा लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं और दुनिया में डायबिटीज से पीड़ित हर छठा व्यक्ति एक भारतीय है. पिछले तीन दशकों में देश में डायबिटिक रोगियों की संख्या में 150 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है और ये आंकड़ा बेहद डराने वाला है. ब्लड शुगर लेवल का बढ़ना डायबिटीज (Diabetes) कहलाता है जबकि ब्लड शुगर लेवल कम होने की स्थिति को हाइपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia) कहते हैं. 

आपने अक्सर डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर लेवल हाई होते हुए सुना होगा लेकिन कुछ मामलों में डाइबिटीज के मरीजों का ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar) लो भी हो जाता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि हाई ब्लड शुगर की तुलना में लो ब्लड शुगर ज्यादा खतरनाक है जो हार्ट, लीवर और किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं. कई बार हालात बिगड़ने पर व्यक्ति कोमा में जा सकता है जबकि कई बार मरीज की मौत भी हो जाती है. दरअसल हाई ब्लड शुगर वाले लोगों को अपने खाने में रोटी, ब्रेड, बीन्स, दूध, आलू जैसी कार्ब्स से भरपूर चीजों की कटौती करनी पड़ती है जिसकी वजह से उनमें ग्लूकोस का स्तर कम हो जाता है और मरीज हाइपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia) का शिकार हो जाता है.

अगर आपका शुगर लेवल बहुत कम हो जाता है तो ये एक खतरनाक स्थिति है जिसका तुरंत इलाज किया जाना चाहिए. ब्लड शुगर लेवल तब कम माना जाता है जब ये 70 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (mg/dl) से नीचे पहुंच जाए.इसका मतलब है कि खून में ग्लूकोज की मात्रा 70 mg/dl से कम है.कई बार ये इससे भी नीचे चला जाता है.लेकिन अगर ये स्तर 40 mg/dl से कम हो जाए तो रोगी कोमा में जा सकता है. 

हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षण
हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं. कुछ लोगों में कोई भी लक्षण नहीं दिखते जबकि कई लोगों में अचानक दिखने लगते हैं. हालांकि सामान्य स्थिति में लोगों को हार्ट बीट का घटना-बढ़ना, सिरदर्द, चेहरे का रंग पीला पड़ना, नींद ज्यादा आना, थकान रहना, बार-बार भूख लगना, धुंधला देना, भ्रम होना, खुद पर काबू ना कर पाना जैसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है।

गंभीर हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षण
गंभीर हाइपोग्लाइसीमिया में व्यक्ति बेहोश हो जाता है. कई बार मरीज को अचानक दौरे पड़ने लगते हैं. शरीर में कंपन भी होने लगता है. अगर किसी मरीज में गंभीर हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षण दिखाएं दें, तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए.

ऐसा क्यों होता है?

आहार विशेषज्ञों के अनुसार, ये स्थिति तब होती है जब आप अपने शरीर को जरूरी चीजें नहीं देते हैं. इसके अलावा बहुत अधिक इंसुलिन लेने पर, ज्यादा कसरत या शरीर को थकाने वाले काम करने और बहुत अधिक शराब पीने से भी ब्लड शुगर लेवल कम हो जाता है.हाइपोग्लाइसीमिया में रोगी को बहुत पसीना आ सकता है. ठंड, चक्कर, घबराहट और सिरदर्द का अनुभव हो सकता है. कई बार मरीज को अलग-अलग तरह का खाना खाने का मन करता है और कभी वो अपने होश खो देता है. इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि ब्लड शुगर लेवल होने पर आपको इसे सही करने के लिए क्या करना चाहिए.

ब्लड शुगर लेवल कम होने पर अपनाएं 'रूल 15'

अगर आपको हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षण महसूस होते हैं तो आपको सबसे पहले अपना ब्लड शुगर लेवल चेक करना चाहिए.
अगर शुगर लेवल 70 mg/dl से नीचे है तो आपको तुरंत 'रूल 15' का पालन शुरू कर देना चाहिए. इसका सबसे पहला स्टेप है कि आपको 15 ग्राम फास्ट-एक्टिंग कार्बोहाइड्रेट वाला कोई फूड प्रॉडक्ट जैसे तीन चम्मच चीनी, ग्लूकोज, शहद, आधा कप बिना डाइट वाला कोक या कोई भी तीन टॉफी खा सकते हैं.फास्ट-एक्टिंग कार्ब्स का मतलब उन खाने की चीजों से है जो पचने के तुरंत बाद ब्लड शुगर लेवल को बेहद तेजी से बढ़ा देती हैं. 

इसके बाद 15 मिनट के लिए इंतजार करें और फिर शुगर लेवल चेक करें.अगर ये बेहतर नहीं होता है तो फिर से फास्ट-एक्टिंग कार्ब्स का सेवन करें, जब तक ग्लूकोस का लेवल 100 mg/dl तक ना पहुँच जाए.

क्या कहते हैं डॉक्टर

नारायणा सुपरस्पैशयलिटी हॉस्पिटल के एक डॉक्टर ने बताया कि ब्लड शुगर लेवल को सामान्य करने की इस तकनीक को 15-15 रूल के नाम में भी जाना जाता है.ब्लड शुगर के 70 mg/dL से नीचे गिरने पर ये तकनीक बहुत काम आती है.जब आप कार्बोहाइड्रेट का सेवन करते हैं तो आपका शरीर उन्हें तोड़कर ग्लूकोज में बदल देता है.इससे ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बढ़ता है जिससे ब्लड शुगर लेवल भी बढ़ जाता है. उन्होंने ये भी सलाह दी कि अगर आपका ब्लड शुगर लेवल 55 mg/dl से कम है तो आपको ये तकनीक नहीं इस्तेमाल करनी चाहिए.बच्चों में लो ब्लड शुगर लेवल को ठीक करने के लिए 15 ग्राम से कम कार्ब्स की जरूरत होती है.उदाहरण के लिए शिशुओं को छह ग्राम कार्ब्स ही चाहिए, 1 से दो साल के बच्चों को आठ ग्राम कार्ब्स जबकि उससे बड़े बच्चों में शुगर लेवल सही करने के लिए 10 ग्राम कार्ब्स की ही जरूरत होती है.हर व्यक्ति की जरूरत स्थिति के हिसाब से अलग हो सकती है इसलिए मरीजों को अपने डॉक्टर की सलाह को जरूर मानना चाहिए.

शुगर कम होने पर क्या परेशानी होती है?

ब्लड शुगर कम होने के लक्षण में धुंधला दिखाई देना, सिरदर्द होना, थकान होना, घबराहट होना आदि शामिल है। लो शुगर लेवल का उपचार करने के लिए आहार, शुगरी जूस, दवाई आदि की मदद ले सकते हैं। यदि लो ब्लड शुगर का समय रहते उपचार न कराया जाए, तो इससे दौरे पड़ना, कोमा का जोखिम और जान जाने जैसी जटिलताएं हो सकती है।

शुगर कम होने के क्या लक्षण है in Hindi?

शुगर लेवल कम होने के लक्षण.
धुंधला दिखाई देना.
सिरदर्द होना या चक्कर आना.
घबराहट होना.
ज्यादा पसीना आना.
दिल की धड़कन तेज़ होना.
ज्यादा भूख लगना.

शुगर लेवल कम होने का क्या कारण है?

दवाइयों के अलावा और भी कारणों के वजहसे hypoglycemia हो सकता है। उन मेसे मुख्य कारण है alcohol का सेवन करना या फिर शरीर में hormones की कमी होना या फिर liver के सम्बंधित कोई बीमारी होना। इसलिए अपने डॉक्टर से मिलके hypoglycemia के कारणों की जांच करे।

लो शुगर लेवल कितना होना चाहिए?

नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल फास्टिंग के दौरान 99 mg/ dL या इससे कम और खाने के 1-2 घंटे बाद 140 mg/ dL या इससे कम होना चाहिए। यदि जिस व्यक्ति का फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल 130 mg/ dL से अधिक आए और खाने के 1-2 घंटे बाद ब्लड शुगर लेवल 180 mg/ dL से अधिक आए तो इसका मतलब ब्लड शुगर लेवल हाई है और आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए