निम्नलिखित में से कौन सा एक अजैव संसाधन है 1 प्राणीजात 2 मानव 3 धातुएं 4 पशु? - nimnalikhit mein se kaun sa ek ajaiv sansaadhan hai 1 praaneejaat 2 maanav 3 dhaatuen 4 pashu?

अक्षरों का महत्व - पठन सामग्री और सार NCERT Class 6th Hindi

February 16, 2017, 8:41 am

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पठन सामग्री, अतिरिक्त प्रश्न और उत्तर और सार - अक्षरों का महत्व वसंत भाग - 1

सार

दुनिया में सभी तरह की पुस्तकें अक्षरों से बनी  हैं। हर दिन हजारों पुस्तकें छपती हैं। अक्षर हमारे विचारों को आदान-प्रदान करने का साधन हैं। अक्षरों के बिना हम इस दुनिया की कल्पना नहीं कर सकते हैं। पुराने ज़माने के लोग सोचते थे, अक्षरों की खोज ईश्वर ने किया है। पर आज हम यह जानते की अक्षरों की खोज मनुष्य ने की है।

धरती लगभग पाँच अरब साल पुरानी है। करोड़ों साल तक धरती पर केवल जानवरों और वनस्पतियों का धरती पर राज्य रहा। पाँच लाख साल पहले आदमी ने धरती पर जन्म लिया। धीरे-धीरे मनुष्य का विकास हुआ। दस हजार साल पहले आदमी ने गाँवों को बसाना शुरू किया वह खेती करने लगे। पत्थरों के औजारों का इस्तेमाल करने लगा। ताँबे और काँसे के भी औजार बनाए। चित्रों के माध्यम से प्रागैतिहासिक मानव ने अपने भाव को व्यक्त करना शुरू किया।

काफी समय बाद आदमी ने अक्षरों की खोज की। अक्षरों की खोज छह हजार साल पहले हुई। इसके खोज के साथ एक नए युग की शुरुआत हुई। मनुष्य अपने विचारों और हिसाब-किताब को लिखने लगा और वह 'सभ्य' कहा जाने लगा। जबसे मनुष्य ने लिखना शुरू किया तब 'इतिहास' आरम्भ हुआ। उसके पहले के काल को 'प्रागैतिहासिक काल' कहा जाता है।

अगर आदमी अक्षरों की खोज नहीं कर पाता तो हम इतिहास को नहीं जान पाते। अक्षर की खोज मनुष्य की सबसे बड़ी खोज है। अक्षर की खोज के बाद मानव जाति के विकास में तेजी आई।

कठिन शब्दों के अर्थ

• तादाद - संख्या

• मूल - जड़

• अनादि - जिसका आरम्भ ना हो

• वनस्पतियाँ - पेड़ - पौधे

• प्रागैतिहासिक - इतिहास से पहले का काल

• काँसा - पीतल और ताँबे के मिश्रण से बनी धातु

• अस्तित्व - विधमानता

• घोतक - प्रकट करने वाले

• भाव - संकेत - भाव को  प्रकट करने वाले चि  

• कौम - जाति

• पीढ़ी - किसी  जाति , कुल या व्यक्ति की वंश परंपरा की कोई कड़ी

• सभ्य - शिष्ट

निम्नलिखित में से कौन सा एक अजैव संसाधन है 1 प्राणीजात 2 मानव 3 धातुएं 4 पशु? - nimnalikhit mein se kaun sa ek ajaiv sansaadhan hai 1 praaneejaat 2 maanav 3 dhaatuen 4 pashu?


Three Men in a Boat Class 9th-Chapter 13 Summary and Quick revision

February 17, 2017, 9:32 am

Three Men in a Boat Class 9th-Chapter 13 Summary and Quick revision English

The friends reach Marlow and then go down to Cookham past the Quarry Woods. They enjoy the breathtaking beauty and scenery around. They move upto Greenlands enjoying the journey. Montmorency finds a Tom cat whom he wants to kill as he dislikes cats but when he finds it to be unperturbed by the impending danger he did let go off it. This reminds the narrator of a Fox Terrier in the lobby of Haymarkets stores which bit the other dogs and created a ruckus. To top it all its master scolded the other people.

Before leaving Marlow they shop for groceries and stock up the boat. The narrator also describes the trouble that is faced due to a steam launch. Then the friends run out of water and are not ready to drink from the river specially after seeing a dog ease himself up there. In the end, a humorous incident occurs and that is Harris disappears in a gully and the other two can't figure out where he has gone.

Three Men in a Boat Class 9th-Chapter 14 Summary and Quick revision

February 19, 2017, 4:22 pm

Three Men in a Boat Class 9th-Chapter 14 Summary and Quick revision English

They moved on to Wargrave and Shiplake. There they enjoyed the waxworks and came to know about the strange will of Mrs. Sarah Hill of one pound to be divided between two boys and two girls who had never been undutiful to his parents. In joining they prepared a hearty Irish stew under George supervision.
Montmorency, who was watching them keenly, strolled away and returned with a dead rat to be added to the stew. The writer thought their stew was a great success, a taste like nothing on earth. Montmorency was fascinated by the kettle and watched keenly as water boiled in it. He tried to sieze it by the spout and ended with a blood-curdling cry and went round the island thrice at a speed of thirty five miles an hour.
George tried to play his Banjo and his attempts were a great disaster, he was discouraged by one and all. Harris complained of a headache, Montmorency howled throughout, his landlady objected when he played at home. Finally, George was forced to sell it.
After supper, George and the writer decided to go for a walk round Henley. Harris was not feeling well so he decided to stay in the boat. The two were to shout and he would row over from the island and fetch them. It was an cold night and it was drizzling. They lost their way and they shouted Harris' name before all the four islands, but received no answer. Just when all hope had deserted them, Harris heard them and they safely went to their boat.
On return, Harris told them that he had a fight with two swans. Half an hour later, he said, they returned with eighteen other swans. He said he killed many of them. On asking, how many swans there were. Harris answered thirty two. The facts remained unclear. When George and the narrator questioned Harris on the subject in the morning, he simply said, "What swans ?" The incident left him very disturbed through out the night. 

समकालीन भारत II - कक्षा 10th NCERT Solutions भूगोल

February 20, 2017, 10:53 pm

भूगोल कक्षा 10th NCERT Solutions Geography in Hindi Medium



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  • संसाधन और विकास
  • वन एवं वन्य जीवन संसाधन
  • जल संसाधन
  • कृषि
  • खनिज तथा ऊर्जा संसधान
  • विनिर्माण उद्योग
  • राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ

इतिहास NCERT Solutions

राजनीति विज्ञान NCERT Solutions

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NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 4- संसाधन और विकास भूगोल

February 20, 2017, 11:35 pm

NCERT Solutions for Class 9th: पाठ 4-  संसाधन और विकास भूगोल (sansaadhan aur vikas) Bhugol

पृष्ठ संख्या: 13

अभ्यास 

1. वैकल्पिक प्रश्न

(i) लौह अयस्क किस प्रकार का संसाधन है?
(क) नवीकरण योग्य 

(ख) प्रवाह 

(ग) जैव 

(घ) अनवीकरण योग्य
► (घ) अनवीकरण योग्य

(ii) ज्वारीय उर्जा निम्नलिखित में से किस प्रकार का संसाधन है?
(क) पुनः पूर्ति योग्य 

(ख) अजैव 

(ग) मानवकृत 

(घ) अचक्रीय
► (क) पुनः पूर्ति योग्य

(iii) पंजाब में भूमि निम्नीकरण का निम्नलिखित में से मुख्य कारण क्या है?
(क) गहन खेती 

(ख) अधिक सिंचाई 

(ग) वनोन्मूलन 

(घ) अतिपशुचारण
► (ख) अधिक सिंचाई

(iv) निम्नलिखित में से किस प्रान्त में सीढ़ीदार (सोपानी) खेती की जाती है?
(क) पंजाब 

(ख) उत्तर प्रदेश के मैदान 

(ग) हरियाणा 

(घ) उत्तरांचल
► (घ) उत्तरांचल

(v) इनमें से किस राज्य में काली मृदा पाई जाती है?
(क) जम्मू और कश्मीर 

(ख) राजस्थान 

(ग) गुजरात 

(घ) झारखण्ड

► (ग) गुजरात

पृष्ठ संख्या: 14

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।

(i) तीन राज्यों के नाम बताएँ जहाँ काली मृदा पाई जाती है। इस पर मुख्य रूप से कौन सी फसल उगाई जाती है?

उत्तर

महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में काली मृदा पाई जाती है। इस पर मुख्य रूप से कपास की खेती की जाती है।

(ii) पूर्वी तट के नदी डेल्टाओं पर किस प्रकार की मृदा पाई जाती है? इस प्रकार की मृदा की तीन मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

पूर्वी तट के नदी डेल्टाओं पर जलोढ़ मृदा पाई जाती है। इस प्रकार की मृदा की तीन मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
(क) जलोढ़ मृदाएँ बहुत उपजाऊ होती हैं।
(ख) गन्ने, चावल, गेंहूँ और अन्य दलहन फसलों की खेती के लिए यह मिट्टी आदर्श मानी जाती है।
(ग) जलोढ़ मृदा वाले क्षेत्रों में गहन कृषि के कारण जनसँख्या घनत्व अधिक होता है।

(iii) पहाड़ी क्षेत्रों में मृदा अपरदन की रोकथाम के लिए क्या कदम उठाने चाहिए?

उत्तर

पहाड़ी क्षेत्रों में मृदा अपरदन की रोकथाम के लिए समोच्च जुताई, फसलों के बीच घास की पट्टियाँ उगाकर पट्टी कृषि कर पवनों द्वारा जनित बल को कमजोर करना तथा पेड़ों को कतारों में लगाकर रक्षक मेखला बनाना जैसे उपाय उपयोग करना चाहिए।

(iv) जैव और अजैव संसाधन क्या होते हैं? कुछ उदहारण दें।

उत्तर

जैव संसाधन- जिन संसाधनों की प्राप्ति जीव मंडल से होती है तथा जिनमें जीवन व्याप्त हैं, जैव संसाधन कहलाते हैं जैसे- मनुष्य, वनस्पतिजात, प्राणिजात, मत्स्य जीवन, पशुधन आदि।
अजैव संसाधन- निर्जीव वस्तुओं से बने सारे संसाधन अजैव संसाधन कहलाते हैं जैसे-चट्टानें और धातुएं।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 130 शब्दों में दीजिए।

(i) भारत में भूमि उपयोग का प्रारूप का वर्णन करें। वर्ष 1960-61 से वन के अंतर्गत क्षेत्र में महत्वपूर्ण वृद्धि नहीं हुई, इसका क्या कारण है?

उत्तर

भारत में भू-संसाधनों के उपयोग को विभिन्न भागों में बाँटा गया है - वनों के अंतर्गत भूमि, कृषि योग्य भूमि, चारागाह के लिए भूमि और बंजर भूमि। बंजर भूमि में पहाड़ी चट्टानें, सूखी और मरूस्थलीय भूमि शामिल हैं। गैर-कृषि प्रयोजनों में लगाई गयी भूमि में बस्ती, सड़कें, रेल लाइन, उद्योग आदि आते हैं। वर्तमान आंकड़ों के अनुसार भारत में लगभग 54 प्रतिशत भूमि कृषि योग्य, 22.5 प्रतिशत भूमि वनों के अंतर्गत और 3.45 प्रतिशत भूमि चारागाह के लिए उपलब्ध है।
वर्ष 1960-61 से वनों के अंतर्गत क्षेत्र में महत्वपूर्ण वृद्धि नहीं हुई है, क्योंकि स्वतंत्रता काल के बाद मुख्य रूप से हरित क्रांति के बाद अधिकतर भूमि कृषि के लिए, तथा आधारभूत संरचना की सुविधाओं के विकास के लिए भूमि का उपयोग किया गया जो वन-क्षेत्र के निकासी के लिए जिम्मेदार हैं। इसके अतिरिक्त औद्योगीकरण तथा नगरीकरण भी वनोन्मूलन के लिए जिम्मेदार हैं। इस प्रकार 1960-61 से वनों के अंतर्गत भूमि का 4 प्रतिशत ही विस्तार हुआ है।

(ii) प्रौद्योगिक और आर्थिक विकास के कारण संसाधनों का अधिक उपभोग कैसे हुआ है?

उत्तर

प्रौद्योगिक और आर्थिक विकास के कारण संसाधनों का अधिक उपभोग होने के निम्नलिखित कारण हैं:
→ कृत्रिम उपकरण प्रौद्योगिकी विकास की देन हैं, परिणामस्वरूप उत्पादन में बढ़त के कारण संसाधनों का अधिक उपभोग किया जाता है।
→ तकनीकी विकास के कारण आर्थिक विकास संभव है। जब किसी देश की आर्थिक स्थिति में सुधार आती है तब लोगों की जरूरतें बढती है। फलस्वरूप संसाधनों का अधिक उपयोग होता है।
→ आर्थिक विकास नवीन तकनीकी विकास के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करती है। इस कारण नए उपलब्ध संसाधनों का उपयोग किया जाता है।

परियोजना/क्रियाकलाप

3. वर्ग पहेली को सुलझाए, ऊध्वार्धर और क्षैतिज छिपे उत्तरों को ढूँढें।
नोट: पहेली के उत्तर अंग्रेजी के शब्दों में हैं।

(i) भूमि, जल, वनस्पति और खनिजों के रूप में प्राकृतिक सम्पदा
(ii) अनवीकरण योग्य संसधान का एक प्रकार
(iii) उच्च नमी रखाव वाली मृदा
(iv) मानसून जलवायु में अत्यधिक निक्षालित मृदाएँ
(v) मृदा अपरदन की रोकथाम के लिए बृहत् स्तर पर पेड़ लगाना
(vi) भारत के विशाल मैदान इन मृदाओं से बने हैं।

उत्तर

(i) Resources
(ii) Minerals
(iii) Black
(iv) Laterite
(v) Afforestation
(vi) Alluvial

पार नज़र के - पठन सामग्री और सार NCERT Class 6th Hindi

February 21, 2017, 10:26 pm

पठन सामग्री, अतिरिक्त प्रश्न और उत्तर और सार - पार नज़र के वसंत भाग - 1

सार

यह कहानी मंगल ग्रह की है। मंगलवासी सतह के नीचे रहते थे। छोटू अपने पापा का सिक्योरिटी-पास लेकर सुरंग में चला गया। उसके पापा हर दिन उसी सुरंग से होकर अपने काम पर जाते थे। आम लोगों को उस रास्ते से जाने की मनाही थी, केवल चुनिंदा लोग ही जा सकते थे। छोटू के पापा की उस दिन छुट्टी थी इसलिए वह छिपाकर पास लेकर चल पड़ा था। छोटू ने पास को दरवाजे में बने एक खाँचे में डाला और दरवाजा खुल गया। सुरंगनुमा रास्ता ऊपर की ओर जाता था। छोटू आगे बढ़ा परन्तु निरीक्षक यन्त्रों द्वारा पकड़ा गया। निरीक्षक यंत्र ने छोटू की तस्वीर खींच ली और खतरे की सूचना सिपाहियों को दे दी।सिपाही छोटू को पकड़कर वापस उसके घर छोड़ आए। पापा ने उसे बचा लिया।

पापा ने छोटू को बताया कि वह जमीन के ऊपर काम करते हैं। आम आदमी वहाँ नहीं जा सकता क्योंकि वहाँ के माहौल में नहीं रह सकता। वह वहाँ स्पेस-सूट पहनकर जाते हैं जिससे ऑक्सीजन मिलता है और खास किस्म के जूतों तथा प्रशिक्षण के कारण ही वहाँ चल-फिर सकते हैं।

पापा ने छोटू को बताया कि पहले ऐसा नहीं था। पहले मंगल ग्रह के सभी लोग ज़मीन के ऊपर रहते थे बगैर किसी विशेष सूट की मदद के परन्तु सूरज में परिवर्तन होने के कारण प्राकृतिक संतुलन बिगड़ गया। सभी पशु-पक्षी, पेड़-पौधे इसे सहन नहीं कर पाए और धीरे-धीरे समाप्त हो गए। केवल उनके पूर्वजों ने इसका सामना किया। उन्होंने तकनीकी ज्ञान के आधार पर जमीन के नीचे घर बना लिया और रहने लगे। धरती के ऊपर लगे विभिन्न यन्त्रों द्वारा वे सूरज की रोशनी और गर्मी का इस्तेमाल करते हैं। छोटू के पापा ने कहा कि वे और कुछ चुनिंदा लोग यंत्रों का ध्यान रखते हैं।

दूसरे दिन उसके पापा जब काम पर गए तो कम्प्यूटर से पता चला कि एक अंतरिक्ष यान मंगल ग्रह की ओर बढ़ रहा है और उसमें से एक यांत्रिक हाथ बाहर निकल रहा है। कॉलोनी प्रबंध समिति की मीटिंग बुलाई गई। अध्यक्ष ने बताया कि दो यान मंगल की ओर बढ़ रहे हैं। कालोनी की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी नंबर 1 पर थी। उसने कहा कि उसके पास यान को समाप्त करने की क्षमता है परन्तु इससे उन्हें कोई जानकारी हासिल नहीं होगा। नंबर दो जो की एक वैज्ञानिक थे, ने नंबर की बात से सहमत होते हुए कहा कि अगर हम यान को नष्ट करते हैं तो दूसरे ग्रह के लोगों को हमारे बारे में जानकारी मिल जाएगी। नंबर तीन जो सामाजिक व्यवस्था का काम देखते थे, ने कहा कि अगर दूसरे लोगों को हमारे बारे में पता चला तो हो सकता है वो अगली बार और भी सक्षम यंत्र भेजें। इतनी देर उन्हें जानकारी मिली यान जमीन पर उतर चूका है।

उस दिन पापा छोटू को कंट्रोल रूम लेकर आए थे। पापा ने छोटू को एक कंसोल दिखाया जिसपर कई बटन थे। अंतरिक्ष यान से एक यांत्रिक हाथ बाहर निकला और जमीन की ओर बढ़ने लगा। सब लोग स्क्रीन पर देख रहे थे परन्तु छोटू की नज़र कंसोल के ऊपर थी। छोटू ने कंसोल पर बने लाल बटन को दबा दिया। खतरे की घंटी बजी और सब कंसोल की तरफ देखने लगे। छोटू के पापा ने उसे एक थप्पड़ मारा और लाल बटन को पहले की तरह कर दिया परन्तु तब तक लाल बटन ने अपना काम कर दिया था और यांत्रिक हाथ की गतिविधि रुक गयी थी।

उधर धरती पर नासा ने अपना बयान जारी कर कहा कि मंगल की धरती पर उतरा हुआ अंतरिक्ष यान का यांत्रिक हाथ बेकार हो गया है। ठीक करने का प्रयास जारी है। इसके कुछ दिनों बाद अखबारों में छपा - रिमोट कंट्रोल के सहारे यांत्रिक हाथों को ठीक कर दिया गया है। उसने मंगल के मिट्टी के नमूने लेने शुरू कर दिए हैं। पृथ्वी की तरह मंगल पर भी जीव सृष्टि का अस्तित्व है यह आज भी एक रहस्य है।

कठिन शब्दों के अर्थ

• नजर बचाकर - काम को ऐसे करना कि दूसरों को पता ना चले

•  नजर दौड़ाना - देखना

• मौका हाथ से फिसलना - अवसर ना मिल पाना

• खैरियत - कुशलता

• लाजिमी - अनिवार्य

• उष्णता - गर्मी

• अक्षम - असमर्थ 

• मंशा - इच्छा

• अडिग - एक स्थान पर स्थित

• सौरमंडल - सूर्य और उसकी परिक्रमा करने वाले ग्रह 

• अवलोकन करना - देखना

• प्रबंध समिति - प्रबंध करने वाली सभा / कार्यकारिणी

• एडमिंस्ट्रेशन - प्रशासन

• वक्तव्य - भाषण

• बरबस - अचानक / साहस

• यांत्रिक हाथ - यंत्रों की सहायता से कार्य करने वाला हाथ

• उत्सुक - तत्पर

• नासा - नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (एक अमेरिकी संस्था जो देश के सार्वजनिक अंतरिक्ष कार्यक्रमों व एरोनॉटिक्स व एरोस्पेस संशोधन के लिए जिम्मेदार है)

NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 2- वन एवं वन्य जीव संसाधन भूगोल

February 24, 2017, 2:25 am

NCERT Solutions for Class 9th: पाठ 2- वन एवं वन्य जीव संसाधन भूगोल (van avm vany jiv sansaadhan) Bhugol

पृष्ठ संख्या: 24

अभ्यास

बहुवैकल्पिक प्रश्न:

(i) इनमें से कौन सी टिप्पणी प्राकृतिक वनस्पतिजात और प्राणिजात के ह्रास का सही कारण नहीं है?
(क) कृषि प्रसार
(ख) वृहत् स्तरीय विकास परियोजनाएँ
(ग) पशुचारण एवं ईंधन के लिए लकड़ी एकत्रित करना
(घ) तीव्र औद्योगीकरण और शहरीकरण

► (ग) पशुचारण एवं ईंधन के लिए लकड़ी एकत्रित करना

(ii) इनमें से कौन सा संरक्षण का तरीका समुदायों की सीधी भागीदारी नहीं करता?
(क) संयुक्त वन प्रबंधन
(ख) चिपको आन्दोलन
(ग) बीज बचाओ आन्दोलन
(घ) वन्य जीव पशुविहार (santuary) का परिसीमन
► (घ) वन्य जीव पशुविहार (santuary) का परिसीमन

2. निम्नलिखित प्राणियों/पौधों का उनके अस्तित्व के वर्ग से मेल करें।

जानवर/पौधे  अस्तित्व
काला हिरण  लुप्त
एशियाई हाथी दुर्लभ
अंडमान जंगली सूअर संकटग्रस्त
हिमालयन भूरा भालू सुभेद्य
गुलाबी सिरवाली बत्तख स्थानिक

उत्तर

जानवर/पौधे  अस्तित्व
काला हिरण  संकटग्रस्त
एशियाई हाथी सुभेद्य
अंडमान जंगली सूअर स्थानिक
हिमालयन भूरा भालू दुर्लभ
गुलाबी सिरवाली बत्तख लुप्त


3. निम्नलिखित का मेल करें।

आरक्षित वन सरकार, व्यक्तियों के निजी और समुदायों के अधीन अन्य वन और बंजर भूमि
रक्षित वन  वन और वन्य जीव संसाधन संरक्षण की दृष्टि से सर्वाधिक मूल्यवान वन 
अवर्गीकृत वन वन भूमि जो और अधिक क्षरण से बचाई जाती है

उत्तर

आरक्षित वन वन और वन्य जीव संसाधन संरक्षण की दृष्टि से सर्वाधिक मूल्यवान वन 
रक्षित वन  वन भूमि जो और अधिक क्षरण से बचाई जाती है 
अवर्गीकृत वन सरकार, व्यक्तियों के निजी और समुदायों के अधीन अन्य वन और बंजर भूमि


4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।

(i) जैव विविधता क्या है? यह मानव जीवन के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर

वन्य जीवन और कृषि फसल उपजातियों में अत्यधिक जैव विविधताएँ पाई जाती हैं। यह आकार और कार्य में विभिन्न हैं, परन्तु अंतरनिर्भरताओं के जटिल जाल द्वारा एक तंत्र में गुँथी हुई है।

यह मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि मानव और दूसरे जीवधारी एक जटिल पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करते हैं, जिसका हम एकमात्र हिस्सा हैं और अपने अस्तित्व के लिए इसके विभिन्न तत्वों पर निर्भर करते हैं।

(ii) विस्तारपूर्वक बताएँ कि मानव क्रियाएँ किस प्रकार प्राकृतिक वनस्पतिजात और प्राणिजात के ह्रास के कारक हैं।

उत्तर

कुछ मानव क्रियाएँ प्राकृतिक वनस्पतिजात और प्राणिजात के ह्रास का कारण बनती हैं। उनमें से मुख्य कारक निम्नलिखित हैं-

→ बड़े पैमाने पर कृषि का विस्तार, औद्योगीकरण-शहरीकरण अर्थव्यवस्था की माँग के फलस्वरूप वृहत् वन क्षेत्रों की कटाई वन्य-जीव के आवास के विनाश का कारण बनती हैं।

→ जंगली जानवरों का शिकार कर उनके चमड़ों, हाथीदांत तथा सींगों के अवैध व्यापार के लिए मारा जाता है जो विभिन्न जातियों के विलुप्त होने के मुख्य कारण हैं।

→ पर्यावरणीय प्रदूषण, कारखानों से निकला कचरा, रसायन, अपशिष्ट आदि जल को जहरीला बनाती है जो जानवरों की मौत का कारण है।

→ प्रायः स्थानान्तरी खेती के कारण कीमती वन और वन्यजीवन के समाप्ति ने दावानल को प्रेरित किया है।

→ बड़ी विकास परियोजनाओं ने भी वनों को बहुत नुकसान पहुँचाया है।

→ पशुचारण और ईंधन के लिए लकड़ी एकत्रित करना।

→ वन-संसाधनों का अत्यधिक उपयोग।

पर्यावरण विनाश के अन्य मुख्य कारकों में संसाधनों का असमान बंटवारा व उनका असमान उपयोग और पर्यावरण के रख-रखाव की जिम्मेदारी में असमानता शामिल है।

5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए।

(i) भारत में विभिन्न समुदायों ने किस प्रकार वनों और वन्य जीव संरक्षण और रक्षण में योगदान किया है? विस्तारपूर्वक विवेचना करें।

उत्तर- वन हमारे देश में कुछ प्रजातियों के आवास भी हैं। इन समुदायों का उनके पर्यावरण के साथ जटिल रिश्ता होता है। छोटानागपुर क्षेत्र में मुंडा और संथाल जनजातियाँ महुआ और कदम्ब के पेड़ों की पूजा करते हैं। उड़ीसा और बिहार की जनजातियाँ शादी के दौरान इमली और आम के पेड़ों की पूजा करती हैं। इसी प्रकार राजस्थान में बिश्नोई गाँवों के आसपास काले हिरण, चिंकारा, नीलगाय और मोरों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता। कुछ क्षेत्रों में स्थानीय समुदाय सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर अपने आवास स्थलों के संरक्षण में जुटे हैं क्योंकि इसी से ही दीर्घकाल में उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति हो सकती है। सरिस्का बाघ रिजर्व में राजस्थान के गावों के लोग वन्य जीव रक्षण अधिनियम के तहत वहाँ से खनन कार्य बंद करवाने के लिए संघर्षरत हैं। राजस्थान के अलवर जिले में 5 गांवों के लोगों ने तो 1,200 हेक्टेयर वन भूमि भैरोंदेव डाकव ‘सोंचुरी’ घोषित कर दी जिसके अपने ही नियम कानून हैं, जो शिकार वर्जित करते हैं।

(ii) वन और वन्य जीव संरक्षण में सहयोगी रीति-रिवाजों पर एक निबंध लिखिए।

उत्तर- वन और वन्य जीव संरक्षण के लिए कई सही नीतियाँ अपनाई गयी हैं। ऐसे कई गैर सरकारी संगठन भी हैं जो वन और वन्य जीव संरक्षण के प्रति जागरूकता फैला रहे हैं। 1960 और 1970 के दशकों के दौरान, पर्यावरण संरक्षकों में माँग पर भारत सरकार ने भारतीय वन्यजीवन (रक्षण) अधिनियम लागू किया गया जिसमें वन्य-जीवों के आवास-रक्षण के कई प्रावधान थे। केन्द्रीय सरकार व कई राज्य सरकारों ने राष्ट्रीय उद्यान और वन्य जीव पशुविहार स्थापित किये| विभिन्न समुदाय खासकर आदिवासी समूह जो जीवन-यापन के लिए पूरी तरह से वन और वन्य जीवन पर निर्भर हैं, वन्य जीवन के संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

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NCERT Solutions for Class 9th: Ch 14 Statistics Maths

February 25, 2017, 8:30 am

NCERT Solutions for Class 9th: Ch 14 Statistics Maths

Page No: 239

Exercise 14.1

1. Give five examples of data that you can collect from your day-to-day life.

Answer

Five examples from day-to-day life:
(i) Daily expenditures of household.
(ii) Amount of rainfall.
(iii) Bill of electricity.
(iv) Poll or survey results.
(v) Marks obtained by students.

2. Classify the data in Q.1 above as primary or secondary data.

Answer

Primary Data: (i) (iii) and (v)
Secondary Data: (ii) and (iv)

Page No: 245

Exercise 14.2

1. The blood groups of 30 students of Class VIII are recorded as follows:
A, B, O, O, AB, O, A, O, B, A, O, B, A, O, O,
A, AB, O, A, A, O, O, AB, B, A, O, B, A, B, O.
Represent this data in the form of a frequency distribution table. Which is the most common, and which is the rarest, blood group among these students?

Answer

The frequency means the number of students having same blood group. We will represent the data in table:

Blood Group Number of Students

(Frequency)

A 9
B 6
O 12
AB 3
Total 30

Most common Blood Group (Highest frequency): O
Rarest Blood Group (Lowest frequency): AB

2. The distance (in km) of 40 engineers from their residence to their place of work were found as follows:
5    3    10    20    25    11    13    7    12    31
19    10    12    17    18    11    32    17    16    2
7    9    7    8    3    5    12    15    18    3
12    14    2    9    6    15    15    7    6    12
Construct a grouped frequency distribution table with class size 5 for the data given above taking the first interval as 0-5 (5 not included). What main features do you observe from this tabular representation?

Answer

The given data is very large. So, we construct a group frequency of class size 5. Therefore, class interval will be 0-5, 5-10, 10-15, 15-20 and so on. The data is represented in the table as:

The classes in the table are not overlapping. Also, 36 out of 40 engineers have their house below 20 km of distance.

3. The relative humidity (in %) of a certain city for a month of 30 days was as follows:
98.1     98.6     99.2     90.3     86.5     95.3     92.9      96.3      94.2      95.1
89.2     92.3     97.1     93.5     92.7     95.1     97.2      93.3      95.2      97.3
96.2     92.1     84.9     90.2     95.7     98.3     97.3      96.1      92.1      89
(i) Construct a grouped frequency distribution table with classes 84 - 86, 86 - 88, etc.
(ii) Which month or season do you think this data is about?
(iii) What is the range of this data?

Answer

(i) The given data is very large. So, we construct a group frequency of class size 2. Therefore, class interval will be 84-86, 86-88, 88-90, 90-92 and so on. The data is represented in the table as:

Relative humidity (in %) Frequency
84-86 1
86-88 1
88-90 2
90-92 2
92-94 7
94-96 6
96-98 7
98-100 4
Total 30

(ii) The humidity is very high in the data which is observed during rainy season. So, it must be rainy season.
(iii) Range of data = Maximum value of data - Minimum = 99.2 − 84.9 = 14.3

4. The heights of 50 students, measured to the nearest centimetres, have been found to be as follows:
161     150     154     165     168     161     154     162     150     151
162     164     171     165     158     154     156     172     160     170
153     159     161     170     162     165     166     168     165     164
154     152     153     156     158     162     160     161     173     166
161     159     162     167     168     159     158     153     154     159
(i) Represent the data given above by a grouped frequency distribution table, taking the class intervals as 160 - 165, 165 - 170, etc.
(ii) What can you conclude about their heights from the table?

Answer

(i) The data with class interval 160-165, 165-170 and so on is represented in the table as:

Height (in cm) No. of Students
(Frequency)
150-155 12
155-160 9
160-165 14
165-170 10
170-175 5
Total 50

(ii) From the given data, it can be concluded that 35 students i.e. more than 50% are shorter than 165 cm.

5. A study was conducted to find out the concentration of sulphur dioxide in the air in parts per million (ppm) of a certain city. The data obtained for 30 days is as follows:
0.03     0.08     0.08     0.09     0.04     0.17
0.16     0.05     0.02     0.06     0.18     0.20
0.11     0.08     0.12     0.13     0.22     0.07
0.08     0.01     0.10     0.06     0.09     0.18
0.11     0.07     0.05     0.07     0.01     0.04
(i) Make a grouped frequency distribution table for this data with class intervals as 0.00 - 0.04, 0.04 - 0.08, and so on.
(ii) For how many days, was the concentration of sulphur dioxide more than 0.11 parts per million?

Answer

(i) The data with class interval 0.00 - 0.04, 0.04 - 0.08 and so on is represented in the table as:


Concentration of sulphur dioxide in air

(in ppm)

Frequency
0.00 − 0.04 4
0.04 − 0.08 9
0.08 − 0.12 9
0.12 − 0.16 2
0.16 − 0.20 4
0.20 − 0.24 2
Total 30

(ii) 2 + 4 + 2 = 8 days have the concentration of sulphur dioxide more than 0.11 parts per million.

Page No. 246

6. Three coins were tossed 30 times simultaneously. Each time the number of heads occurring was noted down as follows:
0     1     2     2     1     2     3     1     3     0
1     3     1     1     2     2     0     1     2     1
3     0     0     1     1     2     3     2     2     0
Prepare a frequency distribution table for the data given above.

Answer

The frequency distribution table for the data given above can be prepared as follow:

Number of Heads Frequency
0 6
1 10
2 9
3 5
Total 30

7. The value of π upto 50 decimal places is given below:
3.14159265358979323846264338327950288419716939937510
(i) Make a frequency distribution of the digits from 0 to 9 after the decimal point.
(ii) What are the most and the least frequently occurring digits?

Answer

(i)The frequency is given as follow:

   Digits      Frequency  
0 2
1 5
2 5
3 8
4 4
5 5
6 4
7 4
8 5
9 8
Total 30

(ii) The digit having the least frequency occurs the least and the digit with highest frequency occurs the most. 0 has frequency 2 and thus occurs least frequently while 3 and 9 have frequency 8 and thus occur most frequently.

8. Thirty children were asked about the number of hours they watched TV programmes in the previous week. The results were found as follows:
1     6     2     3     5    12     5     8     4     8
10   3     4     12   2     8     15    1     17   6
3     2     8     5     9     6      8     7     14   12
(i) Make a grouped frequency distribution table for this data, taking class width 5 and one of the class intervals as 5-10.
(ii) How many children watched television for 15 or more hours a week?

Answer

(i) The distribution table for the given data, taking class width 5 and one of the class intervals as 5-10 is as follows:

Number of Hours Frequency
0-5 10
5-10 13
10-15 5
15-20 2
Total 30

(ii) We observed from the given table that 2 children television for 15 or more hours a week.

9. A company manufactures car batteries of a particular type. The lives (in years) of 40 such batteries were recorded as follows:
2.6     3.0    3.7     3.2     2.2     4.1     3.5     4.5
3.5     2.3    3.2     3.4     3.8     3.2     4.6     3.7
2.5     4.4    3.4     3.3     2.9     3.0     4.3     2.8
3.5     3.2    3.9     3.2     3.2     3.1     3.7     3.4
4.6     3.8    3.2     2.6     3.5     4.2     2.9     3.6
Construct a grouped frequency distribution table for this data, using class intervals of size 0.5 starting from the interval 2 - 2.5.

Answer

A grouped frequency distribution table using class intervals of size 0.5 starting from the interval 2 - 2.5 is constructed.

Lives of batteries (in years) No. of batteries
  (Frequency)
2-2.5 2
2.5-3 6
3-3.5 14
3.5-4 11
4-4.5 4
4.5-5 3
Total 40

Page No. 258

Exercise 14.3

1. A survey conducted by an organisation for the cause of illness and death among the women between the ages 15 - 44 (in years) worldwide, found the following figures (in %):

S.No. Causes  Female fatality rate (%)
1. Reproductive health conditions  31.8
2. Neuropsychiatric conditions  25.4
3. Injuries 12.4
4. Cardiovascular conditions  4.3
5. Respiratory conditions  4.1
6. Other causes  22.0


(i) Represent the information given above graphically.
(ii) Which condition is the major cause of women’s ill health and death worldwide?
(iii) Try to find out, with the help of your teacher, any two factors which play a major role in the cause in (ii) above being the major cause.

Answer

(i) The data is represented below graphically.

(ii) From the above graphical data, we observe that reproductive health conditions is the major cause of women’s ill health and death worldwide.

(iii) Two factors responsible for cause in (ii)

• Lack of proper care and understanding.

• Lack of medical facilities.

2. The following data on the number of girls (to the nearest ten) per thousand boys in different sections of Indian society is given below.

S.No. Section Number of girls per thousand boys 
1. Scheduled Caste (SC)   940
2. Scheduled Tribe (ST)  970
3. Non SC/ST  920
4. Backward districts  950
5. Non-backward districts  920
6. Rural  930
7. Urban  910

(i) Represent the information above by a bar graph.
(ii) In the classroom discuss what conclusions can be arrived at from the graph.

Answer

(i)

(ii) It can be observed from the above graph that the maximum number of girls per thousand boys is in ST. Also, the backward districts and rural areas have more number of girls per thousand boys than non-backward districts and urban areas.

Page No. 59

3. Given below are the seats won by different political parties in the polling outcome of a state assembly elections:

Political party     A         B        C          D          E          F    
Seats won

75

55

37

29

10

37

(i) Draw a bar graph to represent the polling results.
(ii) Which political party won the maximum number of seats?

Answer

(i)

(ii) The party named A has won the maximum number of seat.

4. The length of 40 leaves of a plant are measured correct to one millimetre, and the obtained data is represented in the following table:


S.No. Length (in mm) Number of leaves 
1. 118 - 126   3
2. 127 - 135  5
3. 136 - 144  9
4. 145 - 153 12
5. 154 - 162  5
6. 163 - 171   4
7. 172 - 180 2

(i) Draw a histogram to represent the given data. [Hint: First make the class intervals continuous]
(ii) Is there any other suitable graphical representation for the same data?
(iii)Is it correct to conclude that the maximum number of leaves are 153 mm long? Why?

Answer

(i) The data is represented in a discontinuous class interval. So, first we will make continuous. The difference is 1, so we subtract 1/2 = 0.5 from lower limit and add 0.5 to the upper limit.

S.No. Length (in mm) Number of leaves
1. 117.5 - 126.5 3
2. 126.5 - 135.5 5
3. 135.5 - 144.5 9
4. 144.5 - 153.5 12
5. 153.5 - 162.5 5
6. 162.5 - 171.5 4
7. 171.5 - 180.5 2

(ii) Yes, the data can also be represented by frequency polygon.

(iii) No, it is incorrect to conclude that the maximum number of leaves are 153 mm long because maximum number of leaves are lying between the length of 144.5 - 153.5

5. The following table gives the life times of 400 neon lamps:

Life Time (in hours) Number of lamps
300 - 400  14
400 - 500 56
500 - 600 60
600 - 700 86
700 - 800 74
800 - 900 62
900 - 1000 48

(i) Represent the given information with the help of a histogram.
(ii) How many lamps have a life time of more than 700 hours?

Answer

(i)

निम्नलिखित में से कौन सा एक अजैव संसाधन है 1 प्राणीजात 2 मानव 3 धातुएं 4 पशु? - nimnalikhit mein se kaun sa ek ajaiv sansaadhan hai 1 praaneejaat 2 maanav 3 dhaatuen 4 pashu?

(ii) 74 + 62 + 48 = 184 lamps have a life time of more than 700 hours.

Page No. 260

6. The following table gives the distribution of students of two sections according to the marks obtained by them:

Represent the marks of the students of both the sections on the same graph by two frequency polygons. From the two polygons compare the performance of the two sections.

Answer

The class mark can be found by (Lower limit + Upper limit)/2.
For section A,

Marks Class Mark Frequency
0-10 5 3
10-20 15 9
20-30 25 17
30-40 35 12
40-50 45 9

For section B,

Marks Class Mark Frequency
0-10 5 5
10-20 15 19
20-30 25 15
30-40 35 10
40-50 45 1

Now, we draw frequency polygon for the given data.

7. The runs scored by two teams A and B on the first 60 balls in a cricket match are given below:

Represent the data of both the teams on the same graph by frequency polygons.
[Hint : First make the class intervals continuous.]

Answer

The data is represented in a discontinuous class interval. So, first we will make continuous. The difference is 1, so we subtract 1/2 = 0.5 from lower limit and add 0.5 to the upper limit.

Number of balls Team A Team B
0.5-6.5 2 5
6.5-12.5 1 6
12.5-18.5 8 2
18.5-24.5 9 10
24.5-30.5 4 5
30.5-36.5 5 6
36.5-42.5 6 3
42.5-48.5 10 4
48.5-54.5 6 8
54.5-60.5 2 10

Now, we draw frequency polygon for the given data.

Page No. 261

8. A random survey of the number of children of various age groups playing in a park was found as follows:

Draw a histogram to represent the data above.

Answer

The class intervals in the data is having varying width. 

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Notes of Ch 5 Minerals and Energy Resources| Class 10th Geography

February 26, 2017, 1:41 am

Study Material and Notes of Ch 5 Minerals and Energy Resources Class 10th Geography

Topics in the Chapter

• Minerals
• Mode of Occurrence of Minerals
• Classification of Minerals
→ Metallic minerals
♠ Ferrous minerals
♠ Non-Ferrous minerals
→ Non-Metallic minerals
• Conservation of Minerals
• Energy Resources
• Conservation sources of Energy
• Non-Conventional Sources of Energy
• Conservation of Resorces

Minerals

• Mineral as a “homogenous, naturally occurring substance with a definable internal structure.

• These are found in varied forms in nature, ranging from the hardest diamond to the softest talc.

Mode of Occurrence of Minerals

• Minerals are usually found in 'ores'.

→ The accumulation of any mineral mixed with other elements is called ore.

• Minerals generally occur in these forms:

→ In igneous and metamorphic rocks minerals may occur in the cracks, crevices, faults or joints. The smaller occurrences are called veins and the larger are called lodes. Example: tin, copper, zinc and lead etc.

→ In sedimentary rocks, a number of minerals occur in beds or layers. Example: Coal, iron, gypsum, potash salt, sodium salt etc.

→ Minerals also found in the decomposition of surface rocks, and the removal of soluble constituents, leaving a residual mass of weathered material containing ores. Example: Bauxite.

→ Minerals may occur as alluvial deposits in sands of valley floors and the base of hills known as ‘placer deposits’. Example: Gold, silver, tin and platinum etc.

→ The ocean waters contain vast quantities of minerals. Example: Common salt, magnesium and

bromine etc.

Classification of Minerals

• Minerals can be classified into three types:
→ Metallic Minerals
→ Non-Metallic Minerals
→ Energy Minerals

Metallic Minerals

• These minerals contain metals.
• These are of three types:

→ Ferrous minerals
♠ These minerals contain iron.
♠ It accounts for about three- fourths of the total value of the production of metallic minerals.
♠ They provide a strong base for the development of metallurgical industries.


Iron Ore

• It is the basic mineral and the backbone of industrial development.
• Magnetite is the finest iron ore with a very high content of iron up to 70 percent.
• Hematite ore is the most important industrial iron ore in terms of the quantity used, but has a slightly lower iron content than magnetite. (50-60 percent).
• India is rich in good quality iron ores.
• The major iron ore belts in India are:
→ Odisha-Jharkhand belt
→ Durg-Bastar-Chandrapur belt in Chhattisgarh and Maharashtra
→ Bellary-Chitradurga-Chikmaglur-Tumkur belt in Karnataka
→ Maharashtra-Goa belt in Goa and Ratnagiri district of Maharashtra.

Manganese

• It is mainly used in the manufacturing of steel and ferro-manganese alloy.
• It is also used in manufacturing bleaching powder, insecticides and paints.
• Orissa is the largest producer of manganese ores in India.

→ Non-Ferrous Minerals

♠ These minerals do not contain iron.
♠ They play role in a number of metallurgical, engineering and electrical industries.
♠ Example of Non-ferrous minerals includes copper, bauxite, lead, zinc and gold.

Copper

• It is malleable, ductile and a good conductor, therefore, copper is mainly used in electrical cables, electronics and chemical industries.
• The Balaghat mines in Madhya Pradesh, Khetri mines in Rajasthan and Singhbhum district of Jharkhand are leading producers of copper.

Bauxite

• It is a clay-like substance from which alumina and later aluminium is obtained.
• Aluminium is an important metal because it combines the strength of metals such as iron, with extreme lightness and also with good conductivity and great malleability.
• In India, mainly found in the Amarkantak plateau, Maikal hills and the plateau region of Bilaspur-Katni.

Non-Metallic Minerals

• These minerals do not contain metal.

Mica

• It is a mineral made up of a series of plates or leaves.
• It can be clear, black, green, red yellow or brown.
• Mica is one of the most indispensable minerals used in electric and electronic industries due to its excellent di-electric strength, low power loss factor, insulating properties and resistance to high voltage,
• Leading producer are northern edge of the Chota Nagpur plateau. Koderma Gaya – Hazaribagh belt of Jharkhand.
• Also produce in Ajmer, Rajasthan. Nellore mica belt of Andhra Pradesh.


Limestone

• Limestone is found in association with rocks composed of calcium carbonates or calcium and magnesium carbonates.
• It is the basic raw material for the cement industry and essential for smelting iron ore in the blast furnace.

Conservation of Minerals

Why to conserve minerals?

• Mineral deposits are present in very less quantity in the world i.e. one per cent of the earth’s crust.

• The geological processes of mineral formation are so slow while the consumttion rate is very fast therefore, mineral resources are finite and non-renewable.

• So, we have to conserve minerals so that it is available for future generation.

How to conserve minerals?

• A joint effort has to be made in order to use our mineral resources in a planned and sustainable manner.

• Improved technologies need to be constantly evolved to allow use of low grade ores at low costs.

• Recycling of metals, using scrap metals and other substitutes.


Energy Resources

• Energy is needed to cook, to provide light and heat, to propel vehicles and to drive machinery in industries.

• It can be generated from fuel minerals like coal, petroleum, natural gas, uranium and from electricity.

• Energy resources can be classified as
→ Conventional sources: include firewood, cattle dung cake, coal, petroleum, natural gas and electricity
→ Non-conventional sources: include solar, wind, tidal, geothermal, biogas and atomic energy.

Conventional sources of Energy

Coal

→ It is the most abundantly available fossil fuel.

→ It is used for power generation, to supply energy to industry as well as for domestic needs.

→ Coal is formed due the compression of plant material over millions of years.

→ There are various types of coals (on the degrees of compression and the depth and time of burial):
♠ Peat: Low carbon and high moisture contents and low heating capacity.
♠ Lignite: Low grade brown coal, which is soft with high moisture content.
♠ Bituminous: Buried deep and subjected to increased temperatures. Most popular coal in commercial
use.
♠ Anthracite: Highest quality hard coal.

→ In India, coal occurs in Gondwana and tertiary rock stages.

→ The major resources of Gondwana coal are located in
♠ Damodar valley (West Bengal-Jharkhand).
♠ Jharia, Raniganj, Bokaro
♠ The Godavari, Mahanadi, Son and Wardha valleys.

→ Tertiary coals occur in the north eastern states of Meghalaya, Assam, Arunachal Pradesh and Nagaland.

Petroleum

→ It provides fuel for heat and lighting, lubricants for machinery and raw materials for manufacturing industries.

→ Petroleum refineries act as a “nodal industry” for synthetic textile, fertiliser and numerous chemical industries.

→ About 63 per cent of India’s petroleum production is from Mumbai High, 18 per cent from Gujarat and 16 per cent from Assam.

→ It is used as a source of energy as well as an industrial raw material in the petrochemical industry.

→ It is considered an environment friendly fuel because of low carbon dioxide emissions.

→ Natural gas have been discovered in the Krishna- Godavari basin, Mumbai High and allied fields, Gulf of Cambay. Andaman and Nicobar islands.

Electricity

→ It has a wide range of applications in today’s world.

→ Electricity is generated mainly in two ways:
♠ by running water which drives hydro turbines to generate hydro electricity
♠ by burning other fuels such as coal, petroleum and natural gas to drive turbines to produce thermal power.

→ Hydro electricity is generated by fast flowing water
♠ It is a renewable resource.
♠ Multi-purpose projects like the Bhakra Nangal, Damodar Valley corporation, the Kopili Hydel Project etc. produce hydro electricity.

→ Thermal electricity is generated by using coal, petroleum and natural gas.
♠ The thermal power stations use non-renewable fossil fuels for generating electricity.

Non-Conventional Sources of Energy

Nuclear or Atomic Energy

→ It is obtained by altering the structure of atoms.

→ It is used to generate electric power.

→ Uranium and Thorium are available in Jharkhand and the Aravalli ranges of Rajasthan.

→ The Monazite sands of Kerala is also rich in Thorium.

Solar Energy

→ India is a tropical country, therefore it has enormous possibilities of tapping solar energy.

→ Photovoltaic technology converts sunlight directly into electricity.

→ Solar energy is fast becoming popular in rural and remote areas which help in minimising the dependence of rural households on firewood and dung cakes that will contribute to environmental conservation and adequate supply of manure in agriculture.

Wind Power

→ India has great potential of wind power.

→ Largest wind farm cluster is located in Tamil Nadu from Nagarcoil to Madurai.

→ Andhra Pradesh, Karnataka, Gujarat, Kerala, Maharashtra and Lakshadweep have important wind farms.

→ Nagarcoil and Jaisalmer are well known for effective use of wind energy in the country.

Biogas

→ Shrubs, farm waste, animal and human waste are used to produce biogas for domestic consumption in rural areas.

→ Biogas plants using cattle dung are known as ‘Gobar gas plants’ in rural India.

→ Biogas provide twin benefits to the farmer in the form of energy and improved quality of manure.

Tidal Energy

→ Oceanic tides can be used to generate electricity.

→ In India the Gulf of Khambhat, the Gulf of Kuchchh in Gujarat on the western coast and Gangetic delta in Sunderban regions of West Bengal provide ideal conditions for utilising tidal energy.

Geo Thermal Energy

→ The heat and electricity produced by using the heat from the interior of the Earth is called Geo thermal Energy.

→ Groundwater in high tempratures area absorbs heat from the rocks and becomes hot.

♠ It is so hot that when it rises to the earth’s surface, it turns into steam. 

♠ This steam is used to drive turbines and generate electricity.

→ Two experimental projects have been set up in India to utilize geothermal energy:

♠ Parvati valley near Manikarn in Himachal Pradesh 

♠ Puga Valley, Ladakh.

Conservation of Resorces

• Energy is a basic requirement for economic development.

• There is an urgent need to develop a sustainable path of energy development. 

• There are two ways for adopting the path of sustainable development of energy:

→ Promotion of energy conservation 

→ increased use of renewable energy sources

• Some steps in this direction are:

→ Using public transport systems instead of individual vehicles

→ Switching off electricity when not in use

→ Using power-saving devices

→ Using non-conventional sources of energy.

NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 3- जल संसाधन भूगोल

February 26, 2017, 4:18 pm

NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 3- जल संसाधन भूगोल (jal sansaadhan) Bhugol

पृष्ठ संख्या: 35

अभ्यास

1. बहुवैकल्पिक प्रश्न:

(i) नीचे दी गयी सूचना के आधार पर स्थितियों को ‘जल की कमी से प्रभावित’ या ‘जल की कमी से अप्रभावित’ में वर्गीकृत कीजिए।
(क) अधिक वर्षा वाले क्षेत्र
(ख) अधिक वर्षा वाले और अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र
(ग) अधिक वर्षा वाले परन्तु अत्यधिक प्रदूषित जल क्षेत्र
(घ) कम वर्षा और कम जनसंख्या वाले क्षेत्र


उत्तर

(क) जल की कमी से अप्रभावित
(ख) जल की कमी से प्रभावित
(ग) जल की कमी से प्रभावित
(घ) जल की कमी से अप्रभावित

(ii) निम्नलिखित में कौन सा वक्तव्य बहु-उद्देशीय नदी परियोजनाओं के पक्ष में दिया गया तर्क नहीं है?
(क) बहु-उद्देशीय परियोजनाएँ उन क्षेत्रों में जल लाती है जहाँ जल की कमी होती है।
(ख) बहु-उद्देशीय परियोजनाएँ जल की बहाव को नियंत्रित करके बाढ़ पर काबू पाती है।
(ग) बहु-उद्देशीय परियोजनाओं से वृहत् स्तर विस्थापन होता है और आजीविका खत्म होती है।
(घ) बहु-उद्देशीय परियोजनाएँ हमारे उद्योग और घरों के लिए विद्युत् पैदा करती हैं।

► (ग) बहु-उद्देशीय परियोजनाओं से वृहत् स्तर विस्थापन होता है और आजीविका खत्म होती है।


(iii) यहाँ कुछ गलत वक्तव्य दिए गये हैं। इसमें गलती पहचाने और दोबारा लिखें।

(क) शहरों की बढ़ती संख्या, उनकी विशालता और सघन जनसंख्या तथा शहरी जीवन शैली ने जल संसाधनों के सही उपयोग में सही मदद की है।


(ख) नदियों पर बाँध बनाने और उनको नियंत्रित करने से उनका प्राकृतिक बहाव और तलछट बहाव प्रभावित नहीं होता।


(ग) गुजरात में साबरमती बेसिन में सूखे के दौरान शहरी क्षेत्रों में अधिक जल आपूर्ति करने पर भी किसान नहीं भड़के।


(घ) आज राजस्थान में इंदिरा गांधी नहर से उपलब्ध पेयजल के बावजूद छत वर्षा जल संग्रहण लोकप्रिय हो रहा है।

(क) शहरों की बढ़ती संख्या, उनकी विशालता और सघन जनसंख्या तथा शहरी जीवन शैली के कारण जल संसाधनों का अतिशोषण हो रहा है।

(ख) नदियों पर बाँध बनाने और उनको नियंत्रित करने से उनका प्राकृतिक बहाव अवरूद्ध होता है जिसके कारण तलछट बहाव कम हो जाता है।

(ग) गुजरात में साबरमती बेसिन में सूखे के दौरान शहरी क्षेत्रों में अधिक जल आपूर्ति करने पर परेशान किसान उपद्रव पर उतारू हो गये।

(घ) आज राजस्थान में इंदिरा गांधी नहर से उपलब्ध पेयजल के कारण छत वर्षा जल संग्रहण की लोकप्रियता कम होती जा रही है।

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।

(i) व्याख्या करें कि जल किस प्रकार नवीकरण योग्य संसाधन हैं?

जल हमें सतही अपवाह और भौमजल स्रोत से प्राप्त होता है जिनका लगातार नवीकरण और पुनर्भरण जलीय चक्र द्वारा होता रहता है। सारा जल जलीय चक्र में गतिशील रहता है जिससे जल का नवीकरण सुनिश्चित होता है।

(ii) जल दुर्लभता क्या है और इसके मुख्य कारण क्या हैं?

जल की जितनी माँग है उसके तुलना में जल की कमी होना जल की दुर्लभता कहलाता है। यह बढ़ती जनसंख्या, जल की बढ़ती माँग और उसके असमान वितरण के कारण उत्पन्न होता है।

(iii) बहुउद्देशीय परियोजनाओं से होने वाले लाभ और हानियों की तुलना करें।

उत्तर

बहुउद्देशीय परियोजनाओं से सिंचाई, विद्युत् उत्पादन, बाढ़ नियंत्रण, आन्तरिक नौकायन तथा मछली पालन में मदद मिलती है। जबकि बाढ़ के मैदानों में बनाये जाने वाले जलाशय वहां मौजूद वनस्पतिजात और प्राणिजात के विनाश का कारण हैं। स्थानीय लोगों को उनकी जमीन, आजीविका और संसाधनों से हाथ धोना पड़ता है।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए।

(i) राजस्थान के अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल संग्रहण किस प्रकार किया जाता है? व्याख्या कीजिए।

उत्तर

राजस्थान के अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में हर घर में पीने का पानी संग्रहित करने के लिए भूमिगत टैंक अथवा टाँका हुआ करते हैं। टाँका आकार में बड़ा होता है तथा यह सुविकसित छत वर्षाजल संग्रहण तंत्र का अभिन्न हिस्सा होता है, जिसे मुख्य घर या आँगन में बनाया जाता है। वे घरों की ढलवाँ छतों से पाइप द्वारा जुड़े होते हैं। छत से वर्षा का पानी इन नालों से होकर भूमिगत टाँका तक पहुँचता है जहाँ इसे एकत्रित किया जाता है। वर्षा का पहला जल छत और नालों को साफ़ करने में प्रयोग होता है और उसे संग्रहित नहीं किया जाता है। इसके बाद होने वाली वर्षा का जल संग्रह किया जाता है। टाँका में वर्षा जल अगली वर्षा ऋतु तक संग्रहित किया जा सकता है। यह इसे जल कमी वाली ग्रीष्म ऋतु तक पीने का जल उपलब्ध कराने वाला जल स्रोत बनाता है। टाँका भूमिगत कमरों को ठंडा रखने में भी सहायता करता है जिससे ग्रीष्म ऋतु में गर्मी से राहत मिलती है। 

(ii) परम्परागत वर्षा जल संग्रहण की पद्धतियों को आधुनिक काल में अपनाकर जल संरक्षण एवं भंडारण किस प्रकार किया जा रहा है?

उत्तर

भारत में वर्षा जल संग्रहण के परम्परागत तरीकों में ‘छत वर्षाजल संग्रहण की व्यवस्था’ काफी लोकप्रिय हो रही है। कर्णाटक के मैसूर जिले में स्थित गंडाथूर गाँव के लगभग 200 घरों में छत वर्षा जल संग्रहण की व्यवस्था हुई है। इस गाँव ने वर्षा जल संपन्न गाँव की ख्याति अर्जित की है। तमिलनाडु देश का एकमात्र राज्य है जहाँ पूरे राज्य में हर घर में छत वर्षाजल संग्रहण ढाँचों का बनाना अवश्यक कर दिया गया है। इस सन्दर्भ में दोषी व्यक्ति पर कानूनी कार्यवाही हो सकती है।

NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 4- कृषि भूगोल

February 26, 2017, 11:18 pm

NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 4 - कृषि भूगोल (krishi) Bhugol

पृष्ठ संख्या-48

अभ्यास

1. बहुवैकल्पिक प्रश्न

(i) निम्नलिखित में से कौन-सा उस कृषि प्रणाली को दर्शाता है जिसमें एक ही फसल लम्बे-चौड़े क्षेत्र में उगाई जाती है?
(क) स्थानांतरी कृषि 

(ख) रोपण कृषि 

(ग) बागवानी 

(घ) गहन कृषि
► (ख) रोपण कृषि

(ii) इनमें से कौन-सी रबी फसल है?
(क) चावल 

(ख) मोटे अनाज़

(ग) चना 

(घ) कपास
► (ग) चना

(iii) इनमें से कौन-सी एक फलीदार फसल है?
(क) दालें 

(ख) मोटे अनाज 

(ग) ज्वार 

(घ) तिल
► (क) दालें

(iv) सरकार निम्नलिखित में से कौन-सी घोषणा फसलों को सहायता देने के लिए करती है?
(क) अधिकतम सहायता मूल्य
(ख) न्यूनतम सहायता मूल्य
(ग) मध्यम सहायता मूल्य
(घ) प्रभावी सहायता मूल्य

► (ख) न्यूनतम सहायता मूल्य

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।

(i) एक पेय फसल का नाम बताएँ तथा उसको उगाने के लिए अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियों का विवरण दें।

उत्तर

चाय एक महत्वपूर्ण पेय पदार्थ की फसल है। चाय का पौधा उष्ण तथा उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु, ह्यूमस और जीवांश युक्त गहरी मिट्टी तथा सुगम जल निकास वाले ढलवाँ क्षेत्रों में उगाया जाता है।

(ii) भारत की एक खाद्य फसल का नाम बताएँ और जहाँ यह पैदा की जाती है उन क्षेत्रों का विवरण दें।

उत्तर

चावल भारत की मुख्य खाद्य फसल है| यह भारत के उत्तर और उत्तर-पूर्वी मैदानों, तटीय क्षेत्रों और डेल्टाई प्रदेशों में उगाया जाता है।

(iii) सरकार द्वारा किसानों के हित में किए गये संस्थागत सुधारों की सूची बनाएँ।


उत्तर

सरकार द्वारा किसानों के हित में गये विभिन्न संस्थागत सुधार निम्नलिखित हैं-
→ सूखा, बाढ़, चक्रवात, आग तथा बीमारी के लिए फसल बीमा के प्रावधान।
→ न्यूनतम सहायता मूल्य नीति।
→ कृषि निवेश और साधनों जैसे-उर्जा और उर्वरकों पर सहायिकी उपलब्ध करवाना।
→ किसान क्रेडिट कार्ड तथा व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना शुरू करना।

(iv) दिन-प्रतिदिन कृषि के अंतर्गत भूमि कम हो रही है| क्या आप इसके परिणामों की कल्पना कर सकते हैं?

उत्तर

दिन-प्रतिदिन बढ़ती आबादी के साथ कृषि के अंतर्गत भूमि के कम होने के कारण निम्नलिखित परिणाम हो सकते हैं-

→ बढ़ती जनसंख्या के लिए भोजन का अभाव।
→ खाद्यान्नों की कीमतों में वृद्धि।
→ बेरोजगारी तथा किसानों के आजीविका के साधनों का अभाव।
→ कृषि उद्योगों के लिए कच्चे माल की आपूर्ति में कमी।
→ अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रमुख अंग कृषि उत्पादों के निर्यात पर विपरीत प्रभाव।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए।

(i) कृषि उत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा किये गए उपाय सुझाइए।

उत्तर

कृषि उत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा निम्नलिखित उपाय किये गए हैं-
→ स्वतंत्रता के पश्चात् देश में संस्थागत सुधार करने के लिए जोतों की चकबंदी, सहकारिता तथा जमींदारी आदि की समाप्ति करने की प्राथमिकता दी गयी।
→ प्रथम पंचवर्षीय योजना में भूमि सुधार मुख्य लक्ष्य था।
→ पैकेज टेक्नोलॉजी पर आधारित हरित क्रांति तथा श्वेत क्रांति जैसी कृषि सुधार के लिए कुछ रणनीतियाँ आरम्भ की गई थी।
→ न्यूनतम सहायता योजना, फसल बीमा के प्रावधान, कृषि निवेश तथा साधनों जैसे-उर्जा और उर्वरकों के लिए सहायिकी, ग्रामीण बैंक तथा सहकारी समितियों की स्थापना, किसान क्रेडिट कार्ड तथा व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना जैसी कुछ योजनाएँ हैं जो सरकार ने शुरू की हैं।

(ii) भारतीय कृषि पर वैश्वीकरण के प्रभाव पर टिप्पणी लिखें।

उत्तर

भारतीय कृषि पर वैश्वीकरण का प्रभाव उपनिवेशकाल से ही दिखाई दिया। भारत से निर्यात किए जाने वाले प्रमुख वस्तुओं में कच्चा कपास तथा मसाले थे। 1917 में बिहार में हुए चंपारन आन्दोलन में किसानों ने अनाज की जगह नील की खेती करने के दबाव का विरोध किया था, जो कि ब्रिटेन के सूती वस्त्र उद्योग के लिए कच्चा माल था। इस प्रकार, वैश्वीकरण भारतीय कृषि के लिए वरदान और अभिशाप दोनों साबित हुआ।

उदारीकरण के बाद भारतीय किसानों को अन्य विकसित देशों को कृषि में अत्यधिक सहायिकी मिलने के कारण कई नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए तथा भारतीय कृषि को सक्षम और लाभदायक बनाने के लिए सीमांत और छोटे किसानों की स्थिति सुधरने पर जोर देने की जरूरत है, साथ ही किसानों को कार्बनिक कृषि का प्रयोग तथा शस्यावर्तन करने की जरूरत है।

(iii) चावल की खेती के लिए उपयुक्त भौगोलिक परिस्थितियों का वर्णन करें।

उत्तर

चावल की खेती के लिए उपयुक्त भौगोलिक परिस्थितियाँ निम्नलिखित हैं -
→ यह एक खरीफ की फसल है जिसे उगाने के लिए उच्च तापमान (25⁰ सेल्सियस से ऊपर) और अधिक आर्द्रता (100 सेमी. से अधिक वर्षा) की आवश्यकता होती है।
→ चावल की खेती के लिए बाढ़ के मैदानों की जलोढ़ मिट्टी तथा डेल्टाई इलाका उपयुक्त माना जाता है।
→ इसकी खेती के लिए पर्याप्त वर्षा तथा कम वर्षा वाले क्षेत्र में अच्छी सिंचाई की आवश्यकता होती है|
→ इसकी खेती के लिए पर्याप्त मात्रा में सस्ते और कुशल श्रम की जरूरत होती है।

क्रियाकलाप

ऊपर-नीचे और दायें-बायें चलते हुए वर्ग पहेली को सुलझाएँ और छिपे उत्तर ढूंढें।

नोट:पहेली के उत्तर अंग्रेज़ी शब्दों में हैं।

(i) भारत की दो खाद्य फसलें।
(ii) यह भारत की ग्रीष्म फसल ऋतु है।
(iii) अरहर, मूँग, चना, उड़द, जैसी दालों से..... मिलता है।
(iv) यह एक मोटा अनाज है।
(v) भारत की दो महत्वपूर्ण पेय फसल हैं।
(vi) काली मिट्टी पर उगाई जाने वाली चार रेशेदार फसलों में से एक।

उत्तर

(i) चावल और गेंहूँ
(ii) खरीफ
(iii) प्रोटीन
(iv) ज्वार
(v) कॉफ़ी और चाय
(vi) कपास

साथी हाथ बढ़ाना - पठन सामग्री और सार NCERT Class 6th Hindi

February 27, 2017, 11:07 am

पठन सामग्री, अतिरिक्त प्रश्न और उत्तर और सार - साथी हाथ बढ़ाना वसंत भाग - 1

सार

'साथी हाथ बढ़ाना' गीत साहिर लुधियानवी द्वारा लिखा गया है। यह गीत 'नया दौर' फिल्म के लिए लिखा गया था। यह गीत आजादी के कुछ समय बाद लिखा गया था जब देश का निर्माण हो रहा था। यह गीत हमें मिल-जुलकर कर काम करने को प्रेरित करता है। कवि ने इस गीत में बताया है कि जब-जब मनुष्य ने मिलकर काम किया है, तब-तब उसने हर मुश्किल को आसानी से पार किया है। कवि के अनुसार सुख-दुःख का चक्र जीवन में हमेशा आता रहता है। हमें हर परिस्थिति में हमेशा अपनी मंजिल की ओर बढ़ते रहना चाहिए। दुनिया में हर बड़ा चीज़ छोटे-छोटे चीजों से मिलकर ही बना है।

साथी हाथ बढ़ाना ... आज अपनी खातिर करना।

व्याख्या - इन पंक्तियों में कवि ने लोगों को साथ मिलकर काम करने को प्रेरित किया है। एक अकेला काम करते-करते थक जाएगा इसलिए भारत के निर्माण में सभी को हिस्सेदार बनने के लिए कहा है। भारतीयों का हौसला अफजाई करने के लिए कवि ने बताया है कि जब भी लोगों ने एकता के साथ काम किया तब समुद्र ने अपना रास्ता छोड़ मदद की है तथा पर्वत ने भी उनके सामने अपना सिर झुकाकर उन्हें जगह दी है। कवि के अनुसार हमारी बाहें और सीना फौलाद से बना है जिससे हम  मुश्किल काम कर सकने की क्षमता रखते हैं। कवि ने याद दिलाते हुए कहा कि हमने पहले भी गैरों (ब्रिटिश) के लिए काम किया है और आज हमें खुद आजाद भारत का निर्माण करना है।

अपना दुःख भी एक है साथी ... साथी हाथ बढ़ाना।

व्याख्या: इन पंक्तियों में कवि ने सुख-दुःख को लोगों का साथी बताया है चूँकि इनका क्रम जीवन में हमेशा चलता रहता है। हमें दुःख में घबराना नहीं चाहिए वहीं सुख में ज्यादा उत्साहित भी नहीं होना चाहिए और अपनी मंजिल को ओर सदा कदम बढ़ाते रहना चाहिए।

कवि ने एकता की ताकत को स्पष्ट करते हुए बताया है कि एक-एक बूँद के मिलने से ही दरिया बनता है। छोटे-छोटे अंशों को मिलाकर सेहरे का निर्माण होता है। छोटे राई के दानों से पर्वत बन जाता है उसी प्रकार अगर हर व्यक्ति एक-दूसरे से मिलकर काम करे तो किस्मत को भी पलट कर उसे सुनहरा रूप दिया जा सकता है। इसीलिए हमें मिल-जुलकर काम करना चाहिए।

कठिन शब्दों के अर्थ

• फौलादी - मजबूत

• राहे - रास्ते

• लेख की रेखा - भाग्य में लिखा होना

• गैर - पराए

• कतरा - बूँद

• ज़र्रा  - कण

• इंसाँ - मनुष्य  

NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 7- राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ भूगोल

February 28, 2017, 3:09 am

NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 7 - राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ भूगोल (rashtriya arthvyvstha ki jivan rekhaayein) Bhugol

पृष्ठ संख्या- 99

अभ्यास


1. बहुवैकल्पिक प्रश्न


(i) निम्न में से कौन-से दो दूरस्थ स्थित स्थान पूर्वी- पश्चिमी गलियारे से जुड़े हैं?
(क) मुंबई तथा नागपुर

(ख) मुंबई तथा कोलकाता

(ग) सिलचर तथा पोरबंदर
(घ) नागपुर तथा सिलीगुड़ी
► (ग) सिलचर तथा पोरबंदर

(ii) निम्नलिखित में से परिवहन का कौन-सा साधन वाहनान्तरण हानियों तथा देरी को घटाता है।
(क) रेल परिवहन 

(ख) पाइपलाइन

(ग) सड़क परिवहन
(घ) जलपरिवहन
► (ख) पाइपलाइन

(iii) निम्न में से कौन-सा राज्य हजीरा- विजयपुर- जगदीशपुर पाइप लाइन से नहीं जुड़ा है?
(क) मध्य प्रदेश
(ख) गुजरात 

(ग) महाराष्ट्र 

(घ) उत्तर प्रदेश

► (ग) महाराष्ट्र

(iv) इनमें से कौन- सा पत्तन पूर्वी तट पर स्थित है जो अंतः स्थलीय तथा अधिकतम गहराई का पत्तन है तथा पूर्ण सुरक्षित है?
(क) चेन्नई 

(ख) तुतिकोरिन

(ग) पारादीप

(घ) विशाखापत्तनम
► विशाखापत्तनम


(v) निम्न में कौन सा परिवहन साधन भारत में प्रमुख साधन है?
(क) पाइपलाइन 

(ख) सड़क परिवहन

(ग) रेल परिवहन

(घ) वायु परिवहन
► (ग) रेल परिवहन

(vi) निम्न में से कौन-सा शब्द दो या अधिक देशों के व्यापार को दर्शाता है?
(क) आन्तरिक परिवहन 

(ख) बाहरी व्यापार

(ग) अंतर्राष्ट्रीय व्यापार 

(घ) स्थानीय व्यापार
► (ग) अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।

(i) सड़क परिवहन के तीन गुण बताएँ।

उत्तर

सड़क परिवहन के तीन गुण:-
→ रेलवे लाईन की अपेक्षा सड़कों की निर्माण लागत बहुत कम है।
→ अपेक्षाकृत ऊबड़-खाबड़ व विछिन्न भू-भागों तथा अधिक ढाल प्रवणता तथा पहाड़ी क्षेत्रों में भी सड़कें निर्मित की जा सकती हैं।
→ यह घर-घर सेवाएँ उपलब्ध करवाता है तथा सामान चढ़ाने व उतारने की लागत भी अपेक्षाकृत कम है।

(ii) रेल परिवहन कहाँ पर अत्यधिक सुविधाजनक परिवहन साधन है तथा क्यों?

उत्तर

रेल परिवहन उत्तरी मैदानों में अत्यधिक सुविधाजनक परिवहन साधन है क्योंकि इसके विस्तृत समतल भूमि, सघन जनसंख्या घनत्व, संपन्न कृषि व प्रचुर संसाधनों के कारण रेल परिवहन के विकास व वृद्धि में सहायक रहे हैं।

(iii) सीमांत सड़कों का महत्व बताएँ।

उत्तर

सीमांत सड़कों के विकास से उत्तर तथा उत्तरी-पूर्वी क्षेत्र जैसे दुर्गम क्षेत्रों में अभिगम्यता बढ़ी है तथा ये इन क्षेत्रों के आर्थिक विकास में भी सहायक हुई हैं।


(iv) व्यापार से आप क्या समझते हैं? स्थानीय व अन्तराष्ट्रीय व्यापार में अंतर स्पष्ट करें।

उत्तर

राज्यों व देशों में व्यक्तियों के बीच वस्तुओं का आदान-प्रदान व्यापार कहलाता है। दो देशों के बीच के व्यापार को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहलाता है जबकि स्थानीय व्यापार एक ही देश के भीतर शहरों, कस्बों, तथा गांवों के बीच होता है।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए।

(i) परिवहन तथा संचार के साधन किसी देश की जीवन रेखा तथा अर्थव्यवस्था क्यों कहे जाते हैं?

उत्तर

परिवहन तथा संचार के साधन किसी देश की जीवन रेखा तथा अर्थव्यवस्था इन कारणों से कहे जाते हैं-
→ परिवहन तथा संचार के साधन वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन के साथ-साथ उन्हें गति भी प्रदान करता है।
→ परिवहन संचार के साधनों के विकास में सहायक है| संचार के माध्यम से हम संसार के सभी क्षेत्रों से सुचारू रूप से जुड़े हुए हैं।
→ परिवहन ,रेल परिवहन अनेक कार्यों जैसे- व्यापार, भ्रमण, तीर्थ यात्राएँ व लंबी दूरी तक समान का परिवहन में सहायक है।
→ पाइपलाइन का उपयोग कच्चा तेल, पेट्रोल उत्पाद तथा प्राकृतिक गैसों को शोधनशालाओं और कारखानों तक पहुँचाने में किया जाता है।
→ जल परिवहन, परिवहन का सबसे सस्ता साधन है और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के विकास में सहायक है।
→ वायु परिवहन तीव्रतम, आरामदायक व प्रतिष्ठित परिवहन का साधन है।
इससे यह साबित होता है कि परिवहन तथा संचार के अनेक लाभ हैं। ये साधन देश के विकास में सहायक हैं। इसलिए ये किसी भी देश की जीवन रेखा तथा अर्थव्यवस्था कहे जाते हैं।

(ii) पिछले पंद्रह वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की बदलती प्रवृति पर एक लेख लिखें। 

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में पिछले 15 वर्षों में भारी बदलाव आया है। वस्तुओं के आदान-प्रदान की अपेक्षा सूचनाओं, ज्ञान तथा प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान बढ़ा है। भारत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक सॉफ्टवेयर महाशक्ति के रूप में उभरा है तथा सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से अत्यधिक विदेशी मुद्रा अर्जित कर रहा है। पिछले तीन दशकों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में पर्यटन ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्ष 2003 की अपेक्षा 2004 के दौरान, देश में विदेशी पर्यटकों के आगमन में 23.5 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई।इस प्रकार पिछले 15 वर्षों में भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार ने कई उपलब्धियाँ हासिल की हैं।

प्रश्न-पहेली

1. उत्तरी-दक्षिणी गलियारे का (coridor) का उत्तरी छोर।

► श्रीनगर

2. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 2 का नाम।
► ग्रैंड ट्रंक रोड

3. दक्षिणी रेलवे खंड का मुख्यालय।
► चेन्नई

4. 1.676 मीटर चौड़ाई वाले रेल मार्ग का नाम।
► बड़ी लाइन

5. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 7 का दक्षिणतम किनारा।
► कन्याकुमारी

6. एक नदीय पत्तन।
► कोलकाता पत्तन

7. उत्तरी भारत का व्यस्ततम रेलवे जंक्शन।

NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 1 - सत्ता की साझेदारी लोकतान्त्रिक राजनीति

March 1, 2017, 3:38 am

NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 1 - सत्ता की साझेदारी (Satta ki Sajhedari) Loktantrik Rajniti

पृष्ठ संख्या -10

प्रश्नावली

1.आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के अलग-अलग तरीके क्या हैं?

उत्तर

आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के निम्नलिखित तरीके हैं-

→ सत्ता का क्षैतिज वितरण- सत्ता का बँटवारा शासन के विभिन्न, जैसे- विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच रहता है। इस प्रकार की सत्ता के बँटवारे की व्यवस्था में सरकार के विभिन्न अंग एक ही स्तर पर रहकर अपनी-अपनी शक्ति का उपयोग करते हैं। हर अंग एक दूसरे पर अंकुश रखता है और इससे विभिन्न संस्थाओं के बीच सत्ता का संतुलन बनता है।

→ सत्ता का उर्ध्वाधर वितरण- इस व्यवस्था में सरकार के बीच भी विभिन्न स्तरों पर सत्ता का बँटवारा होता है। जैसे पूरे देश के लिए एक सामान्य सरकार हो और फिर प्रान्त या क्षेत्रीय स्तर पर अलग-अलग सरकार रहे। भारत में, हम इन्हें केंद्र सरकार, राज्य सरकार, नगरपालिका, पंचायत आदि कहते हैं। संविधान में इस बात का उल्लेख है कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच सत्ता का बँटवारा होता है।

→ विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच सत्ता का बँटवारा- सत्ता का बँटवारा विभिन्न सामाजिक समूहों, मसलन, भाषायी और धार्मिक समूहों के बीच भी हो सकता है। बेल्जियम में सामुदायिक सरकार इस व्यवस्था का एक अच्छा उदहारण है। भारत में प्रचलित आरक्षित चुनाव क्षेत्र वाली व्यवस्था इसका अगला उदहारण है। अल्पसंख्यक समुदायों को भी इसी तरीके से सत्ता में उचित हिस्सेदारी दी जाती है।

→ विभिन्न राजनीतिक पार्टियों, दबाव-समूहों और आंदोलनों के बीच सत्ता का बँटवारा- समकालीन लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में यह विकल्प विभिन्न पार्टियों के रूप में उपलब्ध होता है जिसमें पार्टियाँ सत्ता के लिए आपस में प्रतिस्पर्धा करती हैं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि सत्ता एक ही व्यक्ति या समूह के हाथ में न रहकर बारी-बारी से अलग-अलग विचारधारा और सामाजिक समूहों के बीच आती-जाती रहती है।

2. भारतीय सन्दर्भ में सत्ता की हिस्सेदारी का एक उदहारण देते हुए इसका एक युक्तिपरक और एक नैतिक कारण बताएँ।

उत्तर

युक्तिपरक कारण- सत्ता के बँटवारे से विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच टकराव का अंदेशा कम हो जाता है| इस प्रकार सत्ता का बँटवारा सामाजिक सामंजस्य और शांति के लिए जरूरी होता है। भारत में, कमजोर वर्गों के लिए सीट अरक्षित हैं। उदाहरण के लिए, अनुसूचित जाति और जनजाति जैसे कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण, उन्हें सरकार चलाने में हिस्सेदारी देती है।

नैतिक कारण- दरअसल सत्ता की साझेदारी या हिस्सेदारी लोकतंत्र की आत्मा है। एक अच्छे लोकतांत्रिक व्यवस्था का अर्थ है राजनीतिक सत्ता में नागरिकों की हिस्सेदारी। भारत में, जनता सरकार की नीतियों और निर्णयों पर बहस तथा उसकी आलोचना कर सकती है। इससे सरकार पर अपनी नीतियों और फैसलों पर दोबारा सोचने का दबाव बनता है।

3.इस अध्याय को पढ़ने के बाद तीन छात्रों ने अलग-अलग निष्कर्ष निकालें| आप इनमें से किससे सहमत हैं और क्यों? अपना जवाब करीब 50 शब्दों में दें।

थम्मन- जिन समाजों में क्षेत्रीय, भाषायी और जातीय आधार पर विभाजन हो सिर्फ वहीँ सत्ता की साझेदारी जरूरी है।

मथाई- सत्ता की साझेदारी सिर्फ ऐसे बड़े देशों के लिए उपयुक्त है जहाँ क्षेत्रीय विभाजन मौजूद होते हैं|

औसेफ- हर समाज में सत्ता की साझेदारी की जरूरत होती है भले ही वह छोटा हो या उसमें सामाजिक विभाजन न हों।

उत्तर

औसेफ की उक्ति सबसे अधिक तार्किक है और सहमति इसी पर होनी चाहिए। हर समाज में सत्ता की साझेदारी की जरूरत होती है भले ही वह छोटा हो या उसमें सामाजिक विभाजन न हों। लोकतंत्र का मतलब ही होता है कि जो लोग इस शासन व्यवस्था के अंतर्गत हैं उनके बीच सत्ता को बाँटा जाए और ये लोग इसी ढर्रे से रहें| सत्ता की साझेदारी से न केवल विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच टकराव का अंदेशा कम हो जाता है बल्कि यह राजनीतिक व्यवस्था के स्थायित्व के लिए भी अच्छा है। सत्ता की साझेदारी से विभिन्न संस्थाओं के बीच सत्ता का संतुलन बनता है। किसी भी आकार के देश के व समाज के प्रकार के पृथक लोग ज्यादा संतुष्ट तब होंगे जब सरकार की विभिन्न नीतियों तथा निर्णयों में उनकी भागीदारी होगी। 

4. बेल्जियम में ब्रूसेल्स के निकट स्थित शहर मर्चटेम के मेयर ने अपने यहाँ के स्कूलों में फ्रेंच बोलने पर लगी रोक को सही बताया है। उन्होंने कहा कि इससे डच भाषा न बोलने वाले लोगों को इस फ्लेमिश शहर के लोगों से जुड़ने में मदद मिलेगी। क्या आपको लगता है कि यह फैसला बेल्जियम की सत्ता की साझेदारी की व्यवस्था की मूल से मेल खाता है? अपना जवाब करीब 50 शब्दों में लिखें।

उत्तर

नहीं, यह फैसला बेल्जियम की सत्ता की साझेदारी की व्यवस्था की मूल से मेल नहीं खाता है। सत्ता की साझेदारी की व्यवस्था ऐसी हो जिससे फ्रेंच और डच भाषी समुदायों के बीच शांति कायम रह सके। मेयर के फ्रेंच बोलने पर रोक नागरिकों में अशांति का कारण बनेगा। शहर के स्कूलों में दोनों भाषाओँ को स्वीकृति मिलनी चाहिए। द्विभाषी शिक्षण प्रणाली शहर के लोगों को एकीकृत करने का बेहतर तरीका है।

5. नीचे दिए गए उद्धरण को गौर से पढ़े और इसमें सत्ता की साझेदारी के जो युक्तिपरक कारण बताए गए हैं उनमें से किसी एक का चुनाव करें।

 “महात्मा गाँधी के सपनों को साकार करने और अपने संविधान निर्माताओं की उम्मीदों को पूरा करने के लिए हमें पंचायतों को अधिकार देने की जरूरत है। पंचायती राज ही वास्तविक लोकतंत्र की स्थापना करता है| यह सत्ता उनलोगों के हाथों में सौंपता है जिनके हाथों में इसे होना चाहिए। भ्रष्टाचार कम करने के और प्रशासनिक कुशलता को बढ़ाने का एक उपाय पंचायतों को अधिकार देना भी है। जब विकास की योजनाओं को बनाने और लागू करने में लोगों की भागीदारी होगी तो इन योजनाओं पर उनका नियंत्रण बढ़ेगा। इससे भ्रष्ट बिचौलियों को खत्म किया जा सकेगा। इस प्रकार पंचायती राज लोकतंत्र की नींव को मजबूत करेगा।”

उत्तर

दिए गए उद्धरण में से सत्ता की साझेदारी के युक्तिपरक कारण है वो है कि भ्रष्टाचार कम करने के और प्रशासनिक कुशलता को बढ़ाने का एक उपाय पंचायतों को अधिकार देना भी है।

6. सत्ता के बँटवारे के पक्ष और विपक्ष में कई तरह के तर्क दिए जाते हैं। इनमें से जो तर्क सत्ता के बँटवारे के पक्ष में हैं उनकी पहचान करें और नीचे दिए कोड से अपने उत्तर का चुनाव करें।

सत्ता की साझेदारी:

(क)विभिन्न समुदायों के बीच टकराव को कम करती है।

(ख)पक्षपात का अंदेशा कम करती है।

(ग)निर्णय लेने की प्रक्रिया को अटका देती है।

(घ)विविधताओं को अपने में समेत लेती है।

(ङ)अस्थिरता और आपसी फूट को बढ़ाती है।

(च)सत्ता में लोगों की भागीदारी बढ़ाती है।

(छ)देश की एकता को कमजोर करती है।

(सा)   क   ख    घ  च 
(रे)  क  ग  ङ   च
(गा)  क  ख  घ  छ 
(मा)  ख  ग  घ  छ

उत्तर

(सा)   क   ख   घ   च 

7. बेल्जियम और श्रीलंका की सत्ता में साझेदारी की व्यवस्था के बारे में निम्नलिखित बयानों पर विचार करें।

(क) बेल्जियम में डच-भाषी बहुसंख्यकों ने फ्रेंच-भाषी अल्पसंख्यकों पर अपना प्रभुत्व जमाने का प्रयास किया।

(ख) सरकार की नीतियों ने सिंहली-भाषी बहुसंख्यकों का प्रभुत्व बनाए रखने का प्रयास किया।

(ग) अपनी संस्कृति और भाषा को बचाने तथा शिक्षा तथा रोजगार में समानता के अवसर के लिए श्रीलंका के तमिलों ने सत्ता को संघीय ढांचे पर बाँटने की माँग की।

(घ) बेल्जियम में एकात्मक सरकार की जगह संघीय शासन व्यवस्था लाकर मुल्क को भाषा के आधार पर टूटने से बचा लिया गया।

ऊपर दिए गये बयानों में से कौन-से सही हैं?

(सा) क,ख,ग और घ

(रे) क,ख और घ

(गा) ग और घ

(मा) ख, ग और घ

उत्तर

(मा) ख, ग और घ

8. सूची 1 [सत्ता के बँटवारे के स्वरुप] और सूची 2 [शासन के स्वरुप] में मेल कराएँ और नीचे दिए गए कोड का उपयोग करते हुए सही जवाब दें:


 सूची 1 

 सूची 2

1.  सरकार के विभिन्न अंगों के बीच सत्ता का बँटवारा  (क) सामुदायिक सरकार
2. विभिन्न स्तर की सरकारों के बीच अधिकारों का बँटवारा (ख) अधिकारों का वितरण
3. विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच सत्ता की साझेदारी (ग) गठबंधन सरकार
4. दो या अधिक दालों के बीच सत्ता की साझेदारी (घ) संघीय सरकार


 1  2  3  4 
(सा)  घ   क   ख   ग 
(रे)  ख   ग  घ  क 
(गा)  ख  घ  क  ग
(मा)  ग  घ  क  ख

उत्तर

 (गा)   ख   घ   क   ग 

9. सत्ता की साझेदारी के बारे में निम्नलिखित दो बयानों पर गौर करें और नीचे दिए कोड के आधार पर जवाब दें:
(अ) सत्ता की साझेदारी लोकतंत्र के लिए लाभकर है।
(ब) इससे सामाजिक समूहों के टकराव का अंदेशा घटता है।
इन बयानों में कौन सही है और कौन गलत?

(क) अ सही है लेकिन ब गलत है।
(ख) अ और ब दोनों सही है।
(ग) अ और ब दोनों गलत है।
(घ) अ गलत है लेकिन ब सही है। 


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NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 6 - विनिर्माण उद्योग भूगोल

March 2, 2017, 3:49 am

NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 6 - विनिर्माण उद्योग भूगोल (vinirman udhyog) Bhugol

पृष्ठ संख्या: 84

अभ्यास

1. बहुवैकल्पिक प्रश्न

(i) निम्न में से कौन-सा उद्योग चूना पत्थर को कच्चे माल के रूप में प्रयुक्त करता है? 

(क) एल्यूमिनियम

(ख) चीनी

(ग) सीमेंट

(घ) पटसन

► (ग) सीमेंट

(ii)निम्न में से कौन-सी एजेंसी सार्वजनिक क्षेत्र में स्टील को बाजार में उपलब्ध कराती है?

(क)हेल (HAIL)

(ख) सेल (SAIL)

(ग) टाटा स्टील

(घ) एम एन सी सी (MNCC)

► (ख) सेल (SAIL)

(iii)निम्न में कौन-सा उद्योग बाक्साइट को कच्चे माल के रूप में प्रयोग करता है?

(क)एल्यूमिनियम

(ख) सीमेंट

(ग) पटसन

(घ) स्टील

► (क) एल्यूमिनियम

(iv) निम्न में से कौन-सा उद्योग दूरभाष, कम्प्यूटर आदि संयंत्र निर्मित करते हैं?

(क)स्टील  

(ख) एल्यूमिनियम  

(ग) इलेक्ट्रॉनिक्स  

(घ) सूचना प्रौद्योगिकी

► (ग) इलेक्ट्रॉनिक्स

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।

(i) विनिर्माण क्या है?

उत्तर

कच्चे पदार्थ को मूल्यवान उत्पाद में परिवर्तित कर अधिक मात्रा में वस्तुओं के उत्पादन को विनिर्माण कहा जाता है।

(ii) उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले तीन भौतिक कारक बताएँ।

उत्तर

उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले तीन भौतिक कारक:-

→ कच्चे माल की उपलब्धता।

→ उपयुक्त जलवायु।

→ जल और बिजली की आपूर्ति की उपलब्धता।

(iii)औद्योगिक अवस्थिति को प्रभावित करने वाले तीन मानवीय कारक बताएँ।

उत्तर

औद्योगिक अवस्थिति को प्रभावित करने वाले तीन मानवीय कारक हैं:-

→ सस्ते श्रमिकों की उपलब्धता।

→ बाजार की उपलब्धता।

→ सरकारी नीतियाँ। 

(iv)आधारभूत उद्योग क्या है? उदाहरण देकर बताएँ।

उत्तर

जिन उद्योगों के उत्पादन या कच्चे माल पर दूसरे उद्योग निर्भर हैं आधारभूत उद्योग कहलाते हैं, जैसे- लोहा-इस्पात उद्योग, जो ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए स्टील की आपूर्ति करता है।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए।

(i) समंवित इस्पात उद्योग मिनी इस्पात उद्योगों से कैसे भिन्न है? इस उद्योग की क्या समस्याएँ हैं? किन सुधारों के अंतर्गत इसकी उत्पादन क्षमता बढ़ी है? 

उत्तर

समंवित इस्पात उद्योग एक बड़ा उद्योग होता है जिसमें कच्चे माल को एक स्थान पर एकत्रित करने से लेकर इस्पात बनाने उसे ढालने और उसे आकर देने की प्रत्येक क्रिया की जाती है।

जबकि मिनी इस्पात उद्योग छोटे उद्योग हैं जिनमें विद्युत् भट्टी, रद्दी इस्पात व स्पंज आयरन का प्रयोग होता है| इनमें रि-रोलर्स होते हैं जिनमें इस्पात सिल्लियों का इस्तेमाल किया जाता है| ये हलके स्टील या निर्धारित अनुपात के मृदु व मिश्रित इस्पात का उत्पादन करते हैं।

इस्पात उद्योगों की समस्याएँ-

→ उच्च लागत तथा कोकिंग कोयले की सीमित उपलब्धता।

→ कम श्रमिकों की उत्पादकता।

→ ऊर्जा की अनियमित आपूर्ति।

→ अविकसित अवसंरचना।

उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए निम्नलिखित सुधार किए गए हैं-

→ उदारीकरण।

→ निजी उद्यमियों के प्रयासों के साथ प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI)।

→ नई प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल से उत्पादन प्रक्रिया में सुधार।

(ii)उद्योग पर्यावरण को कैसे प्रदूषित करते हैं?

उत्तर

उद्योग चार प्रकार के प्रदूषण के लिए उत्तरदायी हैं- वायु, जल, भूमि और ध्वनि। इनके निम्नलिखित कारण हैं:- 

→ वायु प्रदूषण- अधिक अनुपात में अनचाही गैसों की उपस्थिति जैसे सल्फर डाइऑक्साइड तथा कार्बन मोनोऑक्साइड वायु प्रदूषण का कारण हैं।

→ जल प्रदूषण- उद्योगों द्वारा कार्बनिक तथा अकार्बनिक अपशिष्ट पदार्थों के नदी में छोड़ने से जल प्रदूषण फैलता है।

→ तापीय प्रदूषण- जब कारखानों तथा तापघरों से गर्म जल को बिना ठंडा किये ही नदियों तथा तालाबों में छोड़ दिया जाता है, तो जल में तापीय प्रदूषण होता है।

→ परमाणु उर्जा के संयंत्रों के अपशिष्ट व परमाणु शास्त्र उत्पादक कारखानों से कैंसर, जन्मजात विकार तथा अकाल प्रसव जैसी बीमारियाँ होती हैं।

→ मलबे का ढेर विशेषकर काँच, हानिकारक रसायन, औद्योगिक बहाव, पैकिंग, लवण तथा कूड़ा-कर्कट मृदा को अनुपजाऊ बनाता है।

→ औद्योगिक तथा निर्माण कार्य, कारखानों के उपकरण, जेनरेटर, लकड़ी चीरने के कारखाने, गैस यांत्रिकी तथा विद्युत् ड्रिल आदि मशीनों के कारण ध्वनि प्रदूषण उत्पन्न होता है।

(iii)उद्योगों द्वारा पर्यावरण निम्नीकरण को कम करने के लिए उठाए गए विभिन्न उपायों की चर्चा करें।

उत्तर

उद्योगों द्वारा पर्यावरण निम्नीकरण को कम करने के लिए उठाए गए विभिन्न उपाय निम्नलिखित हैं-

→ जल प्रदूषण के नियंत्रण के लिए औद्योगिक अपशिष्ट का शोधन तीन चरणों में किया जा सकता है- यांत्रिक साधनों द्वारा प्राथमिक शोधन, जैविक प्रक्रियाओं द्वारा द्वितयीक शोधन तथा जैविक, रासायनिक और भौतिक प्रक्रियाओं द्वारा तृतीयक शोधन।

→ वायु प्रदूषण कम करने के लिए कारखानों में ऊँची चिमनियाँ, चिमनियों में एलेक्ट्रोस्टैटिक अवक्षेपण, स्क्रबर उपकरण तथा गैसीय प्रदूषक पदार्थों को जड़त्वीय रूप से प्रीथक करने के लिए उपकरण होने चाहिए।

→ ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए जेनरेटरों में साइलेंसर लगाया जाय तथा ऐसी मशीनरी का उपयोग किया जाना चाहिए जो ऊर्जा सक्षम हो और कम ध्वनि प्रदूषण करे। ध्वनि अवशोषित करने वाले उपकरणों के इस्तेमाल के साथ कानों पर शोर नियंत्रण उपकरण भी पहनने चाहिए।

पृष्ठ संख्या: 85

क्रियाकलाप

उद्योगों के सन्दर्भ में प्रत्येक के लिए एक शब्द दें। (सांकेतिक अक्षर संख्या कोष्ठक में दी गई है तथा उत्तर अंग्रेजी के शब्दों में दें।)

(i)मशीनरी चलाने में प्रयुक्त।             (5) P............. 

(ii)कारखानों में काम करने वाले व्यक्ति।     (6) W.............

(iii)उत्पाद को जहाँ बेचा जाता है।           (6) M.............

(iv)वह व्यक्ति जो सामान बेचता है।        (8) R............

(v)वस्तु उत्पादन                        (7) P............

(vi)निर्माण या उत्पादन                    (11) M..........

(vii)भूमि,जल तथा वायु अवनयन             (9) P............

उत्तर

(i)Power

(ii)Worker

(iii)Market

(iv)Retailer

(v)Product

(vi)Manufacture

(vii)Pollution


Study Material and Summary of The Portrait of a Lady NCERT Class 11th English

March 2, 2017, 5:24 pm

Study Material of The Portrait of a lady (Summary, Character Sketch and Word Meanings)

Summary of the Chapter

In this story, narrator is portraying the character of his grandmother. When narrator was a small kid, he observes his grandmother as a terribly old lady with wrinkles on her face. It was difficult of narrator to believe his grandmother was a young and beautiful lady once upon a time as said by people around him. She was fat and bent. Narrator when he was a kid was staying with his grandmother as his parents went to live in the city. Narrator explains her as not pretty but beautiful by her grace. He explains her beauty as winters in landscape in the mountains. Then he explains his friendly relationship with his grandmother. His grandmother used to took her to the school. She herself used to study sculptures in the nearby temples till his school runs. When his parents were well settled in the city, they sent for him
and his grandmother to the city. In the city the narrator and his grandmother shared the same room but now she was not there to drop him to the school. She used to ask him about his syllabus and was not happy about it. He was studying modern science and English. She was unhappy because he was not taught about god and spirituality. She was also unhappy about his music classes as she found it not good for gentlemen. After school when narrator went to University, he got his own room to study. So the grandmother felt alone but she accepted it and get used to with it. She spent these days by feeding small birds in verandah. This was used to be her best time spent in whole day. The narrator went abroad for further study. Grandmother was unhappy but she did not show any emotions and came to see off him at station. The narrator was not sure whether he would be able to see her after five years when he comeback because of his age. But after five years he came, he was welcomed by her on station. In an evening she called nearby women and started singing songs with playing and old drum instead of praying. One day she fell ill and she told that her end is near. She died peacefully. She was cremated in a funeral. She was missed by even the sparrows that she used to feed.
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पाठ 1- संसाधन और विकास भूगोल के नोट्स| Class 10th

March 3, 2017, 1:56 am

पठन सामग्री और नोट्स| पाठ 1-  संसाधन और विकास भूगोल (sansaadhan aur vikas) Bhugol Class 10th

इस अध्याय में विषय

• संसाधन
• संसाधनों का वर्गीकरण
→ उत्पत्ति के आधार पर
→ समाप्यता के आधार पर
→ स्वामित्व के आधार पर
→ विकास के स्तर के आधार पर
• संसाधनों का विकास
• संसाधन नियोजन
• भू-संसाधन
→ भारत में भू-संसाधन
• भारत में भू-उपयोग प्रारूप
• भूमि निम्नीकरण और संरक्षण उपाय
• मृदा-संसाधन
• मृदाओं का वर्गीकरण
→ जलोढ़ मृदा
→ काली मृदा
→ लाल और पीली मृदा
→ लैटराईट मृदा
→ मरुस्थली मृदा
→ वन मृदा
• मृदा अपरदन और संरक्षण

संसाधन

• हमारे पर्यावरण में उपलब्ध प्रत्येक वस्तु जो हमारी आवश्यकताओं को पूरा करने में उपयोग की जाती है और जिसको बनाने के लिए तकनीक उपलब्ध है, जो आर्थिक रूप से संभाव्य तथा सांस्कृतिक रूप से मान्य है, एक संसाधन कहलाता है।

• संसाधनों का वर्गीकरण इस प्रकार किया जा सकता है-
→ उत्पत्ति के आधार पर- जैव संसाधन, अजैव संसाधन

→ समाप्यता के आधार पर - नवीकरणीय संसाधन, अनवीकरणीय संसाधन

→ स्वामित्व के आधार पर - व्यक्तिगत संसाधन, सामुदायिक स्वामित्व वाले संसाधन, राष्ट्रीय संसाधन

→ विकास के स्तर के आधार पर- संभावी संसाधन, विकसित संसाधन, भंडार, संचित कोष

उत्पत्ति के आधार पर

• जैव संसाधन- जिन संसाधनों की प्राप्ति जीव मंडल से होती है तथा जिनमें जीवन व्याप्त हैं, जैव संसाधन कहलाते हैं जैसे- मनुष्य, वनस्पतिजात, प्राणिजात, मत्स्य जीवन, पशुधन आदि।

• अजैव संसाधन- निर्जीव वस्तुओं से बने सारे संसाधन अजैव संसाधन कहलाते हैं। जैसे-चट्टानें और धातुएं।


समाप्यता के आधार पर

• नवीकरणीय संसाधन- वे संसाधन जिन्हें भौतिक, रासायनिक या यांत्रिक प्रक्रियाओं द्वारा नवीकृत या पुनः उत्पन्न किया जा सकता है, नवीकरणीय संसाधन कहलाते हैं। जैसे- सौर तथा पवन उर्जा, जल, वन या वन्यजीवन।

• अनवीकरणीय संसाधन- वे संसाधन जो एक बार प्रयोग करने के बाद खत्म हो जाते हैं। इन संसाधनों के बनने में लाखों वर्ष लग जाते हैं। जैसे- तेल, कोयला इत्यादि।

• व्यक्तिगत संसाधन- जिन संसाधनों का स्वामित्व निजी व्यक्तियों के हाथों में होता है| जैसे- भूखंड, घरों व अन्य जायदाद के मालिक निजी व्यक्ति होते हैं।

• सामुदायिक स्वामित्व वाले संसाधन- जिन संसाधनों का स्वामित्व समुदाय के सभी सदस्यों को उपलब्ध होते हैं, जैसे- सार्वजनिक पार्क, पिकनिक स्थल और खेल के मैदान पूरे समुदाय के लिए उपलब्ध होते हैं।

• राष्ट्रीय संसाधन- देश में पाए जाने वाले सारे संसाधन राष्ट्रीय संसाधन कहलाते हैं| तकनीकी तौर से सभी संसाधन राष्ट्र के होते हैं।

• अंतर्राष्ट्रीय संसाधन- तट रेखा से 200 किमी. की दूरी (अपवर्जक आर्थिक क्षेत्र) से परे खुले महासागरीय संसाधनों को अंतर्राष्ट्रीय संसाधन कहा जाता है। इन संसाधनों को अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं की सहमति के बिना उपयोग नहीं किया जा सकता है।


• संभावी संसाधन- वैसे संसाधन जो किसी प्रदेश में विद्यमान होते हैं परन्तु इनका उपयोग नहीं किया गया है। उदहारणस्वरुप, भारत के पश्चिमी भाग, राजस्थान एवं गुजरात में पवन और सौर उर्जा संसाधनों की अपार सम्भावना है।

• विकसित संसाधन- वैसे संसाधन जिनका सर्वेक्षण किया जा चुका है और जिनके उपयोग की गुणवत्ता और मात्रा निर्धारित की जा चुकी है, विकसित संसाधन कहलाते हैं।

• भंडार- संसाधन जिनका सर्वेक्षण किया जा चुका है परन्तु प्रौद्योगिकी के अभाव में जिनका उपयोग नहीं किया जा सकता है। उदहारण के लिए, जल दो ज्वलनशील गैसों, हाइड्रोजन और आक्सीजन का यौगिक है जिसे उर्जा के मुख्य स्रोत के रूप में उपयोग किया जा सकता है लेकिन तकनीकी ज्ञान के अभाव में ऐसा संभव नहीं है।

• संचित कोष- वैसे संसाधन जो भंडार का ही एक हिस्सा है और जिनका उपयोग उपलब्ध तकनीक द्वारा किया जा सकता है परन्तु जिनका उपयोग अभी तक शुरू नहीं किया गया है। जैसे- बाँधों में जल, वन आदि संचित कोष है।

• मानव अस्तित्व के लिए संसाधन अत्यन्त महत्वपूर्ण है।
• ऐसा विश्वास किया जाता था कि संसाधन प्रकृति की देन है इसलिए मानव द्वारा इसका अंधाधुंध उपयोग किया गया जिसके फलस्वरूप निम्नलिखित मुख्य समस्याएँ पैदा हो गयी हैं-
→ कुछ व्यक्तियों के लालचवश संसाधनों का ह्रास।
→ समाज के कुछ ही लोगों के हाथों में संसाधनों का संचय, जिसमे समाज के दो हिस्सों संसाधन संपन्न अमीर तथा संसाधनहीन यानि गरीब के बीच संसाधनों का बँट जाना।
→ संसाधनों के अंधाधुध शोषण ने वैश्विक पारिस्थितिकी संकट को पैदा किया है जैसे- भूमंडलीय तापन, ओजोन परत अवक्षय, पर्यावरण प्रदूषण और भूमि-निम्नीकरण आदि।

• मानव जीवन की गुणवत्ता और वैश्विक शांति के लिए समाज में संसाधनों का न्यायसंगत बँटवारा आवश्यक हो गया है।

• संसाधनों के सही उपयोग के लिए हमें सतत आर्थिक विकास करने की आवश्यकता है।

• सतत आर्थिक विकास का तात्पर्य ऐसे विकास है जो पर्यावरण को बिना नुकसान पहुंचाए हो और वर्तमान विकास की प्रक्रिया भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकता की उपेक्षा ना करे।

संसाधन नियोजन एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें निम्नलिखित सोपान हैं-
(क) देश के विभिन्न प्रदेशों में संसाधनों की पहचान कर उनकी तालिका बनाना। इस कार्य में क्षेत्रीय सर्वेक्षण, मानचित्र बनाना और संसाधनों का गुणात्मक एवं मात्रात्मक अनुमान लगाना व मापन करना शामिल होते हैं।
(ख) संसाधन विकास योजनाएँ लागू करने के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकी, कौशल और संस्थागत नियोजन ढाँचा तैयार करना।
(ग) संसाधन विकास योजनाओं और राष्ट्रीय विकास योजना में समन्वय स्थापित करना।

भू-संसाधन


• भूमि एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है।
→ प्राकृतिक वनस्पति, वन्य-जीवन, मानव जीवन, आर्थिक क्रियाएँ, परिवहन तथा संचार व्यवस्थाएं भूमि पर ही आधारित हैं।

• भूमि एक सीमित संसाधन हैं इसलिए हमें इसका उपयोग सावधानी और योजनाबद्ध तरीके से करना चाहिए।

• लगभग 43 प्रतिशत भू-क्षेत्र मैदान हैं जो कृषि और उद्योग के विकास के लिए सुविधाजनक हैं।
• लगभग 30 प्रतिशत भू-क्षेत्र पर विस्तृत रूप से पर्वत स्थित हैं जो बारहमासी नदियों के प्रवाह को सुनिश्चित करते हैं, पर्यटन विकास के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ प्रदान करता है और पारिस्थितिकी के लिए महत्वपूर्ण है।
• लगभग 27 प्रतिशत हिस्सा पठारी क्षेत्र है जिसमें खनिजों, जीवाश्म ईंधन और वनों का अपार संचय कोष है।


भारत में भू-उपयोग प्रारूप

भू-उपयोग को निर्धारित करने वाले तत्व हैं-
→ भौतिक कारक जैसे- भू-आकृति, जलवायु और मृदा के प्रकार।
→ मानवीय कारक में जैसे-जनसंख्या-घनत्व, प्रौद्योगिक क्षमता, संस्कृति और परम्पराएँ इत्यादि शामिल हैं।

• भारत का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 32.8 लाख वर्ग किमी. है, परन्तु इसके 93 प्रतिशत भाग के ही भू-उपयोग आंकड़ें उपलब्ध हैं क्योंकि पूर्वात्तर प्रान्तों असम को छोड़कर अन्य प्रान्तों के सूचित क्षेत्र के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं हैं।
→ इसके अलावा जम्मू और कश्मीर में पाकिस्तान और चीन अधिकृत क्षेत्रों के भूमि उपयोग का सर्वेक्षण भी नहीं हुआ है।

भूमि-निम्नीकरण और संरक्षण उपाय

• कुछ मानव क्रियाओं जैसे वनोन्मूलन, अतिपशुचारण, खनन ने भूमि के निम्नीकरण में मुख्य भूमिका निभाई है।

• भूमि निम्नीकरण को रोकने के उपाय:
→ वनारोपण
→ चरागाहों का उचित प्रबंधन
→ पशुचारण नियंत्रण
→ रेतीले टीलों को कांटेदार झाड़ियाँ द्वारा स्थिरीकरण
→ बंजर भूमि का उचित प्रबंधन
→ खनन नियंत्रण

• मृदा अथवा मिट्टी सबसे महत्वपूर्ण नवीकरणीय प्राकृतिक संसाधन है।
• यह पौधों के विकास का माध्यम है जो पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के जीवों का पोषण करती है।
मृदा का वर्गीकरण
मृदा बनने की प्रक्रिया को निर्धारित करने वाले तत्वों, उनके रंग, गहराई, गठन, आयु व रासायनिक और भौतिक गुणों के आधार पर भारत की मृदाओं को निम्नलिखित प्रकारों में बाँटा जा सकता है-

जलोढ़ मृदा

:
→ संपूर्ण उत्तरी मैदान जलोढ़ मृदा से बना है।
→ पूर्वी तटीय मैदान विशेषकर महानदी, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी नदियों के डेल्टे भी जलोढ़ मृदा से बने हैं|
→ अधिकतम उपजाऊ होने के कारण जलोढ़ मृदा वाले क्षेत्रों में गहन कृषि की जाती है जिससे यहाँ जनसँख्या घनत्व भी अधिक है।
→ अधिकतर जलोढ़ मृदाएँ पोटाश, फास्फोरस और चूनायुक्त होती हैं, जो इसे गन्ने, चावल, गेंहूँ और अन्य अनाजों और दलहन फसलों की खेती के लिए उपयुक्त बनाती हैं।

काली मृदा

:
→ इन मृदाओं का रंग काला है और इन्हें ‘रेगर’ मृदाएँ भी कहा जाता है।
→ काली मृदा कपास की खेती के लिए उचित समझी जाती है और इसे काली कपास मृदा के नाम से भी जाना जाता है।
→ ये मृदाएँ महाराष्ट्र, सौराष्ट्र, मालवा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के पत्थर पर पाई जाती हैं और दक्षिण-पूर्वी दिशा में गोदावरी और कृष्णा नदियों की घाटियों तक फैली है।
→ काली मृदा बहुत महीन कणों अर्थात् मृत्तिका से बनी हैं।

→ इनकी नमी धारण करने की क्षमता बहुत होती है।
→ ये मृदाएँ कैल्सियम कार्बोनेट, मैग्नीशियम, पोटाश और चूने जैसे पौष्टिक तत्वों से परिपूर्ण होती हैं।

लाल और पीली मृदा

:
→ लाल मृदा दक्कन पठार के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में रवेदार आग्नेय चट्टानों पर कम वर्ष वाले भागों में विकसित हुई हैं।
→ लाल और पीली मृदाएँ उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्य गंगा मैदान के दक्षिणी छोर पर और पश्चिमी घाट क्षेत्रों में पहाड़ी पद पर पाई जाती है।
→ इन मृदाओं का लाल रंग रवेदार आग्नेय और रूपांतरित चट्टानों में लौह धातु के प्रसार के कारण होता है।

लेटराइट मृदा

:
→ लेटराइट मृदा उच्च तापमान और अत्यधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में विकसित होती है।
→ ये मृदाएँ मुख्य तौर पर कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और उड़ीसा तथा असम के पहाड़ी क्षेत्र में पाई जाती है।
→ इस मृदा पर अधिक मात्रा में खाद और रासायनिक उर्वरक डालकर ही खेती की जा सकती है।
→ इस मृदा में ह्यूमस की मात्रा कम पाई जाती है क्योंकि अत्यधिक तापमान के कारण जैविक पदार्थों को अपघटित करने वाले बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं।

मरूस्थली मृदा

:
→ ये मृदाएँ मुख्यतः पश्चिमी राजस्थान में पाई जाती हैं।
→ इस मृदा को सही तरीके से सिंचित करके कृषि योग्य बनाया जा सकता है।
→ शुष्क जलवायु और उच्च तापमान के कारण जलवाष्प दर अधिक है और मृदाओं में ह्यूमस और नमी की मात्रा कम होती है।
→ नमक की मात्रा अधिक पाए जाने के कारण झीलों से जल वाष्पीकृत करके खाने का नमक भी बनाया जाता है।

वन मृदा

:
→ ये मृदाएँ आमतौर पर पहाड़ी और पर्वतीय क्षेत्रों में पाई जाती हैं जहाँ पर्याप्त वर्षा-वन उपलब्ध है।
→ इन मृदाओं के गठन में पर्वतीय पर्यावरण के अनुसार बदलाव आता है।
→ नदी घाटियों में ये मृदाएँ दोमट और सिल्टदार होती हैं, परन्तु ऊपरी ढालों पर इनका गठन मोटे कणों का होता है।
→ नदी घाटियों के निचले क्षेत्रों, विशेषकर नदी सोपानों और जलोढ़ पंखों, आदि में ये मृदाएँ उपजाऊ होती हैं।

• मृदा अपरदन के प्राकृतिक कारक: पवन, हिमनदी और जल मृदा अपरदन के प्राकृतिक तत्व हैं।
• मानवीय कारक: जैसे- वनोन्मूलन, अतिपशुचारण, निर्माण और खनन आदि मृदा अपरदन के मानवीय कारक हैं।

• मृदा संरक्षण के उपाय:
→ सोपान अथवा सीढ़ीदार कृषि
→ पट्टी कृषि
→ पेड़ों को कतार में लगाकर रक्षक मेखला बनाना

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पाठ 2 - वन और वन्य जीव संसाधन भूगोल के नोट्स| Class 10th

March 4, 2017, 12:17 am

पठन सामग्री और नोट्स| पाठ 2 - वन और वन्य जीव संसाधन भूगोल (van avm vany jivan sansaadhan) Bhugol Class 10th

इस अध्याय में विषय-सूची

• परिचय
• भारत में वनस्पतिजात और प्राणीजात
• जातियों का वर्गीकरण
• वनस्पतिजात और प्राणिजात के रिक्तिकरण के कारण
• भारत में वन एवं वन्यजीवन का संरक्षण
• वन एवं वन्यजीवन के प्रकार और वितरण
• समुदाय और वन संरक्षण

• हमारी पृथ्वी जीवधारियों, सूक्ष्म-जीवाणुओं से लेकर बैक्टीरिया, जोंक से लेकर वटवृक्ष, हाथी और ब्लू व्हेल तक का घर है।

भारत में वनस्पतिजात और प्राणिजात

• भारत, जैव विविधता के सन्दर्भ में विश्व के सबसे समृद्ध देशों में से एक है और विश्व की सारी उपजातियों की 8 प्रतिशत संख्या (लगभग 16 लाख) पाई जाती है।
• अनुमानतः भारत में 10 प्रतिशत वन्य वनस्पतिजात और 20 प्रतिशत स्तनधारियों के लुप्त होने का खतरा है|
 इनमें से कई उपजातियाँ तो नाजुक अवस्था में हैं और लुप्त होने के कगार पर हैं| इनमें चीता, गुलाबी सिर वाला बत्तख, पहाड़ी कोयल आदि शामिल हैं।


जातियों का वर्गीकरण

अंतर्राष्ट्रीय प्राकृतिक संरक्षण और प्राकृतिक संसाधन संरक्षण संघ के अनुसार निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है-
→ सामान्य जातियाँ- जातियाँ जिनकी संख्या जीवित रहने के लिए सामान्य मानी जाती हैं जैसे- पशु, साल, चीड़ और कृन्तक आदि।
→ संकटग्रस्त जातियाँ- ऐसी जातियाँ जिनके लुप्त होने का खतरा है, जैसे- काला हिरण, मगरमच्छ, भारतीय जंगली गधा आदि।
→ सुभेद्य जातियाँ- ये वे जातियाँ हैं जिनकी संख्या घट रही हैं और यदि इनकी संख्या पर विपरीत प्रभाव डालने वाली परिस्थितियाँ नहीं बदली जातीं हैं और इनकी संख्या घटती रहती हैं तो यह संकटग्रस्त जातियों की श्रेणी में शामिल हो जाएँगी, जैसे- नीली भेंड़, एशियाई हाथी, गंगा नदी की डॉल्फिन इत्यादि।
→ दुर्लभ जातियाँ- इन जातियों की संख्या बहुत कम है और इनको प्रभावित करने वाली विषम परिस्थितियाँ नहीं परिवर्तित होती तो यह संकटग्रस्त जातियों की श्रेणी में आ सकती हैं।
→ स्थानिक जातियाँ- इस प्रकार की जातियाँ प्राकृतिक या भौगोलिक सीमाओं से अलग विशेष क्षेत्रों में पाई जाती हैं, जैसे- अंडमानी टील, निकोबारी कबूतर, अंडमानी जंगली सुअर और अरूणाचल के मिथुन आदि|
→ लुप्त जातियाँ- ये वे जातियाँ हैं जो इनके रहने के आवासों में खोज करने पर अनुपस्थित पाई गयी हैं, जैसे- एशियाई चीता, गुलाबी सिरवाली बत्तख।


वनस्पतिजात और प्राणिजात के रिक्तिकरण के कारण

• मनुष्य प्रकृति को संसाधनों में परिवर्तित कर वनों तथा वन्यजीवन से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से लकड़ी, छाल, पत्ते, रबड़, दवाईयाँ, भोजन, ईंधन, चारा, खाद इत्यादि प्राप्त करता है जिसने वन और वन्यजीवन को नुकसान पहुँचाया है।

• वनस्पतिजात और प्राणिजात के रिक्तिकरण के निम्नलिखित कारण हैं-
→ बड़ी विकास परियोजनाएँ
→ स्थानान्तरी खेती
→ खनन
→ पशुचारण एवं ईंधन
→ अत्यधिक जनसंख्या

• जैव विविधता को कम करने वाले कारक:
→ वन्य जीव के आवास का विनाश
→ जंगली जानवरों को मारना व आखेटन
→ पर्यावरणीय प्रदूषण
→ विषाक्तीकरण
→ दावानल

भारत में वन एवं वन्य जीवन का संरक्षण

• संरक्षण से पारिस्थितिकी विविधता बनी रहती है तथा हमारे जीवन साध्य संसाधन- जल, वायु और मृदा बने रहते हैं।

• पर्यावरण संरक्षकों ने राष्ट्रीय वन्य जीवन सुरक्षा कार्यक्रम की पुरजोर माँग पर भारतीय वन्यजीवन (रक्षण) अधिनियम 1972 में लागू किया गया जिसमें वन्य-जीवों के आवास रक्षण के अनेक प्रावधान थे।
→ इस कार्यक्रम का उद्देश्य बची हुई संकटग्रस्त जातियों के बचाव, शिकार प्रतिबंधन, वन्यजीव आवासों का कानूनी रक्षण तथा जंगली जीवों के व्यापार पर रोक लगाना था।
→ केन्द्रीय सरकार व कई राज्य सरकारों ने राष्ट्रीय उद्यान और वन्य जीव पशुविहार स्थापित किए।
→ केन्द्रीय सरकार ने कई परियोजनाओं की भी घोषणा की जिनका उद्येश्य गंभीर खतरे में पड़े कुछ विशेष वन प्राणियों को रक्षण प्रदान करना था। इन प्राणियों में बाघ, एक सींग वाला गैंडा, कश्मीरी हिरण अथवा हंगुल, तीन प्रकार के मगरमच्छ- स्वच्छ जल मगरमच्छ, लवणीय जल मगरमच्छ और घड़ियाल, एशियाई शेर और अन्य प्राणी शामिल हैं।

• 1973 में भारत सरकार ने बाघों के संरक्षण के लिए ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ की शुरुआत की जिसका उद्येश्य बाघ जैसे संकटग्रस्त जाति को बचाना था।

• वन्य जीवन अधिनियम 1980 और 1986 के तहत् सैंकड़ों तितलियों, पतंगों, भृंगों और एक ड्रैगनफ्लाई को भी संरक्षित जातियों में शामिल किया गया है।

• 1991 में पौधों की भी 6 जातियाँ पहली बार इस सूची में रखी गयी।

वन और वन्य जीव संसाधनों के प्रकार और वितरण

• भारत में अधिकतर वन और वन्य जीवन या तो प्रत्यक्ष रूप में सरकार के अधिकार क्षेत्र में हैं या वन विभाग अथवा अन्य विभागों के जरिये सरकार के प्रबंधन में है।

• वनों को निम्नलिखित वर्गों में बाँटा गया है:
→ आरक्षित वन- वन और वन्य प्राणियों के संरक्षण में आरक्षित वनों को सर्वाधिक मूल्यवान माना जाता है। देश में आधे से अधिक वन क्षेत्र आरक्षित वन घोषित किये गये हैं।
→ रक्षित वन- इन वनों को और अधिक नष्ट होने से बचाने के लिए इनकी सुरक्षा की जाती है। देश के कुल वन क्षेत्र का एक तिहाई हिस्सा रक्षित है।
→ अवर्गीकृत वन- अन्य सभी प्रकार के वन और बंजरभूमि जो सरकार, व्यक्तियों और समुदायों के स्वामित्व में होते हैं, अवर्गीकृत वन कहलाते हैं।

• वन हमारे देश में कुछ मानव प्रजातियों के आवास भी हैं।
→ भारत के कुछ क्षेत्रों में स्थानीय समुदाय दीर्घकाल में अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर अपने आवास स्थलों के संरक्षण में जुटे हैं।

• सरिस्का बाघ रिजर्व में राजस्थान के गावों के लोग वन्य जीव रक्षण अधिनियम के तहत वहाँ से खनन कार्य बंद करवाने के लिए संघर्षरत हैं।

• हिमालय में प्रसिद्ध 'चिपको आन्दोलन' कई क्षेत्रों में वन कटाई रोकने में कामयाब रहा है।
→ यह भी दिखाया कि स्थानीय पौधों की जातियों को प्रयोग करके सामुदायिक वनीकरण अभियान को सफल बनाया जा सकता है।

• टिहरी में किसानों का बीज बचाओ आन्दोलन और नवदानय ने दिखा दिया है कि रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग के बिना भी विविध फसल उत्पादन द्वारा आर्थिक रूप से व्यवहार्य कृषि उत्पादन संभव है।

• भारत में संयुक्त वन प्रबंधन कार्यक्रम की शुरुआत 1988 में हुई जब उड़ीसा राज्य ने संयुक्त वन प्रबंधन का पहला प्रस्ताव पास किया। इसके अंतर्गत क्षरित वनों के बचाव के लिए कार्य किया जाता है और गाँव के स्तर पर संस्थाएं बनाई जाती हैं जिसमें ग्रामीण और वन विभाग के अधिकारी संयुक्त रूप में कार्य करते हैं।

Study Material and Summary of We are not afraid to die…If we can all be together NCERT Class 11th English

March 4, 2017, 11:05 am

Study Material of We are not afraid to die…If we can all be together (Summary, Character Sketch and Word Meanings)

Summary of the Chapter

This is story of a 37 year old businessman who went to repeat the round the world vogue made 200 years ago by Captain James cook. He along with his family which include narrator, his wife Marry, his son Jonathan 6 year old, his daughter suzzane, 7 year old. They were accompanied by two crewmen, an American Larry and a Swiss Herb in order to help them in roughest seas of Indian Ocean. He and his wife were enhancing their skill for their dream of sailing across the world. Wavewater, the name of the ship they had, been professionally built and been tested in the roughest weather it could face. The first leg of their journey was planned for 3 years , 105000 kilometer journey. On their second day out of cape town they started getting encountered by strong winds. The situation continued till next few weeks. They enjoyed on Christmas despite of bad weather hoping for some improvement in weather in New Year. But on January 2nd the situation got worse. The huge waves were there to haunt them. There was endless sea rolling toward them. Then they prepared themselves with lift raft drills, life jackets etc and double lashed everything. Now the situation came were wind dropped, and sky immediately grew dark. A wave that was perfectly vertical and initially appeared like a cloud stroked their ship. He was hurt badly. Everywhere there was water on the ship. The both crewmen were pumping out like mad people. Suzzane was hurt badly but the aim of narrator at this point of time was to save the life of his family. He was consistently working to fix the holes and repairing the ship otherwise it would had surely sunk. He was facing lot of problems when there hand pumps started to block up with garb ages and other stuffs were floating and blocking the pumps and the short circuits were creating an additional problem. Despite of several hindrances, he kept on trying for survival of his family. He was also supported by his family members during this. Sue, despite of being hurt badly was not expressing her pain, as she did not want her father to worry about this at that point of time. He remembered about a spare pump he had, and it worked in order to pump out water from the ship. He get that he would not be able to sail the ship to Australia, and so calculated for nearby islands there were two small islands in east direction, few hundred kilometres. They were getting no signals on the radio. Next morning Jan 3rd , the pumps had made water level under control, but still somewhere there was a big leakage. On January 4th night weather started again to deteriorate and on next morning on 5th, It became worse. Jonathan told that if his all family members are together he is not afraid of dying. Marry got some beaf and biscuits. They were now hoping for the best. Narrator made some calculations. It was difficult as compass was not working properly. Finally at 2 p.m., He came to conclusion that they could get an island at 185 degree, he asked Larry to go accordingly. Then narrator went for a nap. He woke up at 6 and was thinking he missed island, but Jonathan showed him the nearby island were they had reached. They were happy and cheerful as they got what they had been fighting for, their Survival.

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पाठ 3 - जल संसाधन भूगोल के नोट्स| Class 10th

March 5, 2017, 3:23 am

पठन सामग्री और नोट्स (Notes)| पाठ 3 - जल संसाधन भूगोल (jal sansaadhan) Bhugol Class 10th

इस अध्याय में विषय-सूची

• जल
→ कुछ तथ्य और आंकड़ें
• बाँध
• बहु-उद्देशीय नदी परियोजनाएँ
→ बहु-उद्देशीय नदी परियोजनाओं के उद्देश्य
→ बहु-उद्देशीय नदी परियोजनाओं की खामियाँ
→ बहु-उद्देशीय परियोजनाओं के विरोध में आन्दोलन
• वर्षा जल संग्रहण
→ ‘टाँका’ कैसे काम करता है?


जल

• जल एक नवीकरण योग्य संसाधन है।
• पृथ्वी का तीन-चौथाई भाग जल से घिरा है परन्तु इसमें प्रयोग में लाने वाला योग्य अलवणीय जल का अनुपात बहुत कम है।


• विश्व में जल के कुल आयतन का 96.5 प्रतिशत भाग महासागरों में पाया जाता है और केवल 2.5 प्रतिशत अलवणीय जल है।
• भारत विश्व की वृष्टि का 4 प्रतिशत हिस्सा प्राप्त करता है और प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष जल उपलब्धता के सन्दर्भ में विश्व में इसका 133 वाँ स्थान है।
• पूर्वसूचना के अनुसार, 2025 तक भारत का बड़ा हिस्सा विश्व के अन्य देशों और क्षेत्रों की तरह जल की नितान्त कमी महसूस करेगा।

जल दुर्लभता और जल संरक्षण एवं प्रबंधन की आवश्यकता 


• जल की दुर्लभता उसके बढ़ते माँग के तुलना में उपलब्धता में कमी के फलस्वरूप उत्पन्न होती है।
• जल दुर्लभता के कारण:
→ अतिशोषण
→ अत्यधिक प्रयोग और समाज के विभिन्न वर्गों में जल का असमान वितरण
→ अधिक जनसंख्या


• बाँध बहते जल को रोकने, दिशा देने या बहाव कम करने के लिए खड़ी की गयी बाधा है जो आमतौर पर जलाशय, झील अथवा जलभरण बनाती है। 

बहु-उद्देशीय नदी परियोजनाएँ 


• बाँधों को बहु-उद्देशीय परियोजनाएँ भी कहा जाता है जहाँ एकत्रित जल के अनेकों उपयोग समन्वित होते हैं, उदहारण के तौर पर सतलुज-व्यास बेसिन में भाखड़ा-नांगल परियोजना जल विद्युत् उत्पादन और सिंचाई दोनों के काम में आती है।

बहु-उद्देशीय नदी परियोजना के फायदे


→ विद्युत् उत्पादन
→ सिंचाई
→ घरेलु और औद्योगिक उपयोग के लिए जलापूर्ति
→ बाढ़ नियंत्रण
→ मनोरंजन
→ आन्तरिक नौचालन
→ मछली पालन

बहु-उद्देशीय नदी परियोजनाओं से हानि


→ नदियों पर बाँध बनाने और उनका बहाव नियंत्रित करने से उनका प्राकृतिक बहाव अवरूद्ध होता है जिसके कारण तलछट बहाव कम हो जाता है।
→ अत्यधिक तलछट जलाशय की तली पर जमा होने से नदी का तल अधिक चट्टानी हो जाता है और नदी जलीय जीव-आवासों में भोजन की कमी हो जाती है।
→ बाढ़ के मैदान में बनाये जाने वाले जलाशयों द्वारा वहाँ मौजूद वनस्पति और मिट्टियाँ जल में डूब जाती हैं जो कालांतर में अपघटित हो जाती हैं।
→ स्थानीय समुदायों के वृहत् स्तर पर विस्थापन का कारण भी है।
→ इसके कारण भूमि निम्नीकरण की समस्या भी बढ़ी है।
→ बहु-उद्देशीय योजनाओं के कारण भूकंप की सम्भावना बढ़ जाती है, साथ ही अत्यधिक जल के उपयोग से जल-जनित बीमारियाँ, फसलों में कीटाणु-जनित बीमारियाँ और प्रदूषण फैलते हैं।

बहु-उद्देशीय नदी परियोजनाओं के विरोध में आन्दोलन


• बहु-उद्देशीय नदी परियोजनाएँ और बड़े बाँध नए सामाजिक आंदोलनों जैसे- ‘नर्मदा बचाओ आन्दोलन’ और ‘टिहरी बाँध आन्दोलन’ के कारण बन गये हैं।
→ इन परियोजनाओं का विरोध मुख्य रूप से स्थानीय समुदायों के वृहत् स्तर पर विस्थापन के कारण है।
• बहु-उद्देशीय परयोजनाओं के लगत और लाभ के बँटवारे को लेकर अंतर्राज्यीय झगड़े आम होते जा रहे हैं।


वर्षा जल संग्रहण


• धरातल पर गिरने वाले वर्षा के बूंदों को संचय कर उपयोग करने की प्रक्रिया को वर्षा जल संग्रहण कहते हैं।

• पहाड़ी और पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों ने ‘गुल’ अथवा ‘कुल’ (पश्चिमी हिमालय) जैसी वाहिकाएँ, नदी की धरा का रास्ता बदलकर खेतों में सिंचाई के लिए बनाई हैं।

• राजस्थान में, पीने का जल एकत्रित करने के लिए ‘छत वर्षा जल संग्रहण’ का तरीका आम था।

• पश्चिम बंगाल में बाढ़ के मैदान में लोग अपने खेतों की सिंचाई के लिए बाढ़ जल वाहिकाएँ बनाते थे।

• अर्ध-शुष्क तथा शुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल एकत्रित करने के लिए गड्ढे बनाये जाते थे ताकि मृदा को सिंचित किया जा सके और संरक्षित जल को खेती के उपयोग में लाया जा सके।

• राजस्थान के अर्ध-शुष्क तथा शुष्क क्षेत्रों में लगभग हर घर में पीने का पनी संगृहीत करने के लिए भूमिगत टैंक अथवा टाँका हुआ करते थे।


• टाँका घरों की ढलवाँ छतों से पाइप द्वारा जुड़े हुए होते हैं।

• वर्षा जल जो कि घरों की ढालू छतों पर गिरता है, उसे पाइप द्वारा भूमिगत टाँका जो मुख्य घर अथवा आँगन में बना होता है, के अन्दर ले जाया जाता है।

1 निम्नलिखित में से कौन सा अजैव संसाधन है?

वन, वन्य जीव, पालतू पशु, मत्स्य, कृषीय फसलें जैव संसाधन हैं, जबकि जल एक अजैव संसाधन है।

* निम्नलिखित में से कौन सा जैव संसाधन है ?* 1⃣ वनस्पति 2⃣ धातुएँ 3⃣ चट्टानें 4⃣ जल?

This is Expert Verified Answer वनस्पति जैविक पदार्थ हैं, जिनमें जीवन पाया जाता है, इसलिए वनस्पति जैव संसाधन हैं। शेष तीनों संसाधन धातुएं, चट्टानें और जल अजैव संसाधन की श्रेणी में आते हैं। अर्थात ये संसाधन निर्जीव संसाधन हैं, जिनमें जीवन का अभाव होता है।

अजैव संसाधन क्या है in Hindi?

अजैव संसाधन- वे सारे संसाधन जो निर्जीव वस्तुओं से बने है। ये दो प्रकार के होते है समाप्य और असमाप्य l उदाहरण- चट्टानें और धातुएँ। भारत में भूमि उपयोग प्रारूप का वर्णन करें। वर्ष 1960-61 से वन के अंतर्गत क्षेत्र में महत्वपूर्ण वृद्धि नहीं हुई।

निम्न में से कौन सा जैविक संसाधन है?

जैव संसाधनों के कुछ उदाहरण - वन, पशु, पक्षी और समुद्री जीव।