रामस्नेही संप्रदाय की रैन शाखा के प्रवर्तक - raamasnehee sampradaay kee rain shaakha ke pravartak

  • ‘संत भूरी बाई अलख’ का कार्यक्षेत्र था?
    अ. मारवाड़                    ब. मेवाड़
    स. वागड़                         द. गोडवाड़
    उत्तर – ब
  • फूलडोल उत्सव मनाया जाता है?
    अ. परनामी पंथ द्वारा ब. वल्लभ पंथ द्वारा
    स. रामस्नेही पंथ द्वारा द. सतनामी पंथ द्वारा
    उत्तर – स
    नोट- रामस्नेही संप्रदाय के प्रवर्तक रामचरण वैश्य थे। इनका जन्म जयपुर के सोड़ा गांव में हुआ। इसकी प्रधान पीठ शाहपुरा, भीलवाड़ा में है। इनके उपदेश ‘अणर्भवाणी’ में संकलित है।
    इस संप्रदाय के शिष्य दाढ़ी-मूंछ और सिर के बाल नहीं रखते, गुलाबी रंग की पोशाक धारण करते हैं तथा मूर्ति पूजा नहीं करते हैं। नैतिकता, सदाचरण, सत्यनिष्ठा और धार्मिक अनुशासन पर अधिक जोर देत हैं
    इस संप्रदाय की तीन शाखाएं हैं –
    रैण में शाखा, दरियापंथ की पीठ: मारवाड़ में मेडता के समीप रैण में संत दरियावजी के शिष्यों की गद्दी स्थित है। इनका जन्म जैतारण, पाली में हुआ।
    सिंहथल शाखा, बीकानेर
    इस पीठ के संस्थापक हरिरामदासजी है। इनका प्रमुख ग्रंथ ‘निसानी’ है।
    खेड़ापा शाखा, जोधपुर
    प्रवर्तक संत रामदासजी थे।
    ये सभी निर्गुण उपासक थे। इन तीनों पीठ में खेड़ापा पीठ का महत्त्व अधिक है।
  • जहां दादू ने अपना अंतिम समय बिताया था, उस स्थान का नाम था?
    अ. सांभर                                ब. शाहपुरा
    स. जयपुर                               द. नारायणा
    उत्तर – द
    दादूदयाल मूलतः अहमदाबाद के रहने वाले थे। दादू पंथियों की प्रधान गद्दी नरैना या नारायणा, जयपुर में भैराण पहाड़ी पर स्थित है।
  • कालीबाई जिसने डूंगरपुर पुलिस के हाथों अपने अध्यापक को बचाने में अपनी जिन्दगी दे दी, वह कहां की रहने वाली थी?
    अ. सागवाड़ा                       ब. डूंगरपुर
    स. रास्तापाल                       द. सिमलवाड़
    उत्तर – स
  • जाम्भोजी किस सम्प्रदाय के प्रवर्तक हैं?
    अ. दादू सम्प्रदाय के          ब. जसनाथ सम्प्रदाय के
    स. बिश्नोई सम्प्रदाय के     द. वल्लभ सम्प्रदाय के
    उत्तर – स
  • संत जाम्भोजी का जन्म स्थान कौनसे जिले में है?
    अ. नागौर                           ब. बीकानेर
    स. जैसलमेर                      द. बाड़मेर
    उत्तर – ब
    नोट-संत जाम्भोजी का जन्म पीपासर नागौर में 1451 ई. में हुआ। उन्होंने 29 शिक्षाओं के माध्यम से बिश्नोई संप्रदाय का प्रवर्तन किया। प्रधान पीठ मुकाम, नोखा बीकानेर में स्थित है।
  • वल्लभ सम्प्रदाय की एक महत्त्वपूर्ण पीठ स्थित है?
    अ. गलता                            ब. मेड़ता
    स. किशनगढ़                    द. नाथद्वारा
    उत्तर – द
  • रामस्नेही सम्प्रदाय की प्रधान पीठ कहां है?
    अ. भीलवाड़ा                  ब. शाहपुरा
    स. सलेमाबाद                 द. समराथल
    उत्तर – ब
  • रामसा पीर’ के नाम से प्रसिद्ध संत थे?
    अ. मेजर रामसिंह        ब. बाबा रामदेव
    स. रामचन्द्र                   द. कबीर दास
    उत्तर – ब

परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रश्न पढ़ें:

‘चौरासी खम्भा छतरी’ के बारे में निम्नलिखित कथनों में से कौन सा कथन असत्य है?

राजस्थान में राष्ट्रपति शासन कितनी बार लगा?

अलाई दरवाजा निम्न में से किसका मुख्य द्वार है?

राजस्थान मौलाना अबुल कलाम आजाद अरबी-फारसी शोध संस्थान कहां स्थित है?

राजस्थान विधान सभा की प्रथम महिला अध्यक्ष कौन थी?

चंदावर का युद्ध कब और किस—किस के बीच हुआ?

भारतीय मानक समय रेखा किन राज्यों से होकर गुजरती है?

कर्क, मकर और भूमध्य रेखाएं किस महाद्वीप से गुजरती है?

उदयपुर सौर वेधशाला को किस अंतर्राष्ट्रीय वेधशाला के मॉडल के अनुसार डिजाइन किया गया है?

राजस्थान में मंत्रिपरिषद की अधिकतम संख्या कितनी हो सकती है?

निम्नलिखित में से कौन सा युग्म सही नहीं है?

सबसे पहले सिंचाई कर की वसूली किस शासक ने की थी

महासागरों में ज्वारभाटा की उत्पत्ति का कारण है?

फिरोज तुगलक द्वारा स्थापित ‘दार-उल-शफा’ क्या था?

किसे ‘हिन्दी खड़ी बोली का जनक’ माना जाता है?

मुगलकालीन चित्रकला और प्रमुख चित्रकार

सल्तनतकालीन सिक्के- जीतल, शशगनी और टंका, क्रमश: बने होते थे?

रामस्नेही संप्रदाय के ऋण शाखा के प्रवर्तक कौन थे?

रामस्नेही संप्रदाय के प्रवर्तक स्वामी रामानंद जी महाराज थे। इस संप्रदाय से जुड़े लोगों ने एकल मूल्य प्रणाली के अतर्गत जनता को धर्म का अर्थ समझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

संत दरियाव जी द्वारा रामस्नेही संप्रदाय की शाखा कहाँ स्थापित की गई?

उन्होंने अपनी साधना के लिए नागौर जिले के गांव खेजड़ा (मेड़ता शहर के पास) को चुना।

रेन शाखा के प्रवर्तक कौन है?

रैण में शाखा, दरियापंथ की पीठ: मारवाड़ में मेडता के समीप रैण में संत दरियावजी के शिष्यों की गद्दी स्थित है। इनका जन्म जैतारण, पाली में हुआ। इस पीठ के संस्थापक हरिरामदासजी है

राजस्थान में रामस्नेही संप्रदाय के 4 केंद्र कौन कौन से हैं?

रामस्नेही सम्प्रदाय की राजस्थान में चार पीठे है शाहपुरा पीठ की नींव संत रामचरण जी ने डाली थी । रैण (मैड़ता सिटी, नागौर) इसके संस्थापक संत दरियाव जी है । खेड़ापा (जोधपुर) इसके संस्थापक रामदास जी है । सिंहथल (बीकानेर) इसके संस्थापक संत हरिराम दास जी है ।