किसी भी भाषा के वे शब्द अव्यय या अविकारी कहलाते हैं जिनके रूप में लिंग, वचन, पुरुष, कारक, काल इत्यादि के कारण कोई विकार उत्पन्न नहीं होता। ऐसे शब्द हर स्थिति में अपने मूलरूप में बने रहते है। अव्यय का शाब्दिक अर्थ है- ‘जो व्यय न हो’। Show
भेद[संपादित करें]अव्यय पाँच प्रकार के होते हैं- . क्रिया-विशेषण अर्थ के अनुसार क्रिया-विशेषण के चार भेद हैं-
क्रिया-विशेषण
अर्थ के अनुसार क्रिया-विशेषण के चार भेद हैं-
क्रिया-विशेषण
अव्यय के प्रकारअव्यय के चार प्रकार होते हैं :- क्रियाविशेषण अव्यय, समुच्चयबोधक अव्यय, संबंधबोधक अव्यय और विस्मयादिबोधक अव्यय। 1 . क्रियाविशेषण अव्यय : जो अव्यय क्रियाओं की विशेषता बताते हैं उन्हें क्रियाविशेषण अव्यय कहते हैं। 2. समुच्चयबोधक अव्यय : जो अव्यय एक वाक्य को दूसरे वाक्य से, एक शब्द समूह को दूसरे शब्द समूह या एक शब्द को दूसरे शब्द से जोड़ते हैं उन्हें समुच्चयबोधक अव्यय कहते हैं। जैसे: गोवा में उमस थी लेकिन मुंबई जितनी नहीं। 3. संबंधबोधक अव्यय: जो अव्यय संज्ञा या सर्वनाम के बाद आकर उस संज्ञा या सर्वनाम का संबंध वाक्य के दूसरे शब्दों के साथ जोड़ते हैं उन्हें संबंधबोधक अव्यय कहते हैं। जैसे : पणजी मांडवी नदी के किनारे स्थित है। निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त अव्यय ढूंढ कर उसका भेद लिखिए।
निम्नलिखित अवयवों को अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए। हाय!, धीरे-धीरे, के पास, ज्यादा, और,
बल्कि, बाद, प्रायः,
About Mahesh PrajapatiThis is Mahesh Prajapati from Mumbai. Professionally I am a teacher and also provide education on various online platform like Youtube, Dailymotion and Unacademy. अव्यय की पहचान कैसे करें?ऐसे शब्द जिसमें लिंग, वचन, पुरुष, कारक आदि के कारण कोई विकार उत्पन्न नहीं होता वह शब्द अव्यय कहलाते हैं। अव्यय सदैव अपरिवर्तित, अविकारी रहते हैं। जैसे- जब, तब, अभी, उधर, वहाँ, इधर, कब, क्यों, वाह, आह, ठीक, अरे, और, तथा, एवं, किन्तु, परन्तु, बल्कि, इसलिए, अतः, अतएव, चूँकि, अवश्य इत्यादि।
निम्नलिखित अव्ययों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए?यहाँ यह भी ध्यातव्य है कि यकार एवं तकार वाले, जैसे कि यद्यपि तथापि, यथा-तथा, यदि - तर्हि, यत्र-तत्र, यावत् - तावत्, यदा तदा इत्यादि अव्ययों का वाक्यों में प्रयोग प्रायश: एक साथ ही करना चाहिए, अन्यथा वाक्य अपूर्ण ही रहता है। प्र. 1. समुचितैः अव्ययै: (मंजूषात: गृहीत्वा) रिक्तस्थानानि पूरयत- i) सः वनं गतवान्।
निम्नलिखित अव्यय का वाक्य में प्रयोग कीजिए क्योंकि?तो वाह ! अलावा के लिए क्योंकि हाय प्रायः और पास इसलिए तरफ कारण अच्छा - Hindi [हिंदी]
10 अव्यय शब्द लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए?जैसे- राम धीरे-धीरे टहलता है; राम वहाँ टहलता है; राम अभी टहलता है। इन वाक्यों में 'धीरे-धीरे', 'वहाँ' और 'अभी' राम के 'टहलने' (क्रिया) की विशेषता बतलाते हैं। ये क्रियाविशेषण अविकारी विशेषण भी कहलाते हैं। इसके अतिरिक्त, क्रियाविशेषण दूसरे क्रियाविशेषण की भी विशेषता बताता हैं।
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