प्रवाल एक चूना प्रधान जीव है जो मुख्यतः कठोर रचना वाले खोल होते हैं जिसमें मुलायम जीव रहते हैं। प्रवाल मख्य रूप से उष्णकटिबधाय सागरों (30°N से 30°S) में पाए जाते हैं. क्योंकि इनके जीवित रहने के लिये 20°C से 21°C तापमान उपयुक्त होता है। प्रवाल कम गहराई पर पाए जाते हैं क्योंकि अधिक गहराई पर सूर्य के प्रकाश व ऑक्सीजन की कमी होती है। प्रवालों के विकास के लिये जल को अवसाद रहित होना चाहिये क्योंकि अवसादों के कारण प्रवाल का मुख बंद हो जाता है एवं वे मर जाते हैं। प्रवाल विशेष रंगों के होते हैं। जब कोई प्रवाल मरता है तो दूसरा उसी के शरीर पर कड़ी के रूप में विकसित हो जाता है। इसकी आकृति टहनियों की तरह अथवा शाखाओं की तरह हो जाती है। इस प्रकार प्रवाल जीव मरने के उपरांत एक विशिष्ट प्रकार की रचना करते हैं जो दीवार की भाँति होती है। इस दीवार की भाँति रचना को ही प्रवाल भित्ति कहा जाता है। Show
प्रवाल भित्ति के प्रकार
प्रवाल (Coral) एक जीवित प्राणी है। कोरल, जूजैथिली के साथ सहोपकारिता (Symbiotic) में रहता है इसमें जूजैथिली उसे भोजन तथा कोरल उसे आवास की सुविधा प्रदान करता है। प्रवाल भित्तियों को विश्व के सागरीय जैव विविधता का उष्णस्थल (Hotspot) माना जाता है तथा इसे 'समद्र का वर्षावन' भी कहा जाता है क्योंकि इनके संरक्षण में अनेक सागरीय जीव-जन्तुओं को आश्रय के साथ-साथ अन्य सुविधाएँ प्राप्त होती हैं। प्रवाल में रंग जूजैथिली (Zooxanthellae) के कारण होता है। प्रवाल भित्ति को खतरा (Threat to the Coral Reef)प्रवाल भित्ति पर खतरे के मुख्य कारक (Major Threats To Coral Reefs)
प्राकृतिक (Natural)
मानवीय (Man made)
पिछले दो दशकों में विश्व की 20% कोरल रीफ समाप्त हो चुकी है। वर्तमान में केवल 30% कोरल रीफ ही किसी संकट से बाहर हैं। प्रवाल भित्ति के खतरे के प्रमुख कारण प्राकृतिक व मानवीय दोनों हैं। विश्व की 26 प्रतिशत कोरल रीफ अतिसंकटग्रस्त हैं। 35 मिलियन एकड़ कोरल रीफ जो कि 93 देशों में फैली हैं, विनाश के करीब हैं। पिछले दो दशकों में विश्व की 20% कोरल रीफ समाप्त हो चुकी है। वर्तमान में केवल 30% कोरल रीफ ही किसी संकट से बाहर हैं। प्रवाल भित्ति के खतरे के प्रमुख कारण प्राकृतिक व मानवीय दोनों हैं। प्रवाल विरंजन (Coral Bleaching)प्रवाल पर निर्भर रहने वाले रंगीन जूजैथिली शैवाल जब पर्यावरणीय घटकों के नकारात्मक प्रभाव के कारण उनके ऊपर से हट जाते हैं तो प्रवाल अपने वास्तविक सफेद रंग में आ जाते हैं। इसे ही प्रवाल विरंजन कहते हैं। यह प्रक्रिया कुछ इस प्रकार से होती है- प्रकाश की तीव्रता बढ़ने से अर्थात् ग्लोबल वार्मिंग से जूजैथिली प्रकाशसंश्लेषण की अपनी दर को अत्यधिक तीव्र कर देते हैं जिससे प्रवाल के ऊतकों में ऑक्सीजन खतरनाक स्तर तक बढ़ जाती है। इसे प्रतिसंतुलित करने के लिये या तो प्रवाल जूजैथिली को अपने शरीर से निकाल देते हैं या जूजैथिली खुद अपने रंगीन क्लोरोफिल की मात्रा को कम कर देते हैं। दोनों ही स्थितियों में प्रवालों के पोषक तत्त्वों की कमी हो जाती है और वे अपने वास्तविक रंग यानी सफेद में दिखने लगते हैं। इसे ही प्रवाल विरंजन कहा जाता है। प्रवालों का इस तरह से बड़ी संख्या में मरने से उन पर आश्रित अनेक जीव-जन्तुओं का जीवन खतरे में आ जाता है और पारिस्थितिकी तंत्र असंतुलित हो जाता है क्योंकि समुद्री पारितंत्र में प्रवाल एक कीस्टोन प्रजाति मानी जाती है। प्रवाल विरंजन के अन्य कारणों में कोरल खनन, मछली पकड़ने की अवैज्ञानिक पद्धति, अवसादों में वृद्धि, एल निनो, भारी वर्षा एवं बाढ़, विवर्तनिकी उत्थान आदि प्रमुख हैं। भारत में प्रवाल भित्तियाँभारत में प्रवाल भित्ति मुख्यतः 4 क्षेत्रों में पाई जाती हैं-
इन क्षेत्रों के अलावा तरकरली, अंग्रिया (Angria Bank) विजयदुर्ग (महाराष्ट्र), नेटरानी द्वीप (कर्नाटक) आदि में पाई जाती हैं। प्रवाल भित्ति का संरक्षण (Conservation of Coral Reef)
प्रवाल भित्ति से आप क्या समझते हैं?उत्तर : प्रवाल भित्तियाँ या प्रवाल शैल-श्रेणियाँ (Coral reefs) समुद्र के भीतर स्थित चट्टान हैं जो प्रवालों द्वारा छोड़े गए कैल्सियम कार्बोनेट से निर्मित होती हैं। वस्तुतः ये इन छोटे जीवों की बस्तियाँ होती हैं।
प्रवाल क्या है वर्णन कीजिये?प्रवाल, पॉलिप कहे जाने वाले छोटे जीवों की एक बस्ती है. ये जीव सैकड़ों और हज़ारों के समूहों में रहते और काम करते हैं. इस पॉलिप का, ज़ूजैनथेलऑय कहे जाने वाले छोटे, पौधे जैसे जीवों के साथ सहजीवी संबंध होता है.
प्रवाल भित्ति क्या है इसके प्रकार लिखिए?प्रवाल भित्तियाँ मूल रूप से तीन प्रकार की होती हैं: तटीय या झालरदार, अवरोधक तथा एटॉल। तटीय प्रवाल भित्तियाँ प्रवालों की ऐसी सरंचनाएँ होती हैं, जो समुद्र तल पर मुख्य भूमि के निकट के किनारों पर पाई जाती हैं। चट्टानों के टुकड़ों, मृत प्रवालों और मिट्टी से निर्मित होती हैं।
प्रवाल भित्तियां क्या है प्रवाल भित्तियों के महत्व की व्याख्या कीजिए?प्रवाल भित्तियाँ प्रजातियों की एक अभूतपूर्व विविधता का समर्थन करती हैं और किशोर मछलियों सहित कई मछली प्रजातियों को भोजन और आश्रय के अपूरणीय स्रोत प्रदान करती हैं। उष्णकटिबंधीय वर्षावन भूमि पर एक समान भूमिका निभाते हैं। कोरल रीफ का एक अभिन्न हिस्सा हैं; वे मूलभूत प्रजातियां हैं जो चट्टान संरचना प्रदान करती हैं।
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