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स्वरों के वर्गीकरण के छः आधार || जिह्वा के व्यवहृत, ओठों, कोमल तालु, स्वरतन्त्रिय, मात्रा काल के आधार पर
इसके पूर्व के लेख में स्वर और व्यन्जनों के बारे में जानकारी दी गई है। इस लेख में स्वरों का प्रकारों (वर्गीकरण) की जानकारी दी गई है। स्वरों का वर्गीकरण निम्नलिखित आधार पर किया जाता है- (क) जिह्वा के व्यवहृत भाग के आधार पर-मुख विवर में जीभ किसी वर्ण के उच्चारण करने में प्रमुख सहायक अङ्ग है। स्वरों के उच्चारण में जिह्वा की तीन अवस्थाएँ होती हैं। ये अवस्थाएँ जिह्वा के भागों के आधार पर हैं। इसी आधार पर स्वरों को इस प्रकार विभाजित किया जा सकता है। ध्वनि एवं
वर्णमाला से संबंधित इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।। (ख) जिह्वा के व्यवहृत भाग की ऊँचाई के आधार पर -जिह्वा के व्यवहृत भाग की ऊँचाई के आधार पर स्वरों के वर्गीकरण निम्न प्रकार से किया जाता है- चित्र देखें(ग) ओठों की स्थिति के आधार परस्वरों के उच्चारण में ओठों की दो स्थितियों बनती हैं - हिन्दी भाषा के इतिहास से संबंधित इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।। (घ) कोमल तालु के आधार परइसे ही अनुनासिका या कौवे की स्थिति भी कहते है। उच्चारण के समय कोमल तालु/ कौवे की दो स्थितियों होती है। इस स्थिति में स्वर उच्चारण दो प्रकार से होते हैं - (ङ) स्वरतन्त्रिय आधार पर या माँसपेशियों की स्थिति) -माँसपेशियों की स्थिति में होने वाली
शिथिलता और दृढ़ता के आधार पर स्वर के दो भेद है- हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी
पढ़िए।। (च) काल (मात्राकाल) के आधार परस्वर के उच्चारण में लगने वाले समय को मात्रा कहते हैं। अतः मात्रा के समय (काल) को ध्यान में रखते हुए स्वर दो हस्व और दीर्घ हैं। हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।। I Hope the above information will be useful and important. other resources Click for related information Watch video for related information
स्वरों का वर्गीकरण कितने प्रकार से होता है?स्वरों का वर्गीकरण (swar ka vargikarn). (i) ह्रस्व स्वरः जिनके उच्चारण में कम समय लगता है। ... . (ii) दीर्घ स्वर : जिनके उच्चारण में ह्रस्व स्वरों की तुलना में दुगुना समय लगता होते हैं । ... . (iii) प्लुत् स्वरः ... . (i) अग्र स्वरः ... . (ii) मध्य स्वरः ... . (iii) पश्च स्वरः ... . (i) वृत्ताकार स्वरः ... . (ii) अवृत्ताकार स्वरः. स्वर कितने प्रकार के होते हैं उनके नाम बताइए?हिंदी में स्वरों की संख्या 11 होती है जो इस प्रकार हैं – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, ऋ । भारत सरकार द्वारा स्वीकृत हिंदी के मानक वर्णमाला में स्वरों की संख्या ग्यारह है जिसमें ॠ को भी शामिल किया गया है। हिंदी में ॠ को अर्ध स्वर माना जाता है।
स्वरों का वर्गीकरण प्रमुखतः कितने आधारों पर किया जाता है?मात्रा के आधार पर स्वर
उच्चारण काल के आधार पर स्वरों के तीन भेद हैं - ह्रस्व और दीर्घ । ह्रस्व स्वर के उच्चारण में कम समय लगता है और दीर्घ स्वर के उच्चारण में अपेक्षाकृत अधिक। अ, इ, उ, ए, ओ हस्व स्वर हैं। इसी प्रकार आ, ई, ऊ, ऐ, औ दीर्घ स्वर हैं।
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