निम्नलिखित शब्दों के शब्द युग्म बनाकर लिखिए : (1) तोड़ (2) काम - nimnalikhit shabdon ke shabd yugm banaakar likhie : (1) tod (2) kaam

Advertisement Remove all ads

Advertisement Remove all ads

Fill in the Blanks

One Line Answer

निम्नलिखित शब्द के युग्म शब्द बताओ और वाक्य में उचित शब्दयुग्म लिखो:

______- उधर

बगीचे में आते ही सभी बच्चे ______ दौड़ने लगे।

Advertisement Remove all ads

Solution

इधर - उधर 

बगीचे में आते ही सभी बच्चे इधर-उधर दौड़ने लगे।

Concept: व्याकरण (7th Standard)

  Is there an error in this question or solution?

Advertisement Remove all ads

Chapter 2.02: बेटी युग - भाषा की ओर [Page 30]

Q १. (८)Q १. (७)Next

APPEARS IN

Balbharati Hindi - Sulabhbharati 7th Standard Maharashtra State Board [हिंदी - सुलभभारती ७ वीं कक्षा]

Chapter 2.02 बेटी युग
भाषा की ओर | Q १. (८) | Page 30

Advertisement Remove all ads

Advertisement Remove all ads

Advertisement Remove all ads

Fill in the Blanks

One Line Answer

निम्नलिखित शब्द के युग्म शब्द बताओ और वाक्य में उचित शब्दयुग्म लिखो:

गाँव - ______

अंतरजाल की सुविधा ______ में उपलब्ध है।

Advertisement Remove all ads

Solution

गाँव - गाँव

अंतरजाल की सुविधा गाँव-गाँव में उपलब्ध है।

Concept: व्याकरण (7th Standard)

  Is there an error in this question or solution?

Advertisement Remove all ads

Chapter 2.02: बेटी युग - भाषा की ओर [Page 30]

Q १. (४)Q १. (३)Q १. (५)

APPEARS IN

Balbharati Hindi - Sulabhbharati 7th Standard Maharashtra State Board [हिंदी - सुलभभारती ७ वीं कक्षा]

Chapter 2.02 बेटी युग
भाषा की ओर | Q १. (४) | Page 30

Advertisement Remove all ads

निम्नलिखित शब्दों के शब्द युग्म इस प्रकार होंगे…

i) तोड : तोड़-फोड़
ii) काम : काम-धाम
iii) जाना : जाना-माना
iv) आकाश : आकाश-पाताल

शब्द युग्म क्या हैं?

शब्द युग्म से तात्पर्य उन शब्दों से होता है जो एक दूसरे के पूरक शब्दों के रूप में प्रयोग किए जाते हैं। शब्द युग्म में अक्सर एक शब्द सार्थक शब्द होता है और दूसरा निरर्थक शब्द होता है, लेकिन वह निरर्थक शब्द सार्थक शब्द के साथ शब्द युग में इसलिए प्रयुक्त किया जाता है, क्योंकि वह शब्द को एक अलग प्रभाव प्रदान करता है। शब्द युग्म के सभी शब्द निरर्थक हों, ऐसा आवश्यक नहीं है।

जैसे दिए गए सभी शब्दों में तोड़-फोड़ दोनों शब्द सार्थक शब्द हैं।

काम-धाम में काम सार्थक शब्द है, जबकि धाम निरर्थक शब्द है।

जाना-माना दोनों सार्थक शब्द हैं।

आकाश-पाताल में दोनों सार्थक शब्द है।

ये प्रश्न भी देखें…

द्वित्व व्यंजन और संयुक्त व्यंजन से बने दो-दो शब्द लिखिए ।​

निम्नलिखित शब्दों के संधि विच्छेद करें। (क) रागानल (ख) भावार्थ (ङ) मूल्यांकन (घ) पीतांबर​

शब्दों का सटीक और प्रभावशाली प्रयोग वक्ता अथवा पाठक को व्यक्ति, वस्तु या क्रिया-व्यापार के विषय में सही-सही जानकारी देता है, जिससे भ्रम की स्थिति नहीं रहती है। इस पोस्ट में उन शब्द-युग्मों के अर्थ के अंतर को स्पष्ट किया गया है, जो एक से अर्थ-बोध कराते हुए प्रतीत होते हैं, लेकिन वास्तव में उनमें स्पष्ट भेद रहता है

1. अस्त्र – शस्त्र

अस्त्र – जो हथियार हाथ से फेंक कर चलाया जाए, जैसे – बाण, भाला, हथगोला।
शस्त्र – जो हथियार हाथ में पकड़े-पकड़े चलाया जाए, जैसे – तलवार, बंदूक।

2. अबला – निर्बला

अबला – अबला स्त्री मात्र को कहा जाता है।
निर्बला – निर्बला केवल बलहीन नारी को कहा जाता है।

3. अस्वाभाविक – अलौकिक

अस्वाभाविक – जो मानव स्वभाव के विपरीत हो।
अलौकिक – जो इस जगत में कठिनाई से प्राप्त हो।

4. अपराध – पाप

अपराध – सामाजिक एवं सरकारी कानून का उल्लंघन।
पाप – नैतिक एवं धार्मिक नियमों को भंग करना।

5. अभिमान – अहंकार

अभिमान – सच्चे गर्व को अभिमान कहा जाता है।
अहंकार – अहंकार झूठे घमंड को कहा जाता है।

6. आखिरी – पिछला

आखिरी – जो अंत में हो तथा फिर न हो।
पिछला – बाद का, जो फिर हो सकता है।

7. अस्थिर – अस्थायी

अस्थिर – जो एक ही स्थान पर टिका न रहे।
अस्थायी – जो सदा नहीं रहता है।

8. आत्मीय – आत्मिक

आत्मीय – जो अपना हो।
आत्मिक – आत्म का।

9. अनबन – खटपट

अनबन – जब दो व्यक्तियों में न बनती हो, एक-दूसरे से अलग हों, बोलचाल न हो।
खटपट – जब दोनों में बोलचाल हो, परंतु थोड़ा-बहुत झगड़ा हो।

10. अद्वितीय – अनुपम

अद्वितीय – जिसके समान कोई दूसरा न हो।
अनुपम – जिसकी किसी दूसरे से (उपमा) समता न की जा सके।

11. अध्यक्ष – सभापति

अध्यक्ष – किसी भी संस्था का स्थायी या किसी अवधि तक प्रधान।
सभापति – किसी सभा या कार्यक्रम का मुख्य व्यक्ति जो सभा समाप्त होने पर मुख्य न रहे।

12. आवश्यक – अनिवार्य

आवश्यक – जरूरी।
अनिवार्य – जो छोड़ा न जा सके, अर्थात वह कहना ही पड़े।

13. आयु – अवस्था

आयु – जन्म से मृत्यु तक का समय।
अवस्था – उम्र, वय।

14. आधि – व्याधि

आधि – मानसिक रोग या दुख।
व्याधि – शारीरिक रोग या दुख।

15. अमूल्य – बहुमूल्य

अमूल्य – जो चीज़ मूल्य देकर भी प्राप्त न की जा सके।
बहुमूल्य – जिस चीज़ का बहुत मूल्य देना पड़े।

16. अनुनय – विनय

अनुनय – किसी बात पर सहमत होने की प्रार्थना।
विनय – अनुशासन और शिष्टतापूर्ण निवेदन।

17. आवेदन – प्रार्थना

आवेदन – योग्यतानुसार किसी पद के लिए कथन द्वारा प्रस्तुत होना।
प्रार्थना – किसी कार्य सिद्धी के लिए विनम्रतापूर्ण कहना।

18. आनंद – उल्लास

आनंद – खुशी का स्थायी और गंभीर भाव।
उल्लास – क्षणिक एवं तीव्र आनंद।

19. अज्ञ – अनभिज्ञ

अज्ञ – मूर्ख, जिसे ज्ञान न हो।
अनभिज्ञ – जिसे साधारण जानकारी हो, परंतु विशिष्ट ज्ञान न हो।

20. अनुज -अग्रज

अनुज – छोटा भाई।
अग्रज – बड़ा भाई।

21. आलोचना – निंदा

आलोचना – पक्षपात रहित होकर गुण-दोष बताना।
निंदा – पक्षपातपूर्ण बुराई करना।

22. आज्ञा – अनुमति

आज्ञा – बड़ों का छोटों को कुछ करने के लिए निर्देश।
अनुमति – प्रार्थना करने पर बड़ों द्वारा दी गई सहमति।

23. ईर्ष्या – द्वेष

ईर्ष्या – किसी की उन्नति देखकर जलना।
द्वेष – किसी दूसरे के प्रति शत्रुता का भाव।

24. इजाज़त – आदेश

इजाज़त – अपने से बड़े से अनुमति लेना।
आदेश – बड़े व्यक्ति का अपने से छोटों को काम करने का हुक्म देना।

25. इच्छा – अभिलाषा

इच्छा – किसी वस्तु को चाहना।
अभिलाषा – कोई विशेष इच्छा।

26. उत्साह – साहस

उत्साह – प्रसन्नता से युक्त जोश।
साहस – वीरतापूर्ण हिम्मत।

27. कष्ट – क्लेश

कष्ट – सभी प्रकार के दुख (शारीरिक पीड़ा का भाव प्रधान होता है।)
क्लेश – मानसिक दुख।

28. कोई – कुछ

कोई – अनिश्चय की स्थिति में लेकिन मुख्यतः मानव के लिए प्रयोग होता हैं।
कुछ – अनिश्चित संख्या या मात्रा में प्रायः निर्जीव वस्तु के लिए प्रयोग होता है।

29. क्रोधी – क्रोधित

क्रोधी – जिसकी आदत गुस्सा या क्रोध करने की हो।
क्रोधित – किसी स्थिति विशेष पर जिसे क्रोध आया हो।

30. खेद – शोक

खेद – अपनी भूल या गलती पर दुखी होना।
शोक – किसी की मृत्यु पर दुख प्रकट करना।

31. गूँथना – गूँधना

गूँथना – माला, चोटी अथवा बालों का सँवारना।
गूँधना – आटे को पानी के साथ रोटी बनाने के लिए तैयार करना।

32. चित्त – मन

चित्त – स्मृति, विस्मृति, स्वप्न, आदि गुणधारी।
मन – सुख-दुख की अनुभूति करने वाला तत्व।

33. चिंतनीय – चिंताजनक

चिंतनीय – जो चिंतन-मनन, सोच-विचार के योग्य विषय हो।
चिंताजनक – जिससे परेशानी उत्पन्न होती हो।

34. तीर – तट

तीर – जल के पास थोड़ा-सा किनारा तीर है।
तट – किनारे-किनारे दूर तक का विस्तृत भाग तट है।

35. दुर्बल – निर्बल

दुर्बल – जिसमें बल रहा हो, किंतु अब कमजोर हो गया हो।
निर्बल – मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति।

36. दौड़ना – भागना

दौड़ना – तेज़ गति से चलना।
भागना – भय, आकर्षण या जी चुराने के कारण दूर होने या आकर्षित होने का भाव।

37. निर्णय – न्याय

निर्णय – निर्णय का मतलब है फैसला। (न्याय अथवा अन्याय)
न्याय – न्याय का अर्थ है, उचित व्यवहार या निर्णय।

38. नमस्कार – प्रणाम

नमस्कार – समान अवस्था वालों को अभिवादन।
प्रणाम – अपने से बड़ों को अभिवादन।

39. प्रेम – स्नेह

प्रेम – प्रेमी-प्रेमिका या पति-पत्नी के प्यार को प्रेम कहा जाता है।
स्नेह – अपने से छोटों के प्रति प्यार को स्नेह कहा जाता है।

40. प्रलाप – विलाप

प्रलाप – व्यर्थ का रोना-पीटना प्रलाप है।
विलाप – किसी की मृत्यु पर रोना-पीटना विलाप है।

41 . पढ़ा – गुना

पढ़ा – जिसने शिक्षा प्राप्त की हो।
गुना – जिसने शिक्षा को व्यावहारिकता में समझा हो।

( इस Yugm Shabd का प्रयोग प्रायः ग्रामीण लोगों द्वारा तथा लौकिक भाषाओं में ही होता है। )

42. पुत्र – बालक

पुत्र – अपना लड़का।
बालक – कोई भी लड़का।

43. प्रसन्नता – हर्ष

प्रसन्नता – साधारण आनंद का भाव।
हर्ष – क्षणिक मानसिक आनंद।

44. मित्र – सखा

मित्र – प्रीतिमात्र और सहायक।
सखा – सहायक और पथप्रदर्शक।

45. यत्न – चेष्टा

यत्न – कार्य के आरंभ का प्रयत्न ‘यत्न’ है।
चेष्टा – कार्य के लिए शुरू से अंत तक किया गया प्रयत्न चेष्टा है।

46. राजा – सम्राट

राजा – साधारण भूपति।
सम्राट – राजाओं का राजा।

47. लज्जा – ग्लानि

लज्जा – स्वभाव से ही किसी वस्तु के सम्मुख जलाना लज्जा है।
ग्लानि – किसी दोष या अपराध के कारण मन में बुरी तरह लज्जित होना ग्लानि है।

48. वंश – बाँस

वंश – इससे कुल और बाँस दोनों का ही बोध होता है।
बाँस – इससे केवल बाँस का ही बोध होता है।

49. स्त्री – पत्नी

स्त्री – नारी मात्र के लिए स्त्री शब्द का प्रयोग होता है।
पत्नी – किसी भी पुरूष की विवाहिता नारी को उसकी पत्नी कहते हैं।

50. स्नेह – वात्सल्य

स्नेह – हम उम्र के प्रति प्रेम भाव।
वात्सल्य – शिशुओं के प्रति प्यार भाव।

More : जाने तत्सम एवं तद्भव शब्द 200 से ज्यादा उदाहरणों के साथ

51. संदेह – भ्रम

संदेह – शक या अनिश्चयात्मकता की स्थिति।
भ्रम – मिथ्या प्रतीत या ज्ञान।

52. संवेदन – ज्ञान

संवेदन – इंद्रियों द्वारा स्पर्श आदि की अनुभूति संवेदन है।
ज्ञान – किसी वस्तु, भाव, विचार आदि की मन को पूरी जानकारी ज्ञान है।

53. श्रम – परिश्रम

श्रम – शरीर की शक्ति के काम।
परिश्रम – विशेष श्रम लगाना।

54. श्रद्धा – भक्ति

श्रद्धा – अपने से बड़ों या श्रेष्ठ जनों के लिए आदर का भाव।
भक्ति – देवताओं या ईश्वर के लिए पूज्य भावना।

55. धर्म – संप्रदाय

धर्म – कर्तव्य और अकर्तव्य का बोध।
संप्रदाय – विशेष धर्म को मानने वाले लोग।

हैलो दोस्तों, मेरा नाम सतीश है और मैं इस ब्लॉग का फाउंडर हूं। यहां मैं विज्ञान से जुड़ी उपयोगी एवं तथ्यपूर्ण जानकारी शेयर करता हूं। अगर आपको पोस्ट पसंद आया तो हमारे Youtube चैनल और Facebook पेज से जरूर जुड़े। View all posts by Satish Pandey

शब्द युग्म शब्द कौन सा है?

Shabd Yugm का अर्थ होता है कि सुनने में समान परंतु भिन्न अर्थ वाले शब्द। उदाहरण: पार्वती के भोले नाथ भी कहा जाता है। पार्वती का अर्थ होता है कि शिव की पत्नी शिवा, पार्वती शिव का ही दूसरा नाम है।

गांव का युग्म शब्द क्या होगा?

'गाँव - गाँव' 'पुनरूक्त शब्द युग्म' है।

गाना गाना क्या युग्म शब्द है?

युग्म-शब्द की बेहतरीन ट्रिक (भाग - 2) | Hindi Grammar Syllabus Most Important Questions | PSI - YouTube.

घर का युग्म शब्द क्या है?

घर का युग्म शब्द गृह होता है।