आखिर पीपल रोता क्यों है ? Show
गाँव के कोने पर पीपल का छतनार पेड़ मेरे बाबा के बाबा के बाबा ने जब इस जगह पर मिट्टी खोदकर गढ़ी थी एक दीवार किलकारे थे कुछ बच्चे तब से पीपल रखने लगा था हिसाब खड़ी होती दीवारों के आँगन का | बच्चे खेलते उसकी सरसराती हवा के नीचे सुर्रा रात में बदते उसके नीचे जुते खेत में झाबर तब पीपल झूमता पुलक कर और डोलती उसकी पत्तियाँ दुगनी रफ्तार में | मिट्टी खुदती रही गड्ढा बढ़ता गया बन गया बड़ा तालाब खड़ी होती दीवारों से पीपल के एक ओर खड़ा हो गया पूरा-पूरा गाँव लगाये गए आम, महुआ, नीम के पेड़ बीतती रहीं पीढियां-दर पीढियाँ | अब लोग तोड़ते हैं आम बीनते हैं महुआ तैरते हैं तालाब निकल जाते हैं बाग में पीपल को अनदेखा कर | बताती हैं पीपल के नीचे घास छीलने वालियाँ कि, पीपल रोता है भीगी रहती हैं उसकी जड़ें ताने से कट-कट कर रिसता है कुछ निकलती है एक भाँय-भाँय करती आवाज उसके नीचे | एक ओर हरा-भरा गाँव बजती हैं जानवरों के गले की घंटियाँ चरवाहों की हँसी के साथ दूसरी ओर रिसता है पीपल गाँव में है चर्चा आखिर पीपल रोता क्यों है ? पीपल के पेड़ की जानकारी और पीपल के आयुर्वेदिक फायदेPeepal tree information and benefits of Peepal in hindiपीपल का वैज्ञानिक या वनस्पतिक नाम - फाइकस् रिलीजिओसापीपल का अंग्रेजी में नाम - पिपल ट्री, द ट्री ऑफ़ इंटेलिजेंसपीपल (Peepal) एक मुख्य औषधीय पौधा है। पीपल भारत में पाया जाने वाला एक मुख्य पौधा है। पीपल संपूर्ण भारत में पाया जाता है और पीपल के पेड़ (Peepal ke ped) को आपने जरूर देखा होगा, क्योंकि यह पेड़ हमारे आसपास मंदिरों में, मैदानों में, खेतों में आसानी से देखने के लिए मिल जाता है। इस पेड़ को पूजनीय माना जाता है। लोग इसकी पूजा करते हैं और धागा बांधते हैं। पीपल के पेड़ को लोग अपने घरों में गमले में भी लगाते हैं। पीपल का पेड़ (Peepal ka ped) सदाबहार पेड़ है। पीपल के पेड़ की पत्तियां हल्के हरे रंग की होती है। पीपल का पेड़ पूजनीय होने के साथ-साथ औषधीय गुणों से भी भरपूर है। आयुर्वेद में 3 पौधे बहुत महत्वपूर्ण है - नीम, बरगद और पीपल। इन तीनों पौधे के औषधीय फायदे बहुत ज्यादा हैं। पीपल का पेड़ हमें बहुत सारे रोगों से छुटकारा दिलाता है। इसके अलावा यह रात में भी ऑक्सीजन उत्पन्न करता है। पृथ्वी में पाए जाने वाले बहुत कम ऐसे पौधे जो रात में ऑक्सीजन उत्पन्न करते हैं। मगर पीपल रात में ऑक्सीजन उत्पन्न करता है। इसलिए पीपल के पौधे का रोपण अधिक से अधिक करना चाहिए, जिससे हमारे पर्यावरण में वायु प्रदूषण कम है और हमारी वायु शुद्ध रहे। पीपल के पेड़ की छांव बहुत ठंडी रहती है। पीपल का पेड़ 10 से 25 मीटर ऊंचा होता है। पीपल का पेड़ बहुत विशाल रहता है। पीपल की पत्तियों का आकार दिल के आकार का होता है। यह देखने में बहुत ही सुंदर लगती है। पीपल की पत्तियां चिकनी होती है। पीपल की पत्तियां हल्के हरे रंग की होती है। पीपल की पत्तियां ऊपरी सिरा चिकना होता है और निचले सिरे में इसकी शिराएं साफ देखने के लिए मिलती हैं। पीपल की पत्ती जब सूख जाती है। तब इसकी शिराएं ही पत्ती में शेष बचती है। पीपल की पत्तियों की शिराएँ सफेद रंग की होती है। पीपल का एक मुख्य तना देखने के लिए मिलता है। तने के ऊपर आपको इसकी शाखाएं देखने के लिए मिलती हैं, जो बहुत घनी रहती है। पीपल का पेड़ कई वर्षों तक जिंदा रहता है। पीपल की तने की बाहरी परत अर्थात इसकी छाल सफेद रंग की होती है। पीपल के नए पत्ते चिकने और हल्के लाल रंग के होते हैं। बाद में यह पत्ते हरे रंग के हो जाते हैं। पीपल के पेड़ में फल भी लगते हैं। पीपल के पेड़ में छोटे-छोटे गोलाकार फल लगते हैं। इसके फल चिकने होते हैं। कच्ची अवस्था में यह फल हरे रंग के होते हैं और पकने पर यह फल बैगनी रंग के हो जाते हैं। पीपल की जड़ जमीन में बहुत सारी उप जड़ों में विभक्त होती है। पीपल में बरगद के समान ही जटा निकलती हैं। पीपल के पुराने तने पर जटाएं निकलती हैं। इन जटाओं को पीपल की दाढ़ी के नाम से जाना जाता है। यह जटाएं मोटी होती है और जमीन में नीचे तक जाती हैं। पीपल के तने, शाखाओं या इसके पत्तों को तोड़ने से दूध के सामान पदार्थ निकलता है, जिसे पीपल का दूध कहते हैं। पीपल वृक्ष का सभी भाग उपयोगी रहता है। पीपल वृक्ष का जड़, तना, पत्तियां और फल यह सभी उपयोगी रहता है। फल का चूर्ण बनाकर प्रयोग किया जाता है। पीपल वृक्ष के भागों से शरीर की बहुत सारी बीमारियों को ठीक किया जाता है। पीपल का वृक्ष भारत में आसानी से मिल जाता है। मगर इस पेड़ के औषधीय गुणों के बारे में लोगों को जानकारी नहीं है, जिससे वह पीपल का उपयोग नहीं कर पाते हैं। आप इस ब्लॉग को पढ़िए, आपको पीपल के बारे में संपूर्ण जानकारी मिलेगी। पीपल का वृक्ष औषधीय गुण, उपयोग और फायदे - Medicinal properties, uses and benefits of peepalपीपल पेड़ के आयुर्वेदिक फायदे बहुत सारे हैं। पीपल शरीर के बहुत सारे रोगों में फायदा करता है। पीपल के जड़, तना, पत्तियां और फल का उपयोग शरीर के रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है। पीपल के पेड़ के फायदे - Benefits of Peepal Tree
पीपल वृक्ष का धार्मिक महत्व - religious significance of peepalपीपल का पेड़ औषधीय महत्व के साथ-साथ धार्मिक महत्व रखता है। पीपल के पेड़ में भगवान श्री हरि विष्णु जी निवास करते हैं। पीपल के वृक्ष को अक्षय वृक्ष कहा जाता जाता है, जिसके अनुसार पीपल के पत्ते कभी समाप्त नहीं होते हैं। पतझड़ के समय पीपल के पत्ते झड़ने लगते हैं। मगर एक साथ पूरे पत्ते नहीं झड़ते हैं और फिर नए पत्ते आते हैं और पीपल का पेड़ हरा भरा हो जाता है। पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर कई संत महात्माओं ने तपस्या की है। स्कंद पुराण में पीपल की विशेषता और उसके धार्मिक महत्व का उल्लेख किया गया है, कहा जाता है कि पीपल के जड़ में विष्णु भगवान जी, तने में केशव, शाखाओं में नारायण, पत्तों में श्री हरी और फलों में सभी देवताओं के साथ अच्युत देव निवास करते हैं। इस पेड़ को श्रद्धा से प्रणाम करने से सभी देवता प्रसन्न होते हैं। हमारे शास्त्रों में पीपल के पेड़ का बहुत महत्व है। इसे देव वृक्ष कहा गया है। पीपल के वृक्ष के भीतर सभी देवताओं का वास होता है। गीता में भगवान कृष्ण ने पीपल को अपना ही स्वरूप बताया था। पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर ही बहुत सारे यज्ञ और अनुष्ठान किए जाते हैं। पीपल वृक्ष के नीचे शिव भगवान जी की स्थापना की जाती है। आपने बहुत सारी जगह देखा होगा, जहां पर पीपल वृक्ष के नीचे शिवलिंग विराजमान रहता है। पीपल वृक्ष की पूजा बहुत सारी औरतें करती हैं और पीपल वृक्ष में धागा बांधती है। इसका भी अपना महत्व है। पीपल वृक्ष के पास होने से मानसिक तनाव कम हो जाता है। पीपल वृक्ष की पूजा करने से शनि भगवान जी की साढ़ेसाती से बचा जा सकता है। पीपल वृक्ष के और भी धार्मिक महत्व है। पीपल के पेड़ को घर में लगाना शुभ है या अशुभ - Is it auspicious or inauspicious to plant Peepal tree in the house?पीपल के पेड़ को घर में क्यों नहीं लगाना चाहिए ? या लोग यह कहते हैं, कि पीपल का पेड़ शुभ है या अशुभ। पीपल का पेड़ धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। मगर इसे घर में नहीं लगाया जाता है, क्योंकि इसके पीछे बहुत सारे कारण हैं। कुछ कारण धार्मिक है और कुछ कारण साइंटिफिक है। चलिए जानते हैं - पीपल के पेड़ को घर में क्यों नहीं लगाना चाहिए
पीपल का फल - Peepal fruitपीपल का फल बहुत ही उपयोगी रहता है। पीपल के फल में औषधीय गुण विद्यमान रहते हैं। पीपल का फल, पीपल के तनों में छोटे-छोटे हरे कलर के लगते हैं। पीपल के फल पकने के बाद भूरे कलर का हो जाता है। पीपल के फल चिड़िया पंछी बड़े ही चाव से खाते हैं। पीपल के फल के उपयोग से शरीर के बहुत सारे रोग ठीक हो जाते हैं। पीपल के फल के फायदे - benefits of peepal fruit
पीपल का पेड़ की तासीर गर्म रहता है या ठंडा - Peepal ka ped ki taseer garam hota hai ya thandaपीपल के वृक्ष की तासीर गरम रहती है। इसलिए पीपल के पेड़ का प्रयोग आप करते हैं, तो आपको सावधानी बरतनी चाहिए। पीपल के किसी भाग का उपयोग करते हैं, तो उसके बाद किसी भी तरह का तला हुआ पदार्थ और जंक फूड खाने से बचना चाहिए। पीपल के पत्ते का काढ़ा कैसे बना सकते हैं - Peepal ke patte ka kadha kaise bana sakte hainपीपल का पत्ते का काढ़ा बनाने के लिए, ताजे पीपल की पत्तियों को तोड़ लें। इन पत्तियों को पानी से धो लें। इन पत्तियों को आप एक बर्तन में पानी डालकर चढ़ा दें और पानी में उबाल आने दें। उबाल आने के बाद गैस को मंद कर दे। जब पानी आधा हो जाए, तो इस पानी का उपयोग आपका काढ़े के रूप में कर सकते है। गमले में पीपल का पौधा कैसे लगा सकते हैं - how to plant peepal plant in potगमले में पीपल का पौधा बहुत ही आसानी से लगाया जा सकता है। वैसे पीपल का पौधा हर जगह आसानी से प्राप्त हो जाता है। पीपल का पौधा बीज से अंकुरित होता है। पीपल के पौधे को आप गमले में लगा सकते हैं। पीपल पौधे के लिए आपको एक मध्यम आकार का गमला लेना है और इस गमले में आपको मिट्टी और गोबर खाद को मिश्रित करके भर लेना है। इस मिश्रण में आपको पीपल के छोटे पौधे को लगाना है और इसे समय अनुसार पानी देना है। पीपल का पौधा कुछ दिनों में बड़ा हो जाएगा। पीपल का छोटा पौधा आपको कहीं पर भी आसानी से मिल जाएगा, क्योंकि पीपल का फल बहुत सारे पक्षी लोग खाते हैं और बीट करते हैं, जिससे पीपल का पौधा कहीं पर भी उग जाता है, तो पीपल का पौधा आपको ढूंढने में दिक्कत नहीं होगी। इसके अलावा आप पीपल के बीज के द्वारा पीपल के पौधे को लगा सकते हैं। आप पीपल के बीज को मिट्टी में दबा दीजिए। पीपल का पौधा कुछ दिनों बाद निकल जाएगा। पीपल के पौधे को बोनसाई बनाकर घर में भी रखा जाता है। यह बहुत सुंदर लगता है और आप इस तरह से पीपल के पौधे को गमले में उगा सकते हैं। पीपल का पेड़ की फोटोअर्जुन का पेड़गुड़हल का फूलदेसी बबूल नीम का पेड़पलाश के फायदेकौन सा पेड़ है जो आदमी की तरह रोता है?अमेरिका के जंगलो मे मेट्रिक या मेड्रक नाम का पेड़ पाया जाता है जो बिलकुल बच्चो की तरह रोता है।
पीपल के पेड़ के नीचे बैठने से क्या होता है?अगर आपकी किसी के साथ शत्रुता है और आपका शत्रु आपको परेशान कर रहा है, तो पीपल के वृक्ष के नीचे बैठ कर हनुमान चालीसा का भी पाठ जरूर करें. इस तरह से आपको आपके शत्रुओं से जुड़ी सभी परेशानियों से मुक्ति मिलेगी साथ ही आपके शत्रुओं का नाश होगा.
पीपल का पेड़ घर में क्यों नहीं लगाना चाहिए?ऐसे में अगर यह पेड़ घर में होगा तो इसकी जड़ें मकान की नींव के कमजोर कर सकती हैं. इसलिए भी माना जाता है कि पीपल का पेड़ घर में नहीं लगाना चाहिए. पीपल के पेड़ की हिंदू धर्म में काफी मान्यता है.
घर के सामने पीपल का पेड़ हो तो क्या होता है?पीपल के पेड़ का धार्मिक महत्व
भले ही पीपल के पेड़ को दैवीय वृक्ष माना जाता है और कई मौकों पर इसकी पूजा की जाती है। इन सब मान्यताओं के बावजूद पीपल के पेड़ का घर में उगना अशुभ होता है। कहते हैं कि जिस घर में पीपल का पेड़ उगता है उस घर में दरिद्रता पांव पसारने लगती है।
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