कौन सी दिशा का घर शुभ होता है - kaun see disha ka ghar shubh hota hai

वास्तु से जानें, घर में पैसे रखने के लिए कौन सी दिशा है सबसे शुभ

वास्तु जानकारों की मानें तो पूर्व और उत्तर की दिशा को देव स्थान माना जाता है। इन दिशाओं में देवता वास करते हैं। अतः पूर्व की दिशा में तिजोरी रखना शुभ होता है। आप चाहे तो उत्तर दिशा में भी तिजोरी को रख सकते हैं।

अक्सर आपने लोगों को कहते सुना होगा कि उनके हाथ में पैसे रहते नहीं हैं। जब कभी पैसे मिलते हैं, तुरंत ही खत्म हो जाते हैं। महंगाई की दौर में ऐसा लाजमी है। हालांकि, बचत की कोशिश करने के बाद भी पैसे खर्च होने लगते हैं, तो विचार करना चाहिए। इसके कई कारण हो सकते हैं। इनमें एक वास्तु दोष भी हो सकता है। वास्तु शास्त्रों की मानें तो घर में सही जगह पर पैसे नहीं रखने से भी आमदनी कम और खर्च बढ़ जाता है। सनातन धर्म में वास्तु का विशेष महत्व है। अगर लापरवाही बरतने पर ही परेशानी आती है। इसके लिए वास्तु नियमों का जरूर पालन करें। आप भी इस तरह की परेशानियों से गुजर रहे हैं, तो वास्तु के हिसाब से घर में पैसे रखें। इससे न केवल खर्च पर लगाम लगेगा, बल्कि धन में बरकत भी होगी। आइए जानते हैं-

-वास्तु जानकारों की मानें तो पूर्व और उत्तर की दिशा को देव स्थान माना जाता है। इन दिशाओं में देवता वास करते हैं। अतः पूर्व की दिशा में तिजोरी रखना शुभ होता है। आप चाहे तो उत्तर दिशा में भी तिजोरी को रख सकते हैं। इससे धन में वृद्धि होती है। वहीं, धन के अतिरिक्त व्यय पर लगाम लगता है।

-जानकारों की मानें तो दक्षिण दिशा में अलमारी या तिजोरी नहीं रखनी चाहिए। इससे धन की हानि तो नहीं होती है। हालांकि, धन में वृद्धि नहीं होती है। इससे परिवार की सुख और समृद्धि पर अल्प विराम लग जाता है। इसके लिए भूलकर भी घर की दक्षिण दिशा में तिजोरी न रखें। इसके लिए पूर्व और उत्तर दिशा अनुकूल है।

-पश्चिम दिशा में भूलकर भी तिजोरी या अलमारी न रखें। इससे धन की हानि होती है। साथ ही धन का खर्च भी बढ़ जाता है। इसके लिए कभी पश्चिम दिशा में धन और धन रखने वाली वस्तुओं को रखें।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

Edited By: Pravin Kumar

Vastu Sashtra for Home Direction : वास्तु-शास्त्र हर दिशा के शुभ और अशुभ होने के बारे में बताया गया है। यदि घर का निर्माण दिशाओं का ध्यान रखकर किया जाए तो घर परिवार में सुख शांति बनी रहती है। वास्तु के अनुसार, एक आदर्श घर के लिए प्रवेश द्वार हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए। घर का ढलान पूर्व या उत्तर पूर्व में होना चाहिए क्योंकि यह शुभ माना जाता है। इसी तरह कमरे, हॉल, किचन, बाथरूम और बेडरूम एक खास दिशा में होने चाहिए। यह किसी भी वास्तु-दोष से बचने में मदद करता है और समृद्धि लाता है।

पूर्व दिशा
पूर्व दिशा सूर्योदय की दिशा है। इस दिशा से घर में सकारात्मकता और ऊर्जा का प्रवेश होता है। घर का मुख्य द्वार इस दिशा में होना चाहिए। यदि मुख्य द्वार पूर्व दिशा में हो तो यह शुभ माना जाता है। आप पूर्व दिशा में खिड़कियां भी लगवा सकते हैं।

पश्चिम दिशा
इस दिशा में आपका किचन और टॉयलेट होना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि किचन और टॉयलेट एक साथ नहीं होने चाहिए।

उत्तर दिशा
आपके घर में उत्तर दिशा में ज्यादा से ज्यादा खिड़कियां और दरवाजे होने चाहिए। इसी दिशा में बालकनी और वॉश बेसिन भी रखना चाहिए। अगर मुख्य द्वार उत्तर दिशा में हो तो इसे सबसे अच्छा माना जाता है।

दक्षिण दिशा
दक्षिण दिशा में कोई खुला स्थान नहीं होना चाहिए और साथ ही इस दिशा में शौचालय का निर्माण नहीं करना चाहिए। घर की दक्षिण दिशा में भारी सामान न रखें। अगर इस दिशा में कोई खिड़की और दरवाजा हो तो यह नकारात्मकता को आमंत्रित करेगा और ऑक्सीजन का स्तर भी कम होगा। इससे घर में कलह और वाद-विवाद भी रह सकता है।

ईशान कोण
इसे ईशान दिशा भी कहते हैं। यह पानी की दिशा है। इस दिशा में वाटर बोरिंग, स्विमिंग पूल और प्रार्थना कक्ष रखना चाहिए। इस दिशा में भी आपका मुख्य द्वार हो सकता है।

उत्तर पश्चिम दिशा
इसे वायव्य दिशा भी कहते हैं। इस दिशा में आप अपना बेडरुम, गैरेज, गौशाला आदि रख सकते हैं।

दक्षिण-पूर्व दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, इसे घर का अग्र कोण भी कहते हैं। यह अग्नि की दिशा है। इस दिशा में गैस, बॉयलर, ट्रांसफार्मर आदि रखने से बचना चाहिए।

नोट : यह तमाम जानकारी जनरुचि को ध्यान में रखकर दी जा रहा है, ज्योतिष और धर्म के उपाय और सलाहों को आपनी आस्था और विश्वास पर आजमाएं। कंटेट का उद्देश्य मात्र आपको बेहतर सलाह देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।

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वास्तु के अनुसार कौन सी दिशा मानी जाती है सबसे शुभ व लाभदायक, जानें यहां

कौन सी दिशा का घर शुभ होता है - kaun see disha ka ghar shubh hota hai

जैसे कि सब आप वास्तु शास्त्र में दिशाओं का अधिक महत्व है। इसीलिए कहा जाता है कि प्रत्येक व्यक्ति को कोई भी कार्य करने से पहले इन दिशाओं को ध्यान में ज़रूर रखना चाहिए।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
जैसे कि सब आप वास्तु शास्त्र में दिशाओं का अधिक महत्व है। इसीलिए कहा जाता है कि प्रत्येक व्यक्ति को कोई भी कार्य करने से पहले इन दिशाओं को ध्यान में ज़रूर रखना चाहिए। ऐसे में बहुत से लोग वास्तु की इस बात का खास ध्यान रखते हैं। मगर कुछ लोगों के दिमाग में एक सवाल आज भी सवाल ही बना हुआ है। वो प्रश्न ये है कि वास्तु शास्त्र में बताई गई तमाम दिशाओं में सबसे अधिक शुभ और लाभदायक कौन सी दिशा होती है। तो चलिए आज हम आपको इस प्रश्न का उत्तर देते हैं। जी हां, इस आर्टिकल में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि वास्तु शास्त्र में सबसे अच्छी दिशा कौन सी होती हैै।

वास्तु शास्त्री बताते हैं कि मकान चाहे ये पूर्व, आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य, पश्चिम, वायव्य, उत्तर या ईशान दिशा में हो, प्रत्येक दिशा वहां रहने वाले लोगों की दशा बदल देती है। तो इन तमाम दिशाओं में सबसे अधिक शुभ कौन सी होती है, आइए जानते हैं- 

वास्तु विशेषज्ञों का मानना है कि जिस दिशा से सूर्योदय होता है, उसे पूर्व दिशा कहा जाता है। बहुत से लोगों को घर पूर्वमुखी होती है, मगर क्या ये घर सुख-संपन्नता से भरपूर होता हैं? तो आपको बता दें कि पूर्वदिशा में होने वाले मकान का अपना फायदा होता है। ऐसे घर में सूर्य की ताजी किरणों का आगमन नियमित रूप से होता है। 12 बजे के बाद धूप आग्नेय कोण से होते दक्षिणा में चली जाती है। कहा जाता है 11 बजे के पहले ही धूप में विटामिन डी सही स्थिति में रहता है। जिससे इस में घर रहने वालों का लाभ प्राप्त होता है। 

कहा जाता है प्रत्येक व्यक्ति के लिए ये जानना आवश्यक होता है उत्तर दिशा सकारात्मक ऊर्जा और ठंजी हवा का स्रोत होता है, जबकि दक्षिण दिशा नकारात्मक ऊर्जा और गर्म हवाओं का स्रोत है। इसलिए इस बात का निर्णय बहुत सोच समझकर करना चाहिए कि घर का द्वार-खिड़की किस दिशा में होना चाहिए। 

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इसके अलावा मकान के वायव्य, उत्तर, ईशान और पूर्व का भाग सकारात्मक ऊर्जा देने वाला माना जाता है, जबकि आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य और पश्‍चिम भाग नकारात्मक ऊर्जा देने वाला होता है। मगर कुछ लोग पश्‍चिम दिशा को सही मान लेते हैं, मगर इसके बारे में वास्तु विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद ही इसके निर्माण का फैसला लेना चाहिए। 

वास्तु के अनुसार कौन सा मुखी घर सबसे अच्छा होता है?

वास्तु शास्त्र में उत्तर मुखी घर को शुभ माना जाता है क्योंकि धन के देवता भगवान कुबेर की दिशा होती है। अगर वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुरूप उत्तर मुखी घर का निर्माण किया जाए और डिजाइन तैयार किया जाए, तो उस घर में रहने वाले लोगों के जीवन में धन और समृद्धि आएगी।

मकान का मुंह कौन सी दिशा में होना चाहिए?

परमार के मुताबिक, ”घर का मुख्य द्वार हमेशा उत्तर, उत्तर-पूर्व या पश्चिम की ओर होना चाहिए, क्योंकि ये शुभ दिशाएं मानी गई हैं”। दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम, उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पूर्व में मेन गेट नहीं होना चाहिए

कौन से दिशा का घर शुभ होता है?

वास्तु के अनुसार एक आदर्श मकान का मेनगेट सिर्फ पूर्व या उत्तर दिशा में ही होना चाहिए। वहीं आपके घर का ढलान पूर्व, उत्तर या पूर्व-उत्तर (इशान कोण) की और होना शुभ माना गया है। इस तरह वास्तु के अनुसार घर के कमरे, हॉल, किचन, बाथरुम और बेडरुम एक खास दिशा में होने चाहिए। जिससे घर में वास्तुदोष नहीं होता और लोग सुखी रहते हैं।

घर की दिशा कैसे पता करे?

अपने घर के प्रवेश द्वार पर बाहर की ओर मुंह करके खड़े हो जाएं। आप जिस दिशा का सामना कर रहे हैं उसकी जांच करने के लिए एक कंपास का प्रयोग करें। यही वह दिशा है जिसका मुख आपके घर की ओर है। एक बार जब कम्पास पर 0°/360° का निशान और सुई के उत्तर को संरेखित कर दिया जाता है, तो सीधे अपने सामने दिशा निर्धारित करें।