पेट की सारी समस्या कैसे दूर करें? - pet kee saaree samasya kaise door karen?

पेट को तमाम समस्याओं की जड़ माना जाता है. अगर आपका पेट अक्सर खराब रहेगा तो आपको सेहत से जुड़ी तमाम समस्याएं भी बनी रहेंगी. यहां जानिए ऐसे तरीके जो आपके पेट की तमाम परेशानियों को आसानी से दूर कर सकते हैं.

पेट की तकलीफ दूर करने के तरीके

आयुर्वेद में एक कहा जाता है कि स्वस्थ व्यक्ति वही है जिसके पैर गर्म, पेट नर्म और सिर ठंडा हो. लेकिन आज के समय में ये सब कुछ बिल्कुल उल्टा हो चुका है. गलत खानपान, अत्यधिक तनाव आदि का असर समय से पहले ही लोगों को बीमार बना रहा है. खासकर पेट की समस्याएं तो बहुत कॉमन हो चुकी हैं.

बाजार का गरिष्ठ और मसालेदार भोजन खाने, लेट नाइट डिनर करने जैसी आदतों ने पेट की ऐसी तैसी कर रखी है. आयुर्वेद विशेषज्ञों की मानें तो पेट तमाम बीमारियों की जड़ माना जाता है. अगर इसकी ठीक से देखभाल की जाए तो व्यक्ति खुद को तमाम समस्याओं से बचा सकता है. यहां जानिए वो 5 तरीके जो आपके पेट की गैस, बदहजमी, पेट दर्द, एसिडिटी आदि हर समस्या को दूर रखने में मददगार हो सकते हैं.

सुबह की शुरुआत तांबे के बर्तन के पानी से करें

विशेषज्ञों की मानें तो तांबे के बर्तन में रखा पानी पेट की सेहत के लिए वरदान होता है. यदि सुबह की शुरुआत इस पानी से की जाए तो पेट की तमाम समस्याएं दूर हो सकती हैं. सुबह उठते ही बासे मुंह इस पानी को पीना चाहिए. इसके लिए रात को ही इस पानी को बर्तन में भरकर रख दें और सुबह उठकर पीएं. तांबे में ऐसे कई तत्व होते हैं, जो पेट के लिए फायदेमंद माने जाते हैं. रातभर में ये पानी में अच्छे से मिक्स हो जाते हैं. लेकिन इस बर्तन को किसी लकड़ी की मेज या तख्ते पर ही रखें. जमीन पर न रखें.

फाइबर रिच डाइट

फाइबर से भरपूर डाइट पाचन तंत्र को मजबूत करने का काम करती है. पाचन तंत्र मजबूत रहने से आपका खाना अच्छे से पच जाता है और पेट की सेहत दुरुस्त रहती है. इसलिए अपनी डाइट में रेशेदार फल, साबुत अनाज, हरी सब्जियां, फलियां वगैरह को शामिल करें. लेट नाइट डिनर की आदत को बदल दें.

गुनगुना पानी मददगार

पेट की समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए गुनगुना पानी भी काफी मददगार माना जाता है. रोजाना खाना खाने के करीब आधा घंटे के बाद गुनगुना पानी पीने से डायजेशन बेहतर होता है. रोजाना कम से कम सुबह खाली पेट और दोनों समय खाने के आधे घंटे बाद पानी जरूर पीएं.

योगासन और वॉक

त्रिकोणासन, पश्चिमोत्तानासन और पवनमुक्तासन आदि तमाम योगासनों को पेट की सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है. इन्हें अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं. साथ ही सुबह व शाम वॉक जरूर करें. शाम की वॉक खाने के बाद करें. सुबह के समय चलने की स्पीड तेज रखें, लेकिन शाम की वॉक में ज्यादा तेजी न करें. शाम की वॉक के बाद पांच मिनट वज्रासन में बैठें.

व्रत रखें

कहा जाता है कि हर व्यक्ति को सप्ताह में एक दिन का व्रत जरूर रखना चाहिए. इससे शरीर के विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं और पेट की गड़बड़ी दूर होती है. व्रत एक तरह से पाचन तंत्र को रीसेट करने का काम करता है. इसलिए हफ्ते में एक दिन व्रत जरूर रखा करें.

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काम के चलते सही समय पर खाना न मिलने और भूख के लगने पर कुछ भी खा लेने से पेट की बामारियों में इजाफा हो रहा है। जैसा कि सभी जानते हैं कि पेट की बामारियां कई अन्य बीमारियों की जनक होती हैं। वहीं, यदि आपका पेट सही है तो अन्य बीमारियों के होने का खतरा कम रहता है। अब सवाल आता है कि पेट की बीमारियों से कैसे बचा जाए। सबसे पहले तो जान लेते हैं कि पेट में कौन सी बीमारियां हो सकती हैं। 1- एसिडिटी
हमारे पेट में एसिड भोजन को पचाने का काम करता है लेकिन कई बार पेट में एसिड जरूरत से ज्यादा बनने लगता है। अब पेट में भोजन कम और एसिड ज्यादा हो जाता है। जिससे कि एसिडिटी की समस्या हो जाती है। मसालेदार और वसायुक्त भोजन करने से एसिडिटी होने लगती है। इसके अलावा समय पर भोजन न करने से एसिडिटी हो जाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि एसिडिटी का एक कारण तनाव लेना भी है।

उपचार
एसिडिटी की समस्या से परेशान लोग सुबह उठने के बाद पानी पिएं। इसके अलावा रोज खाने के साथ केला, तरबूज, पपीता और खीरा खाएं। एसिडिटी के उपचार में तरबूज का रस फायदा करता है। नारियल पानी पीने से भी एसिडिटी से निजात मिलती है।

2- गैस की समस्या
अधिक समय तक खाना न मिलने से पेट में गैस की समस्या हो जाती है। आवश्यकता से अधिक पेट में गैस बनने से शरीर के बाकी अंगों के लिए खतरनाक होने लगती है। इसलिए गैस की समस्या होते ही इस पर ध्यान देना चाहिए।

उपचार
गैस की शिकायत होने पर ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। वहीं, गैस को ठीक करने के लिए एक नींबू के रस में दो चम्मच पानी और स्वादानुसार काला नमक मिलाकर चुटकीभर खाने का सोडा मिलाकर पीएं। इसके अलावा गैस से राहत पाने के लिए पवन मुक्त आसन करना बहुत लाभदायक है।

3- कब्ज
कब्ज पानी के कम सेवन करने या भोजन में फैट की कमी से होता है। कब्ज की समस्या होने पर भूख नहीं लगती और शौच में समस्या होती है।

उपचार
कब्ज की समस्या से छुटकारा पाने के लिए दूध और पपीते का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा रात को सोते समय गुनगुने पानी से त्रिफला चूर्ण खाने से कब्ज की समस्या में राहत मिलती है।

4- उल्टी
बार-बार उल्टी आना और जी मिचलाना पेट में रोग का कारण हो सकता है। ऐसा होने पर रोग का पता लगाना और इलाज करना जरूरी हो जाता है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। ताकि आगे चलकर कोई बड़ा रोग न हो जाए।

उपचार
उल्टी आने या जी मिचलाने पर हल्का भोजन करना चाहिए। कोशिश करनी चाहिए इस दौरान अधिक से अधिक दही का सेवन करना चाहिए।

5- लूज मोशन
अक्सर देखा जाता है कि मौसम बदले पर लूज मोशन की शिकायत हो जाती है। इसके अलावा खराब भोजन खाने पर भी कई बार लूज मोशन का शिकार हो जाते हैं। इसके बाद शारीरिक कमजोरी होने लगती है।

उपचार
लूज मोशन की शिकायत होने पर मूंग दाल की खिचड़ी और दलिया को ही खाना चाहिए। इसके साथ आप दही का सेवन भी कर सकते हैं। वहीं, केला और भुस्सी खाने से भी लूज मोशन में ठीक करने में सहायता मिलती है।

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पेट की सभी समस्याओं को कैसे दूर करें?

पेट की गैस और बदहजमी के लिए असरदार हैं ये घरेलू उपाय | These Home Remedies Are Effective For Stomach Gas And Indigestion.
रोज खाएं खीरा खीरे में फाइबर की काफी मात्रा पाई जाती है, जो पेट के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है. ... .
दो केले रोज खाएं ... .
रोजाना पिएं एक नारियल पानी ... .
तरबूज का सेवन ... .
लेमन हनी वाटर.

पेट की बीमारी का पता कैसे लगाएं?

पेट एवं आंत के रोगों और कैंसर के लक्षणों में शामिल है: खाना निगलने में कठिनाई, पेट में हमेशा दर्द रहना, बार-बार उल्टी होना एवं जी मिचलाना, अपने आप वजन घटना, भूख न लगना, उल्टी में रक्त, मल में रक्त, आंत्र की आदतों में बदलाव (लगातार दस्त या कब्ज रहना), लगातार पेट की परेशानी, पेट साफ़ ना होना, कमजोरी या थकान महसूस करना, ...

पेट के अंदर कौन कौन सी बीमारी होती है?

सबसे पहले तो जान लेते हैं कि पेट में कौन सी बीमारियां हो सकती हैं।.
एसिडिटी हमारे पेट में एसिड भोजन को पचाने का काम करता है लेकिन कई बार पेट में एसिड जरूरत से ज्यादा बनने लगता है। ... .
गैस की समस्या ... .
कब्ज ... .
उल्टी ... .
लूज मोशन.

पेट में गुड गुड की आवाज आए तो क्या करना चाहिए?

पानी पिएं एक गिलास पानी पीना पेट की आवाज को रोकने का एक प्रभावी उपाय हो सकता है, खासकर अगर समय पर कुछ खाना संभव न हो। पानी पेट भरने के साथ-साथ पाचन क्रिया में भी मदद करता है। ये दोनों क्रियाएं पेट को बढ़ने से रोकने या उसकी आवाज को कम करने में मदद करती हैं।

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