Haryana State Board HBSE 6th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 6 पार नज़र के Textbook Exercise Questions and Answers. कहानी से पार नज़र के
प्रश्न उत्तर HBSE 6th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 6 प्रश्न 1. पाठ 6 पार नज़र के प्रश्न उत्तर HBSE 6th Class Hindi Solutions Vasant प्रश्न 2. पार नज़र के सारांश HBSE 6th Class Hindi Solutions Chapter 6 प्रश्न 3. पाठ 6 पार नज़र के HBSE 6th Class
Hindi Solutions Vasant Chapter 6 प्रश्न 4. इस परिवर्तन की जड़ में था-सूरज में हुआ परिवर्तन। सूरज से
हमें रोशनी मिलती है, ऊष्णता मिलती है। इन्हीं तत्वों से जीवों का पोषण होता है। सूरज में परिवर्तन होते ही यहाँ का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ गया। प्रकृति के बदले हुए रूप का सामना करने में यहाँ के पशु-पक्षी, पेड़-पौधे तथा अन्य जीव अक्षम साबित हुए और सब कुछ नष्ट हो गया। Paar
Nazar Ke Shabdarth HBSE 6th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 6 प्रश्न 5. Paar Nazar Ke Summary In Hindi HBSE 6th Class Chapter 6 प्रश्न 6. नंबर तीन वैज्ञानिक की राय थी- “जहाँ तक हो सके, हमें अपने अस्तित्व को छुपाए ही रखना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि जिन लोगों ने ये अंतरिक्षयान भेजे हैं, वे कल को इनसे भी बड़े सक्षम अंतरिक्षयान भेजें। हमें यहाँ का प्रबंध कुछ इस तरह रखना चाहिए जिससे इन यंत्रों को यह गलतफहमी हो कि इस जमीन पर कोई भी चीज इतनी महत्त्वपूर्ण नहीं है कि जिससे वे लाभ उठा सके। अध्यक्ष महोदय से मैं यह दरख्वास्त करता हूँ कि इस तरह का प्रबंध हमारे यहाँ किया जाए।” नंबर तीन सामाजिक व्यवस्था का काम देखते थे। कहानी से आगे 1. (क) दिलीप एम, साल्वी 2. इस पाठ में अंतरिक्ष यान अजनबी बनकर आता है। ‘अजनबी’ शब्द पर सोचो। इंसान भी कई बार अजनबी माने जाते हैं और कोई जगह या शहर भी। क्या तुम्हारी मुलाकात ऐसे किसी अजनबी से हुई है ? नए स्कूल का पहला अनुभव कैसा था ? क्या
उसे भी अजनबी कहोगे ? अगर हाँ, तो ‘अजनबीपन’ दूर कैसे हुआ ? इस पर सोचकर कुछ लिखो। भाषा की बात 1. सिक्योरिटी-पास उठाते ही दरवाजा बंद हो गया। इस बात को हम निम्नलिखित तरीके से भी कह सकते हैं- जैसे ही कार्ड उठाया, दरवाजा बंद हो गया। ध्यान दो, दोनों वाक्यों में क्या अंतर है। ऐसे वाक्यों के तीन जोड़े तुम स्वयं सोचकर लिखो। 2. डॉक्टर के आते ही मरीज मर गया। 3. सीटी बजाते ही रेलगाड़ी चल दी। 2. छोटू ने चारों तरफ नजर दौड़ाई। 3. नीचे दो-दो शब्दों की कड़ी दी गई है। प्रत्येक कड़ी का एक शब्द संज्ञा है और दूसरा शब्द विशेषण है। वाक्य बनाकर समझो और बताओ कि इनमें से कौन से शब्द संज्ञा हैं और कौन से विशेषण। 4. पाठ से फ और ज वाले (नुक्ते वाले) चार-चार शब्द छाँटकर लिखो। इस सूची में तीन-तीन शब्द अपनी ओर से भी जोड़ो। HBSE 6th Class Hindi पार नज़र के Important Questions and Answersपार नज़र के HBSE 6th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 6 प्रश्न 1. Hindi Paar Nazar Ke HBSE 6th Class Vasant Chapter 6 प्रश्न 2. Paar Nazar Ke Hindi Solutions Vasant Chapter 6
HBSE 6th Class प्रश्न 3. प्रश्न 4. अंतरिक्ष यान बेकार कर, जमीन पर उतरने पर मजबूर कर देने वाले यंत्र हमारे पास नहीं हैं। हालाँकि, अगर ये अंतरिक्ष यान खुद-ब-खुद जमीन पर उतरते हैं, तो उन्हें बेकार कर देने की क्षमता हममें अवश्य है। मेरी जानकारी के अनुसार इन अंतरिक्ष यानों में सिर्फ यंत्र हैं। किसी तरह के जीव इनमें सवार नहीं हैं।” प्रश्न 5. मगर अब हमारे लिए यह असंभव है। उसके लिए आवश्यक मात्रा में ऊर्जा तो हो। काश! इस नए मेहमान को नजदीक से देखा जा सकता। हाँ, अगर वह इसी तरफ आ रहा होगा, तब तो यह संभव हो सकेगा। प्रश्न 6. प्रश्न
7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14, पार नज़र के Summary in Hindiपार नज़र के पाठ का सार ‘पार नजर के’ विज्ञान पर आधारित काल्पनिक कथा है। इसमें ऐसी स्थिति की परिकल्पना की गई है जब सूर्य अपना ताप और ऊर्जा देना बंद कर दे और लोगों को पृथ्वी के अंदर सुरंग बनाकर यंत्रों के सहारे जीवन बिताना पड़े। यंत्रों से संचालित और चारों ओर से सुरक्षित वहाँ का तंत्र-जाल अपने-आप में रोमांचकारी एवं विस्मय से पूर्ण है। इस कथा में वर्णित बातें काल्पनिक लग सकती हैं, लेकिन लगभग सौ साल पहले लिखी वैज्ञानिक-कथा में वर्णित कई बातें बाद में सच निकलीं। छोटू के पापा एक सुरंगनुमा रास्ते में काम करते जाया करते थे। आम आदमी के लिए इस रास्ते से जाने की मनाही थी। कुछ चुने हुए लोग ही इस सुरंगनुमा रास्ते का इस्तेमाल कर सकते थे और छोटू के पापा इन्हीं चुनिंदा लोगों में से एक थे। वैसे तो उनकी पूरी कॉलोनी ही जमीन के नीचे बसी थी। एक छुट्टी के दिन पापा घर में आराम फरमा रहे थे। चोरी-छिपे छोटू ने पापा का सिक्योरिटी पास हथिया लिया और चल दिया सुरंग की ओर। भाषण में बताया कि जानकारी मिली है कि दो अंतरिक्ष यान हमारे ग्रह की तरफ बढ़े चले आ रहे हैं। एक हमारे गिर्द चक्कर काट रहा है, पर दूसरा अभी दूर है। अब हमें कोई सुनिश्चित योजना बनानी होगी। नंबर एक ने बताया कि हम इन दोनों अंतरिक्ष यानों को जलाकर खाक कर देने की क्षमता रखते हैं। मगर इससे हमें कोई जानकारी हासिल नहीं हो सकेगी। नंबर दो वैज्ञानिक ने भी इसकी बात का समर्थन किया। हमें अपने अस्तित्व को छिपाए रखना चाहिए। इन यंत्रों को यह गलतफहमी बनी रहे कि इस जमीन पर कोई भी चीज इतनी महत्वपूर्ण नहीं है जिससे वे लाभ उठा सकें। अध्यक्ष कुछ बोलने ही जा रहे थे कि फोन की घंटी बजी। अध्यक्ष ने सभा को संबोधित करते हुए बताया कि अंतरिक्ष क्रमांक एक हमारी जमीन पर उतर चुका है। वह दिन छोटू के लिए बहुत महत्वपूर्ण था। पापा उसे कंट्रोल रूम में ले गए थे। यहाँ से वह अंतरिक्ष यान साफ नजर आ रहा था। उसका निरीक्षण जारी है। उन्होंने छोटू को एक कॉन्सोल दिखाया, जिस पर कई बटन थे। अंतरिक्ष यान से एक यांत्रिक हाथ बाहर निकल आया। उसकी लंबाई बढ़ती ही जा रही थी। वह जमीन तक पहुँचकर मिट्टी खोद लेना चाहता था। सभी कुछ स्क्रीन पर दिखाई दे रहा था। छोटू कॉन्सोल के एक बटन दबाने की इच्छा को रोक नहीं पाया। लाल बटन के दबते ही खतरे की घंटी बजी। उस अंतरिक्ष यान के यांत्रिक हाथ की हरकत अचानक रुक गई। यंत्र बेकार हो गया। नासा से सूचना प्रसारित हो गई कि अंतरिक्ष यान का एक हाथ बेकार हो गया है, उसे ठीक करने के प्रयास चल रहे हैं। हाथ को ठीक करने में सफलता मिल गई है। अब वह मंगल ग्रह की मिट्टी के विभिन्न नमूने इकट्ठे करने का काम कर रहा है। पृथ्वी के वैज्ञानिक मंगल की इस मिट्टी का अध्ययन करने को बड़े उत्सुक थे। उन्हें लगता था कि इस मिट्टी के अध्ययन से पता लगाया जा सकेगा कि क्या मंगल ग्रह पर भी पृथ्वी की तरह जीव-सृष्टि का अस्तित्व है ? सूर्यमाला में स्थित सभी ग्रह अपनी अलग विशेषताएँ रखते हैं। पृथ्वी और मंगल ग्रह की स्थितियों में काफी समानताएँ हैं। इसलिए पृथ्वी के अलावा मंगल ग्रह पर ही जीव-सृष्टि की संभावना हो सकती है। मगर वाइकिंग मिशन ने इस जिज्ञासा का नकारात्मक उत्तर दिया। पृथ्वी स्थित वैज्ञानिकों को ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला जिसके आधार पर वे कह सकें कि मंगल ग्रह पर भी जीवन है। सुरंगनुमा रास्ते के अंदर दीये जल रहे थे। दरवाजे में एक खाँचा बना हुआ था। छोटू ने खाँचे में कार्ड डाला और तुरंत दरवाजा खुल गया। छोटू ने सुरंग में प्रवेश किया। अंदर वाले खाँचे में सिक्योरिटी कार्ड आ पहुँचा था। छोटू ने कार्ड उठाया तो दरवाजा बंद हो गया। सुरंग में जगह-जगह लगाए गए निरीक्षक यंत्रों की जानकारी छोटू को नहीं थी। उसके प्रवेश करते ही निरीक्षक यंत्र में संदेह की स्थिति दर्ज हुई। इतने छोटे कद का आदमी सुरंग में कैसे आया ? दूसरे निरीक्षक यंत्र ने तुरंत छोटू की तस्वीर खींच ली। तस्वीर की जाँच कर खतरे की सूचना दे दी गई। तभी सिपाही दौड़े और छोटू को पकड़कर वापस घर छोड़ आए। वो तो छोटू के पापा ने उसे बचा लिया वरना उसका बचना मुश्किल था। छोटू ने पापा से पूछा- “आप वहाँ कैसे जाते हैं?” उसके पापा ने बताया कि मैं वहाँ एक खास किस्म का स्पेस सूट पहनकर जाता हूँ। इससे मुझे ऑक्सीजन मिलती है और मैं बाहर की ठंड से बच जाता हूँ। मैं वहाँ खास किस्म के जूते पहनता हूँ। उसके पापा ने और भी बहुत कुछ बताया- एक समय था जब सभी लोग जमीन के ऊपर ही रहते थे। उन्हें किसी खास पोशाक पहनने की जरूरत नहीं पड़ती थी, लेकिन धीरे-धीरे वातावरण में परिवर्तन आने लगा और जीव मरने लगे। सूरज में भी परिवर्तन हुआ। प्राकृतिक संतुलन बिगड़ गया। बदली प्रकृति के रूप का सामना करने में पशु-पक्षी, पेड़-पौधे और अन्य जीव अक्षम साबित हुए। केवल हमारे पूर्वजों ने इस स्थिति का सामना किया। हमने अपने तकनीकी ज्ञान के आधार पर जमीन के नीचे अपना घर बना लिया। जमीन के ऊपर लगे यंत्रों के सहारे हम सूरज की गरमी और रोशनी का इस्तेमाल करते आ रहे हैं। इन यंत्रों के सहारे ही हम जीवन के नीचे रह रहे हैं। मुझ जैसे चुनिंदा लोग ही इन यंत्रों का ध्यान रखते हैं। दूसरे दिन छोटू के पापा काम पर चले गए तो वहाँ का वातावरण बदला-बदला सा था। स्क्रीन पर एक बिंदु झलक रहा था। कंप्यूटर के अनुसार यह हमारी धरती की ओर बढ़ता चला आ रहा था। छोटू के पापा सोचने लगे कि कहीं यह अंतरिक्ष यान तो नहीं है ? यह कहाँ से आ रहा होगा ? छोटू के पापा ने उसे देखना जारी रखा। कॉलोनी की प्रबंध समिति की सभा बुलाई गई। अध्यक्ष ने अपने भाषण में कहा- “दो अंतरिक्ष यान हमारे ग्रह की तरह बढ़ते चले आ रहे हैं। इनमें से एक यान हमारे इर्द-गिर्द चक्कर काट रहा है, दूसरा अभी दूर है- हमें इससे बचाव की कोई सुनिश्चित योजना बनानी है।” उपस्थित लोगों में से एक ने सुझाव दिया कि अभी हमें इनका सिर्फ अवलोकन ही करना चाहिए। तभी सूचना मिली कि एक नंबर अंतरिक्ष यान ग्रह जमीन पर उतर गया है। अंतरिक्ष यान से एक यांत्रिक हाथ बाहर निकला। हाथ की लंबाई बढ़ती चली गई। वह जमीन पर पहुंचकर मिट्टी उकेर लेना चाहता था। तभी छोटू ने कॉन्सोल का लाल बटन दबा दिया। इससे यांत्रिक हाथ की गति रुक गई। यांत्रिक हाथ को दुरुस्त करने के प्रयास किए जाने लगे। मिट्टी के अध्ययन से पता लगाया जाना था कि क्या मंगल ग्रह पर जीव-सृष्टि है ? मगर वाइकिंग मिशन ने नकारात्मक उत्तर दिया। ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला जिसके आधार पर कहा जा सके कि मंगल ग्रह पर भी जीवन है। पार नज़र के शब्दार्थ चुनिंदा = चुना हुआ (Selected)। सिक्योरिटी = सुरक्षा (Security)। हथियाना = कब्जा करना (To capture)। निरीक्षक = जाँच करने वाले (Supervisor)। संदेहास्पद = शक वाला (Doubtfully। गतिविधियाँ = हरकतें (Movements)। माहौल = वातावरण (Environment)। खैरियत = कुशलता (Well) लाजिमी = जरूरी (Compulsory)। स्पेस सूट = अंतरिक्ष में पहने जाने वाला वस्त्र (Space Suit)। मुमकिन = संभव (Possible)। प्रशिक्षण = ट्रेनिंग (Training)। परिवर्तन = बदलाव (Change)। अक्षम = अयोग्य (Incapable) संतुलन= तालमेल (Balance)। सतर्कता = सावधानी (Alertness)। मंशा = इरादा (Wish)। जाहिर = प्रकट (To express)। स्क्रीन = परदा (Screen)। अडिग = न हिलना-डुलना (Stable)। अस्तित्व = होना (Existence)। अवलोकन = देखना (ii. see)। सुनिश्चित = पक्की (Confirmed)। दरखास्त = आवेदन (Application)। हरकत = हलचल (Movement)। दुरुस्त करना = ठीक करना (To repair)। उकेरना = खोदकर निकालना (To dig)। वक्तव्य = कुछ कहना (Statement)। निर्धारित = निश्चित किया गया (Prescribed. Determined)। जिज्ञासा = जानने की इच्छा (Curiosity)। |