पीरियड के समय उल्टी क्यों आती है - peeriyad ke samay ultee kyon aatee hai

पीरियड के समय उल्टी क्यों आती है - peeriyad ke samay ultee kyon aatee hai

पीरियड फ्लू का सबसे बड़ा कारण पीरियड्स के दौरान महिलाओं के शरीर में होने वाले हॉर्मोनल बदलाव हैं.

कई बार लड़कियों में पीरियड्स की शुरुआत से कुछ दिनों पहले फ्लू जैसे लक्षण सामने आने लगते हैं. इसे 'पीरियड फ्लू' कहा जाता है.

  • News18Hindi
  • Last Updated : February 06, 2020, 06:38 IST

    पीरियड्स के दौरान ज्यादातर लड़कियों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. पेट के निचले हिस्से में दर्द, ऐंठन और मूड स्विंग होना तो काफी सामान्य है लेकिन कई बार लड़कियों में पीरियड्स की शुरुआत से कुछ दिनों पहले फ्लू जैसे लक्षण भी सामने आने लगते हैं. दरअसल इसे 'पीरियड फ्लू' कहा जाता है. सामान्य फ्लू की तरह ये समस्या रेस्पिरेटरी इंफेक्शन के कारण नहीं होती है. कुछ लोग तो इसे प्रेग्नेंसी भी समझ लेते हैं. आइए आपको बताते हैं पीरियड फ्लू के बारे में.

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    पीरियड फ्लू के लक्षण कई बार पीरियड्स के कुछ दिनों पहले ही दिखने लगते हैं, इसलिए उल्टी, बुखार, मतली जैसे लक्षणों के कारण कुछ महिलाएं यह समझ लेती हैं कि वो प्रेग्नेंट हो गई हैं. ऐसे में बिना जानकारी के किसी दवा का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए. आप कंफर्मेशन के लिए घर पर ही छोटा सा प्रेग्नेंसी टेस्ट कर सकती हैं. हालांकि कुछ घरेलू उपायों की मदद से इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है.

    पीरियड के समय उल्टी क्यों आती है - peeriyad ke samay ultee kyon aatee hai

    उल्टी, बुखार जैसे लक्षणों के कारण कुछ महिलाएं यह समझ लेती हैं कि वो प्रेग्नेंट हो गई हैं.

    क्या है पीरियड फ्लू का कारण?
    डॉक्टरों की मानें तो पीरियड फ्लू का सबसे बड़ा कारण पीरियड्स के दौरान महिलाओं के शरीर में होने वाले हॉर्मोनल बदलाव हैं. वैसे तो हर महिला के जीवन में कई ऐसे मौके आते हैं, जब हॉर्मोन्स असंतुलित हो जाता है लेकिन हर बार महिला को फ्लू जैसा महसूस हो ऐसा बिल्कुल जरूरी नहीं.

    पीरियड फ्लू के लक्षण
    पीरियड्स के दौरान होने वाली इस खास समस्या को 'पीरियड फ्लू' नाम दिया गया है. ये समस्या महिलाओं में पीरियड्स शुरू होने के कुछ दिनों पहले या उसी दौरान शुरू हो जाती है. इसमें फ्लू जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं. आइए आपको बताते हैं इसके लक्षणों के बारे में.


    • पेट में मरोड़ और ऐंठन की समस्या

    • मांसपेशियों में तेज दर्द

    • बुखार आना

    • चक्कर आना

    • उल्टी जैसा महसूस होना

    • कब्ज की परेशानी

    • थकान और आलस की समस्या

    • लगातार सिर दर्द होना


    पीरियड के समय उल्टी क्यों आती है - peeriyad ke samay ultee kyon aatee hai

    पीरियड फ्लू कोई मेडिकल कंडीशन नहीं है और न ही इसका कारण माइक्रोब्स होते हैं.

    घरेलू उपाय करेंगे मदद
    पीरियड फ्लू कोई मेडिकल कंडीशन नहीं है और न ही इसका कारण माइक्रोब्स होते हैं, इसलिए इसका कोई सटीक इलाज नहीं है. हालांकि डॉक्टरों के मुताबिक कुछ बातों का ध्यान रखकर इस समस्या को कम किया जा सकता है.

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    • हीटिंग पैड के इस्तेमाल से पेट के निचले हिस्से के दर्द को कम किया जा सकता है.

    • ज्यादा से ज्यादा आराम करें.

    • कई बार कब्ज की समस्या या उल्टी होने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है. इसलिए खूब पानी पिएं और लिक्विड डाइट लेते रहें. पानी उबाल कर पिएं.

    • फास्ट फूड और जंक फूड के बजाय फल, सब्जियां, नट्स, अनाज जरूर खाएं. इनमें फाइबर की मात्रा बहुत अच्छी होती है.

    • कम से कम तनाव लें और दिनभर अपने मनपसंद कामों में व्यस्त रहें.

    • भरपूर नींद भी जरूरी है. नींद की कमी से भी कई तरह की समस्याएं होती हैं.

    • अगर आपको समस्या ज्यादा लगती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

    Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.undefined

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    Tags: Health, Lifestyle

    FIRST PUBLISHED : February 06, 2020, 06:38 IST

    Updated on: 10 December 2020, 14:07 pm IST

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    पीरियड्स में दस्त क्यों होते हैं- यह सवाल लगभग हर लड़की अपने जीवन में कभी न कभी जरूर पूछती है। आखिर यूटेरस से होने वाली ब्लीडिंग का पेट से क्या संबंध हो सकता है!

    अगर आपका भी यही सवाल है तो हम आपको बता दें कि आपका शरीर बहुत कॉम्प्लिकेटेड होता है। पीरियड्स में दस्त होना सामान्य है। इस समस्या से परेशान सिर्फ आप नहीं, बल्कि अधिकांश महिलाएं हैं। इसलिए हम न सिर्फ इसका कारण बताएंगे, बल्कि आपको यह भी बताएंगे कि इस समस्या को कम कैसे किया जा सकता है।

    क्यों पीरियड्स का असर पाचनतंत्र पर पड़ता है?

    हम महिलाओं के शरीर को हमारे हॉर्मोन्स ही पूरी तरह नियंत्रित करते हैं, यह तो आप जानती ही होंगी।
    पीरियड्स से पहले और उस के दौरान शरीर में प्रोस्टाग्लैंडीन हॉर्मोन कई गुना बढ़ जाता है। यह हॉर्मोन ही यूटेरस की मरोड़ को संचालित करता है, जिससे एंडोमेट्रियल लाइनिंग टूटती है। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रोस्टाग्लैंडीन के कारण आंतो में भी मरोड़ उठती है, जिससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या होती हैं।

    पीरियड्स में पेट खराब होने पर क्या करना चाहिए। चित्र- शटरस्टॉक।

    प्रोस्टाग्लैंडीन के कारण आंत हमारे भोजन को पूरी तरह अब्सॉर्ब नहीं कर पाती हैं, जिससे जल्दी-जल्दी खाना कोलन की ओर बढ़ता है और शरीर से निकलने के लिए तैयार हो जाता है। यह हॉर्मोन शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन भी बिगाड़ देता है जिससे डायरिया होता है।

    वीमेन हेल्थ नामक जर्नल में प्रकाशित 2014 की एक स्टडी में 156 महिलाओं में पीरियड्स के दौरान पाचनतंत्र में होने वाली समस्या को देखा गया। सभी महिलाओं के डेटा को एनालाइज करने पर पाया गया कि 24 प्रतिशत महिलाओं को पीरियड्स से पहले डायरिया हो जाता है। वहीं 28 प्रतिशत को पीरियड्स के दौरान यह समस्या होती है।

    तो आपकी इस समस्या का सारा दोषा आपका हॉर्मोन्स का ही है। लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि आप हर बार यह पीड़ा सहें।

    तो आप इस समस्या को कम कैसे कर सकती हैं

    सबसे पहले तो आपको जानना चाहिए कि यह दस्त भी आम दस्त की तरह हैं और इनका इलाज भी वही है। खूब सारा पानी पिएं, पानी की कमी न होने दें।

    पीरियड्स में सबसे ज्‍यादा मुश्किल होता है दर्द को बर्दाश्‍त करना। चित्र: शटरस्‍टॉक

    कॉफी, दूध, मिठाई और मसालेदार भोजन से बिल्कुल दूर रहें।

    आप दर्द से राहत के लिए इबोप्रोफेन ले सकती हैं।

    आप पीरियड्स में दस्त होने से रोक नहीं सकतीं, लेकिन सम्भावना कम कर सकती हैं।

    कैसे कम करें पीरियड्स में दस्त का रिस्क

    पीरियड्स की डेट से कुछ दिन पहले ही अपने आहार में फाइबर बढ़ा दें। फाइबर से आपका पेट साफ रहेगा और दस्त नहीं होंगे।
    खासकर पीरियड्स से एक हफ्ते पहले से फलों की मात्रा अपनी डाइट में बढ़ा लें।
    अपने आहार में प्रोबायोटिक्स शामिल करें। आपके पेट में हेल्दी बैक्टीरिया होने से आपको दस्त होने की सम्भावना कम होगी।

    माहवारी में दस्त का इलाज। चित्र: शटरस्‍टॉक

    कब होगी डॉक्टर की जरूरत?

    पीरियड्स हर महीने का हिस्सा है और ऐसे में शायद ही हमें कभी डॉक्टर की जरूरत पड़ने वाली नौबत आती हो।
    हम सभी पीरियड्स में आराम के लिए या तो घरेलू नुस्खे खोजते हैं या ओवर द काउंटर दवाइयां। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि कब स्थिति नियंत्रण से बाहर हो रही है।
    अगर आपको हर बार पीरियड्स में दस्त हो जाते हैं, तो डॉक्टर से मिलें। यह पाचनतंत्र की कोई समस्या हो सकती है इसलिए नजरअंदाज करना ठीक नहीं।
    अगर आपके स्टूल में म्यूकस जैसा पदार्थ नजर आता है, तो भी गायनोकॉलोजिस्ट से सलाह लें।

    क्या पीरियड में उल्टी होती है?

    दुनिया की हर बालिग़ लड़की को हर महीने माहवारी शुरू होने से पहले दर्द से गुज़रना पड़ता है. कुछ को ये दर्द कम होता है, तो कुछ को नाक़ाबिल-ए-बर्दाश्त. कुछ को दर्द के साथ मितली, उल्टी या बदहज़मी हो जाती है. माहवारी के दौरान मामूली दर्द होना आम बात है.

    पीरियड में खून के थक्के क्यों आते हैं?

    पीरियड्स में क्लॉटिंग का कारण गर्भाशय की इस परत को पतला करने के लिए शरीर में एंटीकॉग्युलेंट बनते हैं ताकि खून पतला हो जाए और आसानी से बाहर निकल सके. लेकिन जब खून की मात्रा अधिक होती है और शरीर इतनी जल्दी पर्याप्त मात्रा मे. एंटीकॉग्युलेंट नहीं बना पाता तो खून के थक्के बाहर निकलने लगते हैं

    क्या लड़कों को भी पीरियड होता है?

    एक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, चार में से एक पुरुष को हर महीने पीरियड्स (Male Menstruation) होते हैं. सर्वे के मुताबिक, पुरुषों में पीरियड्स के लक्षण महिलाओं के पीरियड्स की तरह ही होते हैं, बस पुरुषों को महिलाओं की तरह नहीं होती है. इस दौरान पुरुषों को भी पेट में दर्द, थकान और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं होती हैं.

    क्या पीरियड आने के बाद भी प्रेग्नेंट हो सकते हैं?

    पीरियड शुरू होने के बाद 13 दिनों तक महिला के गर्भवती होने की संभावना लगभग 9 प्रतिशत होती है। ये संभावना कम जरूर है लेकिन ऐसा हो सकता है कि महिला अपने मासिक चक्र के दौरान संबंध बनाने से प्रेगनेंट हो जाए। डॉक्‍टरों का मानना है कि पीरियड्स आने वाले दिनों में गर्भधारण का चांस बहुत कम होता है।