सिंधु और ब्रह्मपुत्र की क्या विशेषताएं बताई गई है short Answer - sindhu aur brahmaputr kee kya visheshataen bataee gaee hai short answair

विषयसूची

  • 1 2 सिंधु और ब्रह्मपुत्र की क्या विशेषताएँ बताई गई हैं?`?
  • 2 वहमालय की बेमट्या पाठ में नदियों और हिमालय का क्या रिश्ता कहा है?
  • 3 3 काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता क्यों कहा है?`?
  • 4 हिमालय का दामाद कौन है?

इसे सुनेंरोकेंसिंधु और ब्रह्मपुत्र की क्या विशेषताएँ बताई गयी हैं? उत्तर:- सिंधु और ब्रह्मपुत्र हिमालय की दो ऐसी नदियाँ हैं जिन्हें ऐतिहासिकता के आधार पर पुल्लिंग रूप में नद भी माना गया है। इन्हीं दो नदियों में सारी नदियों का संगम भी होता है। प्राकृतिक और भौगोलिक दृष्टि से भी इनकी महत्ता है।

वहमालय की बेमट्या पाठ में नदियों और हिमालय का क्या रिश्ता कहा है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: हिमालय का चित्रण बूढे पिता के रूप में किया गया है। वह अपने बेटियों के लिए सिर धुनता है। काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता कहा है।

पाठ में लेखक ने हिमालय और सागर के बीच कौन सा रिश्ता बतायाहै?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: हिमालय से निकली हुई नदियां समुद्र में मिल जाती है जैसे एक पिता अपनी पुत्री को अपने दामाद को सौंप देता है उसी प्रकार हिमालय ने अपनी नदियों को समुद्र को सौंप दिया है इसलिए लेखक ने हिमालय और समुद्र का रिश्ता ससुर और दामाद का बताया है ।

प्रश्न 3 काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता क्यों कहा है?

इसे सुनेंरोकेंप्रश्न3. काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता क्यों कहा है? हैं और फिर भी धरती का कल्याण करती हैं। दुख सह कर भी माता ही भला करती हैं, इसलिए काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता कहा है।

3 काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता क्यों कहा है?`?

इसे सुनेंरोकें3. काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता क्यों कहा है? काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता इसलिए कहा है क्योंकि ये युगों से एक माँ की तरह हमारा भरण-पोषण करती रही है। ये हमें पीने को जल तथा मिट्टी को उपजाऊ बनाने में सहायक होती हैं।

हिमालय का दामाद कौन है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर- लेखक ने हिमालय को ससुर और समुद्र को उसका दामाद कहा है।

लेखक ने नदियों और हिमालय का क्या रिश्ता बताया?

इसे सुनेंरोकेंलेखक ने नदियों को हिमालय की बेटियाँ कहा है, क्योंकि वह नदियों का उद्गम स्थल है। पर हम उन्हें माँ समान ही कहना चाहेंगे, क्योंकि वे हमें तथा धरती को जल प्रदान करती हैं।

हिमालय की बेटियाँ पाठ के अनुसार लेखक ने हिमालय और समुद्र के बीच क्या संबंध बताया है?

इसे सुनेंरोकेंकहा जाता है कि ये दो ऐसी नदियाँ हैं जो दयालु हिमालय के पिघले हुए दिल की एक-एक बूंद से निर्मित हुई हैं। इनका रूप विशाल और विराट है। इनका रूप इतना लुभावना है कि सौभाग्यशाली समुद्र भी पर्वतराज हिमालय की इन दो बेटियों का हाथ थामने पर गर्व महसूस करता है।

Q2. सिंधु और ब्रह्मपुत्र की क्या विशेषताएँ बताई गयी हैं?

Answer :
सिंधु और ब्रह्मपुत्र हिमालय की दो ऐसी नदियाँ हैं जिन्हें ऐतिहासिकता के आधार पर पुल्लिंग रूप में नद भी माना गया है। इन्हीं दो नदियों में सारी नदियों का संगम भी होता है। प्राकृतिक और भौगोलिक दृष्टि से भी इनकी महत्ता है। कहा जाता है कि ये दो ऐसी नदियाँ हैं जो दयालु हिमालय की पिघले हुए दिल की एक-एक बूँद से निर्मित हुई हैं। इनका रूप विशाल और विराट है। इनका रूप इतना लुभावना है कि सौभाग्यशाली समुद्र भी पर्वतराज हिमालय की इन दो बेटियों का हाथ थामने पर गर्व महसूस करता है।


लेख से

प्रश्न 1: नदियों को माँ मानने की परंपरा हमारे यहाँ काफी पुरानी है। लेकिन लेखक नागार्जुन उन्हें और किन रूपों में देखते हैं?

उत्तर: नागार्जुन नदियों को बेटी, बहन और प्रेयसी के रूप में देखते हैं।

प्रश्न 2: सिंधु और ब्रह्मपुत्र की क्या विशेषताएँ बताई गई हैं?

उत्तर: सिंधु और ब्रह्मपुत्र को महानद कहा गया है। इन दोनों नदियों की विशालता के कारण इन्हें यह विशेषण दिया गया है।


प्रश्न 3-1. नदियों को माँ मानने की परम्परा हमारे यहाँ काफ़ी पुरानी है। लेकिन लेखक नागार्जुन उन्हें और किन रूपों में देखते हैं?

उत्तर : नदियों को माँ मानने की परम्परा हमारे यहाँ काफ़ी पुरानी है लेकिन लेखक नागार्जुन उन्हें बेटियों, प्रेयसी व बहन के रूपों में भी देखते हैं।

प्रश्न 3-2. सिंधु और ब्रह्मपुत्र की क्या विशेषताएँ बताई गयी हैं?

उत्तर : सिंधु और ब्रह्मपुत्र दोनों महानदियाँ हैं जिनमें सारी नदियों का संगम होता है। ये दो ऐसी नदियाँ हैं जो दयालु हिमालय के पिघले हुए दिल की एक-एक बूँद से निर्मित हुई हैं। इनका रूप इतना लुभावना है कि सौभाग्यशाली समुद्र भी पर्वतराज हिमालय की इन दो बेटियों का हाथ थामने पर गर्व महसूस करता है। इनका रूप विशाल और विराट है।

प्रश्न 3-3. काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता क्यों कहा है?

उत्तर : काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता इसलिए कहा है क्योंकि ये युगों से एक माँ की तरह हमारा भरण-पोषण करती रही है। ये हमें पीने को जल तथा मिट्टी को उपजाऊ बनाने में सहायक होती हैं। जिस तरह माता तमाम कष्ट सहने के बावजूद अपने पुत्रों का भला चाहती हैं उसी तरह नदियाँ भी मनाव द्वारा दूषित किये जाने के बावजूद जगत का कल्याण करती हैं।

प्रश्न 3-4. हिमालय की यात्रा में लेखक ने किन-किन की प्रशंसा की है?

उत्तर : हिमालय की यात्रा में लेखक ने इसके अनुपम छटा की, इनसे निकलने वाली नदियों की अठखेलियों की, बर्फ से ढँकी पहाड़ियों सुंदरता की, पेड़-पौधों से भरी घाटियों की, देवदार, चीड, सरो, चिनार, सफैदा, कैल से भरे जंगलों की प्रशंसा की है।

सिंधु और ब्रह्मपुत्र की क्या क्या विशेषता बताई गई है?

सिंधु और ब्रह्मपुत्र की क्या विशेषताएँ बताई गयी हैं? उत्तर:- सिंधु और ब्रह्मपुत्र हिमालय की दो ऐसी नदियाँ हैं जिन्हें ऐतिहासिकता के आधार पर पुल्लिंग रूप में नद भी माना गया है। इन्हीं दो नदियों में सारी नदियों का संगम भी होता है। प्राकृतिक और भौगोलिक दृष्टि से भी इनकी महत्ता है।

सिंधु और ब्रह्मपुत्र की क्या विशेषताएँ बताई गई हैं काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता क्यों कहा है?

काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता क्यों कहा है? उत्तर : काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता इसलिए कहा है क्योंकि ये युगों से एक माँ की तरह हमारा भरण-पोषण करती रही है। ये हमें पीने को जल तथा मिट्टी को उपजाऊ बनाने में सहायक होती हैं

सिंधु और ब्रह्मपुत्र को लेखक ने क्या माना है?

लेखक ने सिंधु और ब्रहमपुत्र की विशेषताएँ बतायी हैं कि ये दोनों नदियाँ ऐसी हैं कि जो दयालु हिमालय के पिघले हुए दिल की एक-एक बूंद से बनी हैं। इनका स्वरूप विशाल और वृहत है। इनकी सुंदरता इतनी लुभावनी है कि समुद्र भी पर्वतराज की इन दोनों बेटियों का हाथ सँभालने में सौभाग्यशाली समझते हैं।

नागार्जुन उन्हें और किन रूपों में देखते हैं 2 सिंधु और ब्रह्मपुत्र की क्या विशेषताएँ बताई गई हैं?

उत्तर: नागार्जुन नदियों को बेटी, बहन और प्रेयसी के रूप में देखते हैं। प्रश्न 2: सिंधु और ब्रह्मपुत्र की क्या विशेषताएँ बताई गई हैं? उत्तर: सिंधु और ब्रह्मपुत्र को महानद कहा गया है। इन दोनों नदियों की विशालता के कारण इन्हें यह विशेषण दिया गया है।