Download Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 1 2019 PDF to understand the pattern of questions asks in the board exam. Know about the important topics and questions to be prepared for CBSE Class 10 Hindi board exam and Score More marks. Here we have given Hindi A Sample Paper for Class 10 Solved Set 1. Board –
Central Board of Secondary Education, cbse.nic.in हल सहित सामान्य • इस प्रश्न-पत्र में चार खण्ड है – क, ख, ग, घ । खण्ड ‘क’ : अपठित बोध वैज्ञानिकों को हाल ही में पता चला है कि जो लोग रचनात्मक ढंग से सोचने की अवस्था में होते हैं, आनंद में रहते हैं, उनका चेतन मन 90 प्रतिशत सजग रहता है। चेतन अवस्था में लिए निर्णय और हुए अनुभव किसी भी व्यक्ति की मनोकामनाओं और महत्वाकांक्षाओं के अनुरूप होते हैं। तब मन
अपने अवचेतन के प्रतिबंधक ढरों पर बार-बार वापस नहीं लौटता है, लेकिन यह रचनात्मक अवस्था सदा नहीं रहती। जल्दी ही अवचेतन कमान पर लौट आता है। मन का अवचेतन भाग अगर नए सिरे से, नए भाव से, सकारात्मक आदतें चेतन हिस्से से सीख सके तो इस समस्या का समाधान निकल आए। (ii) धर्मप्रचारकों ने सुझाव दिया कि बालक को छह-सात वर्ष की आयु तक धार्मिक गतिविधियों से जोड़कर रखना चाहिए। (iii) इस सुझाव का यह आधार है कि पहले सात साल में सिखाया गया ढर्रा किसी व्यक्ति की जीवन राह तय कर सकता है। उस व्यक्ति की कामनाएँ और इच्छाएँ चाहे कुछ और भी हो, तो भी वह इस
दौर को भूल नहीं पाता। (iv) लेखक ने अवचेतन मन की आजादी को प्रेम की मानसिक अवस्था द्वारा स्पष्ट किया है। प्रेम में, स्नेह में अभिभूत व्यक्ति का स्वास्थ्य कुछ अलग चमकता हुआ दिखता है, उसमें ऊर्जा दिखती है। (v) लेखक ने सुझाया कि मन का अवचेतन भाग अगर नए सिरे से, नए भाव से, सकारात्मक आदतें चेतन हिस्से से सीख सके तो इस समस्या का समाधान निकल आए। 2. निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए- खण्ड ‘ख’ : व्याकरण 4. निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तित कीजिए: 5. निम्नलिखित वाक्यों के रेखांकित पदों का परिचय दीजिए। 6. निम्न प्रश्नों के निर्देशानुसार उत्तर दीजिए खण्ड ‘ग’ : पाठ्यपुस्तक व पूरक पाठ्यपुस्तक उत्तर (ख) जहाज बनाने के कोई ग्रंथ न होने या न मिलने पर लेखक बताना चाहता है कि यद्यपि सबूत नहीं है, परन्तु संभावना हो सकती है कि उस समय भी तकनीक भरपूर विकसित हो। (ग) शिक्षा की नियमावली का न मिलना। स्त्रियों की अनपढ़ता का सबूत इसलिए नहीं है क्योंकि पुराने ग्रंथों में अनेक प्रगल्भ पंडिताओं का नामोल्लेख देखकर यह सिद्ध हो जाता है कि इनके समक्ष बड़े-बड़े विद्वान भी नहीं टिक पाते थे। इनमें अत्रि ऋषि की पत्नी, ऋषि पुत्री गार्गी, मंडन मिश्र की सहधर्मिणी प्रमुख हैं। 8. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए (ख) फादर कामिल बुल्के की मृत्यु गैंग्रीन नामक रोग से हुई। फादर का शांत अमृतमय जीवन देखा। लोगों को स्नेह वात्सल्य और करुणा का दान। ऐसे व्यक्ति की मृत्यु बढ़ी शांत होनी चाहिये। (ग) नयी खोज करने वाला, नया आविष्कार करने वाला तथा विकास में योगदान देने वाले नियम बनाने वाला योग्य तथा सुसंस्कृत है। उसकी योग्यता संस्कृति की पोषक हैं। (घ) इमराव गाँव के एक संगीत प्रेमी परिवार में बिस्मिल्ला खाँ का जन्म हुआ। शहनाई बजाने में रीड का प्रयोग होता है। यह रीड जिस घास से बनाई जाती है वह घास डुमराव गाँव में मुख्यत: सोन नदी के किनारों पर पाई जाती है। 9. निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए- (ख) जिस जीवन में कभी वसंत था, वहाँ दु:ख रूपी पतझड़ आ जाने के कारण सुख तथा आनंद की पत्तियाँ मुरझाकर गिर रही हैं अर्थात् सुखों का स्थान निराशा, चिंता और दुःख लेने लगे हैं। (ग) ‘गागर-रीती’-खाली घड़ा अर्थात् असफल जीवन। 10. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए (ख) नटवर वेश की झाँकी प्रस्तुत की है तथा उनको ब्रजदूल्हा कहा है चरणों के नुपूर और कटि की किंकिणी के मधुर स्वर पीताम्बर, वनमाला, मुकुट, मन को रोमांचित करने वाले चंचल नेत्र और उस पर उनकी मनमोहिनी मंदमंद हँसी
है। (ग) अतीत की सुखद स्मृतियों को। क्योंकि बीते हुए सुखों और कल्पना का वर्तमान में कोई अस्तित्व नहीं है। वे यथार्थ रूप ग्रहण नहीं कर सकते और व्यक्ति के वर्तमान को दुविधाग्रस्त कर देते (घ)
संगतकार निस्वार्थ रूप से स्वयं को पृष्ठभूमि में रखकर मुख्य गायक की सफलता में योगदान देता है। उसे अपने योगदान का श्रेय लेने की कोई इच्छा नहीं होती। इसी कारण स्वयं को पीछे रखने की कोशिश में उसकी आवाज में हिचक-सी प्रतीत होती है। 11. ‘आप चैन की नींद सो सकें इसीलिए तो हम यहाँ पहरा दे रहे हैं”-एक फौजी के इस कथन पर जीवन-मूल्यों की दृष्टि से चर्चा कीजिए। खण्ड ‘घ’ : लेखन उत्तर- भारतवर्ष को पर्व और त्यौहारों का देश भी कहा जाता है यहाँ प्रतिदिन कोई न । कोई पर्व और उत्सव मनाया जाता है। और इन उत्सवों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। सांस्कृतिक कार्यक्रम-सांस्कृतिक प्रदर्शन, प्रदर्शनियों या प्रतियोगिताओं का एक बार नियमित रूप से आवर्ती कार्यक्रम होता है। जब कभी भी रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन विद्यालयों में किया जाता है, तो विद्यालय के प्रत्येक वर्ग के छात्र और छात्राएँ पूरे उत्साह के साथ इस कार्यक्रम में भाग लेते हैं। इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं को भी शामिल किया जाता हैजिनमें भाषण प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता, कविता प्रतियोगिता, गीत संगीत और नाटक प्रतियोगिताएँ कई दिनों तक चलती हैं जिनमें हमें विभिन्न प्रांतों के लोक गीत और लोक नृत्य भी देखने को मिलते हैं पंजाब का भांगड़ा, असम का बीहू, राजस्थान का घूमर, गुजरात का डांडिया और गरबा नृत्य तो इन कायक्रमों में अधिक उत्साह भर देते हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रम स्थल का बाहरी व भीतरी भाग विशेष रूप से सजाया जाता है। कार्यक्रम स्थल के मुख्य द्वार को विशेष रूप से सजाया जाता है जहाँ फूलों और विविध प्रकार के रंगों से रंगोली बनाई जाती है और विशेष अतिथियों के स्वागत हेतु, तैयारी होती है-कार्यक्रम स्थल के साथ-साथ मंच को भी कार्यक्रम के अनुसार ही छोटा, बड़ा आकार दिया जाता है और उसे सजाया जाता है। इस सजावट में भी सभी बड़े उत्साह से भाग लेते हैं और अपने-अपने विचारों को व्यक्त करते हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का उद्देश्य-प्रतिभागियों के साथ-साथ दर्शकों का भी सर्वागीण विकास, उनके अन्दर शालीनता उदारता, सहिष्णुता, प्रेम, भाईचारा, देश भक्ति आदि भावों को विकसित करना है। (ख) वन और पर्यावरण वन प्रकृति की देन है। किसी देश की सुरक्षा, समृद्धि और सुन्दरता के लिए वनों का बहुत अधिक महत्व है किसी देश में पाए जाने वाले वन उस देश का जीवन होते हैं। यही कारण है कि हमारे देश में वृक्षों को लगाने और उनकी पूजा करने पर विशेष बल दिया गया है। पुराणों के अनुसार एक वृक्ष लगाने का पुण्य उतना ही है जितना गुणवान पुत्र का यश होता है। प्राय: हम पेड़-पौधों के प्रति उदासीन रहते हैं पेड़ों की अंधाधुध कटाई जारी है और हमारा उस ओर ध्यान तक नहीं जाता। हम अपने स्वार्थ के लिए उन्हें काट रहे हैं। कई पर्वतीय स्थल तो इसके बुरी तरह शिकार हो चुके हैं। हाँ ‘चिपको आन्दोलन’ ने इसके प्रति जन-चेतना अवश्य जाग्रत की है, पर अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। पेड़-पौधों से मानव का अटूट सम्बन्ध है। इनसे हमारा पर्यावरण प्रदूषण-रहित बना रहता है। पेड़ कार्बन-डाइ-ऑक्साइड लेकर ‘ ऑक्सीजन छोड़ते हैं, जो हमारे जीवन के लिए बहुत आवश्यक है। पेड़-पौधे वातावरण को तो सन्तुलित रखते ही हैं, इसके साथसाथ उनका हमारे जीवन में और भी महत्व है। पेड़-पौधों से हमें अनेक औषधियाँ प्राप्त होती हैं जो हमें स्वस्थ रखने में सहायक होती हैं। पेड़ वर्षा करने में भी सहायक सिद्ध होते हैं। अतिवृष्टि की स्थिति में ये वृक्ष भूमि के कटाव को रोकते हैं। इससे भूक्षरणनहीं हो पाता। नदी और वृक्षों का भी आपस में सम्बन्ध है। हमें वृक्षारोपण की ओर उचित ध्यान देना होगा अन्यथा निरंतर बढ़ती जनसंख्या को साँस लेने तक को शुद्ध वायु उपलब्ध नहीं हो पाएगी। जीवन सही ढंग से जीने के लिए वृक्षों के समान निर्जीव हो जाएंगे। अत: हमें पेड़ लगाने एवं उनकी देखभाल के उपाय करने चाहिए। पेड़-पौधों से हमारा जीवन सुखद एवं स्वस्थ बनता है। पेड़-पौधों की रक्षा भी की जानी चाहिए। इससे पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखा जा सकेगा। (ग) मीडिया की भूमिका किसी भी समस्या के लिए समाचार-पत्रों को माध्यम बनाकर अपनी बात पहुँचाने के लिए धरना, प्रदर्शन, जाम आदि कार्य करते हैं। इन सबके पीछे मीडिया के द्वारा नागरिकों को जागरूकता प्रदान की गई है। मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका होती है कि ये किसी के निजी जीवन में हस्तक्षेप न करे। इसका परिणाम आज यह दिखाई देता है कि मीडिया समाचार-पत्रों या खबर (समाचार) चैनलों में काल्पनिक नाम द्वारा पहचान को गुप्त रखकर समाचारों को प्रसारित करता है। मीडिया का सामाजिक दायित्व यह है कि वे जन साधारण में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा दे। यह देखने में आता है कि इस दायित्व का भी निर्वाह करने में मीडिया सफल रहा है। संसार में लाभ हानि का चोली दामन का साथ है। मीडिया से जहां बहुत लाभ है, तो वहां कुछ हानियां भी हैं, कभी-कभी समाचार चैनलों द्वारा असली तथ्य को छिपाकर भ्रामक प्रचार भी कर दिया जाता है, तो इससे जनता का अहित होने का भय बना रहता है। मीडिया का प्रमुख उद्देश्य समाज के सम्मुख सत्य घटनाओं को व्यक्त करना है। यदि वास्तव में देखा जाए, तो मीडिया सर्वांगीण विकास के साधन हैं। इनसे जुड़ने के पश्चात् हमारे अन्दर की संकीर्ण विचारधारा कोसों दूर भाग जाती है तथा हमारे हृदय में ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना जाग्रत होती है। 13. आपके मित्र के पिता के सीमा पर शहीद हो जाने का समाचार प्राप्त होने पर । अपनी भावनाएँ व्यक्त करते हुए मित्र को संवेदना पत्र लिखिए। | मेरी ईश्वर से यही प्रार्थना है कि वह तुम्हें और तुम्हारे परिवार को दुःख की इस असीम घड़ी में अपरिचित विपत्ति एवं हानि को सहन 14. किसी इंडक्शन चूल्हा का विज्ञापन 25-50 शब्दों में तैयार कीजिए। We hope the Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 1, help you. 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