कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा प्रदान करने वाले पदार्थों का वर्ग है। ये रासायनिक यौगिक होते हैं जिनमें कार्बन, हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन होते हैं। कार्बोहाइड्रेट कार्बनिक यौगिक होते हैं जो कि पचने के पश्चात ग्लूकोज में परिवर्तित हो जाते हैं और ग्लूकोज ऑक्सीजन के द्वारा ऑक्सीकृत होकर शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं। कार्बोहाइड्रेट में कार्बन, हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन 1 : 2: 1 के अनुपात में होता है। इनका आधारभूत सूत्र (CH2O)n होता है। कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है। शरीर की कुल ऊर्जा आवश्यकता की 50-79% मात्रा की पूर्ति कार्बोहाइड्रेट के द्वारा होती है। 1 ग्राम ग्लूकोज के पूर्ण ऑक्सीकरण से 4.2 किलो कैलोरी (kcal) ऊर्जा प्राप्त होती है। Show
कार्बोहाइड्रेट के स्रोत (sources of carbohydrate): कार्बोहाइड्रेट के प्रमुख स्रोत गेहूँ, चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, जौ, शक्कर, गुड़, शहद, सूखे फल, अंजीर, दूध, पके फल, आलू, शकरकंद, चुकंदर, रसीले फल, गन्ना, शलजम, अरबी, मांस आदि हैं। कार्बोहाइड्रेट के प्रकार: कार्बोहाइड्रेट मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं- (a) मोनोसैकेराइडस (Monosaccharides): यह सभी कार्बोहाइड्रेट्स में सबसे अधिक सरल होता है। इसका आधारभूत सूत्र (CH2O)n होता है। मोनोसैकेराइड्स के कुछ प्रमुख उदाहरण निम्नलिखित हैं- ट्रायोस (Triose)- जैसे- ग्लिसरैल्डिहाइड (Glyceraldehyde) टेट्रोस (Tetrose)– जैसे- इरेथ्रोस (Erthrose) हेक्सोस (Hexose)- जैसे- ग्लूकोस (Glucose), फ्रक्टोस (Fructose) एवं गैलेक्टोस (Glactose) (b) डाइसैकेराइड (Disaccharides): यह मोनोसैकेराइड के दो अणुओं से मिलकर बना होता है। इसका आधारभूत सूत्र C12H22O11 होता है। सुक्रोस (Sucrose), माल्टोज (Maltose), लैक्टोज (Lactose) आदि डाइसैकेराइड्स के प्रमुख उदाहरण हैं। (c) पॉलीसैकेराइड्स (Polysaccharides): यह अनेक मोनोसैकैराइड्स अणुओं के मिलने से बनता है। इसका आधारभूत सूत्र (C6H11O5)n होता है। ये जल में अघुलनशील होते हैं। यह मुख्यतः पौधों में पाया जाता है। आवश्यकता पड़ने पर यह जल अपघटन (Hydrolysis) द्वारा ग्लूकोज (Glucose) में विघटित हो जाता है। इस प्रकार ये ऊर्जा उत्पादन के लिए संग्रहीत ईंधन का कार्य करते हैं। मण्ड (स्टार्च), ग्लाइकोजेन, सेल्यूलोज (Cellulose), काइटिन (Chitin) आदि पॉलीसैकेराइड्स के प्रमुख उदाहरण हैं। कार्बोहाइड्रेट के कार्य:
कार्बोहाइड्रेट की कमी या अधिकता से होने वाले विकार: कार्बोहाइड्रेट की अधिकता से शरीर के वजन में वृद्धि होती है तथा मोटापा से सम्बन्धित रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। कार्बोहाइड्रेट की कमी होने से शरीर का वजन कम हो जाता है, कार्य करने की क्षमता घट जाती है तथा शरीर में ऊर्जा उत्पन्न करने हेतु प्रोटीन प्रयुक्त होने लगती है जिससे यकृत एवं नाड़ी संस्थान के क्रियाकलापों में शिथिलता आ जाती है। सब बहुहाइड्रोक्सी एल्डिहाइड, कीटोन या अन्य सभी योगिक जो जल के साथ अपघटित हो कर यह पदार्थ देते हैं, कार्बोहाइड्रेट (carbohydrate in hindi) कहलाते है । जैसे - ग्लूकोज, फ्रुक्टोज, सुक्रोज, स्टार्च तथा सेलूलोज आदि । कार्बोहाइड्रेट क्या है? carbohydrate in hindiकार्बोहाइड्रेट (carbohydrate in hindi) केवल कार्बन, हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन के यौगिक होते हैं । इनका सामान्य सूत्र प्राय: Cx(H₂O)y होता है । हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन का जो अनुपात (2:1) पानी में होता है, वही इनमें होता है । यही कारण है कि इनको कार्बोहाइड्रेट या कार्बन के हाइड्रेट (hydrates of carbon) कहते हैं । कार्बोहाइड्रेट के प्रमुख उदाहरण -ग्लूकोज, फ्रुक्टोज - C6H12O6 या C6(H₂O)6 इसके अलावा कुछ ऐसे यौगिक भी ज्ञात है, जो रासायनिक दृष्टि से कार्बोहाइड्रेट (carbohydrate in hindi) हैं किन्तु सामान्य सूत्र Cx(H₂O)y की पुष्टि नहीं करते । जैसे — रहेमनोज (rhamnose) C6H12O5 तथा रहेमनोहैक्सोज C7H1406 । इसके अतिरिक्त कई अन्य यौगिक सामान्य सूत्र Cx(H₂O)y की पुष्टि करते हुए भी कार्बोहाइड्रेट नहीं हैं । जैसे - फॉर्मल्डिहाइड (HCHO या CH2O), ऐसीटिक अम्ल [CH3COOH या C2(H₂O)2] और लैक्टिक अम्ल [CH3CH(OH), COOH या C3(H₂O)3] । अतः कार्बोहाइड्रेट (carbohydrate in hindi) की प्रारम्भिक परिभाषा दोषपूर्ण सिद्ध हुई । ये भी पढ़ें :-
कार्बोहाइड्रेट की परिभाषा | definition of carbohydrate in hindiकार्बोहाइड्रेट की आधुनिक परिभाषा निम्न प्रकार है -"सब बहुहाइड्रिक (polyhydric) ऐल्डीहाइड अथवा कीटोन या अन्य यौगिक जो जल अपघटित (hydrolysc) होकर यह पदार्थ देते हैं, कार्बोहाइड्रेट (carbohydrate in hindi) कहलाते हैं ।"
कार्बोहाइड्रेट कितने प्रकार के होते है? | types of carbohydrate in hindiकार्बोहाइड्रेट के प्रमुख प्रकार -1. मोनो-सैकराइड ( mono-saccharides ) ये भी पढ़ें :-
कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण कीजिए? | classification of carbohydrate in hindiजल अपघटन के आधार पर कार्बोहाइड्रेट्स को निम्नलिखित प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है । 1. मोनो-सैकराइड ( mono-saccharides )मोनोसैकराइड - ये सबसे सरल कार्बोहाइड्रेट (carbohydrate in hindi) हैं जो बहुहाइड्रिक ऐल्डीहाइड अथवा कीटोन होते हैं । इनका जल अपघटन नहीं किया जा सकता है, मोनोसैकराइड कहलाते है । मोनोसैकराइड अणुओं में कार्बन परमाणु की संख्या 2 से 11 तक होती है परन्तु प्रकृति में प्रायः एल्डोपेन्टोज, एल्डोहैक्सोज तथा कीटोहैक्सोज ही पाये जाते हैं । इनका मूलानुपाती सूत्र (CH₂O)n है । मोनोसैकराइड्स के सामान्य भौतिक गुण -
मोनोसैकराइड का वर्गीकरण -
मोनोसैकराइड्स को कार्बोनिल समूह (>C=O) की प्रकृति के अनुसार भी दो भागों में बाँटा गया है । एक तो वे जिनके अणु में ऐल्डीहाइड (-CHO) मूलक होता है और दूसरे वे जिनके अणु में कीटोनिक (>C=O) मूलक होता है । ऐल्डीहाइड मूलक वाले मोनोसैकराइड एल्डोज तथा कीटोनिक मूलक वाले कीटोज कहलाते हैं । उदाहरणार्थ - ग्लिसरेल्डिहाइड तथा ड्राइहाइड्रॉक्सी ऐसीटोन एल्डोट्रायोज हैं, रिबोज एक एल्डोपेन्टोस है, ग्लूकोस एक एल्डोहैक्सोज है और फ्रुक्टोज एक कीटोहैक्सोज है । ये भी पढ़ें:-
2. डाई-सैकराइड ( di-saccharides )डाइसैकराइड्स - वे कार्बोहाइड्रेट जो जल अपघटित होकर मोनोसैकराइड के दो अणु देते हैं, डाइसैकराइड कहलाते हैं । उदाहरणार्थ - सुक्रोज (चीनी) नामक डाइसैकराइड जल अपघटित होकर ग्लूकोज तथा फ्रुक्टोज दो मोनोसैकराइड अणु देता है । C12H22O11+H₂O ----> C6H12O6+C6H12O6 इस प्रकार स्पष्ट है, कि कोई डाइसैकराइड मोनोसैकराइड के दो अणुओं (समान अथवा असमान) का एनहाइंड्राइड कहा जा सकता है अर्थात् मोनोसैकराइड के दो अणुओं के परस्पर संयोग से जल का एक अणु पृथक हो जाने के उपरान्त डाइसैकराइड बनता है । C6H11O5. [OH+H] O.C6H11O5 ----> C6H11O5O.C6H11O5+H₂O डाइसैकराइड अणु में (ईथर की भाँति) दोनों मोनोसैकराइड अणु परस्पर ऑक्सीजन परमाणु द्वारा जुड़े होते हैं । प्रायः सभी डाइसैकराइड का एक अंग तो ग्लूकोज नामक ऐल्डोहैक्सोज होता है और दूसरा कोई हैक्सोज या पेन्टोज, एल्डोज या कीटोज होता है । इस श्रेणी के प्रमुख सदस्य सुक्रोज, लैक्टोज (दुग्ध शर्करा), माल्टोज (माल्ट शर्करा) तथा सैलोबायोज आदि हैं । इन सभी का अणुसूत्र C12H22O11 है अर्थात् यह सभी परस्पर समावयवी (Isomers) हैं । डाइसैकराइड्स के सामान्य गुण -
उदाहरणार्थ - सुक्रोज + H₂O --->
ग्लूकोज + फ्रुक्टोज डाइसैकराइड्स का वर्गीकरण -डाइसैकराइड्स को दो समूहों में विभाजित किया गया है -
अपचयन करने वाले डाइसैकराइड लैक्टोज, माल्टोज तथा सैलोबायोज आदि हैं जो कि रासायनिक अभिक्रियाओं में ग्लूकोज से पर्याप्त मात्रा में समानता रखते हैं अर्थात् ये फेहलिंग घोल का अपचयन कर देते हैं, फेनिल हाइड्रेजीन के साथ रवेदार ओसांजोन बनाते हैं और म्यूटारोटेशन (muta-rotation) का गुण प्रदर्शित करते हैं । • सुक्रोज अपचयन न करने वाला डाइसैकराइड है । यह उपरोक्त अभिक्रियायें नहीं देता क्योंकि इसके अणु में कार्बोनिकल (>C=O) समूह स्वतन्त्र नहीं होता । 3. पोली-सैकराइड ( poly-saccharides )पोलीसैकराइड— इन्हें पोलीसैकरोज (polysaccharose) अथवा अशर्करायें (non- sugars) भी कहते हैं । इस वर्ग के प्रमुख सदस्य स्टार्च, सेलुलोज, ग्लाइकोजन तथा इन्यूलिन आदि हैं । पोली-सैकराइड के प्रमुख गुण -
पोलीसैकराइड्स को दो भागों में वर्गीकृत किया जाता है —
1. रचनात्मक पोलीसैकराइड -वे पोलीसैकराइड जो जन्तुओं तथा पौधों की रचना में भाग लेते हैं, रचनात्मक पोलीसैकराइड कहलाते हैं । जैसे — सेलुलोज । 2. पोषक पोलीसैकराइड -ये पोलीसैकराइड जन्तुओं तथा पौधों के पोषण के काम में आते हैं, जैसे - स्टार्च, इन्यूलिन तथा ग्लाइकोजन । पोलीसैकराइड्स का अधिक वैज्ञानिक वर्गीकरण जल अपघटन पर आधारित है -पेन्टोजन्स ( Pentosans ) -वे पोलीसैकराइड जो जल अपघटन पर पेन्टोज शर्करायें देते हैं, पेन्टोजन्स कहलाते हैं । जैसे - जाइलन्स व एराबेन्स (arabans) आदि । ये लकड़ी, तिनके, पत्तियों तथा पौधों के रेशेदार भागों में पाये जाते हैं । इन्हें (C5H8O4)n सूत्र से प्रदर्शित किया जा सकता है जबकि का सही मान ज्ञात नहीं है क्योंकि यह परिवर्तनशील होता है । हैक्सोजन्स ( Hexosans ) -वे पोलीसैकराइड जो जल अपघटन पर हैक्सोज शर्करायें देते हैं, हैक्सोजन्स कहलाते हैं । जैसे - स्टार्च, सेलुलोज आदि । ये कार्बोहाइड्रेट्स के भण्डार और कृषि की दृष्टि से अधिक महत्त्वपूर्ण हैं । इन्हें (C6H10C5)n सूत्र द्वारा प्रदर्शित किया जाता है । हैक्सोजन्स का वर्गीकरण जल अपघटन के आधार पर दो भागों में किया जाता है -
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दैनिक जीवन में कार्बोहाइड्रेट्स का क्या महत्त्व है? | Impotance of carbohydrate in hindiकार्बोहाइड्रेट अत्यन्त महत्त्वशाली पदार्थ होते हैं । रोटी, कपड़ा तथा मकान आदि सभी से इनका गहरा सम्बन्ध है । दैनिक जीवन में कार्बोहाइड्रेट का महत्त्व निम्न प्रकार कर सकते हैं -
कार्बोहाइड्रेट क्या है विस्तार से समझाइए कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण?Solution : परिभाषा - प्रकाश सक्रिय पॉलीहाइड्रॉक्सी ऐल्डिहाइड या कीटोन या वे पदार्थ जो जल-अपघटित होकर इनका निर्माण करते हैं, कार्बोहाइड्रेट कहलाते हैं। <br> उदाहरण - ग्लूकोस, स्टार्च, सेल्युलोस, सुक्रोस आदि।
कार्बोहाइड्रेट क्या होते है इनके मुख्य कार्य लिखिए?कुछ कार्बोहाइड्रेट्स सजीवों के शरीर के रचनात्मक तत्वों का निर्माण करते हैं जैसे कि सेल्यूलोज, हेमीसेल्यूलोज, काइटिन तथा पेक्टिन। जबकि कुछ कार्बोहाइड्रेट्स उर्जा प्रदान करते हैं, जैसे कि मण्ड, शर्करा, ग्लूकोज़, ग्लाइकोजेन. कार्बोहाइड्रेट्स स्वाद में मीठा होते हैं। यह शरीर मे शक्ति उत्पन्न करने का प्रमुख स्रोत है।
कार्बोहाइड्रेट क्या है Hindi?कार्बोहाइड्रेट्स साधारण चीनी होती है अथवा वे पदार्थ होते हैं, जिन्हें जल अपघटन द्वारा चीनी में परिवर्तित किया जा सकता है। ये कार्बन, हाइड्रोजन और आक्सीजन से मिलकर बनते हैं, जिनमें अंतिम दो आनुपातिक मिश्रण से जल बनाया जा सकता है और इसलिए इन्हें कार्बोहाइड्रेट कहा जाता है। इसका सामान्य सूत्रा Cn H2n On होता है।
कार्बोहाइड्रेट क्या है इसके प्रकार बताइए?कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates)
ये C, H, O से बने कार्बनिक पदार्थ है। इनको पॉली हाइड्रोक्सी एल्डिहाइड या किटोन जाता है। जो हाइड्रोलिसिस यानि जल-अपघटन होने पर या तो एल्डिहाइड या किटोन उत्पन्न करते हैं। जो कार्बोहाइड्रेट स्वाद में मीठे होते हैं उन्हें सामूहिक रूप से शर्करा या सेकेराइड (saccharides) कहा जाता है।
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