National Education Policy Details, नेशनल एजुकेशन पालिसी नई शिक्षा नीति क्या है और National Education Policy 2022 लाभ, विशेषता, कार्यान्वयन प्रक्रिया व उद्देश्य क्या है एवं NEP PDF डाउनलोड करे Show
दोस्तों जैसे कि आप सभी लोग जानते हैं हाल ही में मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय ने एजुकेशन पॉलिसी में बदलाव किया है। यह बदलाव इसरो प्रमुख डॉक्टर के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में किया गया है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से National Education Policy से संबंधित जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं। इसी के साथ हम आपको नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का उद्देश्य बताएंगे और नेशनल एजुकेशन पालिसी की विशेषताएं बताएंगे। हम आपको इस लेख के माध्यम से एजुकेशन पॉलिसी में होने वाले बदलाव के बारे में भी बताएंगे। यदि आप National Education Policy से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आपसे निवेदन है कि आप हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ें। National Education Policy 2022नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत स्कूलों तथा कॉलेजों में होने वाली शिक्षा की नीति तैयार की जाती है। भारत सरकार ने नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 आरंभ की है। जिसके अंतर्गत सरकार ने एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे मुख्य बदलाव किए हैं। National Education Policy के माध्यम से भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है। अब मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा। नेशनल एजुकेशन पालिसी के अंतर्गत 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% जी ई आर के साथ पूर्व विद्यालय से माध्यमिक विद्यालय तक शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा (Medical and law studies not included) पहले 10+2 का पैटर्न फॉलो किया जाता था परंतु अब नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा। यह National Education Policy 2014 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का घोषणा पत्र में शामिल था। Nipun Bharat Mission नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत आरंभ किया जाएगा एक लाइव डैशबोर्डजून 2021 से National Education Policy की सफलता को मॉनिटर करने के लिए एक लाइव डैशबोर्ड का आरंभ किया जाएगा। इस डैशबोर्ड के माध्यम से इस पॉलिसी के कार्यान्वयन प्रक्रिया की निगरानी की जाएगी। इस योजना के माध्यम से कॉलेज एवंविश्वविद्यालय स्तर के नीतिगत बदलाव को लागू करने पर जोर दिया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय द्वारा 181 कार्यों की पहचान की गई है। जिनको शिक्षा नीति के अंतर्गत पूरा किया जाना है। इन कार्यों में स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में सब्जेक्ट ऑप्शन, रीजनल लैंग्वेज बेस्ड एजुकेशन, यूनिवर्सिटी डिग्री में प्रवेश एवं निकासी की सुविधा, क्रेडिट बैंक सिस्टम आदि शामिल है। कर्नाटका, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र एवं गोवा सरकार द्वारा एक टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है। जो नेशनल एजुकेशन पालिसी के कार्यान्वयन और संबंधित चुनौतियों का अध्ययन करेगी। इसके अलावा शिक्षा मंत्रालय द्वारा मासिक एवं त्रैमासिक आधार पर एक डैशबोर्ड की निगरानी की जाएगी एवं प्रत्येक कार्य की एक समय सीमा तय की जाएगी। जिसकी जानकारी राज्य की एजेंसियों को दी जाएगी। National Education Policy इंप्लीमेंटेशन एंड रिव्यू कमिटीमंत्रालय द्वारा एक इंप्लीमेंटेशन एंड रिव्यू कमिटी का गठन नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत किया जाएगा। इसको हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट के अधिकारियों द्वारा संचालित किया जाएगा। इस कमेटी के माध्यम से इस पॉलिसी की सफलता का मूल्यांकन किया जाएगा। इसके अलावा क्रेडिट बैंक प्रणाली एवं आईआईटी को बहू विषक संस्थान में परिवर्तित करने के लिए एक और टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। यदि इस योजना के कार्यान्वयन में विलंब किया जाएगा तो संबंधित राज्य एवं जिला स्तर के अधिकारियों को जवाब देना होगा। National Scholarship Portal
अब विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों के पाठ्यक्रमों में शामिल होगा एनसीसी कोर्सजैसे कि आप सभी जानते हैं नई शिक्षा नीति के अंतर्गत एनसीसी को प्रोत्साहन देने का प्रावधान है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए यूजीसी एवं एनआईसीटी द्वारा एनसीसी को विश्वविद्यालयों में एक वैकल्पिक विषय के रूप में चुनाव किए जाने का निर्णय लिया गया है। नेशनल एजुकेशन पालिसी के माध्यम से देश के विद्यार्थी अनुशासित एवं देश भक्त बन पाएंगे। एनसीसी के लिए एक सामान्य वकलपीत क्रेडिट पाठ्यक्रम होता है। जिसकी जानकारी एनसीसी निदेशालय के कमांडिंग अफसर द्वारा सभी विश्वविद्यालयों तथा टेक्निकल संस्थानों के कुलपतियों को प्रदान की गई है। इस पाठ्यक्रम के बारे में भी कमांडिंग अफसर द्वारा विस्तृत जानकारी प्रोजेक्शन एवं ब्रीफिंग के द्वारा प्रदान की गई है। उनके द्वारा यह भी जानकारी दी गई है कि वर्ष 2021–22 के पाठ्यक्रम में कई विश्वविद्यालयों में एनसीसी को एक वैकल्पिक विषय बनाया जाएगा। वे सभी छात्र जो एनसीसी कैडेट के रूप में दाखिला प्राप्त करेंगे उन्हें क्रेडिट बी और सी प्रमाण पत्र के अलावा शैक्षणिक क्रेडिट भी प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा उनको विभिन्न केंद्र एवं राज्य सरकार की योजना के अंतर्गत दिए जाने वाली रोजगार सुविधाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा। SC Post Matric Scholarship National Education Policy परामर्श
राष्ट्रीय शिक्षा नीति कालक्रम
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत हुआ सार्थक योजना का शुभारंभशिक्षा के स्तर में सुधार करने के लिए सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किया जाता है। इसके लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार के बदलाव भी किए जाते हैं। हाल ही में सरकार द्वारा National Education Policy लांच की गई है। अब नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशांक द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के जरिए छात्रों एवं शिक्षकों का समग्र विकास (सार्थक) योजना आरंभ होने जा रही है। सार्थक योजना को सभी पक्षकार जैसे कि राज्य, केंद्र शासित प्रदेश आदि से विचार, विमर्श और सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है। इस संबंध में शिक्षा मंत्रालय द्वारा सभी हितधारकों से सुझाव मांगे गए थे। शिक्षा मंत्रालय को लगभग 7177 सुझाव प्राप्त हुए है। नेशनल एजुकेशन पालिसी में शिक्षा नीति की सिफारिशों के 297 कार्यों को एक साथ जोड़ा गया है। जिसके लिए जिम्मेदार एजेंसी और समय सीमा भी तय की गई है। इन सभी कार्यों के लिए इस योजना के अंतर्गत 304 परिमाण भी निर्धारित किए गए हैं। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन MYNEP2020 प्लेटफार्म का शुभारंभकेंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशांक जी के द्वारा एनसीटीई प्लेटफार्म पर MYNEP2020 प्लेटफार्म लांच किया गया है। यह प्लेटफॉर्म 1 अप्रैल 2021 से लेकर 15 मई 2021 तक कार्यशील रहेगा। इस प्लेटफार्म के माध्यम से नेशनल प्रोफेशनल स्टैंडर्ड फॉर टीचर एवं नेशनल मिशन फॉर मेंटरिंग प्रोग्राम मेंबरशिप के विकास के लिए ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा। इस प्लेटफार्म के माध्यम से सभी हितधारकों से ड्राफ्ट के लिए सुझाव, इनपुट तथा सदस्यता आमंत्रित की जाएगी। इन् हितधारकों में शिक्षक, शिक्षा पेशेवर, शिक्षाविंद एवं अन्य शिक्षा से संबंधित हितधारकों को शामिल किया गया है। यह प्लेटफार्म एक डिजिटल परामर्श के रूप में कार्यरत रहेगा। इस प्लेटफार्म के माध्यम से National Education Policy के दो प्रमुख सिफारिशों के ऊपर दस्तावेज तैयार करने में मदद प्राप्त होगी। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा नेशनल एजुकेशन पालिसी के दो प्रमुख सिफारिशों के दस्तावेज तैयार करने के लिए विभिन्न व्यक्तियों एवं संगठनों से इस प्लेटफार्म केपरामर्श किया जाएगा। इसके पश्चात सभी एकत्रित सुझाव की समीक्षा की जाएगी और ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा। ड्राफ्ट तैयार करने के बाद इस ड्राफ्ट को सार्वजनिक किया जाएगा। जिससे कि इसकी समीक्षा की जा सके। प्राप्त हुए सुझाव एवं टिप्पणियों के आधार पर एक अंतिम ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा। National Education Policy कार्यान्वयन प्रक्रिया जल्द की जाएगी आरंभसन 2020 में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी आरंभ की गई है। National Education Policy के अंतर्गत कार्यान्वयन की योजना जल्द सरकार द्वारा घोषित की जाएगी। यह 1968 और 1986 के बाद तीसरी शिक्षा नीति है। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत शिक्षा प्रणाली में कई महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे जैसे कि शिक्षा की विभिन्न धाराओं के बीच पारंपरिक रेखाओं को हटाया जाएगा, नई पीढ़ी के छात्रों को अधिक शिक्षा सामग्र प्रदान किया जाएगा आदि। जिससे कि छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान की जा सके। इस शिक्षा नीति को आने वाले 2 दशकों के लिए बनाया गया है। इस नेशनल एजुकेशन पालिसी को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। सितंबर माह में एक शिक्षा पर्व आयोजित किया गया था। इस शिक्षा पर्व के दौरान नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के कार्यान्वयन पर चर्चा की गई थी। मंत्रालय को इस शिक्षा पर्व के माध्यम से 15 लाख हितधारकों के सुझाव प्राप्त हुए थे। National Education Policy 2022 का उद्देश्यनेशनल एजुकेशन पालिसी का मुख्य उद्देश्य भारत मैं प्रदान की जाने वाली शिक्षा को वैश्विक स्तर पर लाना है। जिससे कि भारत एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बन सके। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2022 में सरकार के माध्यम से पुरानी एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे संशोधन किए हैं। जिससे कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा और बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे। नेशनल एजुकेशन पालिसी के सिद्धांत
सार्थक योजना से संबंधित कुछ मुख्य जानकारी
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी समीक्षाअब मंत्रालय द्वारा इन सुझाव की समीक्षा की प्रक्रिया जारी कर दी गई है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा एक ड्राफ्ट कार्यान्वयन योजना नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत तैयार की गई है। यह कार्यान्वयन योजना मंत्रालय द्वारा सितंबर 2020 में ही तैयार कर ली गई थी। National Education Policy के अंतर्गत 31 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के हितधारकको से फीडबैक प्राप्त किया था। इस फीडबैक को विशेषज्ञों के ग्रुप में देखा और कार्यान्वयन योजना में शामिल किया। इस योजना के कार्यान्वयन की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है और जल्द कार्यान्वयन प्रक्रिया मंत्रालय द्वारा जारी कर दी जाएगी। नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क का ग्राउंड वर्क आरंभ हो गया है और मंत्रालय द्वारा इसे एकेडमिक ईयर 2021-22 में विकसित किया जाएगा। मंत्रालय द्वारा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत कुछ विवरण भी दिया गया है जो कि कुछ इस प्रकार है:- नेशनल एजुकेशन पॉलिसी विवरण
पर्सनल एजुकेशन पॉलिसी शिक्षक प्रशिक्षणजैसे कि आप सभी लोग जानते हैं सन 2020 में नई नेशनल एजुकेशन पालिसी लागू की गई है। इस एजुकेशन पॉलिसी में सरकार द्वारा शिक्षा प्रणाली को पूरी तरह से बदल दिया गया है जिससे कि छात्रों का विकास हो सके। 7 जनवरी 2021 को शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी हमारे देश के बच्चों के भविष्य के लिए बहुत लाभकारी साबित होगी। इस पॉलिसी के अंतर्गत मातृभाषा में शिक्षा प्रदान की जाएगी, माध्यमिक स्कूल से कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा तथा वैश्विक स्तर पर भारतीय शिक्षा प्रणाली को मजबूत किया जाएगा। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में कई क्रांतिकारी सुधार है। National Education Policy के अंतर्गत छात्रों को मूल्य आधारित समावेशी शिक्षा प्रदान की जाएगी, उनके वैज्ञानिक मिजाज़ को विकसित किया जाएगा तथा उन्हें कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। शिक्षा मंत्री द्वारा यह भी कहा गया कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत शिक्षा प्रदान करने के लिए तकनीक का उपयोग तथा ऑनलाइन पाठ्यक्रमों को विकसित करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा प्रोद्योगिकी(NETF) की भी स्थापना करने का प्रावधान है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से अब भारत के छात्र भी वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे। नई शिक्षा नीतिनेशनल एजुकेशन पालिसी में शिक्षकों की गुणवत्ता का स्तर और ऊपर उठाने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। नेशनल एजुकेशन पालिसी व्यवस्था में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के स्वरूप में भी बदलाव होंगे। अभी तक टीईटी परीक्षा दो हिस्सों में बंटी हुई थी- पार्ट 1 और पार्ट 2। लेकिन अब स्कूली शिक्षा व्यवस्था का स्ट्रक्चर चार हिस्सों में बंटा होगा – फाउंडेशन, प्रीपेरेटरी, मिडल और सेकेंडरी। इसी के आधार पर टीईटी का पैटर्न भी सेट किया जाएगा। विषय शिक्षकों की भर्ती के समय टीईटी या संबंधित सब्जेक्ट में एनटीए टेस्ट स्कोर भी चेक किया जा सकता है। सभी विषयों की परीक्षाएं और एक कॉमन एप्टीट्यूट टेस्ट का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) करेगा। National Education Policy 2022 पर प्रधानमंत्री का देश को संबोधन
National Education Policy अब समग्र शिक्षा में प्री प्राइमरी भी शामिल होगीशिक्षा मंत्रालय स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन करवाने के कार्य में जुटा हुआ है। इसी बीच यह निर्णय लिया गया है की समग्र शिक्षा में अगले वर्ष से प्री प्राइमरी को भी जोड़ा जाएगा। यह एक बहुत बड़ी पहल है। कोरोना काल के चलते स्कूलों में शुरू हुई ऑनलाइन पढ़ाई को भी शिक्षा मंत्रालय द्वारा मजबूत बनाए जाने का प्रयास किया जा रहा है। सभी राज्यों से समग्र शिक्षा के अंतर्गत प्रस्ताव भेजने का सुझाव भी शिक्षा मंत्रालय द्वारा दिया गया है। मंगलवार को शिक्षा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक भी आयोजित की गई थी। जिसकी अध्यक्षता खुद केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशांक जी ने की थी। इस बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन को लेकर चर्चा की गई थी। अभी बदलाव को लेकर कोई भी सहमति नहीं बन पाई है। जल्द मंत्रालय सीबीएसई, एनसीईआरटी और एनसीटीई के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित करेगा। इस बैठक में शिक्षा में किए जाने वाले बदलाव का फैसला किया जाएगा। National Education Policy स्कूल बैग का वज़न तथा होमवर्क कम किया जाएगाNational Education Policy के अंतर्गत कई नए फैसले लिए गए हैं जिससे कि शिक्षा को और बेहतर बनाया जाएगा। इस पॉलिसी के अंतर्गत 1 से 10 कक्षा के बच्चों के लिए स्कूल बैग का वजन उनके वजन का 10% ही होना चाहिए। इससे ज्यादा वजन की किताबें उनके लिए नहीं होनी चाहिए। इसी के साथ नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत व्हील कैरियर बैग लाना बच्चों के लिए मना किया गया है। क्योंकि उससे बच्चों को चोट लगने का खतरा होता है। सभी विद्यालयों में एक डिजिटल वेइंग मशीन रखी जाएगी। जिससे कि सभी बच्चों के स्कूल बैग का वजन मॉनिटर किया जा सकेगा। पॉलिसी डॉक्यूमेंट में ये भी है कि स्कूल बैग हल्का होना चाहिए और उसमें प्रॉपर कंपार्टमेंट्स होने चाहिए। स्कूल बैग में 2 पदेड एडजेस्टेबल स्ट्रप्स होने चाहिए। जो कि बच्चों के कंधे पर फिट हो सके। छात्र की वित्तीय सहायतानेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2022 के अंतर्गत राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल का विस्तार किया जाएगा। इस पोर्टल के माध्यम से बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। जिससे कि बच्चे पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित हो और उनकी प्रगति हो। प्राइवेट एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन को भी प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि वह अपने बच्चों को छात्रवृत्तियां प्रदान करें। आईआईटी बहू विषयक संस्थान बनाए जाएंगेनेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत आईआईटी जैसे इंजीनियरिंग संस्थानों को मानविकी छात्रों के लिए हैं दरवाजे खोलने होंगे। आईआईटी बाहु विषयक शिक्षा की ओर आगे बढ़ेगा। विदेशी छात्रों के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्र कार्यालयइसके अंतर्गत सस्ती लागत पर अच्छी शिक्षा प्रदान करने वाला एक वैश्विक अध्ययन स्थल के रूप में भारत को बढ़ावा दिया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक संस्थान में विदेशी छात्रों की मेजबानी करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय छात्र कार्यालय की स्थापना होगी। नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापनानेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना करी जाएगी। जिसके माध्यम से शोध की संस्कृति को सक्षम बनाया जाएगा। नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना से भारत में शोधकर्ताओं को बढ़ावा दिया जाएगा। जिससे नई नई रिसर्च सामने आएंगी जो देश की प्रगति में बहुत महत्वपूर्ण साबित होंगी। National Education Policy के अंतर्गत बोर्ड का महत्वइसके अंतर्गत बोर्ड परीक्षा का महत्व घटाया गया है। जिससे कि बच्चों के अंतर्गत तनाव में कमी आएगी। अब बोर्ड की परीक्षा दो भागों में आयोजित की जाएगी। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत ज्ञान बढ़ाने पर ज़ोर दिया जाएगा। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी पाठ्यक्रमNational Education Policy 2022 के अंतर्गत पाठ्यक्रम को भी कम किया जाएगा केवल इतना ही पाठ्यक्रम रखा जाएगा जो अनिवार्य है। इसी के साथ क्रिटिकल थिंकिंग पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत टेक्नोलॉजी के माध्यम से जैसे कि टीवी चैनल, ऑनलाइन बुक, एप आदि से भी पढ़ाई को बढ़ावा दिया जाएगा| National Education Policy का विज़नएजुकेशन पॉलिसी को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य भारत को एक ज्ञान महाशक्ति बनाना है। जिससे कि समाज में बदलाव आ सकें। इस योजना के माध्यम से बच्चों को उच्च स्तर गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके अलावा इस योजना के माध्यम से बच्चों को संवैधानिक मूल्यों, देश के साथ जुड़ाव आदि पर जोर दिया जाएगा। इस नीति के माध्यम से बच्चों के अंतर्गत भारतीय होने की गर्व की भावना विकसित होगी। इसके अलावा बच्चे ज्ञान, कौशल आदि प्राप्त कर सकेंगे। यह योजना शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने में लाभकारी साबित होगी। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी प्रारंभिक शिक्षा के कुछ घटकप्रारंभिक बाल्यावस्था देखभालएक शोध के अनुसार बच्चों के मस्तिष्क का 85% विकास 6 वर्ष की आयु तक हो जाता है इस स्थिति में बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए आरंभिक 6 वर्ष बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत 6 वर्ष की आयु तक के बच्चों पर खास ध्यान देने का प्रावधान रखा गया है। जिससे कि बच्चों का विकास संपूर्ण रूप से हो सके। बुनियादी साक्षरता एवं संख्यामकताइस घटक के अंतर्गत बुनियादी साक्षरता एवं संख्यामकता के ज्ञान को विकसित करने के लिए निपुण योजना का संचालन किया जाएगा। इस योजना का पूरा नाम नेशनल इनीशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमरसी है। इस योजना के माध्यम से आधारभूत साक्षरता एवं संख्यामकता का ज्ञान छात्रों को तीसरी कक्षा के अंत तक प्रदान किया जा सकेगा। जिससे वह पढ़ने, लिखने एवं अंकगणित को सीखने की क्षमता प्राप्त कर सकें। ड्रॉपआउट रेट कम करना तथा सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करनानेशनल एजुकेशन पॉलिसी आरंभ करने का एक मुख्य उद्देश्य ड्रॉपआउट रेट में कमी करना है। इस योजना के माध्यम से शिक्षा प्रणाली को लचीला बनाया जाएगा। जिससे कि बच्चे आसानी से शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम हो सकें। बच्चे उन विषयों का चयन कर सकें जो वह पढ़ना चाहते हैं। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत को चुनाव के विकल्प को लचीला बनाया गया है। जिससे कि ड्रॉपआउट रेट में कमी आएगी। 5+3+3+4 का स्कूली पाठ्यक्रमशिक्षा की रूपरेखा को 5+3+3+4 के स्कूली पाठ्यक्रम में विकसित किया जाएगा। जिसमें 3 से 8, 8 से 11, 11 से 14 तथा 14 से 18 वर्ष की उम्र के बच्चे शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। इस रूपरेखा के पहले भाग में प्री स्कूल के 3 साल तथा प्राथमिक स्कूल की पहली एवं दूसरी कक्षा, कक्षा 3 से 5, कक्षा 6 से 8 एवं कक्षा 9 से 12 शामिल है। यह रूपरेखा विद्यार्थियों का समग्र विकास करने के लिए तैयार की गई है। विशेष प्रतिभा वाले एवं मेधावी विद्यार्थियों को प्रोत्साहननेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत छात्रों की प्रतिभाओं को पहचाना जाएगा एवं उन को बढ़ावा देने के साथ-साथ उनका विकास भी किया जाएगा। छात्रों को अपनी प्रतिभा एवं रुचि की पहचान करने मैं भी सहायता प्रदान की जाएगी। बच्चों को शिक्षकों द्वारा मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन भी प्रदान किया जाएगा। इस पॉलिसी के माध्यम से बच्चे अपनी प्रतिभा को पहचानने में सक्षम बन सकेंगे। सभी छात्रों के लिए शिक्षा सुनिश्चित करनानेशनल एजुकेशनपॉलिसी का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य सभी छात्रों तक शिक्षा पहुंचाना भी है। जिससे कि सामाजिक न्याय एवं समानता प्राप्त की जा सके। शिक्षा प्राप्त करना प्रत्येक बच्चे का बुनियादी अधिकार है। सरकार द्वारा भी 14 वर्ष की आयु तक मुफ्त शिक्षा प्रत्येक बच्चे को प्रदान किए जाने का प्रावधान निर्धारित किया गया है। इस पॉलिसी के माध्यम से सभी बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। भारत सरकार द्वारा छात्राओं की शिक्षा पर खास ध्यान दिया जाएगा। ट्रांसजेंडर छात्रों को भी शिक्षा प्रदान करने की दिशा में विभिन्न कदम उठाए जाएंगे। स्कूल कॉन्प्लेक्स/क्लस्टर के माध्यम से कुशल संसाधनइस योजना का संचालन राष्ट्रीय, राज्य, जिला, ब्लाक एवं स्कूली स्तर पर किया जाता है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी कार्यान्वयन में स्कूल एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्कूल के माध्यम से इस योजना का संचालन करके बच्चों को लाभ प्रदान किया जाता है। स्कूली स्तर पर सभी शिक्षकों को इस पॉलिसी का ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक है। शिक्षकों द्वारा ही इस योजना का संचालन अंतिम स्तर पर किया जाएगा। शिक्षकों को इस योजना के कार्यान्वयन से संबंधित जानकारी स्कूल मैनेजमेंट द्वारा प्रदान की जाएगी। जिससे कि इस योजना का कार्यान्वयन समय से हो सके। इसके अलावा प्रत्येक राज्य एवं जिले को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वह बाल भवन स्थापित करें जिसमें बच्चे कला, खेल और कैरियर संबंधित गतिविधियों में भाग ले सकें। स्कूली शिक्षा के लिए मानक निर्धारणस्कूलों द्वारा स्कूली शिक्षा नियामक प्रणाली बनाई जाएगी जिसका लक्ष्य शैक्षिक परिमाण में सुधार करना होगा। इस प्रणाली द्वारा समय-समय पर शोध किया जाएगा। इस प्रणाली द्वारा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लागू करने के तरीके पर भी अध्ययन किया जाएगा। पॉलिसी लागू होने के बाद मूल्यांकन किया जाएगा। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी उच्चतर शिक्षा के कुछ घटकगुणवत्तापूर्ण विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयनेशनल एजुकेशन पालिसी देश के विकास के लिए एवं बेरोजगारी दर को घटाने के लिए उच्चतर शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उच्चतर शिक्षा विश्वविद्यालयों के माध्यम से प्रदान की जाती है। ऐसे में विश्वविद्यालयों कि शिक्षा में सुधार करने के लिए एवं शिक्षा की गुणवत्तापूर्ण बढ़ने के लिए National Education Policy के माध्यम से विभिन्न प्रकार के प्रयास किए जाएंगे। जिससे कि देश के युवा सक्षम बन सके एवं उनका समग्र विकास हो सके। इस योजना के माध्यम से ऐसी उच्चतर शिक्षा बच्चों को प्रदान की जाएगी जिसमें बहु विषयक विश्वविद्यालय और महाविद्यालय होंगे। संस्थागत पुनगठन और समेकननेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से उच्चतर शिक्षा संस्थानों को बड़े एवं बहू विषक विश्वविद्यालय, कॉलेज आदि में स्थानांतरित करना है। जिससे कि उच्च शिक्षा की विखंडता को समाप्त किया जा सके। प्रत्येक उच्च शिक्षा संस्थान का लक्ष्य लगभग 3000 या फिर उससे अधिक छात्रों का उत्थान करना होगा। इन संस्थानों के माध्यम से छात्रों का सामाजिक एवं मानसिक विकास किया जाएगा। इस पॉलिसी के माध्यम से सार्वजनिक एवं निजी दोनों संस्थानों का विकास किया जाएगा। यह विकास करने के लिए एक निष्पक्ष प्रणाली का उपयोग किया जाएगा। समग्र एवं बहू विषयक शिक्षासमग्र एवं बहू विषयक शिक्षा का तात्पर्य है मनुष्य की सभी क्षमता जैसे कि समाजिक, शारीरिक, भावनात्मक, नैतिक आदि को एकत्रित करके विकसित करना। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में छात्रों को सामग्र एवं बहू विषयक शिक्षा प्रदान करने का भी प्रावधान रखा गया है। जिससे कि बच्चों का संपूर्ण विकास हो सके। इसके लिए लचीले पाठ्यक्रम को विकसित किया जाएगा। उच्चतर शिक्षा में कई प्रवेश और निकास बिंदुओ का विकल्प होगा। जिससे कि बच्चे अपने रुचि के अनुसार शिक्षा प्राप्त कर सकें। एग्री कार्यक्रम की अवधि मैं भी आवश्यकता अनुसार बदलाव किए जा सकते हैं। सीखने के लिए सर्वोत्तम वातावरण एवं छात्रों का सहयोगछात्रों को प्रभावी ढंग से शिक्षा प्राप्त करने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण होना आवश्यक है। जिसमें उपायुक्त पाठ्यक्रम, आकर्षक शिक्षण, निरंतर रचनात्मक मूल्यांकन, छात्रों का पर्याप्त सहयोग शामिल होता है। इसके अलावा नेशनल एजुकेशन पालिसी छात्रों की बेहतरी के लिए कुछ अन्य क्षमताएं जैसे कि फिटनेस, अच्छा स्वास्थ्य, नैतिक मूल्य का आधार आदि भी छात्रों को सीखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह सभी चीजें नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में शामिल की गई है। जिससे कि छात्र अपनी पढ़ाई गुणवत्ता पूर्ण ढंग से कर सकें। इसके अलावा इस पॉलिसी के अंतर्गत शिक्षा का अंतरराष्ट्रीयकरण भी किया जाएगा। जिससे कि भारत में पढ़ने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या बढ़े और भारत के छात्रों को विदेशी संस्थानों में शोध करने का मौका मिल सके। इस पॉलिसी के माध्यम से छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करने का भी प्रावधान रखा गया है। अध्यापक शिक्षाछात्रों को शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षकों की सक्षम टीम का निर्माण करना बहुत महत्वपूर्ण है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में इस बात पर भी बहुत जोर दिया जा रहा है। बुनियादी शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक शिक्षकों को तैयार किया जा रहा है। जिसमें उन्हें बहू विषयक दृष्टिकोण और ज्ञान की आवश्यकता के साथ-साथ अभ्यास भी करवाया जाएगा। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि शिक्षक शिक्षण प्रक्रियाओं के साथ-साथ भारतीय मूल्य, भाषा, ज्ञान लोकाचार, परंपराओं, जनजाति परंपराओं आदि के प्रति भी जागरूक हो। वह संस्थान जो अध्यापक शिक्षा प्रदान करेंगे वह शिक्षण से संबंधित विषयों के साथ-साथ विशेष विषय में विशेषज्ञों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करेंगे। व्यवसायिक शिक्षाहमारे देश में व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या बहुत कम है। उनमें से 18-24 आयु वर्ग के लगभग 5% से भी कम छात्र औपचारिक व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त करते हैं। जबकि अन्य देशों में यह संख्या 50% से 75% तक है। व्यवसायिक शिक्षा को भी नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत बढ़ावा देने का प्रावधान है। जिससे कि बच्चों का संपूर्ण विकास हो सके। व्यवसायिक शिक्षा को हमारे देश में कम महत्व की शिक्षा माना जाता है। इस नीति के माध्यम से व्यवसायिक शिक्षा से जुड़ी सामाजिक धारणा को दूर करना है और अधिक से अधिक छात्रों तक व्यवसायिक शिक्षा का ज्ञान पहुंचाना है। इस योजना के माध्यम से वर्ष 2025 तक स्कूल एवं उच्च शिक्षा प्रणाली के माध्यम से कम से कम 50% विद्यार्थियों को व्यवसायिक शिक्षा प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। National Education Policy के तहत की जाने वाली सुविधाएं
National Education Policy 2022 के विशेषताएं
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2022 की कुछ मुख्य बातें
National Education Policy के लाभ
National Education Policy 2022 के चार चरणनेशनल एजुकेशन पालिसी को चार चरणों में विभाजित किया गया है जो कि 5+3+3+4 पैटर्न है। इस नए पैटर्न में 12 साल की स्कूली शिक्षा तथा 3 साल की प्री स्कूली शिक्षा शामिल है।न्यू नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को सरकारी तथा प्राइवेट दोनों संस्थानों को फॉलो करना होगा। न्यू नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2021 के चार चरण कुछ इस प्रकार है। फाउंडेशन स्टेजफाउंडेशन स्टेज 3 से 8 साल तक के बच्चों के लिए हैं। जिसमें 3 साल की प्री स्कूल शिक्षा तथा 2 साल की स्कूली शिक्षा (कक्षा एक तथा दो) शामिल है। फाउंडेशन स्टेज के अंतर्गत भाषा कौशल और शिक्षण के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। प्रिप्रेटरी स्टेजप्रिप्रट्री स्टेज के अंतर्गत 8 साल से लेकर 11 साल तक के बच्चे आएंगे। जिसमें कक्षा 3 से 5 तक के बच्चे शामिल है। इस स्टेज में बच्चों की भाषा और संख्यात्मक कौशल में विकास करना शिक्षकों का उद्देश्य रहेगा। इस स्टेज में बच्चों को क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाया जाएगा। मिडिल स्टेजमिडिल स्टेज के अंतर्गत कक्षा 6 से 8 तक के बच्चे आएंगे। कक्षा 6 से बच्चों को कोडिंग सिखाई जाएगी और उन्हें व्यवसायिक परीक्षण के साथ-साथ इंटर्नशिप भी प्रदान की जाएगी। सेकेंडरी स्टेजसेकेंडरी स्टेज में कक्षा 9 से 12 तक के बच्चे आएंगे। जैसे कि पहले बच्चे साइंस, कॉमर्स तथा आर्ट्स स्ट्रीम लेते थे। परंतु अब यह खत्म कर दिया गया है। अब बच्चे अपनी पसंद का सब्जेक्ट ले सकते हैं। जैसे कि बच्चे साइंस के साथ कॉमर्स का या फिर कॉमर्स के साथ आर्ट्स के भी ले सकते हैं। नई शिक्षा नीति 2022: स्ट्रीम्सNational Education Policy के अंतर्गत छात्रों को अब कोई एक स्ट्रीम नहीं चुननी होगी। अब छात्र आर्ट स्ट्रीम के साथ साइंस स्ट्रीम भी पढ़ सकते हैं, साइंस स्ट्रीम के साथ आर्ट्स स्ट्रीम भी पढ़ सकते हैं। प्रत्येक विषय को अतिरिक्त पाठ्यक्रम ना मान के पाठ्यक्रम के रूप में देखा जाएगा जिसमें योग, खेल, नृत्य, मूर्तिकला, संगीत आदि शामिल है। एनसीईआरटी पाठ्यक्रमों को राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा के अनुसार तैयार करेगी। शारीरिक शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। वोकेशनल तथा एकेडमिक स्ट्रीम को अलग नहीं किया जाएगा जिससे कि छात्रों को दोनों क्षमताओं को विकसित करने का मौका मिले। B.Ed अब 4 साल कानेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2021 के अंतर्गत बीएड को 4 साल का कर दिया गया है। 2030 के अंत तक शिक्षक की न्यूनतम योग्यता 4 साल का बी एड प्रोग्राम होगी। सभी स्टैंडअलोन शिक्षण संस्थान जो निर्धारित मानकों का पालन नहीं करेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वोकेशनल स्टडीज पर फोकसहमारे देश में वोकेशनल स्टडी सीखने वाले छात्र 5% से भी कम है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कक्षा छठी से कक्षा आठवीं तक के छात्रों को वोकेशनल स्टडीज सीखने पर ध्यान दिया जाएगा। जिसमें बागबानी, लकड़ी का काम, मिट्टी के बर्तन, बिजली का काम आदि शामिल है। 2025 के अंत तक नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कम से कम 50% छात्रों को वोकेशनल स्टडीज पढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में शिक्षाजैसे कि सभी लोग जानते हैं कि बच्चों को यदि उनकी मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाया जाए तो वह बात को ज्यादा आसानी से समझ पाएंगे। इसी बात को ध्यान में रखते हुए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2022 के अंतर्गत पांचवी कक्षा तक बच्चों को उनकी मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाने का प्रावधान रखा गया है। अब शिक्षकों को पांचवी कक्षा तक बच्चों को उनकी मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा प्रदान करनी होगी। पाठ्य पुस्तकों को भी क्षेत्रीय भाषा में उपलब्ध कराना का प्रयास किया जाएगा और यदि पाठ्यपुस्तक क्षेत्रीय भाषा में उपलब्ध नहीं है तो इस स्थिति में बच्चों और शिक्षक के बीच बातचीत का माध्यम क्षेत्रीय भाषा होगा। कक्षा एक से बच्चों को दो से तीन भाषाएं सिखाई जाएंगी। शिक्षकों की भर्तीनेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2022 के अंतर्गत यदि दी गई भाषाओं को बोलने वाले शिक्षकों की कमी है। इस स्थिति में विशेष तौर से प्रयास किए जाएंगे की दी गई भाषाओं को बोलने वाले शिक्षकों को भर्ती कि जाए। जिसके अंतर्गत रिटायर हुए शिक्षकों को भी दोबारा से बुलाया जा सकता है। विदेशी भाषा सिखाई जाने पर भी जोरमाध्यमिक विद्यालय में बच्चे अपने पसंद की विदेशी भाषा भी सीख सकते हैं। जिसमें फ्रेंच, जर्मन, स्पेनिश, चाइनीस, जैपनीज आदि होंगी। यह सभी प्रयास भारत की शिक्षा को वैश्विक तौर पर पहचान बनाने का एक प्रयास है। MyNEP2020 प्लेटफार्म पर रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रियायदि आप MYNEP2020 प्लेटफार्म पर रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं तो आपको नीचे दी गई प्रक्रिया को फॉलो करना होगा।
MYNEP2020 प्लेटफॉर्म पर लॉगइन करने की प्रक्रिया
हमने अपने इस लेख के माध्यम से आपको नेशनल एजुकेशन पॉलिसी से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्रदान कर दी है। यदि आप अभी भी किसी प्रकार की समस्या का सामना कर रहे हैं तो आप नीचे दिए गए संपर्क विवरण के माध्यम से संपर्क करके अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं। संपर्क विवरण कुछ इस प्रकार है।
Conclusionदोस्तों हमने आपको अपने इस लेख के माध्यम से न्यू नेशनल एजुकेशन पॉलिसी से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी आपको प्रदान कर दी है। यह एजुकेशन पॉलिसी सरकार का क्रांतिकारी फैसला है जो कि भविष्य में छात्रों को बहुत लाभदायक साबित होगा। दोस्तों हमें उम्मीद है कि आप नेशनल एजुकेशन पालिसी से संबंधित सभी जानकारी समझ चुके हैं। यदि National Education Policy में और अपडेट आएगा तो हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से जरूर बताएंगे। आप से निवेदन है कि आप हमारे से जुड़े रहे। Important Link
5 प्लस 3 प्लस 3 प्लस 4 का मतलब क्या है?अभी तक हमारे देश में स्कूली पाठ्यक्रम 10+2 के हिसाब से चलता है लेकिन अब ये 5+ 3+ 3+ 4 के हिसाब से होगा. इसका मतलब है कि अब स्कूली शिक्षा को 3-8, 8-11, 11-14, और 14-18 उम्र के बच्चों के लिए विभाजित किया गया है.
नई शिक्षा नीति 2022 कितनी उपयोगी?भारत की नई शिक्षा नीति के तहत स्टूडेंट को एक बड़ी राहत छठी कक्षा में मिलेगी क्योंकि छठी कक्षा से व्यवसायिक प्रशिक्षण इंटर्नशिप को भी आरंभ कर दिया जाएगा । पांचवी कक्षा तक शिक्षा मात्रिभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा प्रदान की जाएगी :- यानी पांचवी कक्षा तक छात्र अपनी भाषा में ही पढ़ाई कर सकते हैं ।
भारत सरकार की नई शिक्षा नीति क्या है?यह निति उच्च शिक्षा को अपनी भाषा में पढ़ने की स्वतंत्रता देने के साथ ही बच्चों को कला और खेल-कूद के क्षेत्र में बढ़ावा देती है। निति के अंतर्गत सरकारक के द्वारा कई महत्वपूर्ण लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, जिसमें वर्ष 2030 तक सकल नामांकन अनुपात (Gross Eurolment Ratio-GER) को 100% तक लाना शामिल है।
भारत में शिक्षा नीति कितनी बार आई है?राय कहते हैं कि गौर करने की बात यह है कि अब तक सिर्फ दो बार शिक्षा नीति लागू हुई है। पहली बार शिक्षा नीति 1968 में लागू हुई थी, जिसमें कहा गया था कि इसका हर पांच साल में रिव्यू होगा। 1986 तक एक बार भी नहीं हुआ। इसी साल दूसरी शिक्षा नीति बनाई गई।
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