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माइग्रेन एक ऐसी बीमारी है जिसमें असहनीय सिर दर्द होता है. आमतौर पर ये दर्द सिर के आधे हिस्से में होता है. माइग्रेन का दर्द आता-जाता रहता है लेकिन कभी-कभी ये पूरे सिर में भी होने लगता है. यह दर्द कुछ मिनटों से लेकर कुछ दिनों तक जारी रह सकता है.
माइग्रेन के मरीजों को अक्सर ही सिरदर्द की शिकायत रहती है. माइग्रेन में सिर दर्द के अलावा जी मिचलाना, आंखों और कान के पीछे दर्द होना, तेज रोशनी और आवाज से दिक्कत होने जैसे लक्षण भी महसूस होते हैं. ज्यादातर लोग माइग्रेन को गंभीरता से नहीं लेते हैं और इसके दर्द से बचने के लिए पेन किलर ले लेते हैं. बिना डॉक्टर की सलाह से माइग्रेन के दर्द का इलाज खुद से नहीं करना
चाहिए.
वैसे तो कुछ घरेलू नुस्खों से माइग्रेन के दर्द से राहत पाई जा सकती है लेकिन एक नई स्टडी के मुताबिक डाइट में एक खास चीज शामिल कर माइग्रेन के दर्द को काफी हद तक कम किया जा सकता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड माइग्रेन को आधे तक कम कर देता है. खासतौर से युवा महिलाओं में ओमेगा-3 फैटी एसिड का काफी असर देखने को मिला है.
ये स्टडी ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में छपी है. शोधकर्ताओं ने पाया कि एक हाई ओमेगा-3 डाइट लगातार हो रहे सिरदर्द को दो से चार माह में कम कर सकता है. फैटी एसिड सप्लीमेंट्स और ऑयली फिश के जरिए लिया जा सकता है. दिल के लिए भी ओमेगा-3 फैटी एसिड बहुत असरदार होता है.
ये स्टडी 182 लोगों पर की गई थी जिसमें 88% महिलाएं थीं. इन महिलाओं की औसत उम्र 38 साल के आसपास थी जिन्हें हर महीने 5 से 20 माइग्रेन होता था. इन महिलाओं को तीन अलग-अलग समूहों में बांटा गया था और डाइट के हिसाब से ओमेगा-3 फैटी एसिड की अलग-अलग मात्रा दी गई थी.
वॉलंटियर्स को फिश के साथ, तेल-मक्खन वाले और प्रोटीन फूड दिए गए थे. इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक डायरी के जरिए इनकी हर दिन होने वाली माइग्रेन फ्रीक्वेंसी जांची गई. स्टडी में एक दिन में 1.5 ग्राम हाई ओमेगा-3 डाइट लेने वालों में हर महीने लगातार होने वाले सिरदर्द में दो बार की कमी देखी गई. वहीं हाई ओमेगा-3 के साथ कम ओमेगा-6 डाइट वाली महिलाओं ने महीने में चार दिन कम सिरदर्द का अनुभव किया.
शोधकर्ताओं का कहना है कि डाइट में बदलाव के जरिए दर्द का इलाज किया जा सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस स्टडी के बाद माइग्रेन के मरीजों को हाई ओमेगा-3 डाइट लेने की सलाह दी जा सकती है. ब्रिटेन के नेशनल हेल्थ सर्विस के अनुसार, स्वस्थ और संतुलित डाइट में सप्ताह में दो बार ऑयली फिश खानी चाहिए.
ओमेगा-3 फैटी एसिड का प्रमुख स्रोत फिश ही है लेकिन इसके अलावा ये सूखे मेवों, अलसी, सूरजमुखी, सरसों के बीज, सोयाबीन, स्प्राउट्स, टोफू, गोभी, हरी बीन्स, ब्रोकली, शलजम, हरी पत्तेदार सब्जियों और स्ट्रॉबेरी, रसभरी जैसे फलों में भी पाया जाता है.
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, बायोफीडबैक, योग, एक्यूप्रेशर और नियमित व्यायाम से भी माइग्रेन के दौरे को घटाने में मदद मिलती है. माइग्रेन से बचने के लिए सिर दर्द होने वाले कारणों जैसे कि ऊंची आवाज या फिर तनाव से बचना चाहिए. बहुत ज्यादा देर तक भूखे नहीं रहना चाहिए. इसके अलावा समय पर सोने और उठने की आदत डालनी चाहिए. कान के ऊपर सिर दर्द क्यों होता है?माइग्रेन में सिर दर्द के अलावा जी मिचलाना, आंखों और कान के पीछे दर्द होना, तेज रोशनी और आवाज से दिक्कत होने जैसे लक्षण भी महसूस होते हैं. ज्यादातर लोग माइग्रेन को गंभीरता से नहीं लेते हैं और इसके दर्द से बचने के लिए पेन किलर ले लेते हैं. बिना डॉक्टर की सलाह से माइग्रेन के दर्द का इलाज खुद से नहीं करना चाहिए.
सिर में गैस चढ़ने के क्या लक्षण है?इसके लक्षणों की बात करें तो आमतौर पर ऐसा होने पर सिर में तेज दर्द, माइग्रेन, पेट में दर्द, कब्ज, कभी कभी नॉजिया या उल्टी आदि हैं. अगर आप भी इस तरह की समस्या से जूझ रहे हैं तो आप कुछ घरेलू उपायों (Home Remedies) की मदद से गैस से होने वाले इस सिर दर्द में आराम पा सकते हैं.
दिमाग की नसों में दर्द क्यों होता है?इन कारणों से आती है दिमाग में कमजोरी
दिमाग में चोट लगने से, शरीर में कुछ प्रोटीन की कमी से और नसों पर दबाव पड़ने से भी दिमाग में दर्द होता है. जब इंसान ज्यादा तनाव में होता है तब दिमाग की नसों में दर्द होता है. इसके साथ ही कई बार दवाइयां की वजह से भी दिमाग की नसों में कमजोरी आ जाती है.
माइग्रेन में क्या क्या दिक्कत होती है?सिरदर्द से कुछ घंटे या दिन पहले, माइग्रेन से पीड़ित लगभग 60% लोगों में ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं:. प्रकाश, आवाज या गंध के प्रति संवेदनशील होना. भोजन की लालसा या भूख की कमी. मनोदशा में बदलाव. गंभीर प्यास. कब्ज या दस्त. |