ओवरी में सिस्ट क्यों बनता है? - ovaree mein sist kyon banata hai?

ओवरी यानी अंडाशय प्रजनन प्रणाली का हिस्सा होता है। यह गर्भाशय के दोनों किनारों पर पेट के निचले हिस्से की तरफ होता है। महिलाओं के दो अंडाशय होते हैं। जो अंडे के साथ-साथ हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन करते हैं। 

कभी-कभी, दोनों अंडाशय में एक पर एक सैक यानी थैली नुमा द्रव से भरी थैली जिसे सिस्ट या गांठ कहा जाता है, अंडाशय पर विकसित हो जाती है। यह हर महिला को एक न एक बार होती ही है। लेकिन ज्यादातर मामलों में यह सिस्ट/गांठ दर्द रहित और बिना किसी सिम्टम यानी लक्षण के होते हैं, इसलिए पता नहीं चलता। 

ओवरियन सिस्ट के प्रकार- Types of Ovarian Cyst

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ओवरियन सिस्ट या डिंबग्रंथि की गांठ कई प्रकार की होती हैं। जैसे- डरमाॅयड सिस्ट और एंडोमीट्रियोमा सिस्ट। हालांकि, फंक्शनल यानी क्रियात्मक या एक्टिव सिस्ट ही सबसे काॅमन माने जाते हैं। क्रियात्मक या फंक्शनल सिस्ट 2 प्रकार के होते हैं- फाॅलिकल और काॅर्पस ल्यूटियम सिस्ट। 

फाॅलिकल या कूप सिस्ट- Follicle Cyst

किसी औरत की मेंस्ट्रुअल साइकल के दौरान अंडा एक सैक या ‘कूप’ नुमा चीज जिसे ‘फाॅलिकल’ कहते हैं, में बड़ा होता है। यह थैली अंडाशय के अंदर स्थित होती है। ज्यादातर मामलों में यह फाॅलिकल या थैली खुलती है, और एक अंडा रिलीज करती है। लेकिन अगर यह फाॅलिकल यानी कूप टूटता नहीं है, तो कूप के अंदर का द्रव ओवरी/अंडाशय पर एक सिस्ट बना लेता है/सकता है। 

काॅरपस ल्युटियम सिस्ट- Corpus Luteum Cyst

फाॅलिकल सैक आमतौर पर अंडे को छोड़ने के बाद घुल जाते हैं। लेकिन अगर थैली टूटती नहीं है, और कूप का द्वार या मुंह बंद हो जाता है, तो थैली के अंदर अतिरिक्त तरल पदार्थ विकसित हो सकता है और द्रव इस के संचय/इकटठा होने से काॅर्पस ल्युटियम सिस्ट बन जाता है। 

अन्य प्रकार की ओवेरियन सिस्ट में शामिल हैं - 

डर्मोइड सिस्ट- अंडाशय पर थैली जैसी वृद्धि जिसमें बाल, वसा और अन्य ऊतक हो सकते हैं।

सिस्टेडेनोमास- गैर-कैंसरयुक्त व्रद्धि जो अंडाशय की बाहरी सतह पर विकसित हो सकती है। 

एंडोमेट्रियोमास- सामान्य रूप से गर्भाशय के अंदर बढ़ने वाले ऊतक गर्भाशय के बाहर विकसित हो सकते हैं और अंडाशय से जुड सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप एक गांठ विकसित हो सकती है। 

कुछ महिलाओं में पाॅलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम नामक स्थिति विकसित हो जाती है। इस स्थिति का मतलब है, अंडाशय में बड़ी संख्या में छोटे सिस्ट विकसित होना। इससे अंडाशय बढ़ सकता है। यदि इसका तत्काल उपचार न कराया जाए तो यह तो, ‘पाॅलीसिस्टिक अंडाशय’ बांझपन का कारण बन सकता है/जाता है। 

ओवरियन सिस्ट के लक्षण- Symptoms of an Ovarian cyst

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कई बार देखा गया है कि प्रारंभिक तौर पर ‘ओवेरियन सिस्ट’ के कई लक्षण परिलक्षित नहीं होते हैं। हालांकि, सिस्ट बढ़ने पर लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इन लक्षणों में-

  • पेट में सूजन 
  • मल त्याग में दर्द
  • मासिक धर्म के दौरान दर्द या पेल्विक दर्द
  • संभोग के दौरान दर्द
  • पीठ के निचले हिस्से या जांघों में दर्द
  • स्तनों का ढीलापन
  • मतली या उल्टी

ओवरियन सिस्ट या डिंबग्रंथि सिस्ट/गांठ के गंभीर लक्षण जिन्हें तुरंत मेडिकल एग्जामिनेशन की जरूरत होती है, उनमें शामिल हैं- 

  • तेज गंभीर पेल्विक दर्द
  • तेजी से सांस लेना
  • बुखार
  • बेहोशी या चक्कर आना

ये लक्षण एक टूट गांठ या एक डिम्बग्रंथि मरोड़ का संकेत दे सकते हैं। यदि जल्द ही इनका इलाज न किया जाए, तो दोनों जटिलतओं के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। 

डिंबग्रंथि गांठ की जटिलताएं- Ovarian cyst complications

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अधिकांश ओवेरियन सिस्ट सौम्य होते हैं और स्वाभाविक रूप से बिना उपचार के अपने आप चले जाते हैं यानी खत्म हो जाते हैं। इस तरह की गांठें या सिस्ट बहुत कम ही लक्षण पैदा करते हैं। लेकिन दुर्लभ मामलों में, डाॅक्टर नियमित जांच के जरिए कैंसरयुक्त सिस्टिक ओवेरियन गांठ का पता लगा सकते हैं। 

सिस्ट की ओवरलैपिंग एक और काॅम्पिलकेटेड स्थिति है, यह तब होता है, जब एक बड़े सिस्ट के कारण, अंडाशय मुड़ जाता है या अपनी मूल स्थिति से हिल जाता है। अंडाशय के रक्त की आपूर्ति बंद हो जाती है, और यदि इसका इलाज न किया जाए, तो यह ओवेरियन ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकती है। हालांकि, असामान्य और आपातकाल परिस्थितियों में डाॅक्टर्स सर्जरी से इसका इलाज कर देते हैं। 

रप्चर्ड सिस्ट यानी फटे हुए सिस्ट, जो हालांकि दुर्लभ होते हैं, तेज दर्द और आंतरिक रक्तस्राव का कारण न सकते हैं। यह जटिलता आपके संक्रमण के जोखिम को बढ़ाती है और यदि अनुपचारित छोड़ दिया जाए तो यह जीवन के लिए खतरा हो सकती है। 

ओवरियन सिस्ट का निदान- Diagnosing an Ovarian cyst

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डाॅक्टर आपकी नियमित पेल्विक परीक्षण के दौरान भी एक डिंबग्रंथि सिस्ट का पता लगा सकतसंश है। हो सकता है, उन्हें आपके अंडाशय में से एक पर सूजन दिखे और वे आपसे अल्ट्रासाउंड करवाने को कहें। संशय को क्लियर करने के लिए। अल्ट्रासाउंड परीक्षण एक इमेजिंग परीक्षण होता है, जो आपके आंतरिक अंगों की एक छवि या फोटो पिक्चर बनाने के लिए उच्च आव्रत्ति वाली ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है। अल्ट्रासाउंड परीक्षण एक सिस्ट के आकार, स्थान और संरचना का पता करने में मदद करता है। कि अगर कोई सिस्ट या गांठ है तो वह, कितनी बड़ी है? ठोस है या द्रव से भरी हुई है? आदि।  

ओवेरियन सिस्ट का निदान करने के लिए उपयोग किए जाने वाले ‘इमेजिंग टूल्स’ में शामिल हैं- 

सीटी स्कैन- बाॅडी इमेजिंग डिवाइस जिसका उपयोग आंतरिक अंगों की क्राॅस सेक्शनल इमेज बनाने के लिए किया जाता है। 

एमआरआई- एक परीक्षण जो आंतरिक अंगों का गहराई से परीक्षण करने के लिए छवि यानी फोटो उत्पादन करने के लिए चुंबकीय क्षेत्र का उपयोग करता है। 

अल्ट्रासाउंड डिवाइस- अंडाशय के अंदर देखने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक इमेजिंग डिवाइस। 

चूंकि अधिकांश सिस्ट कुछ हफतों या महीनों के बाद गायब हो जाते हैं, इसलिए हो सकता है, आपकी डाॅक्टर तुरंत उपचार के लिए न कहें। बल्कि, वे आपकी स्थिति की जांच के लिए कुछ हफतों या महीनों का समय लें, और दोबारा अल्ट्रासाउंड परीक्षण दोहरा करवाएं, ताकि स्थिति का बेहतर आंकलन किया जा सके। 

यदि आपकी स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं होता है या सिस्ट का आकार पहले की अपेक्षा बढ़ा हुआ आता है, तो आपका डाॅक्टर आपके लक्षणों के अन्य कारणों को निर्धारित करने के लिए अतिरिक्त परीक्षणों के लिए भी कह सकते हैं। ताकि सही नतीजों पर पहुंचा जा सके। 

इसमें शामिल है- 

गर्भावस्था परीक्षण, यह सुनिश्चित करने के लिए कि कहीं आप गर्भवती तो नहीं?

हार्मोन से संबंधित मुददों की जांच के लिए हार्मोन स्तर परीक्षण, जैसे कि बहुत अधिक एस्ट्रोजन या प्रोजेेस्टेरोन।

ओवेरियन कैंसर की जांच के लिए सीए-125 रक्त परीक्षण। 

ओवरी की गांठ का उपचार- Treatment for an Ovarian cyst

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यदि आपका सिस्ट/गांठ अपने आप दूर नहीं होती या बड़ी हो जाती है तो, आपका डाॅक्टर सिस्ट को सिकोड़ने या हटाने के लिए उपचार प्रस्तावित कर सकता है। 

गर्भनिरोधक गोलियां- Birth control pills

यदि आपके एक से अधिक सिस्ट हैं, तो आपकी डाॅक्टर ओव्युलेशन को रोकने और नए सिस्ट को बनने से रोकने के लिए ‘गर्भ निरोधक गोलियां’ दे सकती हैं। मौखिक गर्भनिरोधक भी ओवेरियन कैंसर के जोखिम को कम करती हैं। ओवेरियन कैंसर का खतरा पोस्ट-मेनोपाॅजल केस वाली महिलाओं अधिक होता है। 

लेप्रोस्कोपी- Laparoscopy

यदि आपका सिस्ट छोटा है लेकिन उसमें कैंसर के लक्षण लग रहे हैं, तो आपकी डाॅक्टर शल्य चिकित्सा यानी सर्जरी के जरिए सिस्ट को हटाने के लिए ‘लैप्रोस्कोपी’ कर सकती है। इस प्रक्रिया में नाभि के पास एक छोटा सा चीरा लगाता है और फिर सिस्ट को हटाने के लिए पेट में एक छोटा सा उपकरण डाला जाता है। 

लैप्रोटोमी- Laparotomy

यदि आपका सिस्ट बड़ा है, तो सर्जरी के जरिए पेट में एक बड़ा चीरा लगाकर सिस्ट को हटाया जाता है या इसके लिए डाॅक्टर तत्काल बायोप्सी करते हैं और यदि उनको लगता है कि सिस्ट ‘कैंसरस’ है, तो वो आपके अंडाशय ओवरी और गर्भाशय युटेरस को हटाने के लिए एक हिस्टरोक्टाॅमी कर सकते हैं। 

डिंबग्रंथि गांठ से बचाव -Ovarian cyst prevention

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डिंबग्रंथि सिस्ट को रोका नहीं जा सकता। हालांकि, नियमित स्त्री रोग संबंधी परीक्षण कराते रहने से सिस्ट का पता जल्दी और आसानी से लगाया जा सकता है। नर्म डिंबग्रंथि की गांठ कैंसर नहीं बनती हैं। हालांकि, ओवेरियन कैंसर के लक्षण एक डिंबग्रंथि गांठ के लक्षणों की की तरह भी हो सकते हैं। इसलिए, अपने डाॅक्टर से मिलना और सही डायग्नोज कराना बेहद महत्वपूर्ण है। अपनी डाॅक्टर को ऐसे लक्षणों के बारे में तुरंत बताएं जो, आपको समस्या का संकेत दे रहे हों या दे सकते हों, जैसे- 

  • मासिक धर्म चक्र में परिवर्तन
  • पेल्विक पेन
  • अचानक से भूख कम लगने लगना
  • एक दम से वजन घटने लगना
  • एब्डाॅमिनल फुलनेस। 

दीर्घकालिक दृष्टिकोण क्या है? What is the long term outlook?

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ओवरी की गांठ प्री-मेनोपाॅजल महिलाओं के लिए बुरी नहीं होती है। क्योंकि अधिकांश सिस्ट कुछ ही महीनों में खुद ही गायब हो जाते हैं। हालांकि, प्री-मेनोपाॅजल महिलाओं और हार्मोन असंतुलन वाली महिलाओं में ओवेरियन सिस्ट हो सकती हैं। 

एक बात और, यदि इन्हें ऐसे ही छोड़ दिया जाए! यानी बिना किसी उपचार के, तो कुछ गांठें यानी सिस्ट प्रजनन क्षमता को कम कर सकते हैं। यह स्थित एंडोमेट्रियोमा और पाॅलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के साथ ज्यादा आम है। प्रजनन क्षमता में सुधार के लिए आपका डाॅक्टर सिस्ट को हटा या छोटा कर सकती हैं। कार्यात्मक यानी एक्टिव सिस्ट, स्टिडेनोमा और डर्मोइड सिस्ट प्रजनन क्षमता को प्रभावित नहीं करते हैं। 

हालांकि कुछ डाॅक्टर ओवेरियन सिस्ट के मामले में ‘वेट एंड सी’ का दृष्टिकोण भी अपनाते हैं। डाॅक्टर रजोनिवृत्ति के बाद अंडाशय पर विकसित होने वाले किसी भी तरह के सिस्ट या वृद्धि को हटाने और जांचने के लिए सर्जरी की सलाह भी देते या दे सकते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि मेनोपाॅज के बाद कैंसर या ओवेरियन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, ओवेरियन सिस्ट, कैंसर के खतरे को नहीं बढ़ाते हैं। कुछ डाॅक्टर 5 सेंटीमीटर से बड़ा सिस्ट होने पर उसे हटा भी देते हैं और मर्ज को और बढ़ने का मौका ही नहीं देते। 

सिस्ट में क्या नहीं खाना चाहिए?

डिम्बग्रंथि पुटी आहार को कार्बोहाइड्रेट, जंक फूड, विषाक्त और अम्लीय खाद्य पदार्थों से समृद्ध भोजन को बाहर करना चाहिए क्योंकि वे हार्मोनल असंतुलन का कारण बनते हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करते हैं। चीनी और कम ताज़ी सब्जियों सहित आहार विषाक्त पदार्थों को हटाने से बचा सकता है जिससे डिम्बग्रंथि व्रण होता है।

ओवरी सिस्ट कैसे ठीक करें?

गर्म सिकाई दिलाये ओवरियन सिस्ट के दर्द से राहत (Hot Compress Beneficial to Ease from Ovarian Cyst in Hindi) गर्म पानी की बोतल को 10 से 15 मिनट के लिए अपने पेट के निचले हिस्से में सिकाई करें, ऐसा करने से पेट के निचले हिस्से में हो रहे दर्द में काफी आराम मिलता है।

ओवरी सिस्ट होने का कारण क्या है?

जब कोई टिशू गर्भाशय के अंदर बनता है तो वो गर्भाशय के बाहर भी विकसित होने लगता है और अंडाशय से जुड़ा होता है जिसके कारण सिस्ट बनता है। ऐसा तब होता है जब यूटरन एंडोमेट्रियल कोशिका गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगता है।

क्या ओवेरियन सिस्ट खतरनाक है?

ओवेरियन सिस्ट कई तरह के होते हैं और गर्भधारण करने में कई तरह से बाधा भी बनते हैं। सिस्ट की समस्या से जूझने वाली महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिसीज़ का खतरा रहता है। जिसकी वजह से महिलाओं में महावारी का अनियमित होना जैसे लक्षण पाए जाते हैं।