Haryana State Board HBSE 6th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 16 वन के मार्ग में Textbook Exercise Questions and Answers. कविता से Van Ke
Marg Mein HBSE 6th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 16 प्रश्न 1. वन के मार्ग में HBSE 6th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 16 प्रश्न 2. HBSE 6th Class Hindi Solutions Vasant Chapter 16 वन के मार्ग में प्रश्न 3. वन के मार्ग में Question and Answer HBSE 6th Class Hindi Chapter 16 प्रश्न
4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. भाषा की बात 1. लखि – देखकर HBSE 6th Class Hindi वन के मार्ग में Important Questions and Answersप्रश्न 1. प्रश्न 2.
प्रश्न 3. तीन-तीन के समूह में बात करके प्रत्येक किस्म की यात्रा की अलग-अलग तालिका बनाओ। उदाहरण के तौर पर नीचे तालिका दी
गई है : प्रश्न 4.
प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. वन के मार्ग में सवैयों की सप्रसंग व्याख्या 1. पुर तें निकसी रघुबीर-बधू, धरि धीर दए मग में डग द्वै। शब्दार्थ : प्रसंग : प्रस्तुत सवैया तुलसीदास द्वारा रचित काव्य ‘कवितावली’ के अयोध्याकांड से अवतरित है। सीताजी वन-मार्ग की कठिनाइयों से व्यथित हो जाती हैं और पति राम से पछती हैं व्याख्या : विशेष : अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. यह सवैया किसके द्वारा रचित है? 2. सीता की थकान किससे झलक रही थी? 3. किसकी आँखों से आँसू की बूंदें चू पड़ीं? 2. जल को गए लक्खन हैं लरिका, परिखौ, पिय! छाँह घरीक है ठाढ़े। शब्दार्थ : प्रसंग : प्रस्तुत सवैया रामभक्त कवि तुलसीदास द्वारा रचित ‘कवितावली’ से लिया गया है। राम-सीता के वन-गमन के समय का यहाँ उल्लेख हुआ है। व्याख्या : विशेष : अर्थग्रहण
संबंधी प्रश्न: बहुविकल्पी प्रश्न सही विकल्प चुनकर लिखिए 1. लक्ष्मण कहाँ गए थे? 2. ‘भूभुरि’ क्या होता है? 3. ‘बारि बिलोचन’ में कौन-सा अलंकार है? वन के मार्ग में Summary in HIndiवन के मार्ग में कवि का परिचय जीवन-परिचय : कहा जाता है कि उनका विवाह पंडित दीनबंधु पाठक की पुत्री रत्नावली से हुआ था। वे उससे अत्यधिक प्रेम करते थे और एक बार उससे मिलने के लिए साँप को रस्सी समझकर छत पर चढ़ गए थे। पत्नी से धिक्कार भरे स्वर सुनकर उन्हें घर-संसार से विरक्ति हो गई थी। वे अयोध्या, काशी, चित्रकूट आदि तीर्थों का भ्रमण करते रहे। सन् 1632 ई. में काशी के असीघाट पर उन्होंने प्राण त्याग दिए। विशेषताएँ
: रचनाएँ :
वन के मार्ग में सवैयों का सार
वन के मार्ग में राम की आंखों में आंसू क्यों आ गए?जब सीता नगर से बाहर कदम रखती हैं तो कुछ दूर जाने के बाद काफ़ी थक जाती हैं। उन्हें पसीना आने लगता है और होंठ सूखने लगते हैं। वे व्याकुलता से श्रीराम से पूछती हैं कि अभी और कितना चलना है तथा पर्णकुटी कहाँ बनाना है? इस तरह सीता जी की व्याकुलता को देखकर श्रीराम की आँखों में आँसू आ जाते हैं।
वन के मार्ग में कविता में अब और कितनी दूर चलना है पर्णकुटी कहाँ बनाइएगा सीता ने राम से क्यों पूछा?प्रश्न 2. 'अब और कितनी दूर चलना है, पर्णर्कुटी कहाँ बनाइएगा'-किसने किससे पूछा और क्यों? उत्तर : 'अब और कितना दूर चलना है, पर्णकुटी कहाँ बनाइएगा' यह वाक्य सीता जी ने श्रीराम जी से पूछा क्योंकि सीता जी चलते-चलते थक थक गई थीं, उनके माथे पर पसीना आ रहा था और उनका गला प्यास से सूख रहा था।
वन के मार्ग में सीता को कौन सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा?सीता वन के मार्ग पर थोड़ी दूर चलने से ही थक गईं। उनके माथे पर पसीना दिखाई देने लगा। उनके होंठ सूख गए। वे बहुत बेचैन हो उठीं और पूछने लगीं कि अभी कितनी दूर जाना है।
सीता के होठ क्यों सूख गए थे?Answer: वन मार्ग में जाते हुए सीता जी बुरी तरह थक गई थीं जिससे उनके माथे से पसीना गिरने लगा, प्यास के कारण उनके होंठ सूख गए थे।
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