By: RF competition Copy Share (83) Sep 17, 2021 05:09PM 15651प्रबन्ध काव्य (Prabandh Kavya)–जब किसी काव्य में एक कथा का सूत्र विभिन्न छंदों के माध्यम से जुड़ा रहे तो वह प्रबंध काव्य कहलाता है। प्रबन्ध काव्य में क्रमशः रूप से कोई कथा निबद्ध (जुड़ी) रहती है। Show प्रबन्ध काव्य के भेद– प्रबंध काव्य के दो भेद हैं (i) महाकाव्य (ii) खंडकाव्य इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें। (ii) खंडकाव्य (khand Kavya) – जब किसी काव्य में किसी महापुरुष के जीवन के किसी एक भाग को प्रस्तुत किया जाता है, उसे खण्ड काव्य कहा जाता है। मुक्तक काव्य (Muktak Kavya) –काव्य में जब प्रत्येक छन्द अपने आप में पूर्ण एवं स्वतंत्र रहता है। एक छंद का संबंध दूसरे से नहीं होता है, ऐसे काव्य को मुक्तक काव्यकहते हैं। नीचे दिए गए उदाहरण को देखिए– इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें। आशा है, उपरोक्त जानकारी परीक्षार्थियों / विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक एवं परीक्षापयोगी होगी। I hope the above information will be useful and important. इसे सुनेंरोकें1. प्रबंध काव्य में छंद एक कथासूत्र में पिरोए हुए होते हैं, जबकि मुक्तक काव्य में छंद एक-दूसरे से स्वतंत्र होते हैं। 2. प्रबंध काव्य में किसी एक व्यक्ति के जीवन चरित्र का वर्णन होता है, जबकि मुक्तक काव्य में किसी अनुभूति, कल्पना या भाव का चित्रण होता है। छंद मुक्त कविता क्या है? इसे सुनेंरोकेंदोस्तों, छंद मुक्त कविता उस कविता को कहते हैं, जो छंद के नियमों से स्वतंत्र रहती है। जिसे बिना छंद के नियमों को ध्यान में रखकर लिखा जाता है। लेकिन आज के वक्त में लोग छंद मुक्त कविता का अर्थ गलत समझ लेते हैं। वो इसलिए क्योंकि छंद मुक्त कविता छंद से मुक्त होती है। प्रबंध काव्य की परिभाषा क्या है?इसे सुनेंरोकेंइसमें कोई प्रमुख कथा काव्य के आदि से अंत तक क्रमबद्ध रूप में चलती है। कथा का क्रम बीच में कहीं नहीं टूटता और गौण कथाएँ बीच-बीच में सहायक बन कर आती हैं। जैसे रामचरित मानस। पढ़ना: एक त्रिभुज में कितने विकर्ण होते हैं? मुक्त छंद किसकी देन है?इसे सुनेंरोकेंहिन्दी में मुक्तछन्द की परम्परा सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ ने आरम्भ की। खंडकाव्य कितने प्रकार के होते हैं? इसे सुनेंरोकेंमहाकाव्य प्रमुख कथा केसाथ अन्य अनेक प्रासंगिक कथायें भी जुड़ी रहती हैं इसलिए इसका कथानक उपन्यास की भाँति धीरे-धीरे फलागम की ओर अग्रसर होता है। खण्डाकाव्य में केवल एक प्रमुख कथा रहती है, प्रासंगिक कथाओं को इसमें स्थान नहीं मिलने पाता है। भाषा विभाषा नियमात् काव्यं सर्गसमुत्थितम्। मुक्तक छंद के प्रवर्तक कौन है? प्रबंध काव्य कौन सा है?इसे सुनेंरोकेंप्रबंध काव्य में कोई धारावाहिक कथा होती है। अर्थात किसी कथायुक्त श्रव्य को प्रबंध काव्य कहा जाता है। इसमें किसी घटना अथवा क्रिया का वर्णन काव्यात्मक रूप में होता है। जयशंकर प्रसाद की रचना ‘ कामायनी ‘ को इसका एक श्रेष्ठ उदाहरण माना जाता है। प्रबंध काव्य का क्या अर्थ है?इसे सुनेंरोकेंइसमें कोई प्रमुख कथा काव्य के आदि से अंत तक क्रमबद्ध रूप में चलती है। कथा का क्रम बीच में कहीं नहीं टूटता और गौण कथाएँ बीच-बीच में सहायक बन कर आती हैं। जैसे रामचरित मानस। 1- महाकाव्य इसमें किसी ऐतिहासिक या पौराणिक महापुरुष की संपूर्ण जीवन कथा का आद्योपांत वर्णन होता है। पढ़ना: पंचक कब से कब तक है October 2021? छंद मुक्त कविता को कविता बनाने वाले तीन तत्व कौन से हैं? इसे सुनेंरोकें3) भाव प्रवाह :- छंदमुक्त कविता में भावों का निरंतर प्रवाह होना आवश्यक है अर्थात किसी भी बंद में भावों की शृंखला ना टूटे और पाठक को कविता पड़ने पर मजबूर करदे। 4) भाषा शैली :- मुक्तछंद कविता की भाषा शैली अत्यंत ही सहज, सरल और सर्वग्राही होनी चाहिए। यदि कंही कंही तुकांत भी हो जाए तो कविता का काव्य सौंदर्य निखर उठेगा। छंदमुक्त कविता की क्या विशेषता होती है? इसे सुनेंरोकेंAnswer: कविता सहज सरल तरल है जैसे पानी और यह उतनी ही स्वाभाविक जैसे सांस लेना। जो छंद जानता है वही छंद मुक्त भी लय में लिख सकता है, वरना छंद मुक्त कविता मंे शिल्प लय की कमी होती है। वैसी कविता गद्यात्मक हो जाती है। मुक्तक के कितने भेद होते हैं?प्रकार. मुक्तक- प्रसंगवश किसी एक रस से निहित पद्य जो अपने आप में पूर्ण हो।. संदानिक- दो मुक्तक पद्य जो परस्पर सम्बन्ध रखते हो।. विशेषक- तीन मुक्तक पद्य जो परस्पर सम्बन्ध रखते हो।. कुलक- चार मुक्तक पद्य जो परस्पर सम्बन्ध रखते हो।. संघात- किसी एक प्रसंग पर रचित एक ही कवि के कुछ मुक्तक पद्य।. मुक्तक में कितनी मात्रा होती है?चतुष्पदी में 4 पंक्ति जरूरी है,मुक्तक में 2 से 10-12-14-पंक्तियाँ भी हो सकती हैं ।
मुक्तक छंद क्या होते हैं?मुक्तछन्द (Free verse या vers libre) कविता का वह रूप है जो किसी छन्दविशेष के अनुसार नहीं रची जाती न ही तुकान्त होती है। मुक्तछन्द की कविता सहज भाषण जैसी प्रतीत होती है। हिन्दी में मुक्तछन्द की परम्परा सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' ने आरम्भ की।
कवि कितने प्रकार के होते हैं?काव्य दो प्रकार का माना गया है, दृश्य और श्रव्य। दृश्य काव्य वह है जो अभिनय द्वारा दिखलाया जाय, जैसे, नाटक, प्रहसन, आदि जो पढ़ने और सुनेन योग्य हो, वह श्रव्य है। श्रव्य काव्य दो प्रकार का होता है, गद्य और पद्य। पद्य काव्य के महाकाव्य और खंडकाव्य दो भेद कहे जा चुके हैं।
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