मलद्वार में दर्द की अंग्रेजी दवा - maladvaar mein dard kee angrejee dava

मलद्वार में दर्द और जलन अक्सर मसल्स में ऐंठन या कब्ज की वजह से हो सकता है. कई बार ये दर्द और जलन मलद्वार में इन्फेक्शन या कैंसर के कारण भी हो सकता है. आइए, विस्तार से जानें, मलद्वार में दर्द और जलन के कारणों के बारे में-

एनल फिशर

एनल के टिशू में एक छोटा-सा टियर, एनल फिशर के रूप में जाना जाता है. रेक्टम में जलन या दर्द का कारण फिशर हो सकता है. ज्यादातर समय रक्तस्राव भी हो सकता है, खासकर मल त्याग करते समय. एनल फिशर जिसे एनल में दरार भी कहते हैं, इसके लक्षण निम्न प्रकार से हैं-

  • रेक्टम क्षेत्र में कट या दरारें पड़ना.
  • टियर के आसपास की त्वचा का बढ़ना.
  • रेक्टम के पास तेज दर्द व जलन होना, खासकर जब शौच करते हैं.
  • रेक्टम के आसपास खुजली महसूस होना.
  • रेक्टम क्षेत्र को पोंछने के बाद टॉयलेट पेपर पर खून नजर आना.

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प्रोक्टैल्जिया फुगैक्स

प्रोक्टैल्जिया फुगैक्स के दौरान मलाशय की मांसपेशियों में ऐंठन होती है, जोकि मलाशय में जलन और दर्द का कारण बनता है. यह स्थिति पुरुषों की तुलना में महिलाओं को दोगुना अधिक प्रभावित करती है. आमतौर पर 30 से 60 वर्ष के बीच के लोगों में यह समस्या देखी जा सकती है. एक रिसर्च का अनुमान है कि 8 से 18 प्रतिशत लोग इसका अनुभव करते हैं. प्रोक्टैल्जिया फुगैक्स के दौरान रेक्टम में दर्द के अलावा अचानक गंभीर ऐंठन हो सकती है. ये ऐंठन कुछ सेकंड या मिनट या उससे भी अधिक समय तक चल सकती है.

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एनल फिस्टुला

एनल फिस्टुला रेक्टम छोटी ग्रंथियों से घिरा होता है, जो रेक्टम की त्वचा को चिकना और स्वस्थ रखने के लिए ऑयल का स्राव करता है. यदि इनमें से एक ग्रंथि अवरुद्ध हो जाती है, तो एक संक्रमित घाव बन सकता है. रेक्टम के आसपास के कुछ घाव फिस्टुलस या छोटी टनेल में विकसित हो जाते हैं, जो इन्फेक्शन वाली ग्रंथि को रेक्टम त्वचा में एक छिद्र से जोड़ते हैं. यदि घाव का इलाज नहीं किया जाता है, तो फिस्टुला विकसित होने की अधिक संभावना होती है. इसके कई लक्षण हैं, जैसे -

  • रेक्टम और मलद्वार के आसपास सूजन और जलन होना
  • मल त्यागने में कठिनाई होना 
  • मल त्याग के दौरान रक्त या पस का निकलना
  • बुखार का आना
  • लगातार होने वाला दर्द, जो बैठने में समस्या पैदा कर सकता है
  • रेक्टम के आसपास की त्वचा में जलन
  • पेशाब करते समय पस या खून आना

(और पढ़ें - बवासीर की आयुर्वेदिक दवा)

बवासीर

मलद्वार में नसों की सूजन या दर्द को बवासीर के रूप में जाना जाता है. आंतरिक बवासीर को नोटिस करना मुश्किल होता है, जबकि बाहरी बवासीर आसानी से ध्यान देने योग्य और सबसे अधिक परेशानी वाली होती है. पाइल्स सूजी हुई रक्त वाहिकाएं होती हैं, जो रेक्टम के अंदर या आसपास देखी जा सकती हैं. ये वाहिकाएं अक्सर कब्ज के दौरान अधिक दबाव डालने के कारण सूज जाती हैं. कभी-कभी पाइल्स बिना दर्द के भी मलाशय में हो सकता है. बवासीर के लक्षण नीचे बताए गए हैं -

  • मल त्याग के दौरान दर्द और जलन होना.
  • गंभीर रूप से रेक्टम में खुजली, दर्द और बेचैनी का होना.
  • रेक्टम के पास गांठ जिसमें अक्सर खुजली होती है और घाव भी हो सकता है.
  • रेक्टम से पस का निकलना.
  • मल त्याग करने के बाद खून बहना.
  • रेक्टम या उसके आसपास गांठ महसूस होना.
  • रेक्टम के आसपास दर्द और आसपास की त्वचा पर लालिमा आना.

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टेनेस्मस

यह ऐंठन के कारण होने वाला मलाशय का दर्द है. यह सूजन अक्सर आंत्र रोगों से जुड़ा होती है, जैसे क्रोहन रोग और अल्सरेटिव कोलाइटिस. ये समस्या अधिक कब्ज और दस्त रहने वाले लोगों को हो सकती है. टेनेस्मस के कुछ लक्षण हो सकते हैं, जैसे -

  • मलद्वार में दर्द और जलन
  • मलाशय में और उसके पास ऐंठन
  • एक मल त्याग करने के बाद भी मल त्याग करने की आवश्यकता महसूस करना

मलद्वार में दर्द और जलन के कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं, जो निम्न प्रकार से हैं-

  • मांसपेशियों में ऐंठन
  • मल के दौरान अधिक दबाव लगाना 
  • बाउल कंडीशन 
  • सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन 
  • रेक्टुल का बाहर की तरफ बढ़ना 
  • एनल सेक्स 
  • रेक्टेल में घाव होना
  • मलाशय की परत में सूजन
  • कैंसर होना

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गुदा में दर्द (निचले हिस्से में दर्द) परेशान करने वाला हो सकता है, लेकिन अक्सर सिर्फ मामूली, उपचार योग्य स्थिति की वजह से होता है।

गुदा (anus) और मलाशय (rectum/पीछे का मार्ग) में दर्द के लिए चिकित्सा का नाम प्रैक्टाल्जिया (proctalgia) है।

गुदा में दर्द का कारण क्या है?

गुदा में दर्द के समान्य कारण:

गुदा में दराद (Anal fissure)

गुदा में दरार ज्यादा परेशान करने वाला नहीं है। यह बड़े या कठोर मल को पारित करने के कारण भी हो सकता है।

गुदा में दरार के लक्षणों (Symptoms) में शामिल हैः

  • मल त्यागते समय तीव्र, तेज दर्द (severe, sharp pain when doing a poo)
  • मल त्यागने के घंटो बाद तक रहने वाली जलन (burning) या काटने जैसा दर्द।
  • मलाशय से रक्तस्राव (rectal bleeding) – मलद्वार को पोंछने के बाद टॉयलेट पेपर पर थोड़ी मात्रा में खून देख सकते हैं।

गुदा की दरार बहुत दर्दनाक हो सकती है, लेकिन कई कुछ हफ्तों में अपने आप ठीक हो जाती हैं। अपने आहार में फाइबर की मात्रा बढ़ाने से, बहुत सारे तरल पदार्थ, लैक्सेटिव (laxatives) और कुछ दर्द निवारक दवाएं लेने से, मदद मिल सकती हैं।

यदि दर्द बना रहता है, तो आपको एक विशेष मलहम की आवश्यकता हो सकती है, जो आपके गुदा के आसपास की मांसपेशियों को आराम दे। कभी-कभी, फ़िशर को ठीक करने में मदद के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

बवासीर (Haemorrhoids, piles)

बवासीर, बढ़ी हुई रक्त वाहिकाओं की सूजन होती है, जो नीचे या आसपास पाए जाते हैं। वे अक्सर लंबे समय तक कब्ज के परिणामस्वरूप शौचालय में बैठे रहने के कारण होते हैं।

कई मामलों में, बवासीर के लक्षण नहीं होते हैं। जब लक्षण होते हैं, तो उनमें शामिल हो सकते हैं:

  • मल त्यागते हुए रक्तस्त्राव (bleeding)
  • निचले भाग में खुजली
  • गुदा में या उसके आसपास एक गांठ (lump) महसूस करना।
  • गुदे के चारों ओर दर्द और लाल होना
  • गुदे में दर्द तब भी हो सकता अगर बवासीर के चलते रक्त की आपूर्ति अवरुद्ध या बाधित हो जाती है - उदाहरण के लिए, रक्त के थक्के (blood clot) बनना

लक्षण अक्सर कुछ दिनों के बाद दिखते हैं। अपने आहार में फाइबर (fibre) की मात्रा बढ़ाना, बहुत सारे तरल पदार्थ पीना और लैक्टिव्स (laxatives) लेना और दर्द निवारक दवाइयां मदद कर सकती हैं।

यदि बवासीर से रक्त की आपूर्ति थक्के द्वारा अवरुद्ध हो गई है, तो स्थानीय ऐनस्थेटिक (local anaesthetic) के तहत थक्के हटाने के लिए एक सरल प्रक्रिया की जा सकती है।

एनल भगन्दर (फिस्टुला) (Anal fistulas) और फोड़े (abscess)

भगन्दर (फिस्टुला) एक छोटी सुरंग है, जो आंत के अंत और गुदे के पास की त्वचा के बीच विकसित होती है। यह आमतौर पर गुदा के पास संक्रमण के कारण होता है, जिसके परिणामस्वरूप मवाद (फोड़ा) का संग्रह होता है।

भगंदर (एनल फिस्टुला) और फोड़े (abscess)के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:

  • लगातार होने वाला दर्द जो आपके बैठने पर बदतर हो सकता है।
  • गूडा के आसपास की त्वचा में जलन
  • मल त्यागते समय पस (pus) का निकलना
  • गूदे के पास सूजन और लाल होना
  • बुखान

यदि आपका फोड़े का पता जल्दी चल जाता है, तो डॉक्टर एंटीबायोटिक दे सकते हैं। यदि यह बना रहता है, तो संभवतः सामान्य ऐनस्थेटिक (under general anaesthetic) के तहत अस्पताल में उसका इलाज किया जा सकता है।

यदि भगंदर विकसित होता है, तो आमतौर पर सर्जरी की आवश्यकता होगी क्योंकि वे शायद ही कभी अपने आप ठीक हो।

गुदे के दर्द के कम सामान्य कारण

गुदे के दर्द के कम सामान्य कारणों में शामिल हैं:

  • प्रोक्टैल्गिया फुग्क्स (proctalgia fugax) - एक ऐसी स्थिति जिसके कारण अचानक, गंभीर गुदे का दर्द होता है जो एक समय में कुछ मिनटों तक रहता है। श्रोणि (pelvis) में मांसपेशियों को आराम देने वाली दवा मदद कर सकती है
  • लेवेटॉरानी सिंड्रोम (levatorani syndrome) - गुदे में और उसके आसपास एक दर्द या दबाव की संवेदना जो एक समय में घंटों या दिनों तक लगातार हो सकती है। श्रोणि (pelvis) में मांसपेशियों को आराम करने के लिए उपचार से मदद मिल सकती है
  • इन्फ्लामेट्री आंत रोग (inflammatory bowel disease) जैसे कि क्रोहन रोग (Crohn's disease)- अन्य लक्षणों में पेट में ऐंठन (tummy cramps), दस्त के साथ ख़ून (bloody diarrhoea) और वजन घटना (weight loss) शामिल हो सकते हैं। लक्षणों से राहत के लिए उपचार उपलब्ध हैं।
  • संक्रमण - जैसे फंगल संक्रमण (fungal infection) या मलाशय यौन संचारित संक्रमण (rectal sexually transmitted infection) (STI)
  • हड्डी से संबंधित समस्या (bone-related problem)- जैसे कोकडीनीया (coccydynia (tailbone pain) या दर्द जो आपकी पीठ के निचले हिस्से, श्रोणि या कूल्हे से फैलता है, जो हड्डी के ट्यूमर में गठिया (byarthritis) के कारण होता है।
  • मूत्र मार्ग सम्बंधित समस्याएं (urinary tract problem) - जैसे प्रोस्टेटाइटिस (prostatitis/प्रोस्टेट ग्रंथि की सूजन या संक्रमण)
  • गुदा या निचले मलाशय का कैंसर (cancer of the anus or lower rectum) - इसके लक्षण बवासीर और भगंदर के समान हो सकते हैं, लेकिन इसकी संभावना कम है

डॉक्टरी सलाह कब लें

गुदे के दर्द के कई सामान्य कारण साधारण स्वयं-देखभाल उपचार (self-care treatments) के साथ सुधार कर सकते हैं। इसलिए आपको हमेशा अपने डॉक्टर को दिखाने की आवश्यकता नहीं है।

लेकिन डॉक्टर को दिखाना अच्छा रहेगा, यदि:

  • आपका दर्द गंभीर है
  • आपका दर्द कुछ दिनों के बाद ठीक नहीं होता है
  • आप मलाशय से रक्तस्राव (rectal bleeding) का भी अनुभव करते हैं

अपने डॉक्टर के पास जाने में शर्मिंदगी महसूस न करें – गुदा का दर्द एक आम समस्या है, जिसका उपचार डॉक्टर करते हैं। डॉक्टर यह जानने की कोशिश कर सकते हैं कि समस्या क्या है और आपको उपचार की सलाह दे सकते हैं।

वह शायद आपके निचले हिस्से को देखेंगे और किसी भी असामान्यता की जांच करने के लिए एक रेक्टल परीक्षण (जहां वे धीरे से आपके मलाशय में एक उंगली डालते हैं) कर सकते हैं।

यदि कारण स्पष्ट नहीं है, तो वे आपको सलाह और आगे के परीक्षण के लिए के लिए एक विशेषज्ञ (specialist) के पास भेज सकते हैं ।

NHS के मूल कॉन्टेंट का अनुवाद

लैट्रिन की जगह पर दर्द हो तो क्या करें?

गर्म पानी के टब में बैठें.
नारियल तेल लगाएं.
एलोवेरा लगाएं.
आइस पैक करें इस्तेमाल दर्द से राहत पाने के लिए एनस के आसपास बर्फ लगाएं. एक कपड़े में बर्फ को अच्छे से लपेटें और उससे सिकाई करें. इससे राहत मिले तो हर घंटे इस प्रक्रिया को दोहरा सकते हैं. ये ध्यान रखें कि बर्फ की वजह से एनस के आसपास की स्किन पर असर पड़ सकता है..

पॉटी वाली जगह पर दर्द क्यों होता है?

पाइल्स में एनल या रेक्टल एरिया की ब्लड वेसल्स बड़ी हो जाती है जिसकी वजह से जलन के साथ दर्द होता है. पाइल्स होने के कई कारण हो सकते हैं. कई बार कब्ज, पाचन क्रिया के सही नहीं होने पर, बहुत भारी चीजें उठाने पर, गैस की समस्या होने पर, तनाव लेने पर, मोटापा होने पर और एनल सेक्स की वजह से भी ये बीमारी हो जाती है.

बवासीर की सिकाई कैसे करें?

खुजली, जलन और बवासीर के दर्द में : खुजली, जलन और बवासीर के दर्द से बचने के लिए गर्म पानी की सिकाई बेहतर उपाय है। गर्म पानी में थोड़ी फिटकरी डालकर सिकाई करें। इससे गुदा क्षेत्र में जलन, सूजन और दर्द कम करने में मदद मिलती है और गुदा परिसंचरण में सुधार होता है। इसके लिए मेडिकल स्टोर पर सिज बाथ टब भी मिल जाता है।

फिशर और बवासीर में क्या अंतर है?

पाइल्स मुख्य रूप से सूजी हुई रक्त वाहिकाएं हैं, जबकि फिशर एक प्रकार की कट या दरारें होती हैं और फिस्टुला एक गुहा का उद्घाटन होता है। पाइल्स ज्यादातर दर्द रहित होता है और ध्यान से ओझल रहता हैं। फिशर में बहुत रहता है। फिस्टुला में गुदा क्षेत्र से मवाद का स्राव होता है।