कविता झांसी की रानी में सुभद्रा कुमारी चौहान ने लक्ष्मीबाई को मर्दानी क्यों कहा? - kavita jhaansee kee raanee mein subhadra kumaaree chauhaan ne lakshmeebaee ko mardaanee kyon kaha?

        आज हम आप लोगों को वसंत भाग-1 के कक्षा-6  का पाठ-10 (NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Bhag 1 Chapter 10) के झांसी की रानी पाठ का प्रश्न-उत्तर (Jhansi Ki Rani Class 6 Question Answer) के बारे में बताने जा रहे है जो कि सुभद्रा कुमारी चौहान (Subhadra Kumari Chauhan)  द्वारा लिखित है। इसके अतिरिक्त यदि आपको और भी NCERT हिन्दी से सम्बन्धित पोस्ट चाहिए तो आप हमारे website के Top Menu में जाकर प्राप्त कर सकते हैं।  

प्रश्न-अभ्यास | Jhansi Ki Rani Class 6

कविता से

प्रश्न 1. ‘किंतु कालगति चुपके-चुपके काली घटा घेर लाई’
(क) इस पंक्ति में किस घटना की ओर संकेत है?
(ख) काली घटा घिरने की बात क्यों कही गयी है?

उत्तर-
(क) रानी लक्ष्मीबाई के पति का नाम राजा गंगाधर राव था, इस पंक्ति में उनकी मृत्यु की ओर संकेत है।

(ख) राजा गंगाधर राव की मृत्यु के बाद रानी लक्ष्मी बाई के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट गया। रानी की संतान न होने के कारण अंग्रेजों को झाँसी पर अपना अधिकार कर लेने का मौका मिल गया। रानी के जीवन में दुखों की काली घटा छा गई, इसलिए काली घटा घिरने की बात कही गई है।

प्रश्न 2. कविता की दूसरी पंक्ति में भारत को ‘बूढ़ा’ कहकर और उसमें ‘नयी जवानी’ आने की बात कहकर सुभद्रा कुमारी चौहान क्या बताना चाहती हैं?
उत्तर-
कवयित्री ‘सुभद्रा कुमारी चौहान’ भारत को ‘बूढ़ा’ इसलिए कहती है कि तब भारतीय वीरों का साहस बहुत शिथिल और जर्जर हो चुकी थी। भारत लंबे समय से अंग्रेजों की गुलामी करने के कारण कमज़ोर हो रहा था। ‘नई जवानी’ आने की बात कहकर कवयित्री यह बताना चाहती थी कि झाँसी की रानी का साहस और शौर्य को देखकर अपनी खोई हुई आज़ादी को हासिल करने के लिए देश के वीरों में नया जोश उत्पन्न हो गया था। अब उनके अंदर आजादी के लिए आशा और उत्साह का नया संचार हो गया। बूढ़े भारत में नई जवानी की उमंग आ गई।

प्रश्न 3. झाँसी की रानी के जीवन की कहानी अपने शब्दों में लिखो और यह भी बताओ कि उनका बचपन तुम्हारे बचपन से कैसे अलग था?
उत्तर-
रानी लक्ष्मीबाई का जन्म एक मराठी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी। कानपुर के नाना की वह मुँहबोली बहन थी। लक्ष्मीबाई के बचपन का नाम मणिकर्णिका था परन्तु परिवार वाले उन्हें प्यार से मनु कहकर पुकारते थे। उनको बचपन से ही हथियार, ढाल, कृपाण, कटारी चलाने और युद्ध करने का शौक था। इसलिए उन्हें बचपन में छबीली के नाम से भी बुलाते थे। उन्हें शिवाजी की गाथाएँ मुँह जुबानी याद थी। भवानी उनके कुल की देवी थी। झाँसी के राजा गंगाधर राव के साथ रानी लक्ष्मीबाई का विवाह हुआ था। विवाह के थोड़े दिन बाद ही उनके पति गंगाधर राव की मृत्यु हो गई। इसके बाद अंग्रेजी शासकों ने झाँसी पर अपना अधिकार करने का प्रयास किया। रानी लक्ष्मीबाई और अंग्रेजों के बीच घमासान युद्ध हुआ। रानी लक्ष्मीबाई अंग्रेजों के साथ लड़ते-लड़ते वीरगति को प्राप्त हो गई। उनका नाम इतिहास में हमेशा के लिए अमर हो गया। उनका बचपन हमारे बचपन से अलग है क्योंकि हमारे बचपन में हथियार नाम की कोई चीज नहीं है। हम वीडियो गेम्स, कंप्यूटर, बिजली वाले खिलौने से खेलते हैं। राष्ट्रीय गीत भी हमें याद है।

प्रश्न 4. वीर महिला की इस कहानी में कौन-कौन से पुरुषों के नाम आए हैं? इतिहास की कुछ अन्य वीर स्त्रियों की कहानियाँ खोजो।
उत्तर-
वीर महिला की इस कहानी में निम्न पुरुषों के नाम आए हैं- नाना साहब, डलहौज़ी, पेशवा वाजीराव, तात्याँ टोपे, अजीमुल्ला, अहमद शाह मौलवी, ठाकुर कुँवर सिंह आदि।

इतिहास की कुछ अन्य वीर स्त्रियों की कहानी के नाम विद्यार्थी स्वयं ढूंढकर लिखे।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1. कविता में किस दौर की बात है? कविता से उस समय के माहौल के बारे में क्या पता चलता है?
उत्तर-
इस कविता में वर्ष 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौर की बात कही गई है। इस संग्राम में झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया था। उस समय के माहौल के बारे में यह पता चलता है कि देश अंग्रेजों का गुलाम था और लोगों के दिलों में देशप्रेम के प्रति आजादी की ज्वाला भड़क रही थी। देश आजादी पाने के लिए लालायित थे।

प्रश्न 2. सुभद्रा कुमारी चौहान लक्ष्मीबाई को ‘मर्दानी’ क्यों कहती हैं?
उत्तर-
झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई एक स्त्री होते हुए भी उनके अंदर पुरुषों के गुण विद्यमान थे। वीरता, साहस, हिम्मत, ताकत, युद्ध कौशल, घुड़सवारी तलवारबाज़ी-ये सभी गुण रानी के अंदर थे। रानी लक्ष्मीबाई ने वीर सेनापतियों की तरह अंग्रेजों से युद्ध किया और युद्ध में उनके दाँत खट्टे कर दिए। इन्हीं गुणों के कारण कवयित्री ने उन्हें ‘मर्दानी’ कहा है।

खोजबीन

प्रश्न 1. ‘बरछी’, ‘कृपाण’, ‘कटारी’ उस ज़माने के हथियार थे। आजकल के हथियारों के नाम पता करो।
उत्तर-
आजकल तो नये-नये अत्याधुनिक हथियार आ गए है। जैसे- बंदूक, तोप, गोला, मिसाइलें, परमाणु बम, टैंक, पिस्तौल, एटम-बम, बम आदि।

प्रश्न 2. लक्ष्मीबाई के समय में ज्यादा लड़कियाँ ‘वीरांगना’ नहीं हुई क्योंकि लड़ना उनका काम नहीं माना जाता था। भारतीय सेनाओं में अब क्या स्थिति है? पता करो।
उत्तर-
आजकल हमारी भारतीय सेना में लड़कियों की काफ़ी अच्छी भागीदारी है। जल, थल, वायु तीनों सेनाओं में लड़कियाँ भी लड़कों की तरह अपने कर्तव्य निभा रही है लेकिन पुरुषों के अनुपात में स्त्रियों की संख्या कम है फिर भी उस समय की तुलना में यह बेहतर है।

भाषा की बात

प्रश्न 1. नीचे लिखे वाक्यांशों (वाक्य के हिस्सों) को पढ़ो-

झाँसी की रानी मिट्टी का घरौंदा प्रेमचंद की कहानी
पेड़ की छाया
ढाक के तीन पात
नहाने का साबुन
मील का पत्थर
रेशमा के बच्चे
बनारस के आम
  • का, के और की दो संज्ञाओं का संबंध बताते हैं। ऊपर दिए गए वाक्यांशों में अलग-अलग जगह इन तीनों का प्रयोग हुआ है। ध्यान से पढ़ो और कक्षा में बताओ कि का, के और की का प्रयोग कहाँ और क्यों हो रहा है?

उत्तर- का, के और की ये तीनों संबंध कारक के चिह्न हैं। इन्हें परसर्ग भी कहते हैं। इनका प्रयोग संज्ञा के अनुसार होता है। स्त्रीलिंग संबंधी संज्ञा के पूर्व ‘की’ शब्द का प्रयोग करते है। पुल्लिंग संबंधी संज्ञा के पूर्व ‘का’ शब्द का प्रयोग करते है और बहुवचन पुल्लिंग संबंधी संज्ञा के पूर्व ‘के’ शब्द का प्रयोग होता है।

का’ का प्रयोग – एकवचन संज्ञा शब्दों के साथ हुआ है।

मिट्टी का घरौंदा – घरौंदा एकवचन और पुल्लिंग है। घरौंदे का संबंध मिट्टी से बताने के लिए किया गया है।

मील का पत्थर – पत्थर पुल्लिंग और एकवचन है, इसलिए उससे पहले ‘का’ प्रयोग हुआ है।

नहाने का साबुन – साबुन पुल्लिंग और एकवचन है। इसलिए उसके पहले का प्रयोग हुआ है।

‘के’ का प्रयोग – बहुवचन संज्ञा शब्दों के साथ हुआ है।

रेशमा के बच्चे – बच्चे बहुवचन हैं, अतः बच्चे के पहले ‘के’ का प्रयोग हुआ है।

बनारस के आम – आम पुल्लिंग एवं बहुवचन शब्द है। अतः उसके पहले ‘के’ प्रयुक्त है।

‘की’ का प्रयोग- स्त्रीलिंग सूचक संज्ञा शब्दों के साथ प्रयोग हुआ है।

झाँसी की रानी – रानी स्त्रीलिंग है, इसलिए उसके पूर्व ‘की’ प्रयोग हुआ है।

पेड़ की छाया – छाया स्त्रीलिंग है, इसलिए उसके पूर्व ‘की’ प्रयोग हुआ है।

झांसी की रानी प्रश्न-उत्तर | Jhansi Ki Rani Class 6 Question Answer

       इस पोस्ट के माध्यम से हम वसंत भाग-1 के कक्षा-6  का पाठ-11 (NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Bhag 1 Chapter 11) केझांसी की रानी पाठ का प्रश्न-उत्तर (Jhansi Ki Rani Class 6 Question Answer) के बारे में  जाने जो की सुभद्रा कुमारी चौहान (Subhadra Kumari Chauhan) द्वारा लिखित हैं । उम्मीद करती हूँ कि आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया होगा। पोस्ट अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले। किसी भी तरह का प्रश्न हो तो आप हमसे कमेन्ट बॉक्स में पूछ सकतें हैं। साथ ही हमारे Blogs को Follow करे जिससे आपको हमारे हर नए पोस्ट कि Notification मिलते रहे।

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NCERT / CBSE Solution for Class-9 (HINDI)

NCERT / CBSE Solution for Class-10 (HINDI)

लक्ष्मीबाई को मर्दानी क्यों कहती है?

सुभद्रा कुमारी चौहान, लक्ष्मीबाई को 'मर्दानी' क्यों कहती हैं? वीरता, साहस, हिम्मत, ताकत, युद्ध कौशल, घुड़सवारी तलवारबाज़ी-ये सभी मर्दो वाले गुण उनमें विद्यमान थे। रानी लक्ष्मीबाई ने वीर सेनापतियों की तरह अंग्रेजों से युद्ध किया और झाँसी की रक्षा करती रही। इसलिए कवयित्री ने उन्हें 'मर्दानी' कहा है।

झांसी की रानी में सुभद्रा कुमारी चौहान ने लक्ष्मीबाई को मर्दानी क्यों कहा?

सुभद्राकुमारी चौहान लक्ष्मीबाई को मर्दानी क्यों कहती हैं? Solution : रानी लक्ष्मीबाई ने वीर मर्दों अर्थात योद्धाओं की तरह अंग्रेजों के युद्ध किया, अत्यधिक वीरता दिखाकर झांसी की रक्षा करने का प्रयास किया। इसीलिए कवयित्री ने उसे मर्दानी कहा है।

झांसी की रानी कविता में मर्दानी शब्द का क्या आशय है?

खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।। इस पद में क्रूर अंग्रेज़ों की निर्लज्जता का वर्णन है कि कैसे वे लोग सभी राजाओं तथा नवाबों की हत्या के बाद, वहां के राज्य तो हड़पते ही थे, साथ ही साथ वे उनकी रानियों और बेगमों की इज़्ज़त से भी खिलवाड़ करते थे। चाहे वह लखनऊ की बेगम हों, या कलकत्ता और नागपुर की रानियां।

खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी किसकी काव्य पंक्ति है?

1948 में मात्र 43 वर्ष की उम्र में एक कार दुर्घटना में उनकी मौत हो गयी थी. पढ़ें उनकी वह कविता जिसे रचकर सुभद्रा कुमारी चौहान अमर हो गयीं. दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थीखूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी