प्रेगनेंसी में बैक पेन हो तो क्या करें? - preganensee mein baik pen ho to kya karen?

प्रेगनेंसी में पीठ दर्द अब नहीं करेगा परेशान, अपनाएं ये घरेलू नुस्खे

Sakshi Pandya |

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नवभारत टाइम्स | Updated: Jun 20, 2022, 4:34 PM

किसी भी महिला के गर्भवती होने पर उसका जीवन ही बदल जाता है। ऐसे में प्रेग्नेंसी के दौरान मानसिक और शारीरिक परिवर्तन भी आते हैं। खासतौर महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं में से पीठ दर्द होना आम बात है लेकिन इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती है। इसलिए बिना किसी दवा के आप अपनी पीठ के दर्द से राहत कैसे पा सकते हैं। इसके बारे में हम बताने जा रहे हैं।

प्रेगनेंसी में बैक पेन हो तो क्या करें? - preganensee mein baik pen ho to kya karen?

गर्भवती होना हर महिला के लिए एक सुखद अनुभव है। साथ ही प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले मानसिक और शारीरिक परिवर्तन भी सामान्य सी बात है। वहीं, गर्भावस्था के दौरान पीठ दर्द होना एक आम शिकायत है यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है। दरअसल गर्भावस्था के दौरान गुरुत्वाकर्षण के केंद्र में बदलाव, वजन बढ़ने, मांसपेशियों में असंतुलन और शारीरिक थकावट की वजह से अधिकांश महिलाओं को पीठ दर्द का सामना करना पड़ता है। यदि आप भी पीठ दर्द की समस्या से जूझ रही हैं और बिना किसी मेडिसीन के आराम पाना चाहती हैं तो यह लेख आपके लिए ही है। इस लेख में हमने आपको कुछ ऐसे घरेलू उपचार बताए हैं जिनकी मदद से आप पीठ दर्द को छूमंतर कर सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान पीठ दर्द का कारण: डॉक्टरों का मानना है कि कुछ महिलाओं में पीठ दर्द पीठ के ऊपरी हिस्से में होता है तो कुछ के पीठ के निचले हिस्से में। प्रेग्नेंसी के शुरुआती तीन महीनों में अक्सर महिलाएं पीठ के निचले हिस्से में दर्द की शिकायत करती हैं क्योंकि इस समय हार्मोनल परिवर्तन होता है और शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के लेवल में वृद्धि होती है। यह हर्मोन स्नायुबंधन को शिथिल करने का काम करता है जो बैक बोन और श्रोणि की हड्डी को जोड़ते हैं। जिसकी वजह से आपको पीठ दर्द की समस्या पैदा हो जाती है। वहीं, प्रेग्नेंसी के दूसरे तिमाही में आपका पेट बढ़ने लगता है जिसकी वजह से मांसपेशियों में खिंचाव आता है और पीठ पर दबाव पड़ता है जिसकी वजह से पीठ दर्द होने लगती है। पीठ दर्द को दूर करने के आसान उपाय:

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तैराकी करना : गर्भावस्था के दौरान पीठ दर्द से राहत पाने के लिए तैराकी करना एक बेहतर विकल्प होता है। तैराकी करते समय आपका शरीर हल्का हो जाता है और गुरुत्व बल ना के बराबर रहता है। आप पानी में आसानी से हाथ-पैर और मांसपेशियों को चलाने में सक्षम होती हैं। वहीं, जब आप तैराकी करती हैं तो आपको लंबी और गहरी सांस लेनी चाहिए ताकि आपको मानसिक और शारीरिक रूप से राहत मिल सके। इसके अलावा अपने शरीर को हाइड्रेट रखें। यदि आपको तैराकी के समय चक्कर जैसा महसूस हो तो तैराकी को बंद कर दें और डॉक्टर की सलाह लेकर ही स्विमिंग करें।
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सोने के लिए सपोर्ट: यदि आप सुबह बिस्तर से उठते वक्त कमर दर्द महसूस करती हैं तो आपको अपनी पीठ के पीछे एक तौलिए का गोला बनाकर रीढ़ के समांतर रखना अच्छा रहेगा। इसके अलावा प्रेग्नेंसी के शुरुआती तिमाही के बाद आप एक साइड करके सोएं ताकि आपके शिशु में ब्लड सर्कुलेशन अच्छे से हो सके। गर्भावस्था के दौरान सोते समय आप एक तकिया अपने पैरों के बीच में और एक तकिया पेट के नीचे रख सकती हैं। वहीं, डॉक्टर अक्सर प्रेग्नेंसी के दौरान गद्देदार बिस्तर में सोने से मना करते हैं।

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मैटरनिटी बेल्ट पहनें: आजकल के मॉर्डन युग में मैटरनिटी बेल्ट का काफी प्रचलन है। दरअसल गर्भावस्था के दौरान पीठ, कमर और जोड़ों के दर्द से राहत का एक अच्छा उपचार है। यह बेल्ट आपके पेट और पीठ दोनों को सहारा देता है और आप आसानी से अपने दैनिक काम करने में समक्ष होती हैं। हालांकि, हम आपको सलाह देंगे कि बेल्ट पहनने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।

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सही जूतों का चयन: प्रेग्नेंसी के दौरान हील्स को तो बाय-बाय कह ही दें, क्योंकि यदि आप हील्स वाले जूते पहनती हैं तो आपको सबसे ज्यादा पीठ दर्द की समस्या हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान वजन का बढ़ना और गुरुत्वकेंद्र का बदलना आपकी बैकबोन पर दबाव डालता है। हालांकि, आपको फ्लैट शूज पहनने की सलाह नहीं देते हैं क्योंकि आपकी बॉडी को सपोर्ट नहीं मिल पाता है इसलिए आपको कम हील्स वाले जूते पहनने चाहिए। छोटी हील्स वाले जूते आपके शरीर को सही से संतुलित रखेंगे और दबाव भी नहीं पड़ेगा।
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हीटिंग पैड या आइस पैक: प्रेग्नेंसी के दौरान पीठ दर्द होने पर आप हीटिंग पैड की मदद से अपनी पीठ को सेंक सकती हैं। हीटिंग पैड आपके कमर की अकड़न, ऐंठन और मांसपेशियों के दर्द से आपको राहत दे सकता है। आप डॉक्टर की सलाह के आधार पर ठंडा या गर्म कैसे सेंकना बेहतर यह अच्छे से जान सकती हैं।

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सेंधा नमक: आप प्रेग्नेंसी के दौरान सेंधा नमक के पानी से नहाकर भी अपने पीठ के दर्द को कम कर सकती हैं। इसके अलावा गर्म पानी में सेंधा नमक मिलाकर उसमें तौलिया गीला करके अपनी पीठ को सेंक भी सकती हैं। दरअसल, सेंधा नमक में मैग्नीशियम सल्फेट होता है, जो मांसपेशियों के दर्द और सूजन को कम करने में सहायता करता है। साथ ही इम्युनिटी बढ़ाने का काम भी करता है। हफ्ते में दो से तीन बार करना फ़ायदेमंद रहेगा।


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प्रेगनेंसी में बैक साइड में दर्द क्यों होता है?

प्रेगनेंसी में कमर और पीठ दर्द एक आम शिकायत है। प्रेगनेंसी के दौरान जब आपका वजन बढ़ता हैं तो इसका असर रीढ़ की हड्डी पर होता हैं, जिससे आपको कमर के निचले हिस्से में दर्द महसूस होता है। इसके अलावा प्रेगनेंसी के दौरान आपके शरीर में रिलेक्सिन हार्मोन बनता है जो जोड़ों को ढीला करता हैं जिस से कमर दर्द की समस्या हो जाती है।

Pregnancy में बहुत ज्यादा कमर दर्द हो तो क्या करें?

बैठने पर पीठ के पीछे एक नरम तकिया लगाएं और लेटते समय बाईं करवट लेकर लेटें। लेटते समय दोनों पैरों के बीच तकिया लगाने से भी आराम मिलता है। आप लैवेंडर ऑयल से एरोमाथेरेपी बाथ ले सकती हैं। प्रेग्नेंसी में यह सुरक्षित होता है और इससे मांसपेशियों में दर्द से राहत पाने में भी मदद मिल सकती है।

प्रेगनेंसी में कमर दर्द कब शुरू होता है?

गर्भावस्था के पांचवें से सातवें महीने के दौरान कमर का दर्द सबसे ज़्यादा सताता है। ये दर्द आमतौर पर पीठ के निचले हिस्से में होता है और इसका असर जांघों, पैरों और कूल्हों पर पड़ता है।

कमर के निचले हिस्से में दर्द क्यों होता है?

कैल्शियम, विटामिन की कमी, रूमेटायड आर्थराइटिस, कशेरूकाओं की बीमारी, मांसपेशियों एवं तन्तुओं में खिंचाव, गर्भाशय में सूजन, मासिक धर्म में गड़बड़ी, गलत आसनों के प्रयोग आदि अनेक कारणों से पीठ या कमर में दर्द हो जाता है। महिलाओं में कमर दर्द के कारण भी यही हैं।