प्रेगनेंसी के पहले महीने में क्या लक्षण दिखाई देते हैं? - preganensee ke pahale maheene mein kya lakshan dikhaee dete hain?

क्या आपके पीरियड्स मिस हुए हैं? यदि इसका उत्तर हाँ है तो यह आपकी प्रेगनेंसी का एक शुरूआती लक्षण (Pregnancy symptoms in Hindi) हो सकता है। वैसे तो प्रेगनेंसी की जाँच के लिए मार्किट में बहुत सारे प्राथमिक टेस्ट उपलब्ध हैं, किन्तु कुछ लक्षण ऐसे होते हैं जिनको देखकर आप पता लगा सकती हैं की आप गर्भवती हैं या नहीं।

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प्रेगनेंसी के पहले महीने में क्या लक्षण दिखाई देते हैं? - preganensee ke pahale maheene mein kya lakshan dikhaee dete hain?

यद्धपि हर महिला भिन्न भिन्न तरह के लक्षणों को महसूस कर सकती हैं, किन्तु कुछ लक्षण सभी महिलाओं में समान होते हैं जो प्रेगनेंसी के प्रारम्भिक लक्षणों (Pregnancy symptoms in Hindi) के रूप में जाने जाते हैं।

डॉ अरुणा कालरा, गायनेकोलॉजिस्ट एवं आब्सटेट्रिक्स, सी के बिरला हॉस्पिटल, के अनुसार अक्सर मिस्ड पीरियड को प्रेगनेंसी का प्रारम्भिक लक्षण माना जाता है। इसके अलावा आप अपने ब्रेस्ट में दर्द, मॉर्निंग सिकनेस, जी मिचलाना इत्यादि भी महसूस कर सकती हैं।

यहाँ हमने कुछ प्रेग्नेंट होने के लक्षण  दिए हैं जिन्हे देखकर आप पता लगा सकती हैं की आप गर्भवती हैं या नहीं।

  • प्रेगनेंसी के शुरूआती लक्षण – Early pregnancy symptoms in Hindi
    • 1. पीरियड्स मिस होना
    • 2. जी मिचलाना और चक्कर आना 
    • 3. हल्का रक्तस्राव
    • 4. थकान महसूस होना 
    • 5. मॉर्निंग सिकनेस
    • 6. ब्रैस्ट और निप्पल्स में दर्द होना और निप्पल्स का रंग परिवर्तन
    • 7. मूड स्विंग होना
    • 8. सिर दर्द और सिर भरी होना
    • 9. बार बार टायलेट जाना
    • 10. खाने की इच्छा में बदलाव 
    • 11. पाचन सम्बन्धी समस्याएं  जैसे ब्लोटिंग, कब्ज की शिकायत 
    • FAQs (प्रेगनेंसी के बारे पूछे जाने वाले प्रश्न)

प्रेगनेंसी के शुरूआती लक्षण – Early pregnancy symptoms in Hindi

प्रेगनेंसी के पहले महीने में क्या लक्षण दिखाई देते हैं? - preganensee ke pahale maheene mein kya lakshan dikhaee dete hain?

1. पीरियड्स मिस होना

यदि आप कन्सीव करने की कोशिश कर रही हैं और उस दौरान आपके पीरियड्स मिस हो जाते हैं तो आप प्रेगनेंट हो सकती हैं। डॉक्टर के अनुसार भी आपके पीरियड्स का मिस होना प्रेगनेंसी का प्रारम्भिक लक्षण (early pregnancy symptoms in Hindi) माना जाता है।

किन्तु कभी कभी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भी आपके पीरियड्स मिस हो सकते हैं अतः पीरियड्स मिस होने पर प्रारम्भिक प्रेगनेंसी टेस्ट करें या अपने डॉक्टर से तुरंत सलाह लें।

2. जी मिचलाना और चक्कर आना 

कुछ महिलाओं को गर्भधारण के तुरंत बाद जी मिचलाने और चक्कर आने की समस्या महसूस हो सकती है किन्तु आवश्यक नहीं की यह समस्या सभी महिलाओं को हो।

वैसे तो इस समस्या के होने का कोई स्पष्ट  कारण नहीं होता लेकिन डॉ अरुणा कालरा के अनुसार यह समस्या गर्भावस्था के दौरान हार्मोन के घटने बढ़ने के कारण हो सकती है।

3. हल्का रक्तस्राव

जब भ्रूण पहली बार गर्भाशय में जाता है, तो यह रक्त वाहिकाओं (ब्लड वेसल्स) को बाधित करता है और रक्तस्राव का कारण बनता है, जिसे “इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग” के नाम से जाना जाता है।

इस हल्के रक्तस्राव को अक्सर भूलवश पीरियड्स की शुरुआत मान लिया जाता है, लेकिन आमतौर पर पीरियड्स के खून का रंग थोड़ा अलग होता है। यह फर्टिलाइजेशन के दस से चौदह दिन बाद हो सकता है।

डॉक्टर के अनुसार यह गर्भावस्था के शुरुआती संकेत के रूप में जाना जा सकता है, हालांकि, यह सभी महिलाओं को नहीं होता है।

4. थकान महसूस होना 

गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों(pregnancy ke surubati lakshan) में थकान महसूस होना भी बहुत सामान्य होता है। प्रारंभिक गर्भावस्था के दौरान, हार्मोन प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ जाता है जिससे आप थकान अनुभव कर सकती हैं जिससे आपको अधिक नींद भी आ सकती है।

5. मॉर्निंग सिकनेस

मॉर्निंग सिकनेस को भी प्रेगनेंसी के मुख्य लक्षणों (pregnancy symptoms in Hindi) में से एक माना जाता है जो दिन या रात किसी भी समय हो सकती है, अक्सर आपके गर्भवती होने के एक महीने बाद यह लक्षण दिखाई देना शुरू होता है।

हालांकि, कुछ महिलाओं में यह कुछ पहले भी शुरू हो सकता है, क्योंकि प्रत्येक महिला के लक्षण भिन्न भिन्न हो सकते हैं।

6. ब्रैस्ट और निप्पल्स में दर्द होना और निप्पल्स का रंग परिवर्तन

गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में हार्मोनल परिवर्तन के कारण आपके ब्रेस्ट या स्तनों में आप संवेदनशीलता और निप्पल्स में दर्द महसूस कर सकती हैं। कुछ महिलाओं में निप्पल्स में संवेदनशीलता के साथ साथ ब्रेस्ट में दर्द भी अनुभव किया जा सकता है।

यह असुविधा कुछ हफ्तों के बाद कम होने लगती है क्योंकि समय के साथ आपका शरीर हार्मोनल परिवर्तनों को अपने में समायोजित कर लेता है।

इसके अलावा आपके निप्पल्स का रंग भी भूरे से काले रंग में परिवर्तित होने लगता है।

7. मूड स्विंग होना

गर्भावस्था के शुरूआती लक्षणों (pregnancy symptoms in Hindi) में मूड में उतर चढ़ाव आना भी अहम् भूमिका निभाता है। प्रेग्नेंसी के बाद एक महिला बिना कारण हँसना, रोना और असामान्य रूप से भावनात्मक व्यवहार का अनुभव करती है ऐसा उसके शरीर में हार्मोन के कारण होता है। यह लक्षण अक्सर सभी महिलाओं में उनकी गर्भावस्था के समय काफी आम हैं।

8. सिर दर्द और सिर भरी होना

प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में आप सिर दर्द का अनुभव कर सकती हैं जो गर्भावस्था के शुरूआती दिनों में शरीर में बढ़ते रक्त परिसंचरण और (निश्चित रूप से) बढ़ते हार्मोन के स्तर के कारण हो सकता है। बहुत बार तेज़ सिर दर्द के साथ आप अत्यधिक थकान का भी अनुभव कर सकती हैं।

9. बार बार टायलेट जाना

बार बार टायलेट जाना भी प्रेगनेंसी के मुख्य लक्षणों (Pregnancy ke lakshan) में जाना जाता है। यदि आप आपनी ओवुलेशन प्रक्रिया के बाद गर्भधारण कर लेती हैं तो आप एक दिन में सामान्य से अधिक बार पेशाब के लिए जा सकती हैं ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर में रक्त की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे आपकी किडनी अधिक मात्रा में तरल पदार्थ निकालने लगती है जो हैं जो पेशाब की सहायता से बाहर निकलता है।

10. खाने की इच्छा में बदलाव 

गर्भधारण के बाद एक खास लक्षण होता है जो अधिकतर सभी महिलायें अनुभव अवश्य करती हैं, वह है आपके स्वाद में परिवर्तन, कभी किसी भोजन को खाने की बहुत इच्छा होना या मनपसंद भोजन से चिड़न होना। 

नई गर्भवती महिलाओं में अक्सर भोजन की गड़बड़ी विकसित होती है, प्रेगनेंसी से पहले उनके पसंद किए जाने वाले व्यंजन इस दौरान पसन्द नहीं आते।

इसके अलावा आपको किसी खास भोजन को खाने का मन बार-बार हो सकता है, इसे गर्भावस्था में भोजन की क्रेविंग के रूप में जाना जाता है। 

11. पाचन सम्बन्धी समस्याएं  जैसे ब्लोटिंग, कब्ज की शिकायत 

गर्भधारण करने के बाद आपकी पाचन क्रिया थोड़ी कमजोर पड़ सकती है जिस कारण आप कुछ पाचन सम्बन्धी समस्याओं जैसे पेट फूलना, कब्ज, उल्टी आना इत्यादि सामना कर सकती हैं। ये सभी समस्याएँ भी प्रेगनेंसी के शुरूआती लक्षणों (Early pregnancy symptoms in Hindi) के रूप में जानी जाती हैं।

गर्भावस्था के दौरान, पाचन क्रिया धीमी होने के कारण भोजन पाचन तंत्र में सामान्य से अधिक लंबे समय तक रहता है जिस कारण कई गर्भवती महिलाओं को अपनी गर्भावस्था में गैस या ब्लोटिंग की समस्या काफी पहले अनुभव होने लगती है। इसके अलावा कब्ज की शिकायत भी काफी आम है।

प्रोजेस्टेरोन का उच्च स्तर न केवल पाचन प्रक्रिया को धीमा करके गैस और ब्लोटिंग का कारण बनता है, साथ ही ये पाचन तंत्र की विभिन्न मांसपेशियों को भी धीमा कर देते हैं, जिस कारण कब्ज की समस्या भी उत्त्पन्न हो जाती है। 

यदि आप उपरोक्त दिए सभी लक्षण महसूस कर रहे हैं तो आप गर्भवती हो सकती हैं, किन्तु कुछ भी स्पष्ट करने से पहले प्रेगनेंसी टेस्ट अवश्य करायें या तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें। हम समझते हैं कि किसी भी महिला के लिए प्रेगनेंसी एक खास होती है अतः किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले अपने डॉक्टर को दिखाएँ और अपनी प्रेग्नेंसी की पुष्टि करें।

इसे भी पढ़ें: जानिए क्या और कब होता है ओवुलेशन?


FAQs (प्रेगनेंसी के बारे पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. प्रेग्नेंसी के लक्षण कितने दिन में दीखते है?

आमतौर में प्रेग्नेंसी के शुरुवाती लक्षण 6 से 14 दिनों में दीखते हैं। इन लक्षणो में शामिल हैं शरीर का तापमान बढ़ना, ब्रेस्ट में सूजन, ज्यादा थकावट महसूस होना, ज्यादा नींद आना, ऐंठन और पेट संबंधी दिक्कते।

Q2. प्रेग्नेंट है या नहीं कैसे पता चलता है?

यदि आपके पीरियड मिस हुए हैं तो यह सुरुवाती संकेत हो सकते हैं की पीरियड मिस होने के 10 से 12 दिन बाद आप प्रेग्नेंट हैं या नहीं यह जानने ले लिए आप डॉक्टर से टेस्ट करवा सकते हैं।

Q3. प्रेगनेंसी के पहले हफ्ते में क्या लक्षण दिखाई देते हैं?

प्रेगनेंसी के पहले हफ्ते में निम्न लक्षण दिखाई देते हैं:
– शरीर का तापमान बढ़ना
– ब्रेस्ट में सूजन
– ज्यादा थकावट महसूस होना
– ज्यादा नींद आना
– ऐंठन और पेट संबंधी दिक्कते

Q4. माहवारी के कितने दिन बाद गर्भ ठहरता है?

दरअसल पीरियड के कितने दिन बाद गर्भ ठहरता है ये महिलाओं के ओवुलेशन पर निर्भर करता हैं, यदि कोई महिला पीरियड के करीब 12 से 14 दिन बाद अपने पार्टनर के साथ संबंध बनाती हैं तो गर्भ ठहरने की संभावना बढ़ जाती है।

1 महीने की प्रेगनेंसी में क्या लक्षण दिखाई देते हैं?

प्रेगनेंसी के शुरूआती लक्षण – Early pregnancy symptoms in Hindi.
पीरियड्स मिस होना ... .
जी मिचलाना और चक्कर आना ... .
हल्का रक्तस्राव ... .
थकान महसूस होना ... .
मॉर्निंग सिकनेस ... .
ब्रैस्ट और निप्पल्स में दर्द होना और निप्पल्स का रंग परिवर्तन ... .
मूड स्विंग होना ... .
सिर दर्द और सिर भरी होना.

प्रेगनेंसी के फर्स्ट महीने में क्या क्या होता है?

पहली तिमाही (फर्स्ट ट्राइमेस्टर) इस दौरान गर्भ में भ्रूण का विकास होना शुरू होता है। महिला का शरीर कई तरह के शारीरिक और हार्मोनल बदलावों से होकर गुजर रहा होता है। ये महीने सबसे ज्यादा चुनौती-भरे दिन भी होते हैं, इन्हीं महीनों में अबॉर्शन की आशंका सबसे ज्यादा बनी रहती है। इस दौरान डॉक्टर से पूछे बिना कोई भी दवा न लें।

गर्भावस्था का पहला महीना कब से शुरू होता है?

एक्सपर्ट्स के अनुसार गर्भावस्था का पहला सप्ताह महिला के आखिरी पीरियड्स के सात दिनों बाद से शुरू हो जाता है। ऐसे में लक्षण दिखाई देने में कुछ समय लगता है। शुरुआती लक्षणों में मॉर्निंग सिकनेस, थकान और गंध को लेकर अधिक सेंसिटिविटी हो सकती है।

1 महीने का गर्भ कैसे पता करें?

थकान: प्रेग्नेंसी की शुरुआत में शरीर के भीतर कई हार्मोनल और शारीरिक बदलाव होते हैं. फीटस यानी भ्रूण का विकास हो सके इसलिए दिल की धड़कन तेज हो जाती है और रक्त का प्रवाह भी बढ़ जाता है. इसलिए प्रेग्नेंसी में महिलाओं को थकान महसूस होती है. इस समय प्रोजेस्टेरॉन का उत्पादन बढ़ जाता है.