समाचार पत्रों, पत्रिकाओं और टेलीविजन पर आपने ऐसी अनेक घटनाएं देखी-सुनी - samaachaar patron, patrikaon aur teleevijan par aapane aisee anek ghatanaen dekhee-sunee

Solution : (1) दैनिक नवज्योति (समाचार) गम दूसरों की भलाई-आज के समय में अपने लिए तो सभी जीते हैं, लेकिन दूसरों के लिए कुछ करना वह भी जोश व संघर्ष के साथ एक अलग व्यक्तित्व की पहचान कराता है। महात्मा गाँधी से प्रभावित डॉ. एन. लैंग दक्षिण अफ्रीका ही नहीं, पूरे विश्व की महिलाओं के लिए आदर्श हैं। रंग-भेद से त्रस्त यूरोप में एक श्वेत महिला द्वारा अश्वेत के जीवन को सही राह दिखाना, अन्धेरे में दीपक जलाने के समान है। अपने चमकते भविष्य को दरकिनार कर डॉ. एन. लैंग जिस तरह हर बच्चे के भविष्य के लिए संघर्ष कर रही हैं, वह लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। दु:खद यह है कि दक्षिण अफ्रीका की सरकार ही डॉ. एन. लैंग के काम में बाधा डाल रही है। दक्षिण अफ्रीका की सरकार और विश्व के अन्य देशों को भी डॉ. लैंग की सहायता करनी चाहिए और अपने देश में भी ऐसे अनाथ बच्चों के सहायतार्थ योजना बनानी चाहिए, जिन्हें वास्तव में मदद की जरूरत है और वे इस मदद के बगैर आगे बढ़ नहीं पा रहे हैं। <br> टिप्पणी-इस समाचार को पढ़कर हम यह कह सकते हैं कि समाज में रहकर हमें केवल अपने बारे में ही नहीं सोचना चाहिए, बल्कि बेसहारा वर्ग का भी सहारा बनना चाहिए। जैसे महात्मा गाँधी से प्रभावित डॉ. एन. लैंग पीड़ित महिलाओं व बेसहारा बच्चों के सहायतार्थ कार्यों के लिए अग्रसर हैं। हमारा भी यह दायित्व बनता है कि जो लोग ऐसे कार्यों को करने में रुचि लेते हैं, उनकी सहायता भी की जानी चाहिए ताकि वे अपने उद्देश्य में सफल हो सकें और समाज लाभान्वित हो सके। <br> (2) दैनिक भास्कर (समाचार) <br> स्वरोजगार भवन-समाज में लाचार व विकलांगों की सहायता हेतु मध्यप्रदेश के मुख्यमन्त्री ने .स्वरोजगार भवनों. के निर्माण पर विचार किया है जिसमें जरूरतमंद लोग अपनी शारीरिक योग्यता के अनुसार कार्य करके धन कमा सकेंगे। <br> टिप्पणी-हमारी दृष्टि में ऐसे कार्यों से ही समाज आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा। वर्ग-भेद और ऊँच-नीच की भावना समाप्त होगी, क्योंकि जब किसी स्थान पर लोग मिलकर कार्य करते हैं तो एकता की भावना को बल मिलता है और आत्मविश्वास बढ़ता है।