सतत विकास के घटक क्या हैं? - satat vikaas ke ghatak kya hain?

इसे सुनेंरोकेंमानव, सतत् विकास का केन्द्र बिन्दु है तथा उसे स्वस्थ जीवन जीने का अधिकार है जो प्रकृति से सामंजस्य से ही सम्भव है । सतत विकास हेतु पर्यावरण संरक्षण हेतु विश्व के देशों में एकजुटता आवश्यक है । विकासशील देशों में संसाधनों की कमी इसमें बाधक न हो इस कारण विकसित देशों को इन्हें संसाधन देने चाहिए ।

टिकाऊ विकास कमीशन कब लागू किया गया था?

इसे सुनेंरोकेंयह सम्मेलन 1992 में हुए पृथ्वी सम्मेलन की याद में आयोजित किया जा रहा है। रियो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक अनूठा सम्मेलन था जिसने राजनीतिक एजेंडे के रूप में टिकाऊ विकास की अवधारणा प्रस्तुत की।

पर्यावरण सतत विकास क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसतत विकास के अंतर्गत प्राकृतिक संसाधनो के संरक्षण का प्रयास किया जाता है, जिससे उन्हे आने वाली पीढ़ीयों के जरुरतो को पूरा करने के लिए बचाया जा सके। सबसे जरुरी यह है कि हमे अपने आने वाले पीढ़ीयो के सुरक्षा के लिए हमे सतत विकास को इस प्रकार से बरकरार रखने की आवश्यकता है जिससे पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके।

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सतत विकास की क्या विशेषताएं बताइए?

इसे सुनेंरोकें1. सतत विकास एक प्रक्रिया है, जिसमें पर्यावरणीय, सामाजिक व आर्थिक संसाधनों के दोहन को इस तरह से लागू करने पर जोर दिया जाता है कि संसाधन पूर्ण रूप से नष्ट न हो। भविष्य में संसाधनों के पुन: उपयोग को महत्व दिया जाता है। सतत विकास में आर्थिक के साथ-साथ सामाजिक समता व पर्यावरणीय गुणवत्ता को भी महत्व दिया जाता है।

सतत आर्थिक विकास क्या है?

इसे सुनेंरोकें”सतत विकास वह विकास है जो भविष्य की पीढ़ियों की अपनी जरूरतों को पूरा करने की क्षमता से समझौता किए बिना वर्तमान की जरूरतों को पूरा करता है।”

सतत विकास क्या है और कैसे यह महिलाओं की समानता संबंधित है?

इसे सुनेंरोकेंमहिलाओं से संबंधित सतत विकास लक्ष्य किशोरियों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं और वृद्ध व्यक्तियों की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करना। वैश्विक मातृत्व मृत्यु दर की प्रति 100,000 जीवित जन्म पर 70 से कम करना। परिवार नियोजन, जागरूकता और शिक्षा के साथ यौन और प्रजनन स्वास्थ्य देखभल सेवाओं की सार्वभौमिक पहुँच।

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सतत विकास के घटक क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसतत् विकास के घटक आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय हैं। शब्द, “सतत्ता” विकास और पर्यावरण के बीच की खाई को पाटने का उल्लेख करता है। इस इकाई में सतत् विकास के तीन घटकों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। i) सामाजिक और आर्थिक आयाम (Social and Economic Dimension): गरीबी से लड़ना और सतत शहरी नियोजन को बढ़ावा देना।

सतत विकास क्या H?

इसे सुनेंरोकेंसतत विकास एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाता है, कि वर्तमान पीढी की आवश्यकताओं को पूरा करनें के साथ- साथ भावी सन्तति की आकांक्षाओं और आवश्यकताओं की पूर्ति में कठिनाई न हो। आज सतत विकास अति आधुनिक और महत्वपूर्ण मुद्दा है। इस मुद्दे से सम्बन्धित आज विश्व में अनेक कार्यक्रम कार्यान्वित किये गये हैं।

इसे सुनेंरोकेंसतत आर्थिक विकास, एक राष्ट्रीय पहल है जो स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं की विशिष्ट परिसंपत्तियों पर बनाई गई है ताकि उनकी व्यक्तिगत चुनौतियों का सामना किया जा सके और उन्हें वास्तविक रूप से वास्तविक लाभ प्रदान किया जा सके।

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सतत विकास का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंसतत विकास एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाता है, कि वर्तमान पीढी की आवश्यकताओं को पूरा करनें के साथ- साथ भावी सन्तति की आकांक्षाओं और आवश्यकताओं की पूर्ति में कठिनाई न हो। आज सतत विकास अति आधुनिक और महत्वपूर्ण मुद्दा है।

सतत विकास से क्या समझते हो?

संधारणीय विकास का अर्थ क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसंधारणीय विकास अथवा टिकाऊ विकास (Sustainable Development), विकास की वह अवधारणा है जिसमें विकास की नीतियां बनाते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि मानव की न केवल वर्तमान आवश्यकताओं की पूर्ति हो, वरन् अनन्त काल मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति सुनिश्चित हो सके। इसमें प्राकृतिक पर्यावरण की सुरक्षा पर विशेष बल दिया जाता है। .

इसे सुनेंरोकेंसतत विकास की परिभाषा: अपनी 1987 की रिपोर्ट “हमारा साझा भविष्य” में ब्रटलैंड आयोग के अनुसार, “सतत विकास विकास है कि वर्तमान की जरूरतों को पूरा करता है, भविष्य की पीढ़ियों की क्षमता से समझौता करने के लिए अपनी जरूरतों को पूरा करने के बिना.” सतत विकास सिर्फ पर्यावरण के बारे में नहीं है, उससे कहीं ज्यादा व्यापक है ।

सतत विकास का आधार क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसतत विकास से हमारा अभिप्राय ऐसे विकास से है, जो हमारी भावी पीढ़ियों की अपनी जरूरतें पूरी करने की योग्यता को प्रभावित किए बिना वर्तमान समय की आवश्यकताएं पूरी करे। भारतीयों के लिए पर्यावरण संरक्षण, जो सतत विकास का अभिन्न अंग है, कोई नई अवधारणा नहीं है।

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निर्धनता के क्या क्या लक्षण हैं?

इसे सुनेंरोकेंखंड 4.2 तथा 4.3 में आपने पढ़ा है कि निर्धनों की पहचान केवल उनकी कम आय और व्यय ही नहीं है। इसके और कई लक्षण भी हैं: जैसे, भूमि, निवास, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएँ, स्वच्छता आदि के अभाव। साथ ही भेदभावपूर्ण व्यवहार आदि भी निर्धनता का ही एक लक्षण है।

एक देश निर्धन है क्योंकि वह निर्धन है यह कथन किसका है?

इसे सुनेंरोकेंबीरा एन्सटे ने अपनी पुस्तक ‘भारत का आर्थिक विकास’ में लिखा है कि “भारत एक धनी देश है किन्तु यहाँ के निवासी निर्धन हैं।” यह कथन उचित है क्योंकि जहाँ एक ओर भारत के पास प्राकृतिक एवं मानवीय साधनों की अधिकता है जो इसकी समृद्धि का द्योतक है। वहीं दूसरी ओर देश की अधिकांश जनसंख्या गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही है।

सतत विकास क्या है विकिपीडिया?

इसे सुनेंरोकेंसतत विकास का अर्थ (Meaning of Sustainable Development): पर्यावरण के ह्रास को रोकने तथा भूमंडलीय तापन (Global Warming) की समस्या के समाधान के लिये टिकाऊ विकास अनिवार्य है । वर्ष 1992 की पृथ्वी शिखर सम्मेलन में सतत विकास और उससे होने वाले सामाजिक एवं आर्थिक लाभों पर लंबी परिचर्चा की गई थी ।

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सतत विकास का महत्व क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसतत् आर्थिक विकास में प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, गरीबी, उन्मूलन, सामाजिक न्याय पर जोर दिया जाता है। जिससे जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि होती हैं। सतत् विकास में ऐसी उत्पादन तकनीकी को अपनाया जाता है तो पर्यावरण के अनुकूल हो। फलतः पर्यावरण प्रदूषण की समस्या नहीं उत्पन्न होती है।

सतत विकास के घटक क्या हैं?

इसे सुनेंरोकेंसतत् विकास के घटक आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय हैं। शब्द, “सतत्ता” विकास और पर्यावरण के बीच की खाई को पाटने का उल्लेख करता है। इस इकाई में सतत् विकास के तीन घटकों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। i) सामाजिक और आर्थिक आयाम (Social and Economic Dimension): गरीबी से लड़ना और सतत शहरी नियोजन को बढ़ावा देना।

सतत विकास के महत्व क्या है?

निर्धनता से संबंधित प्रमुख चुनौतियां क्या है?

इसे सुनेंरोकें(1) चीन और दक्षिण – पूर्वी एशिया के देशों में ( जैसे भारत, पाकिस्तान,श्रीलंका, नेपाल,बांग्लादेश,भूटान आदि में) तीव्र आर्थिक प्रगति और मानव संसाधन विकास में काफी अच्छे निवेश के कारण गरीबी में काफी कमी आई है। (2) दक्षिणी अमेरिका के देशों में निर्धनता का अनुपात लगभग वही बना रहा।

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भूमिहीनता क्या है?

इसे सुनेंरोकेंभूमिहीनता भूमि के बिना, भूमि तक पहुंच के बिना, या भूमि के निजी स्वामित्व के बिना होने की गुणवत्ता या स्थिति है ।

निर्धनता क्या है भारत में निर्धनता के कारण बताइए?

इसे सुनेंरोकेंजनसंख्या के अत्यधिक बढ़ जाने से सबकी आवश्यकताओं की भली प्रकार पूर्ति नहीं हो पाती और देश में निर्धनता फैलती है । यातायात के साधनों का अभाव आदि उद्योग और व्यापार की उन्नति में बाधक जितने भी कारक हैं उन सभी से निर्धनता बढ़ती है । अतः निर्धनता स्वयं निर्धनता बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है ।

सतत विकास के घटक क्या है?

सतत् विकास के घटक आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय हैं ।

सतत विकास के लिए क्या आवश्यक है?

सतत विकास महत्वपूर्ण है क्योंकि यह राष्ट्रीय बजट को बचाता है, लोगों की आवश्यकता को पूरा करता है, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करता है, प्राकृतिक संसाधनों और लोगों के बीच समन्वय में मदद करता है, और भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करता है।

सतत विकास कितने प्रकार के होते हैं?

सामाजिक संघटक : "सामाजिक सतत विकास की अवधारणा में शामिल हैं: सामाजिक इक्विटी, देयता, स्वास्थ्य इक्विटी, सामुदायिक विकास, सामाजिक पूंजी, सामाजिक समर्थन, मानव अधिकार, श्रम अधिकार, स्थान, सामाजिक जिम्मेदारी, सामाजिक न्याय, सांस्कृतिक क्षमता, समुदाय लचीलापन, और मानव अनुकूलन।

सतत विकास की परिभाषा क्या है?

सतत विकास की परिभाषा, सिद्धांत सतत विकास एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाता है, कि वर्तमान पीढी की आवश्यकताओं को पूरा करनें के साथ- साथ भावी सन्तति की आकांक्षाओं और आवश्यकताओं की पूर्ति में कठिनाई न हो। आज सतत विकास अति आधुनिक और महत्वपूर्ण मुद्दा है।