Lysosome शब्द ग्रीक भाषा के दो शब्दों Lyso तथा Soma से बना है। लाइसो का अर्थ पाचक तथा सोमा का अर्थ काय है यानि Lysosome का अर्थ पाचक काय या लयन काय है। Show
लाइसोसोम की खोज डी डवे (De Duve) ने की थी। एलेक्स नोविकॉफ़ (Alex Novikoff ) ने इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप द्वारा कोशिका में लाइसोसोम को देखा तथा इसे लाइसोसोम नाम दिया। यह एकल झिल्ली आबंध कोशिकांग है, जिसमें प्रचुर मात्रा में अम्लीय हाइड्रॉलेज एंजाइम पाए जाते है जो सभी प्रकार के जैविक बहुलक यानी कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, लिपिड, और न्यूक्लिक अम्लों का पाचन है। अम्लीय हाइड्रॉलेज एंजाइम को कार्य के लिए अम्लीय वातावरण (pH~5) की आवश्यकता होती है। जो H+ ATPase द्वारा प्रदान की जाती है। Lysosome में V प्रकार ATPase पंप होते है। यह प्रोकैरियोटिक कोशिका और परिपक्व आरबीसी को छोड़कर सभी कोशिकाओं में पाया जाता है। भक्षकाणु कोशिकाओं में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।उच्च श्रेणी पादपों में यह कम पाया जाता है।
लाइसोसोम का निर्माण (Formation of Lysosome)अन्तःप्रद्रव्यी जालिका (Endoplasmic Reticulum) और गॉल्जी काय (Golgi body) के द्वारा लाइसोसोम का निर्माण के द्वारा होता है। अन्तःप्रद्रव्यी जालिका (Endoplasmic Reticulum) के द्वारा लाइसो सोम के एंजाइमों का निर्माण होता है। तथा चारों ओर की झिल्ली का निर्माण गॉल्जी काय द्वारा होता है। लाइसो सोम के प्रकार (Types of Lysosome)सामान्तया लाइसोसोम के चार प्रकार होते हैं: –
जब लाइसोसोम का निर्माण होता है तो इसमें अम्लीय हाइड्रॉलेज निष्क्रिय रूप में जमा होता है। यह अम्लीय हाइड्रोलेज अम्लीय माध्यम में ही कार्य करता है। इसे भंडारण कणिकाएँ (Storage Granules) भी कहते है।
यह प्राथमिकलाइसोसोम और फैगोसोम या रिक्तिका के संलयन द्वारा बनता है। इन्हें पाचक रिक्तिकाएँ (Digestive Vacuoles) और हेटरोफेगोसोम (Heterophagosome) भी कहा जाता है।
लाइसो सोम में अपचनीय सामग्री या अपशिष्ट सामग्री होती है, जिसे एक्सोसाइटोसिस द्वारा कोशिका से बाहर निकला है। लिपोफ्यूसिन कण (Lipofuscin granule)- अवशिष्ट काय को एक्सोसाइटोसिस द्वारा कोशिका से निकाला जाता है या लिपोफ्यूसिन कण के रूप में जीवद्रव्य के भीतर रखा जाता है।
वह Lysosome जिसके द्वारा स्वयं की कोशिका के कोशिकांगों को अघटित किया जाता है। ऑटोफैगोसोम या साइटोलाइसोसोम कहलाता है।
लाइसोसोम से सम्बंधित रोग (Disease Related to Lysosome)
लाइसोसोम के कार्य (Functions of Lysosome)
मोबाइल से संबंधित ब्लॉग – Click here वेबसाइट कैसे बनाए यहा सीखिए- Click here Our other website – PCB If you like this post and want to help us then please share it on social media like Facebook, Whatsapp, Twitter हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, आज के हमारे इस लेख लाइसोसोम किसे कहते हैं खोज, प्रकार, कार्य (what is lysosome) में।दोस्तों इस लेख के माध्यम से आपको कोशिका (Cell) के एक प्रमुख अंगक लाइसोसोम के बारे में जानेंगे कि, लाइसोसोम क्या है? लाइसोसोम का कार्य क्या है? तो आइए दोस्तों बढ़ते हैं, आज के इस लेख में लाइसोसोम किसे कहते हैं:-
लाइसोसोम किसे कहते हैं what is lysosomeलाइसोसोम केवल जंतु कोशिका (Animal Cell) में पाए जाने वाले वह छोटे-छोटे कण होते हैं, जो कोशिका के कोशिका द्रव में बिखरी हुई अवस्था में पाए जाते हैं। यह इतने छोटे और महीन होते हैं, जिन्हें नग्न आंखों से देखना मुमकिन नहीं होता इसलिए इन्हें देखने के लिए सूक्ष्मदर्शी या फिर इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी (Electron Microscope) का प्रयोग किया जाता है। लाइसोसोम गोलाकार कण होते हैं, जिनका व्यास 0.4-0.8 माइक्रोन तक का होता है, जो केवल एक यूनिट मेंम्ब्रेन से निर्मित होते हैं तथा इनके अंदर विभिन्न प्रकार का सघन मैट्रिक्स अर्थात पाचक एंजाइम भरे हुए होते हैं। यह पाचक एंजाइम भोज्य पदार्थों का पाचन करते हैं। लाइसोसोम की खोज किसने की who discovered the lysosomeलाइसोसोम की खोज 1955 में क्रिस्चियन डी. बी डूबे ने की थी, जो प्रोकैरियोटिक कोशिका, पादप कोशिका आदि को छोड़कर सभी जंतु कोशिकाओं में पाई जाती है तथा एक यूनिट मेंब्रेन के द्वारा निर्मित होती है। लाइसोसोम में विभिन्न प्रकार के घातक पाचक एंजाइम पाए जाते हैं, जो कोशिका में निर्मित विभिन्न प्रकार के अपशिष्ट तथा घातक पदार्थों का पाचन तथा भोज्य पदार्थों का पाचन का कार्य करता है। लाइसोसोम के विभिन्न एंजाइम Different enzymes of lysosome
यह सभी एंजाइम लाइसोसोम के अंदर एक झिल्ली के द्वारा गिरे हुए रहते हैं, यदि यह किसी भी कारणवश टूट जाती है तो यह सभी पाचक एंजाइम संपूर्ण कोशिका में फैल जाएंगे और सभी अंगों को पचाकर नष्ट कर देंगे इस क्रिया को स्वभक्षण कहा जाता है और लाइसोसोम को कोशिका का आत्मघाती थैला (Suicide bag) कहते हैं। लाइसोसोम मुख्य रूप से निम्न रूप में पाए जाते है।
लाइसोसोम का कार्य function of lysosomeलाइसोसोम के प्रमुख कार्य निम्न प्रकार से समझाने का प्रयास किया गया है:-
लाइसोसोम कोशिका के कोशिका द्रव में विभिन्न भोज्य पदार्थों तथा अन्य कणों का पाचन करता है, इसके साथ ही वह कोशिका के बाहर भी पाचन करता है, तथा कोशिका विभाजन को प्रेरित करने का कार्य करता है। दोस्तों इस लेख में आपने लाइसोसोम किसे कहते हैं (what is lysosome) लाइसोसोम के बारे में अन्य तथ्यों को पड़ा। आशा करता हुँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। लाइसोसोम का क्या काम होता है?जन्तु कोशिका के कोशिका द्रव में पाए जाने वाले आवरणयुक्त गोल-गोल थैलीनुमा अंगाणुओं को लयनकाय (लाइसोसोम) कहते हैं। यह अन्तः कोशिकाय पाचन में मदद करता है।
लाइसोसोम के कितने भाग होते हैं?अन्तःप्रद्रव्यी जालिका (Endoplasmic Reticulum) और गॉल्जी काय (Golgi body) के द्वारा लाइसोसोम का निर्माण के द्वारा होता है। अन्तःप्रद्रव्यी जालिका (Endoplasmic Reticulum) के द्वारा लाइसोसोम के एंजाइमों का निर्माण होता है। तथा चारों ओर की झिल्ली का निर्माण गॉल्जी काय द्वारा होता है।
लाइसोसोम में कितने प्रकार के एंजाइम?लाइसोसोम में पांच प्रकार के एंजाइम पाए जाते हैं। लाइसोसोम. कोशिका के. अंदर और बाहर दोनों से,. साइटोप्लाज्म. में अप्रचलित या बिना उपयोग की गई सामग्री को पचाकर कोशिका के अपशिष्ट निपटान प्रणाली के रूप में कार्य करते हैं. लाइसोसोम का दूसरा नाम क्या है?लाइसोसोम की खोज किसने की
और बहुत ही मदद करते हैं इसलिए इसे आत्मघाती थैली के नाम से भी जाना जाता है.
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