कोयला में भारत का कौन सा स्थान है? - koyala mein bhaarat ka kaun sa sthaan hai?

जीएसआई,सीएमपीडीआई, एससीसीएल और एमईसीएल आदि द्वारा किए गए गवेषण के परिणामस्वरूप 1.4.2018की स्थिति के अनुसार 1200मीटर की अधिकतम गहराई तक देश में कोयले का कुल संचित भूवैज्ञानिक संसाधनों का 319.02 बिलियन टन का अनुमान लगाया गया है।कोयले के भूवैज्ञानिक संसाधनों के राज्यवार ब्यौरे निम्नवत हैं:

राज्यप्रमाणित/मापितनिर्दिष्टअनुमानितकुलसंसाधनकुल14878713916431069319020झारखंड4556331439615083152ओड़िशा3739134165773979295छत्तीसगढ2042834576220257206प.बंगाल1415612869464331667छत्तीसगढ1605233253322852533मध्यप्रदेश1195812154387527987तेलंगना104758576265121702महाराष्ट्र71783074204812299आंध्र प्रदेश011494321581असम465473515बिहार1618133921367उत्तर प्रदेश88417801062मेघालय8917471576नागालैंड90402410सिक्किम05843101अरूणाचल प्रदेश31401990

(Source: Geological Survey of India)

संसाधनों का वर्गीकरण

प्रायद्वीपीय भारत के पुराने गोंडवाना शैल समूह तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र के नए टर्शियरी शैल समूह में कोयला संसाधन उपलब्ध हैं । क्षेत्रीय/प्रोन्नत गवेषण के परिणामों के आधार पर, जहां आमतौर पर बोरहोल 1 - 2 कि0मी0 की दूरी पर किए जाते हैं, संसाधनों को "निर्दिष्ट" अथवा "अनुमानित" श्रेणी में वर्गीकृत किया जाता है। तदनन्तर, चुनिंदा ब्लॉककों में विस्तृत गवेषण,जहां बोरहोल 400 मीटर से कम की दूरी पर किए जाते हैं, संसाधनों को अधिक भरोसेमंद "प्रमाणित/मापित" श्रेणी में उन्नत करता है । 1.4.2018 की स्थिति के अनुसार, भारत के कोयला संसाधन संगठनवार तथा श्रेणीवार नीचे दिए गए तालिका के अनुसार है :

गठन / शैल समूहपप्रमाणित / मापितनिर्दिष्टअनुमानितकुलसंसाधनकुल14878713916431069319020गोंडवाना कोयला14819413906530174317433टर्शियरी कोयला594998951588

भारत कोयला संसाधनों के प्रकार और श्रेणी वार

1.4.2018 की स्थिति के अनुसार भारत के किस्मवार तथा श्रेणीवार कोयला संसाधन निम्न तालिका के अनुसार हैं:

कोयले के प्रकारप्रमाणितनिर्दिष्टअनुमानितकुलसंसाधनकुल जोड़14878813916431069319020(क) कोकिंग :--प्राइम कोकिंग464966405313-मीडियम कोकिंग1391411709187927502-सेमी कोकिंग5199951931708उपजोड़ कोकिंग1908213368207334522(ख) नान कोकिंग:-12911212569728102282910(ग) टर्शियरी कोकिंग594998951588

पिछले पांच वर्षों के दौरान भारत में कोयला संसाधनों की स्थिति

जजीएसआई, सीएमपीडीआई, एससीसीएल, एमईसीएल, राज्य सरकारों, आदि द्वारा किए गए क्षेत्रीय, प्रोन्नत तथा विस्तृत गवेषण के परिणामों के आधार पर भारत में अनुमानित कोयला संसाधन 319.02 बिलियन टन तक पहुंच गया है । पिछले पांच वर्षों के दौरान देश में कोयले के कुल संसाधनों में वृद्धि / उन्नयन के ब्यौरे नीचे तालिका में दिए गए हैं:

भारत दुनिया के खनिज सम्पन्न देशों में से एक है। कोयला भारत में सबसे महत्वपूर्ण और प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला जीवाश्म ईंधन (fossil fuel) है। भारत की खनिज संपन्नता का एक मुख्य कारण यह है कि यहाँ प्राचीनकाल से ही सभी प्रकार की चट्टानें पायी जाती हैं। भारत के अधिकतर धात्विक खनिजों की प्राप्ति धारवाड़ क्रम की चट्टानों से होती है और कोयला मुख्य रूप से गोंडवाना क्रम की चट्टानों (गोंडवाना एक प्राचीन महामहाद्वीप था जो लगभग 180 मिलियन वर्ष पहले टूट गया था।) में मिलता है। भारत में कोयला खनन साल 1774 में शुरू हुआ,

जब रानीगंज कोलफील्ड Raniganj Coalfield (rail coala maafia) (पश्चिम बंगाल) का व्यवसायिक शोषण (दोहन) ईस्ट इण्डिया कंपनी द्वारा शुरू किया गया था। भारत चीन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बाद दुनिया में चौथा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक देश है।

कोयला किसे कहते है?

कोयला एक ठोस कार्बनिक पदार्थ है जिसको ईंधन के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। ऊर्जा के प्रमुख स्रोत के रूप में कोयला अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। कुल प्रयुक्त ऊर्जा का 35% से 40% भाग कोयलें से पाप्त होता हैं। विभिन्न प्रकार के कोयले में कार्बन की मात्रा अलग-अलग होती है। कोयले से अन्य दहनशील तथा उपयोगी पदार्थ भी प्राप्त किया जाता है। ऊर्जा के अन्य स्रोतों में पेट्रोलियम तथा उसके उत्पाद का नाम सर्वोपरि है।

कोयले की उत्पत्ति कैसे हुई?

कोयला एक नवीनीकृत अयोग्य जीवाश्म र्इंधन है। प्राचीनकाल में पृथ्वी के विभिन्न भागों में सघन दलदली वन थे जो भूगर्भीय हलचलो के कारण भूमि में दब गये। कालान्तर में दलदली वनस्पति ही कोयले में परिवर्तित हो गई। क्रमश: ऊपर की मिट्टी, कीचड़ आदि के भार से तथा भूगर्भ के ताप से उसी दबी हुई वनस्पति ने कोयले की परतों का रूप ले लिया। करोड़ो वर्षो के बाद बहुत से क्षे़त्रों में उत्थान होने और शैलों के अनाच्छदित होने के कारण, कोयले की भूमिगत परतें पृथ्वी की ऊपरी सतह पर दिखाई देने लगीं।

कोयले के उपयोग:

वर्तमान काल में संसार की 40 प्रतिशत औद्योगिक शक्ति कोयले से प्राप्त होती है। अब कोयले का प्रयोग कृत्रिम पेट्रोल बनाने में तथा कच्चे मालों की तरह भी किया जा रहा है। यद्यपि पिछली चौथी शताब्दी में शक्ति के अन्य संसाधनों (पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, जल-विद्युत और अणु शक्ति) के प्रयोग में वृद्धि होने के कारण कोयले की खपत कम होती जा रही है, फिर भी लोहा इस्पात निर्माण तथा ताप विद्युत उत्पादन में कोयले का कोर्इ विकल्प नहीं है।

कोयले के विभिन्न स्तर समूह:

भारत में कोयला मुख्यत: दो विभिन्न युगों के स्तर समूहों में मिलता है: पहला गोंडवाना युग में तथा दूसरा तृतीय कल्प में। कोयला उत्खनन में वर्तमान में भारत का स्थान चीन और अमेरिका के बाद विश्व में तीसरा है और यहाँ पर लगभग 136 किग्रा. प्रति व्यक्ति कोयला निकाला जाता है, जो औसत से कम है। भारत में प्रचीन काल की गोण्डवाना शैलों में कुल कोयले का 98 प्रतिशत भाग पाया जाता है जबकि तृतीयक अथवा टर्शियर युगीन कोयला मात्र 2 प्रतिशत है।

1. गोंडवाना युगीन कोयला: गोंडवाना कोयला उच्च श्रेणी का होता है। इसमें राख की मात्रा अल्प तथा तापोत्पादक शक्ति अधिक होती है। भारत में गोंडवाना युगीन और पूर्वोत्तर के कोयला भंडारों के सभी प्रकार का लगभग 2,0624 खरब टन कोयला है। गोण्डवान युगीन कोयला दक्षिण के पठारी भाग से प्राप्त होता है एवं इसकी आयु 25 करोड़ वर्ष निर्धारित की गयी है। गोंडवाना युग के प्रमुख क्षेत्र झरिया (बिहार) तथा रानीगंज (पश्चिम बंगाल) में स्थित है। अन्य प्रमुख क्षेत्रों में बोकारो, गिरिडीह, करनपुरा, पेंचघाटी, उमरिया, सोहागपुर, सिगरेनी, कोठगुदेम आदि उल्लेखनीय हैं।

2. टर्शियर युगीन कोयला: टर्शियर कोयला घटिया श्रेणी का होता है। इसमें गंधक की प्रचुरता होने के कारण यह कतिपय उद्योगों में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। टर्शियर युगीन कोयला उत्तर-पूर्वी राज्यों (पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश तथा नागालैण्ड), जम्मू कश्मीर, राजस्थान एवं कुछ मात्रा में तमिलनाडु राज्य में पाया जाता है। इसकी अनुमानित आयु 1.5 से 6.0 करोड़ वर्ष के बीच है। इसके सबसे प्रमुख क्षेत्र हैं- माकूम क्षेत्र (असम), नेवेली (तमिलनाडु, लिन्गाइट कोयले कक लिए प्रसिद्ध) तथा पलाना (राजस्थान)।

कोयला में भारत का विश्व में कौन सा स्थान है?

766.9 मिलियन टन (1.0% YoY ऊपर) कोयला उत्पादन के साथ भारत दूसरे स्थान पर रहा. जबकि अन्य तीन देशों (इंडोनेशिया, संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया) के साथ कुल मिला कर वर्ष 2021 में 1,638.0 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया गया (2021 में मात्रा के हिसाब से).

कोयला का सबसे बड़ा देश कौन सा है?

Detailed Solution. सही उत्तर है चीन। चीन कोयले का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक है। कोयला एक ठोस कार्बनिक पदार्थ है जिसका उपयोग ईंधन के रूप में किया जाता है।

भारत का कौन सा राज्य कोयले के उत्पादन में प्रथम स्थान पर है?

सही उत्तर झारखंड है। यह मुख्य रूप से प्रायद्वीपीय भारत के पुराने गोंडवाना संरचनाओं और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के युवा तृतीयक संरचनाओं में उपलब्ध है। भारत में लगभग 80 प्रतिशत कोयला भंडार बिटुमिनस प्रकार के हैं और गैर-कोयला श्रेणी के हैं। झारखंड में भारत में कोयले का सबसे बड़ा भंडार है, इसके बाद ओडिशा और छत्तीसगढ़ हैं।

कोयला उत्पादन में भारत का कौन सा है?

2021-2022 के दौरान कोयले का अखिल भारत उत्पादन 8.67% की सकारात्मक वृद्धि के साथ 778.19 मि. ट. (अनंतिम) था। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) तथा इसकी सहायक कंपनियों ने वर्ष 2019-20 में 602.129 मिलियन टन की तुलना में वर्ष 2020-21 के दौरान 0.98% की नकारात्मक वृद्धि दर्शाते हुए 596.221 मिलियन टन उत्पादन किया है।