प्रश्न 1. ‘अतीत में दबे पाँव’ पाठ के आधार पर सिंधु घाटी सभ्यता की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।उत्तर: मुअन-जो-दड़ो नगर मानव निर्मित छोटे-मोटे टीलों पर आबाद था। यह सिंधु घाटी सभ्यता के परिपक्व दौर का सबसे उत्वृळष्ट नगर है। यह नगर अपने दौर में सभ्यता का वेळन्द्र था। Show प्रश्न 2. महाकुण्ड में अशुद्ध जल को रोकने की क्या व्यवस्था थी? ‘अतीत में दबे पाँव’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए। प्रश्न 3. मुअन-जो-दड़ो का शाब्दिक अर्थ क्या है? यह कहाँ स्थित है? प्रश्न 4. मुअन-जो-दड़ो की सभ्यता को लो-प्रोफाइल सभ्यता क्यों कहा जाता है? प्रश्न 5. सिन्धु घाटी सभ्यता में किन-किन ड्डषि उपजों के उत्पादन के प्रमाण प्राप्त होते हैं? ‘अतीत के दबे पाँव’ के आधार पर लिखिए। प्रश्न 6. कैसे कहा जा सकता है कि मुअन-जो-दड़ो की सभ्यता में आडम्बर नहीं था ? उदाहरण भी दीजिए प्रश्न 7. ‘सिन्धु घाटी के लोगों में कला या सुरुचि का महत्त्व ज्यादा था’-टिप्पणी कीजिए प्रश्न 8. ‘सिंधु घाटी सभ्यता महान किन्तु आडम्बर विहीन थी’ इस कथन पर सोदाहरण प्रकाश डालिए प्रश्न 9. ‘कला की दृिष्ट से हडप़्पा सभ्यता सम्पन्न थी’ पाठ के आधार पर सादेाहरण स्पष्ट कीजिए प्रश्न 10. मुअन-जो-दड़ो की नगर योजना आज के सेक्टर मार्का काॅलोनियो के नीरस नियोजन की अपेक्षा ज्यादा रचनात्मक है कृटिप्पणी कीजिए अथवा मुअन-जो-दड़ो का अनूठा नगर नियोजन आधुनिक नगर-नियोजन के प्रतिमान नगरों में बेहतर क्यों है ? उदाहरण के आधार पर स्पष्ट कीजिए प्रश्न 11. मुअन-जो-दड़ों
ताम्रकाल के शहरों में सबसे उत्कृष्ट क्यों था? ‘अतीत के दबें पाँव’ के आधार पर स्पष्ट कीजिए। प्रश्न 12. सिन्धु सभ्यता साधन-सम्पन्न थी, पर उसमें भव्यता का आडम्बर नहीं था, कैसे ? अथवा ‘अतीत में दबे पाँव’ के आधार पर प्रतिपादित कीजिए कि सिन्धु सभ्यता में भव्यता का आडम्बर नहीं
था। प्रश्न 13. मुअन-जो-दड़ो कहाँ है ? यह क्यों प्रसिद्ध है ? प्रश्न 14. ‘अतीत के दबे पाँव’ के आधार पर ‘महाकुण्ड’ की रचनागत विशेषताओं का उल्लेख कीजिए प्रश्न 15. मुअन-जो-दड़ो की बड़ी बस्ती के बारे में बताइए प्रश्न 16. सिंधु सभ्यता की खूबी उसका सौंदर्य-बोध है जो राजपोषित या धर्म-पोषित न होकर समाज-पोषित था। ऐसा क्यों कहा गया ? सिंधु सभ्यता की खूबी क्या है?वास्तुकला या नगर-नियोजन ही नहीं, धातु और पत्थर की। मूर्तियाँ, मृद्-भांडे, उन पर चित्रित मनुष्य, वनस्पति और पशु-पक्षियों की छवियाँ, सुनिर्मित मुहरें, उन पर बारीकी से उत्कीर्ण आकृतियाँ, खिलौने, केश-विन्यास, आभूषण और सबसे ऊपर सुघड़ अक्षरों का लिपिरूप सिंधु सभ्यता को तकनीक-सिद्ध से ज्यादा कला-सिद्ध जाहिर करता है।
सिंधु घाटी सभ्यता की प्रमुख विशेषता क्या है?अन्न भंडारों का निर्माण हड़प्पा सभ्यता के नगरों की प्रमुख विशेषता थी। जली हुई ईंटों का प्रयोग हड़प्पा सभ्यता की एक प्रमुख विशेषता थी क्योंकि समकालीन मिस्र में मकानों के निर्माण के लिये शुष्क ईंटों का प्रयोग होता था। हड़प्पा सभ्यता में जल निकासी प्रणाली बहुत प्रभावी थी।
सिंधु सभ्यता की खूबी उस का सौंदर्य बोध है जो राजपोषित या धर्म पोषित न होकर समाज पोषित था ऐसा क्यों कहा गया?इस सभ्यता ने भव्यता को महत्व नहीं दिया है। यह कलात्मकता को महत्व देती है। अतः हम कह सकते हैं कि यहाँ के लोग बोध कला में रुचि रखते थे। यहाँ की नगर व्यवस्था, पत्थर तथा धातु से बनी मूर्तियाँ, पशु-पक्षियों की आकृतियाँ, सुंदर मुहरें, खिलौने, बालों को सवारने का कंघा, गहने इत्यादि इसके सौंदर्य बोध का प्रमाण देते हैं।
सिन्धु घाटी की सभ्यता की मुख्य नियोजना विशेषताएं क्या है?इस सभ्यता के विभिन्न स्थलों से कला के जो रूप प्राप्त हुए हैं, उनमें प्रतिमाएँ, मुहरें, मिट्टी के बर्तन, आभूषण, पकी हुई मिट्टी की मूर्तियाँ आदि शामिल हैं। उस समय के कलाकारों में निश्चित रूप से उच्च कोटि की कलात्मक सूझ-बूझ और कल्पनाशक्ति विद्यमान थी।
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