पैरा कमांडो की ट्रेनिंग कितने दिन की होती है - paira kamaando kee trening kitane din kee hotee hai

पैराशूट के साथ ऐसे होती है पैरा कमांडो की ट्रेनिंग, हाई सैलरी के साथ मिलते हैं कई फायदे

stuti goswami |

नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Dec 7, 2021, 1:05 PM

Para Commando Education Qualification: पैरा कमांडो के नाम से हर दुश्मन देश थरथराता है। यह भारतीय सेना की पैराशूट रेजीमेंट की स्पेशल फोर्स यूनिट है। चलिए जानते हैं इनकी जॉब और सैलरी के बारे में-

पैरा कमांडो की ट्रेनिंग कितने दिन की होती है - paira kamaando kee trening kitane din kee hotee hai
Image Credit: Indiatimes

हाइलाइट्स

  • भारतीय सेना की स्पेशल फोर्स पैरा कमांडो में मिलती है हाई सैलरी
  • इसमें लोगों को सिविल से आर्मी रैली द्वारा भर्ती किया जाता है
  • 2 से 5 फीसदी लोग ही बन पाते हैं पैरा कमांडो

Para Commando Job And Salary: देश और इंडियन आर्मी के इतिहास में स्‍वर्ण अक्षरों में लिखा गया 29 सितंबर 2016 की तारीख तो आपको शायद याद ही होगी, अगर नहीं, तो यह तो पता ही होगा कि भारत ने इसी दिन पाकिस्‍तान पर सर्जिकल स्ट्राइक किया था। इसी दिन भारतीय सेना की उत्तरी कमान की चौथी व नौवीं बटालियन की स्पेशल फोर्स पैरा कमांडो नें पाकिस्तान में घुसकर वहां के दर्जनों आतंकियों को ख़त्म करने के साथ वहां मौजूद सभी लांच पैड को ध्‍वस्‍त कर दिया था। इससे पहले इन पैरा कमांडो ने म्यांमार में घुसकर भी वहां मौजूद सभी आतंकी कैंपों को पूरी तरह तबाह कर दिया था। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि पैरा कमांडो कौन होते हैं और कैसे बनते है। इस फोर्स में कैसे शामिल हुआ जा सकता है।

कौन होते हैं पैरा कमांडो
पैरा कमांडो के नाम से हर दुश्मन देश थर्राता है। यह भारतीय सेना की पैराशूट रेजीमेंट की स्पेशल फोर्स यूनिट है। पैरा कमांडो के नाम से हर दुश्मन देश थर्राता है। यह भारतीय सेना की पैराशूट रेजीमेंट की स्पेशल फोर्स यूनिट है। पैरा कमांडो का काम देश के दुश्मनों के खिलाफ स्पेशल ऑपरेशन को अंजाम देना, बंधक समस्या, आतंकवाद विरोधी अभियान, गैर परंपरागत हमले, विशेष टोही मुहिम, विदेश में आंतरिक सुरक्षा, विद्रोह को कुचलने और दुश्मन को तलाश कर तबाह करने जैसे सबसे मुश्किल काम होते हैं। भारतीय सेना के पैरा कमांडो की तरह नौसेना के पास मार्कोस और एयरफोर्स के पास गरुड़ कमांडो होते है। यह सभी स्‍पेशल फोर्स देश ही नहीं, विदेशों में भी कई बड़े ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दे चुकी है।

पैरा कमांडोकैसे बनें

  • पैरा कमांडो का चयन दो प्रकार से होता है-
  • डायरेक्ट रिक्रूटमेंट
  • इंडियन आर्मी

डायरेक्ट रिक्रूटमेंट (Direct Recruitment)
इसके अंतर्गत लोगों को सिविल से आर्मी रैली द्वारा भर्ती किया जाता है। आर्मी रैली पैरा (पैराशूट) कमांडो ट्रेनिंग सेन्टर बंगलोर में कराई जाती है, जहां पर चयनित कैंडिडेट को पैरा कमांडो की कठिन ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है। बंगलोर के अलावा अन्य स्थानों पर भी बेहतरीन प्रदर्शन व शारीरिक मापदंड वाले जवानों को पैरा ट्रेनिंग सेन्टर में पैरा कमांडो की ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है।
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इंडियन आर्मी (Indian army)
इंडियन आर्मी में शामिल जो जवान पैरा रेजिमेंट में शामिल होना चाहता है, उसे वालंटियर होकर आवेदन करना होता है। इसमें आवेदन करने के लिए जवान को अपने कमांडिंग अफसर की रिकमेन्डेशन लेनी होती है। किसी भी यूनिट का कमांडिंग अफसर उसी जवान को पैरा कमांडो के लिए रिकमेंड करता है, जो फिजिकली तथा मेंटली रूप से पूरी तरह स्वस्थ हो।

2 से 5 फीसदी लोग ही बन पाते हैं पैरा कमांडो
पैरा कमांडों के लिए आवेदन करना जितना आसान है, इसमें सेलेक्‍ट होना उतना ही मुश्किल है। डायरेक्ट रिक्रूटमेंट तथा इंडियन आर्मी से आये हुए सभी जवान पैरा कंमांडो नहीं बनते है। पैरा कमांडों की ट्रेनिंग शुरू करने वाले सभी आवेदकों में से मात्र 2 से 5 फीसदी लोग ही पैरा कंमांडो स्पेशल फ़ोर्स को जॉइन कर पाते है। पैरा कंमांडो स्पेशल फ़ोर्स जॉइन करने से पहले किसी भी जवान का पैराट्रूपर होना अनिवार्य है, उसके लिए पहले उन्हें पैराट्रूपर की ट्रेनिंग लेकर पैराट्रूपर का टेस्ट क्लियर करना होता है। पैराट्रूपर बनने के बाद ही पैरा कंमांडो स्पेशल फ़ोर्स एडवांस ट्रेनिंग के लिए आवेदन कर सकते है।

पैरा कमांडो की ट्रेनिंग (Training Of Para Commando)
पैरा कमांडो के लिए जवानों का चयन प्रक्रिया पूरे तीन माह तक चलती है। इस दौरान जवानों को थकावट, मानसिक और शारीरिक यातना आदि अनेक प्रकार की कठिन दौर से गुजारा जाता है। प्रतिदिन कमांडो के दिन की शुरुआत शरीर पर 60 से 65 किलो वजन और 20 किलोमीटर की दौड़ से होती है। एक पैरा कमांडो की ट्रेनिंग काम के साथ-साथ साढ़े तीन साल तक चलती रहती है। उसके बाद भी वक्‍त के हिसाब से कमांडो को अपडेट किया जाता रहता है। एक पैरा कमांडो को साढ़े 33 हजार फुट की ऊंचाई से कम से कम 50 जंप लगानी जरूरी होती हैं। एयरफोर्स के पैरा ट्रेनिंग स्‍कूल आगरा में इन्हें ट्रेनिंग दी जाती है। पानी में लड़ने के लिए नौसेना डाइविंग स्‍कूल कोच्‍चि में ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग के दौरान लगभग 95 प्रतिशत जवान या तो ट्रेनिंग छोड़ देते हैं या फिर डिसक्वालिफाई हो जाते हैं। कई बार ट्रेनिंग के दौरान ही जवानों की मौत भी हो जाती है।
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पैरा कमांडो का मुख्य हथियार पैराशूट (Parachute main weapon of para commando)
इन पैरा कमांडो का सबसे अहम हथियार उसका पैराशूट होता है। पैराशूट को आसमान में सही समय पर खोलने की ट्रेनिंग सबसे अहम होती है। एक पैरा कमांडो के पास दो पैराशूट होते हैं। पहला पैराशूट जिसका वजन 15 किलोग्राम होता है, जबकि दूसरा रिजर्व पैराशूट जिसका वजन 5 किलोग्राम होता है। इन पैराशूट की कीमत 1 लाख से लेकर 2 लाख तक होती है। पैरा कमांडो को इस प्रकार की कई तरह की कड़ी ट्रेनिंग से गुजरना होता है। पैरा कमांडो को किसी भी तरह के हालात से निपटने में महारत हासिल करनी होती है। इनमें सबसे मुख्‍य ट्रेनिंग दुश्मन पर नजदीक से घात लगाकर हमला करना है।

यह सबसे अधिक खतरनाक ट्रेनिंग है। घने जंगल के बीच में दुश्मन पर घात लगाकर हमला किया जाता है। इसके लिए नजदीक से दुश्मन पर गोली मारने की ट्रेनिंग काफी अहम होती है। पैराशूट और हथियार का वजन मिलाकर एक कमांडो अपने साथ 40 से 50 पचास किलोग्राम वजन ले जाता है। जब पैरा कमांडो को किसी स्पेशल ऑपरेशन को अंजाम देने जाते है, तो उसके लिए काफी तैयारी की जाती है।

पैरा कमांडो की सैलरी (Para Commando Salary)
पैरा कंमांडो स्पेशल फ़ोर्स का जीवन बहुत कठिन होता हे, वे पूरे दिन मेहनत करते हैं और रिस्क उठाते है। वे अन्य डिफेंस पर्सन की तुलना में काफी संघर्षपूर्ण रूटीन को फॉलो करते है इसलिए उन्हें आम आर्मी पर्सन की सैलरी के साथ स्पेशल अलाउंस भी दिया जाता है। पैरा कंमांडो स्पेशल फ़ोर्स को SPECIAL FORCE ALLOWANCE दिया जाता है जो 7वे वेतन आयोग के तहत 25000 रुपये प्रति महीना तथा JCO और अन्य रैंक्‍स के लिए 17300 रुपये प्रति महीना है। इसके अलावा भी इन्‍हें कई तरह के अन्‍य अलाउंस व सुविधाएं भी दी जाती हैं।

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पैरा कमांडो बनने के लिए क्या करना चाहिए?

पैरा कमांडो बनने के लिए आपको भारतीय सेना की किसी भी बटालियन में एक जवान के रूप में शामिल होना होता है। जिसके बाद आपको पैरा कमांडो के अधिकारियों द्वारा चयनित किया जाता है। पैरा कमांडो में भर्ती होने के लिए आपके पास दो विकल्प होते हैं। जिनमें पहला विकल्प सीधी भर्ती और दूसरा विकल्प भारतीय सेना द्वारा होता है।

पैरा कमांडो कितने साल की होती है?

इनकी शुरुआत प्रतिदिन शरीर पर 60 से 65 किलो वजन और 20 किलोमीटर की दौड़ से होती है। इस चयन प्रक्रिया को पूरा करने के बाद सेलेक्‍ट होने वाले उम्‍मीदवारों को पैरा कमांडो बनने के लिए साढ़े तीन साल की कठिन ट्रेनिंग दी जाती है।

पैरा कमांडो का क्या काम है?

पैरा कमांडो भारत की सबसे खतरनाक सेना यूनिट में से मानी जाती है. इस यूनिट का गठन 1 जुलाई साल 1966 में किया गया था. ये यूनिट खासतौर पर देश में हमला करने वाले आतंकवादियों से देश को सुरक्षा प्रदान करते हैं. पैरा कमांडो एक ऐसी सेना की टुकड़ी है जो पैराशूट साथ लेकर चलते हैं.

पैरा कमांडो की लंबाई कितनी होती है?

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