सफेद दाग के शुरुआती लक्षण क्या है? - saphed daag ke shuruaatee lakshan kya hai?

सफ़ेद दाग के लक्षण (Symptoms Of Vitiligo) –

सफ़ेद दाग के विशिष्ट लक्षण एक दूधिया सफेद बिना वर्णक वाला स्थान या स्पॉट है । यह शरीर के एक स्थान से लेकर कई स्थानों पर हो सकता है | इसका आकार गोल या अनियमित भी होता है | कुछ मामलों में तो बिना वर्णक वाले आकार पूरे शरीर में पाए जाते हैं | यह एक छोटे से आकार से शुरू होता है तथा कुछ समय पश्चात् बढ़ता जाता है | यह एक या एक से अधिक धब्बों के साथ पैर , पेट या पीठ से शुरू होकर सारे शरीर में फैलने लगता है | कुछ सफ़ेद दाग मामलों में वर्णक के न बन पाने की वजह से उस स्थान के बालों की जड़े ग्रे रंग की हो जाती हैं |

ये मामले ज्यादातर उँगलियों के शीर्ष तथा जोड़ों , होठों के किनारों, जननांगों के आस - पास तथा आँखों के चारों ओर पाए जाते हैं | इस अनियमितता के फैलने की दर बहुत धीमी परंतु प्रगतिशील ( लगातार ) होती है | शरीर पर इसकी उपस्थिति सममितीय रूप से दोनों ओर ( हाथ, पैर आदि ) होती है | इस प्रकार की अनियमितता रोगियों के लिए एक आम चिंता का विषय है , क्योंकि ये अनियमितताएं शरीर के कुछ हिस्सों में ही देखने को मिलती है , ऐसा बहुत ही कम होता है की इस अनियमितता से पूरा शरीर प्रभावित हो जाता हो |

सफेद दाग के शुरुआती लक्षण क्या है? - saphed daag ke shuruaatee lakshan kya hai?

Bilateral symmetrical: Vitiligo on Eye Lids

सफेद दाग के शुरुआती लक्षण क्या है? - saphed daag ke shuruaatee lakshan kya hai?

Scattered (solitary)    Finger tips: Vitiligo on Hands

सफेद दाग के शुरुआती लक्षण क्या है? - saphed daag ke shuruaatee lakshan kya hai?
सफेद दाग के शुरुआती लक्षण क्या है? - saphed daag ke shuruaatee lakshan kya hai?

Vitiligo with grey hair     Feet: Vitiligo on Ankles

सफ़ेद दाग कैसे फैलता है ?

सफ़ेद दाग का प्रसार कई कारकों से नियंत्रित होता है जैसे - १. जेनेटिक गतिविधियां . २. हार्मोनल करक . ३. लगातार चिंता आदि | कुछ रोगियों में इसकी शुरुआत एक अकेले छोटे से धब्बे के रूप में होती है और पूरे जीवनभर इस एक धब्बे के आलावा दुसरे धब्बे नहीं बनते परंतु कुछ मामलों में इनके फैलने की गति बहुत तीव्र अर्थात एक धब्बे से एक महीने के अंदर ही शरीर पर सैकड़ों धब्बे उभरने लगते हैं | इसके प्रसार की गति में अत्यंत अनियमितता होती है जिसकी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती | अनुभव एवम कई अध्ययनों से यह निष्कर्ष निकाला गया है की इस अनियमितता से शरीर के सबसे अधिक प्रभावित होने वाले अंग, जैसे उँगलियों के शीर्ष पर इसका प्रसार अधिक तेजी से होता है, यह नियम नियमित नहीं है | कुछ रोगियों के में तो यह सिर्फ वर्णकों की अनुपस्थिति के कारण केवल ग्रे बालों के रूप में पाया जाता है |

सफ़ेद दागसे जुड़े अन्य शारीरिक विकार :

सफ़ेद दाग से जुडी हुई शरीर में अन्य कई व्याधियां पाई जाती हैं , जैसे १. थायरॉइड का सक्रिय न होना (हाइपोथायरॉइड) २. मधुमेह ३. एलोप्सिया एरेटा ४. SLE (सिस्टमिक लुपस एरिथमेटोसस ) ५. पेमिनीसियस एनीमिया (रक्ताल्पता) ६. एडिसन्स रोग ७. कोलेजन रोग ८. ग्रेव्स रोग .  

यह जानना अत्यंत आवश्यक है की उपरोक्त रोग सफ़ेद दाग के कारण होंगे ही , यह कोई जरूरी नहीं है| यह जरूर देखा गया है की सफ़ेद दाग के साथ साथ थायरॉइड ग्रंथि का पूर्ण सक्रिय न होना (हायपोथाइरॉइड ) तथा एलोप्सिया एरेटा (बालों का गुच्छों में झड़ना) साधारणतः हमेशा पाया गया है |

एक्जिमा, सोरायसिस एवम दाद के साथ सफ़ेद दाग-

कुछ मामलों में सफ़ेद दाग कुछ रोगों के साथ या फिर उसके पश्चात् होता है| जैसे सोरायसिस, दाद या फिर एक्जिमा |

सफेद दाग के शुरुआती लक्षण क्या है? - saphed daag ke shuruaatee lakshan kya hai?
सफेद दाग के शुरुआती लक्षण क्या है? - saphed daag ke shuruaatee lakshan kya hai?
सफेद दाग के शुरुआती लक्षण क्या है? - saphed daag ke shuruaatee lakshan kya hai?

त्वचा की रंगत में बिना कारण के कमी आना सफेद दाग (Vitiligo) का प्रमुख लक्षण है। सफ़ेद दाग (vitiligo) किसी भी उम्र में विकसित होना शुरू हो सकता है, हालांकि, यह देखा गया है की यह अक्सर २० साल की उम्र के पहले विकसित होना शुरू हो जाता है ।

  सफ़ेद दाग के कुछ सामान्य संकेत :

१. त्वचा की आसमान रंगत
२. नाक और मुह के अंदरूनी हिस्से के उत्तको मे रंग की कमी आना
३. खोपड़ी, भौंहो, दाढ़ी या पलको के बालों का समय से पहले सफ़ेद होना
४. नेत्रगोलक की अंतरुणी परत के रंग में परिवर्तन आना

हालांकि, सफ़ेद दाग के लिए कई उपचार उपलब्ध है, परंतु होमियोपैथी उपचार बिना किसी दुष्प्रभाव के सुरक्षित रूप नियंत्रित करने के लिए काफी लाभदायक हैं ।

  लाइफ फोर्स होमियोपैथी ने सफ़ेद दाग के कई मामलो में सफलतापूर्वक इलाज किया है । सफ़ेद दाग (Vitiligo) के लिए होम्योपैथिक उपचार वास्तव में उत्तम और प्रभाविक उपचार माना गया है ।

   सफ़ेद दाग के उपचार के लिए कुछ उपयोगी होम्योपैथिक औषधियाँ:


१. कैलकेरिया कार्बोनिकम : यह होम्योपैथिक औषधी उन रोगियों के लिए अधिक लाभदायक है जिनमे त्वचा पे सफ़ेद दाग के साथ काले रंग की सीमाएं पायी जाती है।
२. थूजा : यदि आपको पोलिप्स या मस्से के साथ सफ़ेद दाग का लक्षण है, तो थूजा आपकी त्वचा की रंगत सामान करने के लिए उपयोगी होम्योपैथिक औषध हो सकता है।
३. सिलिसा : यदि सफ़ेद दाग के रोगी में आत्मविश्वास की कमी या अधिक मात्रा में पसीना आना जैसे लक्षण देखे जाते है, तो इलाज के लिए सिलिसा को प्रभावी होम्योपैथिक दवा के रूप उपयोग किया जाता है।
४. आर्स सल्फ फलेव : यह सफ़ेद दाग के लिए सबसे श्रेष्ठ माना जाने वाला होम्योपैथिक औषध है।


यदि आप या आपके जानने वालो में कोई भी सफ़ेद दाग से पीड़ित है, तो बिना किसी झिझक या विचार किये बिना होम्योपैथिक उपचार का लाभ ले सकते है।
 

In this case, you will find Lichen Planus associated with and leading to vitiligo. Such a presentation is not very common.

Related Post

सफेद दाग के शुरुआती लक्षण क्या है? - saphed daag ke shuruaatee lakshan kya hai?

सफेद दाग के शुरुआती लक्षण क्या है? - saphed daag ke shuruaatee lakshan kya hai?

सफेद दाग के शुरुआती लक्षण क्या है? - saphed daag ke shuruaatee lakshan kya hai?

सफेद दाग की पहचान कैसे करें?

सफेद दाग का सबसे बड़ा लक्षण है मरीज के शरीर पर छोटे या बड़े सफेद दाग या धब्बे दिखाई देना। इसके अलावा, इस बीमारी से पीड़ित मरीज को प्रभावित क्षेत्रों में खुजली हो सकती है। शरीर के जिन हिस्सों में सफेद दाग होते हैं वहां खुजली होना आम बात है। आमतौर पर सफेद दाग से पीड़ित मरीज को किसी प्रकार की तकलीफ नहीं होती है।

सफेद दाग किसकी कमी से होता है?

सफेद दाग त्वचा के रंगद्रव्य के कम होने का अधिग्रहित विकार है जो शरीर के विभिन्न हिस्सों पर सफेद दाग और धब्बों के कारण होता है, जो मेलोसाइट्स के चयनात्मक क्षय को दर्शाता है। यह स्थिति दुनिया भर में सभी जातियों को प्रभावित करती है। सौन्दर्य-प्रसाधन की विरूपता की वजह से इससे बहुत से तिरस्कार जुड़े हुए हैं।

क्या सफेद दाग ठीक हो सकता है?

सफेद दाग से बहुत से लोग परेशान होते हैं. इसकी एक शानदार दवा भारत में मौजूद है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विकसित किया है. इस दवा का नाम है ल्यूकोस्किन. इस दवा से अब तक एक लाख से अधिक मरीजों का सफल इलाज हो चुका है.

क्या सफेद दाग में दूध पीना चाहिए?

आयुर्वेद के मुताबिक इस बीमारी से बचाव करना हैं तो कुछ फूड्स से परहेज करना जरूरी है। आयुर्वेद के मुताबिक दूध के साथ नमक और मछली का सेवन करने से स्किन पर सफेद दाग, पिग्मेंटेशन और स्किन इंफेक्शन जैसी परेशानियों का खतरा बढ़ जाता है। सफेद दाग होने से स्किन पर किसी तरह की कोई तकलीफ नहीं होती।