मानव भूगोल की परिभाषा एवं विषय क्षेत्र -in 2022 Show
मानव भूगोल की परिभाषा:-फ्रेडरिक रेटजेल के अनुसार - "मानव सर्वत्र वातावरण से संबंधित होता है जो स्वयं भौतिक दशाओं का एक योग है।" कुमारी ई सी सैंपुल के अनुसार - "क्रियाशील मानव एवं गतिशील पृथ्वी के परिवर्तनशील संबंधों का अध्ययन ही मानव भूगोल है।"
मानव भूगोल के अध्ययन का केंद्र बिंदु मानव है। अर्थात मानव भूगोल के अंतर्गत मानव जातियां, जनजातियों का वितरण घनत्व तथा घनत्व को प्रभावित करने वाले तथ्य लिंग, अनुपात, आयु ,वर्ग स्वास्थ्य तथा कार्यक्षमता आदि का अध्ययन किया जाता है। मानवीय प्रतिक्रियाओं के अंतर्गत मानव की आवश्यकताएं तकनीकी उन्नति का अध्ययन सम्मिलित किया जाता है। इस प्रकार मानव भूगोल विभिन्न प्रदेशों में निवास करने वाले जनसंख्या समूहों एवं उनकी प्राकृतिक परिस्थितियों के पारस्परिक संबंधों की तारीख की विवेचना की जाती है। मानव भूगोल से अभिप्रायमानव भूगोल - भूगोल की एक प्रमुख शाखा है जिसके अध्ययन का एक पक्ष मानव तथा उसके क्रियाकलाप तथा दूसरा पक्ष उसके प्राकृतिक वातावरण की शक्तियां एवं उनका प्रभाव है। मानवीय क्रियाएं उनका प्राकृतिक वातावरण की दशाएं परिवर्तनशील है अतः इनका परसपरिक संबंध भी परिवर्तनशील हो जाता है। मानव तथा प्राकृतिक वातावरण की इस परसपरिक परिवर्तनशील संबंधों का विस्तृत अध्ययन ही मानव भूगोल है। मानव भूगोल की प्रकृति का वर्णनमानव भूगोल -भूगोल शास्त्र की एक प्रमुख शाखा है, जिसमें मानव पक्ष को केंद्र मानकर आर्थिक एवं प्राकृतिक वातावरण का अध्ययन किया जाता है। मानव का प्राकृतिक वातावरण से घनिष्ठ संबंध होता है मानव एवं प्राकृतिक वातावरण की परस्पर क्रिया एवं प्रतिक्रियाओं के परिणाम स्वरूप संस्कृत पर्यावरण का निर्माण एवं विकास होता है अतः संस्कृतियों की व्याख्या करने पर मानव एवं प्राकृतिक वातावरण का परस्पर संबंध होता है। जो कि मानवीय क्रियाएं और प्राकृतिक वातावरण की दशा परिवर्तनशील है अतः इनका पारस्परिक संबंध भी परिवर्तनशील होता है अतः मानव भूगोल क्रियाशील मानव एवं प्रकृति के परिवर्तनशील संबंधों का अध्ययन है। मानव भूगोल का विषय क्षेत्र को समझाइए -मानव भूगोल का विषय क्षेत्र अत्यंत व्यापक है भूगोल की इस शाखा में विभिन्न प्रदेशों में निवास करने वाले जनसंख्या के समूह एवं उनकी प्राकृतिक परिस्थितियों के पारस्परिक संबंधों की तार्किक विवेचना की जाती है अतः इसके अध्ययन के अंतर्गत निम्न पक्षों को सम्मिलित किया जाता है 1. किसी प्रदेश की जनसंख्या तथा उसकी क्षमता और मानव भूमि अनुपात। 2. प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों का मूल्यांकन। 3.प्रदेश में निवास करने वाले मानव समुदाय द्वारा प्राकृतिक संसाधनों के शोषण एवं उपयोग से निर्मित संस्कृतिक भु दृश्य। 4.प्रदेश के प्राकृतिक तथा सांस्कृतिक वातावरण के कार्यात्मक संबंधों से उत्पन्न मानव वातावरण समायोजन का प्रारूप। 5. वातावरण समायोजन का समय अनुसार विकास तथा उसकी दिशा का इतिहास। मानव भूगोल के उप-क्षेत्र कौन-कौन से हैं?मानव भूगोल के उप-क्षेत्र में आर्थिक भूगोल, जनसंख्या भूगोल, सांस्कृतिक भूगोल, सामाजिक भूगोल, रानीतिक भूगोल, एतिहासिक भूगोल ये सभी मानव भूगोल के उप-क्षेत्र हैं| इन्हें भी पढ़ें :-
GK Questionsइनका उतर Comment में दें !! 1. मानव भूगोल से संबंधित प्रथम ग्रंथ की रचना किसने की ? 2. मानव भूगोल को संस्कृति भूगोल की संस्था किसने की है ? 3. मानव भूगोल के जन्मदाता कौन हैं? प्रश्न. मानव भूगोल के कुछ उप-क्षेत्रों के नाम बताइए। ( कक्षा 12: मानव भूगोल के मूल सिद्धांत, अध्याय 1 मानव भूगोल-प्रकृति एवं विषय क्षेत्र) उत्तर। जैसा कि हम जानते हैं कि मानव भूगोल भौतिक पर्यावरण और
सांस्कृतिक वातावरण सहित मानव जीवन के सभी तत्वों के बीच अध्ययन पर जोर देता है। मानव भूगोल के महत्वपूर्ण क्षेत्र निम्नलिखित हैं: सामाजिक भूगोल समाज और भौतिक पर्यावरण के बीच संबंधों का अध्ययन है। सामाजिक भूगोल में कुछ महत्वपूर्ण उप-क्षेत्र व्यवहारिक भूगोल, कल्याण
भूगोल, अवकाश का भूगोल, सांस्कृतिक भूगोल, लिंग भूगोल, ऐतिहासिक भूगोल और चिकित्सा भूगोल हैं। शहरी भूगोल शहरी क्षेत्रों और शहरी नियोजन का अध्ययन है। राजनीतिक भूगोल राजनीति और भूगोल के बीच संबंधों का अध्ययन है। चुनावी भूगोल और सैन्य भूगोल राजनीतिक भूगोल के कुछ महत्वपूर्ण उप-क्षेत्र हैं। आर्थिक भूगोल भूगोल की आर्थिक प्रकृति के बीच संबंधों का अध्ययन है। आर्थिक भूगोल के महत्वपूर्ण उप-क्षेत्र हैं संसाधनों का भूगोल, कृषि का भूगोल, उद्योगों का भूगोल, विपणन का भूगोल, पर्यटन का भूगोल और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का भूगोल। You may like also:
मानव भूगोल के क्षेत्र कौन कौन से हैं?44 • “मानव भूगोल अस्थिर पृथ्वी और क्रियाशील मानव के बीच परिवर्तनशील संबंधों का अध्ययन है । " एलन सी. सेंपल सेंपल की परिभाषा में संबंधों की गत्यात्मकता मुख्य शब्द है।
भूगोल का पिता कौन है?Manav Bhugol Ka Janak Kise Kahaa Jata Hai
कार्ल रिटर (1779-185 9), आधुनिक भूगोल के संस्थापकों में से एक और बर्लिन के हम्बोल्ट विश्वविद्यालय में भूगोल में पहली कुर्सी में से एक माना जाता है, उन्होंने अपने कार्यों में कार्बनिक समानता के उपयोग के लिए भी उल्लेख किया।
मानव भूगोल के विषय क्षेत्र कितने हैं?सभ्यता के विकास के आधार पर ब्रून्श ने मानव भूगोल के तथ्यों को चार भागों में विभाजित किया है। 2. पृथ्वी के शोषण का भूगोल – मनुष्य अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु पृथ्वी पर आश्रित रहता है। कृषि उत्पादन, पशुपालन, खनन आदि के द्वारा मानव भूमि का शोषण करता है, इसे पृथ्वी के शोषण का भूगोल कहते हैं।
|