खीरा खाने से क्या नुकसान है? - kheera khaane se kya nukasaan hai?

Author: Ruhee ParvezPublish Date: Fri, 20 May 2022 06:00 PM (IST)Updated Date: Fri, 20 May 2022 06:00 PM (IST)

Cucumber Side Effects खीरा एक ऐसी सब्ज़ी है जिसका सेवन लगभग रोज़ किया जाता है। फिर चाहे सलाद में या फिर स्मूदी। खासतौर पर गर्मी में खीरा खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि इसमें नैचुरल पानी होता है। क्या आप खीरे खाने के नुकसान के बारे में जानते हैं?

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Cucumber Side Effects: ज़रूरत से ज़्यादा खीरे का सेवन हाइपरकालेमिया को ट्रिगर कर सकता है। जो शरीर में पोटेशियम के उच्च स्तर के कारण होने वाली एक दुर्लभ स्थिति है। पोटेशियम से भरपूर खीरे के अत्यधिक सेवन से पेट फूलना या पेट में ऐंठन शुरू हो सकती है। कई मामलों में यह रीनल सिस्टम और गुर्दे को प्रभावित कर सकता है।

खीरे खाने से होने वाले ये नुकसान चौंका देंगे आपको

यह साल का वह समय है जब शरीर को चिलचिलाती गर्मी को झेलने के लिए खूब हाइड्रेशन की ज़रूरत होती है। यही वजह है कि हम में से ज़्यादातर लोग फलों और सब्ज़ियों के सेवन पर निर्भर करते हैं, जो नैचुरली पानी से भरपूर होते हैं। इनके सेवन से शरीर में हेल्दी इलेक्ट्रोलाइट का संतुलन बना रहता है। ऐसी ही एक सब्ज़ी है खीरा, जो गर्मियों के लिए एकदम परफेक्ट है।

आप चाहे इसे कच्चा खाएं या सलाद, स्मूदी, ड्रिंक्स में शामिल करें या फिर इस​​​कि सब्ज़ी बनाएं, यह साधारण सब्ज़ी लगभग हर तरह से अच्छी लगती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस साधारण सब्ज़ी के कुछ छिपे हुए नुकसान भी हैं।

यह टॉक्सिक हो सकती है

जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा, यही वजह है कि कड़वा खीरा कभी नहीं खाना चाहिए। यह खीरे में Cucurbitacins और Tetracyclic Triterpenoids जैसे विषाक्त पदार्थों की उपस्थिति के कारण होता है। कुछ अध्ययनों के अनुसार, खीरे का कड़वा स्वाद इन विषाक्त पदार्थों का परिणाम है, जो शरीर में बीमारियों को ट्रिगर कर सकता है और हानिकारक प्रभाव डाल सकता है।

पेट फूलना

खीरे में कुकुर्बिटासिन नामक एक तत्व होता है, जो कुछ ऐसे लोगों में अपच का कारण बन सकता है जो पहले से पाचन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। कुछ मामलों में ज़रूरत से ज़्यादा खीरा खाने से पेट फूलना, अपच और पेट में तकलीफ शुरू हो सकती है।

वॉटर लॉस

खीरे के बीज कुकुर्बिटिन का एक प्रमुख स्रोत हैं, खीरे में एक घटक जो मूत्रवर्धक गुणों से जुड़ा होता है। अधिकांश लोग खीरे को अपनी डाइट में इसलिए जोड़ते हैं, क्योंकि इसमें नैचुरल पानी होता है, लेकिन इसका बहुत अधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। यह मूत्रवर्धक प्रकृति के कारण होता है जिसके परिणामस्वरूप आपके शरीर से तरल पदार्थ बाहर निकलना शुरू हो जाते हैं, इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बिगड़ जाता है और शरीर में पानी की कमी होने लगती है।

खीरा और प्रेग्नेंसी

गर्भावस्था के मामले में खीरे को आमतौर पर हानिरहित माना जाता है। हालांकि, मूत्रवर्धक प्रकृति के कारण इस सब्ज़ी के सेवन से बार-बार पेशाब आना और पानी की कमी हो सकती है, जिससे असुविधा हो सकती है। साथ ही अधिक मात्रा में सेवन करने पर फाइबर की उपस्थिति पेट में सूजन का कारण बन सकती है।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Edited By: Ruhee Parvez

खीरा कब नहीं खाना चाहिए?

पूरा पढ़ेंरात में खीराखाने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप रात में खीरा खाते हैं तो आपका पेट भारी महसूस करता है।

खीरा खाने से नुकसान क्या होता है?

नींद खराब होती है- रात में खीरा खाने से नींद भी खराब हो सकती है. खीरा में पानी ज्यादा होता है जिससे पेट में भारीपन और लेटने में दिक्कत होती है. रात में खीरा खाना हाजमा के लिए भी खराब है. कमजोर डाइजेशन वालों को नहीं खाना चाहिए- जिन लोगों को पाचन से जुड़ी समस्या रहती है उन्हें खीरा खाने से परहेज करना चाहिए.

खीरा खाने से क्या फायदा क्या नुकसान?

कई प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर है खीरा आहार विशेषज्ञ बताते हैं कि खीरा, पानी के साथ-साथ फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस और पोटैशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसके अलावा इसमें विटामिन-बी, विटामिन ए, और एंटीऑक्सीडेंट की विस्तृत श्रृंखला भी होती है, जिससे शरीर को कई प्रकार के लाभ हो सकते हैं।

खीरा खाने से कौन सी बीमारी होती है?

खीरा हमारे शरीर में कैंसर या ट्यूमर के विकास को रोकता है. इम्यूनिटी पावर- खीरा खाने से इम्यूनिटी भी मजबूत बनाती है. खीरा में विटामिन सी, बीटा कैरोटीन जैसे एंटी ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं. जिससे शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स दूर होते हैं और रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.