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Kaan ka kaccha मुहावरे का हिंदी में अर्थ meaning in Hindiमुहावरा – कान का कच्चा कान का कच्चा मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग –वाक्य प्रयोग – इस दफ्तर के अधिकारी कान के कच्चे हैं, बहुत जल्दी दूसरों की बातों में आ जाते हैं। Muhavara – Kaan ka kaccha Kaan ka kaccha Muhavare ka Hindi mein vakya Prayog –vakya Prayog – Is daftar ke adhikari kaan ke kacche hain, bahaut jaldi dusron ki baaton mein aa jate hain Meaning of Hindi Idiom Kaan ka kaccha in English: कान का कच्चा मुहावरे का हिंदी में अर्थ एवं वाक्य प्रयोगयहाँ पर हमने इस मुहावरे के बारे में निम्न बातें समझाई हैं: 25 लेटेस्ट मुहावरों का हिन्दी में अर्थ और वाक्य प्रयोग
कान का कच्चा होना मुहावरे का अर्थ kaan ka kachcha hona muhaavare ka arth – आसानी से किसी की बात पर भरोसा करना । दोस्तो अरग कोई इतना नादान हो की वह हर किसी की बात पर भरोसा कर ले और उसी बात को सच मान कर कुछ गलत कर बेठता है । तो ऐसे लोगो के लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है । क्योकी ये लोग आसानी से हर किसी की बात पर भरोसा कर लेते है यह तक नही सोचते की यह जो कह रहा है वो सच है या नही । प्राचिन समय की बात है माधव नाम का एक आदमी एक गाव मे रहता था । माधव के घर मे उसका भाई व उसका पिता रहता था । माधव का भाई खेतो मे काम करता था और माधव छोटा था इस कारण वह ज्यादा काम नही करता था । माधव का पिता भी खेत मे काम करता था और कुछ दिनो के बादमे माधव के पिता ने अपने बडे बेटे का विवाह करा दिया था । और माधव के घर मे अब एक और आ गया था । इस कारण माधव के भाई को और काम करना पडता था
। एक वर्ष के बाद उसके पिता की मृत्यु हो गई थी मृत्यु होने से पहले उसके पता ने माधव से कहा की बेटा अपने भाई से कभी भी अलग मत होना क्योकी मेरे बादमे यह ही तेरा अपना है । उस समय तो माधव ने हा कर दि थी पर उसके पिता को बस इसी बात की चिंता था कि माधव अपने भाई से झगडा करने लगेगा क्योकी उसके कान कच्चे थे । उसके पिता के मर जाने के बाद माधव को उसकी भाभी कहने लगी के आप यहा घर पर ही रहते हो और वहा पर आपका भाई अकेले ही रिजते रहते है कुछ काम आप भी कर लिया करो । माधव को लगा की भाभी सही कह रही है तो वह भी काम करने के लिए अपने भाई के साथ खेत मे जाने लगा । काम करते करते उसे एक माह ही बिता था की उसके दोस्त उससे कहने लगे की तुम भी तो खेत मे रिजते हो और तुम्हे तुम्हार भाई देता ही क्या है जो अनाज होता है । वह तो अपने पास ही रख लेता है और तुम्हे केवल दो समय का खाना ही देता था । उसके दोस्तो ने कहा की तुम्हारा भाई तो कहता फिरता है की तुम्हे कुछ भी नही पता और तुमसे दोनो काम कराते रहते है । इस तरह से माधव को उसके दोस्त भडकाने लगे थे । माधव आसानी से किसी की भी बात पर भरोसा कर लेता था । इस कारण उसने अपने दोस्तो की बात मान कर अपने भाई से अलग होने का फेसला लिया । जब उसके भाई ने कहा की तुम मुझझे अलग होना क्यो चहाते हो । तब माधव कहने लगा की मै तो आपके पास नही रहुगा क्योकी मै जो कमाता हूं वह सब आप ले लेते हो मुझे तो कुछ भी नही मिलता है । अगर मुझे कुछ चाहिए होता है तो वह भी आपसे मागना पडता है । अब हम दोनो को लग हो जाना चाहिए तब उसे भाई ने कहा की अब नही कल बात करते है । अगले ही दिन माधव अपने भाई से वापस इस बारे मे बात करने लगा और जब उसके भाई ने कहा की तुम अकेले करोगे क्या । तब वह अपने भाई से लडने लगा । लडाई को देखकर उसकी भाभी ने कहा की अगर यह अलग होना चहाता है तो इसे अलग कर दो इसे अपने आप समझ मे आ जाएगा की हम इसके लिए क्या करते है । अपनी पत्नी की बात मानकर माधव के भाई ने उसे अलग कर दिया और घर और खेत का बटवार कर दिया । बटवारा हो जाने पर माधव जब भी गाव मे जाता तो कुछ लोग उसे कहते की यह क्या किया तुमने अपने भाई को इतना ज्यादा खेत कैसे दे दिया । इस तरह से कह कर गाव के लोग उसे भडकाने लगे थे । माधव को लगा की ये लोग जो कह रहे है वह सही है । तब उसन अपने घर जाकर अपने भाई के साथ झगडा शुरु कर दिया । तब उसके भाई ने कहा की तुम्हे लगता है की मेने तुमसे ज्यादा खेत लिया है तो तुम मेरा ले खेत लो और मै तुम्हारा खेत ले लूगा । माधव मान गया और उसने अपने भाई का खेत ले लिया था । जब माधव से अपने खेत मे काम नही हुआ तो उसके दोस्तो ने कहा की सेठ के पास अपने खेत को गिरवी रख कर कुछ रुपय ले लो और कुछ और काम खोल लो । तब उसे लगा की मेरे दोस्त जो भी कह रहे है वह मेरी भलाई के लिए ही कह रहे है । उसने एक बार भी सोचे बिना अपना खेत सेठ के पास गिरवी रख दिया और पैसे ले लिए थे । पैसो का क्या था वे काम शुरु करने से पहले ही खत्म हो गए थे । जब उसे पता चला की उसने अपने खेत को गिरवी रख कर बहुत बडी गलती की है तो वह पछताने लगा पर बादमे क्या हो सकता था । इसी तरह से माधव हर किसी की बात मे आ जाता था इस तरह से आप इस कहानी का अर्थ समझ गए होगे । कान का कच्चा होना मुहावरे पर निबंधसाथियो अगर कोई किसी को कहे की तुम ऐसा करो और ऐसा मत करो या फिर वह तुम्हारे बारे मे ऐसा कह रहा था इस तरह से कहे और वह आदमी उसकी बात मान लेता है वह उसके द्वारा कही गई बातो के बारे मे एक बार भी नही सोचता की यह जो कह रहा है क्या यह सच है बल्कि वह तो जैसा सुन लेता है वही ही सच मान लेताहै इस तरह के लोगो के लिए कहा जाता है की यह तो कान का कच्चा है जो हर किसी की बात मान लेता है । पर जब उसे पता चलता है की जो वह कह रहा था वह तो सच नही था और हमने उसकी बात मान ली थी तब उसे पता चलता है की हमे तो उसने उल्लू बाना दिया । और हमने भी उसकी बात पर आसानी से भरोसा कर लिया है ।
तब उसे पता चल जाता है की मै वास्तव मे कान का कच्चा हूं । कान का कच्चा होना मुहावरे का अर्थ समझाने के लिए हम एक अन्य उदहारण लेते है मान लो एक अच्छा आदमी है जिसने कभी भी किसी का बुरा नही किया हो । पर वह हर किसी की बात मान लेता है और एक बार उसने एक आदमी की बात मान कर गलत कर दिया और जब उसे पता चलता है की उसने उसकी बात मानी थी वह तो गलत थी । तब उसे अपनी गलती पर पछतावा होता है । ऐसे लोगो के लिए ही इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है । इस तरह से आप इस मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।
Mohammad Javed Khanमेरा नाम मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं। |