ऑक्सीकरण संख्या (oxidation number) या ऑक्सीकरण अवस्था (oxidation state) किसी रासायनिक यौगिक में बंधे हुए किसी परमाणु के ऑक्सीकरण (oxidation) के दर्जे का सूचक होता है। यह संख्या गिनाती है कि उस यौगिक के रासायनिक बंध में वह परमाणु कितने इलेक्ट्रान उस यौगिक में स्थित अन्य परमाणुओं को खो चुका है। उदाहरण के लिए, पानी (जिसका रासायनिक सूत्र H2O है) में दोनो हाइड्रोजन परमाणु अपना एक-एक इलेक्ट्रान ऑक्सीजन परमाणु को दे चुके होते हैं। इसलिए जल में हर हाइड्रोजन परमाणु की ऑक्सीकरण संख्या +1 होती है जबकि ऑक्सीजन की -2 होती है (क्योंकि वह खोने की बजाय दो इलेक्ट्रान प्राप्त कर लेता है)।[1][2] Show ऑक्सीकरण अवस्था रासायनिक अभिक्रिया के दौरान समानता लाने में सहायक होती है। नीचे दिये गए उदाहरण में आप देख सकते हैं कि Ag (चांदी या सिल्वर) में ऑक्सीकरण के बाद Ag+ से Ag0 हो जाता है।
कौन सी धातु केवल +2 ऑक्सीकरण अवस्था दिखाती है?कारण बताइएः Zn केवल `+2` ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाता है? Solution : Zn के d उपकक्ष में 10 इलेक्ट्रॉन होने के कारण यह परिवर्ती संयोजकता नहीं दर्शाता है। 4s कक्षक (सयोजकता कक्ष) में 2 इलेक्ट्रॉन है अतः यह केवल `+2` ऑसीकरण अवस्था दर्शाता है।
सर्वाधिक संख्या में ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाने वाली धातु कौन सी है?ऑस्मियम की उच्चतम ऑक्सीकरण अवस्था +8 है।
1 कोई धातु अपनी उच्चतम ऑक्सीकरण अवस्था केवल ऑक्साइड अथवा फ्लुओराइड में ही क्यों प्रदर्शित करती है ?`?कोई धातु अपनी उच्चतम ऑक्सीकरण अवस्था केवल ऑक्साइड अथवा फ्लुओराइड में ही क्यों प्रदर्शित करती है ? Solution : छोटे आकार तथा उच्च विद्युत-ऋणात्मकता (Elec tronegativity) के कारण ऑक्सीजन अथवा फ्लु ओरीन, धातु को उसके उच्च ऑक्सीकरण अवस्था तक ऑक्सीकृत करने में सक्षम होते हैं।
ऑक्सीकरण क्या है उदाहरण दो?ऑक्सीकरण (Oxidation): ऑक्सीकरण वह प्रक्रिया है, जिसके फलस्वरूप किसी आयन पर धन आवेश बढ़ जाता है या ऋण आवेश कम हो जाता है। उदाहरण- फेरस क्लोराइड (FeCl2) से फेरिक क्लोराइड (FeCl3) के बनने में फेरस आयन (Fe++) बदलकर फेरिक आयन (Fe+++) हो जाता है। अर्थात् लोहे के आयन पर धन आवेश बढ़ जाता है।
|