माध्यमिक स्तर पर कहानी शिक्षण के महत्व - maadhyamik star par kahaanee shikshan ke mahatv

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माध्यमिक स्तर पर कहानी शिक्षण के महत्व - maadhyamik star par kahaanee shikshan ke mahatv

CTET is main teaching eligibility est which will be going to held on 5th July 2020 by CBSE .Hindi as a language is main subject in both papers of CTET 2020. The students always choose Hindi as a language 1 or 2 in CTET exam. The examination pattern and syllabus of hindi subject contains for both papers i.e.hindi paragraph comprehension, hindi Poem comprehension and hindi pedagogy. This section total contain 30 marks.

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कहानी शिक्षण

कहानियाँ सुनना – सुनाना प्राथमिक कक्षाओं में बच्चों को भाषा सीखने में बहुत मदद करती है।कहानी सुनना बच्चों के लिए रुचिकर होने के साथ – साथ उनकी सृजनात्मकता को भी बढ़ाने वाला होता है। कई बार बच्चे सुनी हुई कहानी में मनचाहा बदलाव करके अपने मित्रों को सुनाते हैं। इसके द्वारा बच्चे न केवल शब्दों के अर्थ बल्कि विभिन्न घटनाओं को भी समझने लगते हैं और साथ ही यह बच्चों की कल्पनाशीलता को भी बढ़ाती है। कहानी इस मायने में भी महत्त्वपूर्ण है कि यह बच्चों में अनुमान लगाने की क्षमता बढ़ाती है जैसे –  जब कभी बच्चे कहानी सुन रहे होते हैं तो उनकी जिज्ञासा लगातार बनी रहती है कि आगे क्या होगा? वे अपने स्तर पर अनुमान लगाते रहते हैं और अगर कहानी उनकी सोच के अनुरूप आगे बढ़ती है तो वे ज्यादा आत्मविश्वासी होने लगते हैं और समय के साथ – साथ उनके अनुमान ज्यादा सटीक होते जाते हैं।

मानव जीवन की किसी घटना, भाव आदि पर आधारित कथा को कहानी की संज्ञा दी जाती है। कहानी संक्षिप्त होती है तथा आधुनिक व्यस्त जीवन के लिए उत्कृष्ट साहित्य है। गय साहित्य की अनेक विधाओं में कहानी सबसे अधिक लोकप्रिय विधा है। कहानी के निम्नलिखित तत्व होते हैं।

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  • कथावस्तु : प्रत्येक कहानी में एक कथानक होता है। जो जीवन के किसी अंश, घटना अथवा मनोभाव पर आधारित होता है।
  • चरित्र – चित्रण : कहानी में एक या अधिक पात्र होते हैं। पात्रों की विभिन्न चारित्रिक विशेषताओं का ज्ञान प्राप्त करके उनका उल्लेख करने की प्रक्रिया को चरित्र – चित्रण कहते हैं।
  • कथोपकथन : कहानी में एकांकी की भांति किन्हीं दो पात्रों के मध्य विचार का आदान – प्रदान हो तो उसे कथोपकथन की संज्ञा दी जाती है।
  • भाषा – शैली : कहानी की भाषा – शैली पात्रों के व्यक्तित्व के अनुसार ऐसी हो जो उनकी मनःस्थिति का सजीव चित्रण प्रस्तुत कर सके। किसी भी पात्र की भाषा विभिन्न परिस्थितियों में परिवर्तनीय होती है।
  • देशकाल और वातावरण :  यह कहानी में व्यक्त समय और समाज का उल्लेख करता है।
  • उद्देश्य :  किसी कहानी में एक निहित उद्देश्य का होना अनिवार्य है। लेखक किसी एक या अनेक जीवन मूल्यों को दृष्टि में रखकर कहानी की रचना करता है।

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कहानी शिक्षण के उद्देश्य :

  • साहित्य के प्रति रुचि विकसित करना।
  • कहानी में निहित भावों, विचारों, नैतिक मूल्यों को ग्रहण करने की क्षमता विकसितकरना।
  • सृजनात्मक शक्ति का विकास करना।
  • शब्द, सूक्ति, मुहावरे आदि के भंडार को समृद्ध करना।
  • अंदाजा लगाने की क्षमता का विकास करना ।
  • एकाग्रता को विकसित करना।
  • कहानी की रचनाशीलता का विकास करना ।
  • कल्पना और स्मरण शक्ति का विकास करना।

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कहानी शिक्षण विधि तथा सोपान :

  • प्रस्तावना : सबसे पहले कक्षा में उचित वातावरण बनाकर कहानी कहने का माहौल बनाया जाता है। जिससे कहानी की पढ़ाई को मनोरंजक और प्रेरणादाई बनाया जा सके ।
  • कहानी कथन/प्रस्तुतीकरण : प्रस्तावना के बाद इस सोपान में कहानी को मजेदार ढंग से सुनाया जाता है। इस सोपान में कहानी को ऐसे सुनाया जाता है कि कहानी सुनने वाले और कहानी सुनाने वाले आपस में विचारों को बाँट सकें। उचित उतार चढाव और जिज्ञासा के साथ कहानी को सुना और सुनाया जाता है ।
  • कहानी सुनना/पुनरावृत्ति : इस सोपान में कहानी सुनाने वाला कहानी सुनने वाले से कहानी सुनता है। इस प्रकार कक्षा में एक – एक करके विद्यार्थी कहानी सुनाते है। इस प्रकार कहानी पर चर्चा होती है और बोध प्रश्न भी करवाए जाते हैं । कहानी में नैतिक शिक्षा, भाव, कहानी के चरित्रों, पात्रों पर चर्चा की जाती है।
  • गृहकार्य : इस सोपान में कहानी से संबन्धित प्रश्नों के आधार पर गृह कार्य करने के लिए दे दिया जाता है।

कहानी शिक्षण – Download Hindi Pedagogy Study Notes PDF

माध्यमिक स्तर पर कहानी शिक्षण के महत्व - maadhyamik star par kahaanee shikshan ke mahatv

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कहानी शिक्षण के क्या उद्देश्य है?

कहानी शिक्षण के उद्देश्य :.
साहित्य के प्रति रुचि विकसित करना।.
कहानी में निहित भावों, विचारों, नैतिक मूल्यों को ग्रहण करने की क्षमता विकसितकरना।.
सृजनात्मक शक्ति का विकास करना।.
शब्द, सूक्ति, मुहावरे आदि के भंडार को समृद्ध करना।.
अंदाजा लगाने की क्षमता का विकास करना ।.
एकाग्रता को विकसित करना।.

कहानी का क्या महत्व है?

दुनिया भर की संस्कृतियों ने हमेशा से ही विश्वास, परंपराओं और इतिहास को भविष्य की पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए कथाओं / कहानियों का उपयोग किया है। कहानियां कल्पनाशीलता को बढ़ाती हैं , कहानी कहने और सुनने वाले के बीच समझ स्थापित करने के लिए सेतु का काम करती है और बहुसांस्कृतिक समाज में श्रोताओं के लिए समान आधार तैयार करती है।

कहानी में उद्देश्य का क्या महत्व है?

कहानी में वास्तविकता का पुट देने के लिये देशकाल अथवा वातावरण का प्रयोग किया जाता है। प्रस्तुतीकरण के ढंग में कलात्मकता लाने के लिए उसको अलग-अलग भाषा व शैली से सजाया जाता है। कहानी में केवल मनोरंजन ही नहीं होता, अपितु उसका एक निश्‍चित उद्‍देश्य भी होता है।

कहानी शिक्षण के कितने अंग हैं?

कहानी के तत्व- मुख्यतः कहानी के छ तत्व माने गये है। [1] कथावस्तु [2] चरित्र-चित्रण [3] संवाद [4] देशकाल या वातावरण [5] उद्देश्य [6] शैली [1] कथावस्तु- कथावस्तु के बिना कहानी की कल्पना ही नहीं की जा सकती। यह उसका अनिवार्य अंग है । कथावस्तु जीवन की भिन्न- मिन्न दिशाओं और क्षेत्रों से ग्रहण की जाती है ।