कार्बन और इसके योगिकों का उपयोग मुख्यतः ईंधन के रूप में क्यों किया जाता है? - kaarban aur isake yogikon ka upayog mukhyatah eendhan ke roop mein kyon kiya jaata hai?

कार्बन एवं उसके यौगिकों का उपयोग अधिकतर कार्यों में ईंधन के रूप में क्यों किया जाता है?


जब कार्बन और इसके यौगिकों को अधिक वायु या ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलाया जाता है तो बहुत अधिक मात्रा में ऊष्मा ऊर्जा और प्रकाश की उत्पत्ति होती है। इन्हें एक बार जला दिए जाने के बाद ये निरंतर जलते रहते हैं। इन्हें अधिक ऊष्मा प्रदान करने की आवश्यकता नहीं होती। ये धुआँ उत्पन्न नहीं करते और उनसे हानिकारक गैसें उत्पन्न नहीं होती। इनको जलाने से अवशेष नहीं बचता और कैलोरिमान उच्च होता है।

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CO2 सूत्र वाले कार्बन डाइऑक्साइड की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना क्या होगा?


कार्बन डाइऑक्साइड में कार्बन परमाणु के साथ ऑक्सीजन के दो परमाणु जुड़े होते हैं। कार्बन की परमाणु संख्या 6 होती है और इसके बहरी कक्ष में चार इलेक्ट्रॉन होते हैं। इसे अष्टक बनाने के लिए चार इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता होती है। ऑक्सीजन को केवल 2 इलेक्ट्रॉन की बहरी कक्ष में आवश्यकता होती है। इसलिए उसका इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना होगी-

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सल्फ़र के आठ परमाणुओं से बने सल्फ़र के अणु की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना क्या होगी? ( संकेत: सल्फ़र के आठ परमाणु एक अँगूठी के रूप में आपस में जुड़े होते हैं। )


सल्फ़र का परमाणु क्रमांक 16 है।

K    L    M
2    8    6

सल्फ़र के बहरी कक्ष में 6 इलेक्ट्रॉन हैं और इसे अष्टक पूरा करने के लिए 2 इलेक्ट्रॉनों की आवश्यकता होती है।

प्रत्येक सल्फ़र परमाणु दो इलेक्ट्रॉनों की सहभागिता करेगा। इसका आण्विक सूत्र S8 होता है।

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साइक्लोपेन्टेन का सूत्र तथा इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना क्या होंगे?


साइक्लोपेन्टेन का सामान्य सूत्र C2 H2X5 = C5H10 है। इसकी संरचना और इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना है-

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पेन्टेन के लिए आप कितने संरचनात्मक समावयवों का चित्रण कर सकते हैं?


पेन्टेन के तीन संरचनात्मक समावयवों का चित्रण किया जा सकता है:

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कार्बन के दो गुणधर्म कौन-से हैं जिनके कारण हमारे चारों ओर कार्बन यौगिकों की विशाल संख्या दिखाई देती है?


(i) शृंखलन ( Catenation )- शृंखलनकार्बन में कार्बन के ही अन्य परमाणुओं के साथ आबंध बनाने की अदभुत क्षमता होती है। इस गन को शृंखलन कहते हैं इन यौगिकों में कार्बन की लंबी शृंखला कार्बन की विभिन्न शाखाओं वाली शृंखला या अँगूठी के आकार में व्यवस्थित कार्बन पाए जाते हैं। कार्बन के परमाणु एकल, युगल या तिहरे आबंध में जुड़ सकते हैं।

(ii) चतु: संयोजकता ( tetravalency )- कार्बन में चार संयोजकता होती है। इसलिए इसमें कार्बन के चार अन्य परमाणुओं या कुछ अन्य तत्वों के परमाणुओं के साथ आबंध बनाने की क्षमता होती है। ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, सल्फ़र, क्लोरीन तथा अनेक अन्य तत्व के साथ कार्बन के यौगिक बनते हैं। इससे ऐसे विशेष गुण करने वाले यौगिक बनते हैं, जो अणु में कार्बन के अतिरिक्त उपस्थित तत्व पर निर्भर करते हैं।

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क्यों कार्बन यौगिकों ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है?

22: कार्बन एवं उसके यौगिकों का उपयोग अधिकतर कार्यों में ईंधन के रूप में क्यों किया जाता है? उत्तर : जब कार्बन और इसके यौगिकों को अधिक वायु या ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलाया जाता है तो बहुत अधिक मात्रा में ऊष्मा ऊर्जा और प्रकाश की उत्पत्ति होती है। इन्हें एक बार जला दिए जाने के बाद ये निरंतर जलते हते हैं।

जो कार्बन यौगिकों की भारी संख्या हम अपने चारों ओर देखने के लिए नेतृत्व कार्बन के दो गुण क्या हैं?

Solution : कार्बन यौगिकों की विशाल संख्या के निम्नलिखित दो कारन है --- (i) कार्बन परमाणु श्रंखलान ( Catenation ) । (ii) कार्बन परमाणु की चतु: संयोजकता । श्रंख्लन कार्बन पमाणुओ का विशेष गन होता है जिसके कारण कार्बन पमानु सीधी, शाखित या चक्रीय शरणखए बना लेते है ।

यौगिक कितने प्रकार के होते हैं?

यौगिक के प्रकार :- यौगिक दो प्रकार के होते हैं। (1) कार्बनिक यौगिक :- कार्बन, हाइड्रोजन के व्युत्पन्न कार्बनिक यौगिक कहलाते है। (2) अकार्बनिक यौगिक :- हाइड्रोकार्बन को छोड़कर शेष सभी यौगिक अकार्बनिक यौगिक कहलाते है।

अकार्बनिक यौगिकों की अपेक्षा कार्बनिक यौगिकों की संख्या अधिक क्यों है?

Answer: कार्बन के परमाणु काफी बड़ी संख्या में एक दूसरे के साथ सहसंयोजी आबंध द्वारा जुड़े रहते हैं। यही कारण है कि कार्बन के यौगिकों की बहुत संख्या होती है।